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प्यार की दुश्मन: मीरा।

जब हर्ष नहा कर वापस आया तब अनुष्का की अतीत निद्रा टूटी। अनुष्का की आंखें आंसुओं से भरी हुई और शर्म से झुकी हुई थी। उसने रोते-रोते हर्ष को गले लगा लिया। और अपने दिल की सारी बातें उसे बता दी। लेकिन हर्ष बिल्कुल चुपचाप खड़ा था। तभी किसी ने अनुष्का को झटके से खींचकर हर्ष से अलग कर दिया। यह मीरा मैडम थी.... जो बहुत गुस्से में दिखाई दे रही थी। मीरा ने गुस्से में अनुष्का से कहा...

मीरा- दो महीने के लिए मेरा मंगेतर यहां क्या आया! तुम तो उस पर ही हाथ मारने लगी।अगर हर्ष यहां नहीं होता तो मेरी हवेली का ना जाने तुम क्या करती।मैं तुम जैसी लालची और पैसे के लिए कुछ भी कर सकने वाली middle class लड़कियों को अच्छी तरह से जानती हूं।कल मैंने इसी हवेली में एक पार्टी रखी है जिसमें मेरे बहुत से मेहमान आएंगे। उसी पार्टी में तुम्हें इस हवेली को रंगने के लिए सम्मान दिया

जाएगा। पार्टी खत्म होने के बाद तुम अपना payment लेकर दफा हो जाना।

अनुष्का चुपचाप खड़ी थी। उसके सामने अभी अभी एक ऐसा बड़ा सच आया था जिसने उसे अंदर तक तोड़ दिया था। अनुष्का ने एक पल मासूम आंखों से हर्ष की ओर देखा और बिना कुछ कहे वहां से चली गई।