तृष्णा के जाने के बाद तीनो दोस्त डिस्कशन करने लगे ,,👀👦👧🏾👨आखिर ये नई प्रोफ़ेसर है कोन जिसे हम ने नही देखा और ये तृष्णा मे इतना intrested क्यू है आज तक तो कोई इतना इंटरस्टेड था ही नही करण ने कहा । करण अतुल से ये पागल औरत अब तो वापस चेंज हो जा कब तक ऐसे रहेगी । अतुल= हां मैं तो सौख से इस लड़के की बॉडी मे घूमता रहता हूं सॉरी सॉरी रहती हूं। अतुल की ऐसा बोलते बोलते इक खुबसूरत लडकी मे बदल गया और वीणा कही गायब हो गई .🙄🧐😱😱 अतुल जो की वही लड़की है उससे - करण बोलता हैं - - - - - " महा '' तुम बोलो अपने इस पिशाच से जाए और पता कर के आए कहा है वो प्रोफेसर सीमा और क्या है . उसके बारे मे पता कर आए क्यूं कि यहा से तो वो साफ सुथरी दिख रही है । 😌😌😌😌😌😌 पाता नहीं कौन है वो ।🌚। अरे ये वीणा कहा चली गई करण ने कहा महा = और कहा वो माया के पास - ही चली गई होगी तुम्हें पता तो है चाहे कुछ हो जाए ये तीनो उस से अलग नहीं रहते। करण 🥴 सही है ये तीनों baono का ये तीनों माया sey door rahtey नही और इक मेरा पण्डित कभी टाइम पे मिलता ही नहीं है मुझे ।,,,। महा, = इक मिनट तुम्हे कुछ सुनाई नही दे रहा। अखंड . ( करण का असली नाम ) तुम्हे नही लगता कोई चिल्ला और लर रहा है . I .😤🤬🤯😖😣😩😫😵😵 अखड - हाँ और कुछ जलने की बदबू भी आ रही है । 🤥🤥 अ महा - अरे पिशाच तुम इतनी जल्दी आ गये पिशाच ने गर्दन हिला कर हॉ कहा तभी अखंड बोला अच्छा ये बदबु तुम्हारी बजह से हैं मुझे लगा कही आग वाग तो - नही लगी हे ना अरे अब ये उछल क्यूं रहे हो गुस्सा - क्यों आ - रहा हें तुम्हें आग क्यूं उगल रहे है मुझपे दूर हटो बदबू दार पिशाच । 😫😑😐 अरे क्या बता रहे हो अब मुझे तुम्हारी बात समझ मे नही आती । महा - हा जब समझ मे नही आती तो बोलते क्यों हो ये बोल रहा - हैं ये बदबु इससे नही तुम्हारे ही पीछे से आ रही है और साथ साथ धुआं भी है हटो तो ये चल क्या रहा हैं । ओह अखंड ये तो तुम्हारा पंडित है और ये छम . छम - हें ये दोनो लड़ रहे हैं वो भी माया के इस पर्स में और इजमे आग लगा रखी है इसमे | पण्डित - श्राद्ध पुर्ण हुआ जज्मान अब पितरों कि आत्मा कि तृप्ति के लिए भीक्षा दीजिए जजमान । तभी छम,छम ( वीणा ) ने एक जोर का घूंसा मारा पण्डित को और गुस्से मे लाल हो कर बोलने लगी ये लो भीक्षा और लो और दो चार घूंसे मारे उसे रुक जाओ रुको तुम और इन दोनों की प क रम . पकरार्ड शुरू हो गई पण्डित आगे आगे और छ्म छ्म पीछे पीछे . और पिशाच उन दोनों के चारो तरफ गोल गोल घूम रहा था "महा " ने पर्स हाथ मे लिया मतलब माया इसे लेने वापस आती ही होगी और हम सब इस तरह पक रे जाएँ गे 😫🤫🧐🙄तभी माया ( तृ ष्णा ) की आवाज आई अरे मेरा पर्स यही रह गया ।🧐🙄🤫🤫🤫🤫🤫🤫🤫