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भूत का पर्दाफाश और अनुष्का की जलन।

. (सातवा दृश्य)

मीरा मैडम की पार्टी वाकई में शानदार थी। एक नई-नई रंगी हुई हवेली और ऊपर से इतनी अच्छी सजावट। पिछले दो महीने से जो हवेली एकदम सुनसान और भूतिया लग रही थी। आज वह चहल पहल से जगमगा रही थी। हवेली में आज बहुत से मेहमान आए थे। तभी हर्ष एक बुजुर्ग औरत को और एक आदमी को खींचकर लाया और आंगन में गिरा दिया। अनुष्का ने देखा तो यह दोनों और कोई नहीं वही पागल औरत और हवेली में काम करने वाला स्थाई नौकर हरीश था। हरीश हवेली में पिछले दस साल से काम कर रहा था। हर्ष ने हरीश को एक थप्पड़ मारा और गुस्से में उस नौकर से कहा.....

हर्ष-बता सबको सच क्या है..?

नौकर-बताता हूं... बताता हूं... आप सभी इस हवेली में पिछले दो महीने से जो भी भूतिया हरकतें महसूस कर रहे हैं! वह सब हमने किया था। आज से चार महीने पहले मीरा मैडम अपने कुछ मेहमानों के साथ यहां आई थी। और हवेली की हालत को सुधरवाकर उसे बेचने की बात कर रही थी। खरीददार हवेली को हेरिटेज होटल मनाना चाहते हैं। अगर यह हवेली बिक जाती तो मेरा काम छूट जाता। इसीलिए मैंने इस हवेली के बारे में झूठी अफवाह फैलाई कि यह हवेली भूतिया है। मेरे इस काम में मेरा साथ मेरी मां ने दिया। वह पागल औरत और कोई नहीं मेरी मां ही है।

हर्ष ने उस नौकर को एक थप्पड़ और मारा और कहा "दफा हो जाओ यहां से"।इसके बाद सब कुछ normal हो गया और पार्टी में खुशियां छा गई। दुख सिर्फ एक चेहरे पर था। वो चेहरा अनुष्का का था। अनुष्का से हर्ष का हाथ मीरा के हाथ में देखा नहीं जा रहा था। शायद इसी feeling को जलन कहते हैं। पार्टी के बाद जब सभी मेहमान चले गए तब हर्ष निशानी से पूछा....

हर्ष-ईशानी, अनुष्का कहां है?

इशानी-मुझे नहीं पता हर्ष। पार्टी के बाद से मैंने अनु को नहीं देखा।oh...no.. कहीं वो..??

हर्ष-कहीं वो...? मतलब?

इशानी-अनु बातों को दिल पर जल्दी लगा लेती है। उसकी पसंदीदा जगह जयपुर का सुसाइड प्वाइंट है। कहीं वह कुछ गलत ना कर ले। हमें उसे जल्दी यहां लाना होगा।

हर्ष-म्म....म.. मैं उसे अभी लाने जाता हूं।

ईशानी-मैं भी तुम्हारे साथ चलती हूं।