casts: 1) Hina khan as palak khanna 2) Nakul mehta as aaryan ray singhaniya
वह 24 वीं शताब्दी में एक अद्वितीय प्रतिभाशाली लड़की थी - उसे बस एक चांदी की सुई चाहिए थी और वह किसी को भी मौत के मुंह से खींच कर ला सकती थी | एक विस्फोट के बाद, वह एक अनजान दुनिया में आ गई जहाँ हर कोई उसे आदर से बुला रहा था| उस शरीर में जो लड़की पहले थी, वह कमजोर और अयोग्य थी, यहाँ तक कि उसके मंगेतर ने अपनी नई प्रेमिका के साथ आकर उसे धमकाया था ? अब जब यह उस शरीर में प्रवेश कर गयी, तो किसकी हिम्मत थी कि वह उसके आसपास ऐसी धृष्टता का व्यवहार करे? अपने हाथों में सुई के साथ वह दुनिया जीत सकती थी! वह जहाँ भी जाती ,चमत्कार उसके पीछे चलते! लेकिन एक दिन उसने एक उपद्रवी इंसान को बचाया| न जाने वह क्या सोच रही थी जब उसने उस आदमी को बचाया था? उस आदमी का चेहरा दमकता हुआ और सुन्दर था लेकिन उसकी हरकतें दुष्ट और निर्दयी थीं| वह आदमी हमेशा उसको हासिल करने के तरीके सोचता रहता| यह एक अत्यंत दिलचस्प कहानी है जिसमें थोड़ा जादू , थोड़ा रोमांस और एक छुपी रूस्तम लड़की मुख्य पात्र के रूप में है |
जब कचरे समान माना जाने वाला व्यक्ति अचानक बुद्धिमान माना जाने लगे तो इस एक शब्द में कहा जाएगा - भयंकर| इसी को दो शब्दों में कहा जाएगा - दो मुँहा| यदि तीन शब्दों में कहना हो तो - स्वर्ग का अवहेलक | वह शस्त्रीकरण की सबसे महत्वपूर्ण गुरु थी| एक वंश से गुज़रते हुए वह एक ऐसी युवती बन गई थी जिसे लोगों द्वारा जिल्लत और अपमान मिला| प्राचीन जानवर? कितना अपमानजनक था यह ...या तो वह एक आज्ञाकारी पालतू जानवर की तरह व्यवहार करे या फिर उसे क़त्ल कर दिया जाए| नवे स्तर की प्रतिभा...हजारों सालों में एकाध बार किसी में झलकने वाली दुर्लभ प्रतिभा...उसका जन्म देवी प्रतिभा के साथ हुआ था जो सारे बुद्धिमानों को मात देती थी| शस्त्रीकरण की सर्वोच्च गुरु और उसकी कोई कीमत नहीं? माफ़ कीजिए पर जो कटोरा वह अपनी बिल्लियों को खाना खिलाने के लिए इस्तेमाल किया करती थी वह भी ईश्वरीय श्रेणी का था| उसके पास ऐसी ऑंखें थीं जो हर चीज़ के आर-पार देख सकती थी, फिर भी बस एक चीज़ ऐसी थी जिसे वह आर-पार न देख सकती थी - उस को... अपनी कुटिल मुस्कान को उजागर करते हुए उस राजा ने अपना बेल्ट ढीला करते हुए कहा, "क्या? इसके आर-पार नहीं देख पा रही हो? डरो मर, जब तुम कमरे में वापस आओगी तो धीरे-धीरे सब देख पाओगी| मैं तुम्हें सिर से पाँव तक अच्छी तरह से देखने की अनुमति दूँगा| "
My imaginations are my weapons .