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मामी के साथ मस्ती

बात कुछ साल पहले कि है जब मेरी मामी कि उम्र लगभग 35 साल होगी, मामी का चुची 34 होगा वो जब साड़ी पहनती थी उनका चुची आधा ब्लाउस के बाहर रहता था देखने मे बड़े बड़े लगते थे, मैंने उनका चुची एक बार देखा था जब वो अपने बच्चे को दूध पीला रही थी तब से मेरे मन में उनको चोदने का होने लगा था, मेरी मामी दूसरे शहर मे रहती है, वो बहुत कम आती थी एक बार कि बात है सर्दी कि छुट्टियों में मामी और उनका बेटा जो 10 साल का था वो हमारे घर आए, मामी साड़ी मे थी और उनके चुचे पहले से भी बड़े लग रहे थे, हमारे घर में मैं, मम्मी, और मेरा छोटा भाई रहते थे, मेरी मामी लगभग 4-5 दिन के लिए ही आई थी, पहला दिन तो बातों मे ही निकल गया, रात में मामी ने नाइटी पहना जिसमे वो और भी मस्त लग रही थी, नाइटी के नीचे उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी उनके झुकने पर उनके चुचे साफ दिखाई दे रहे थे। मैं अकेला सोता था और बाकी सब लोग एक कमरे में, मैंने उस रात मामी को सोचकर मूठ मारी और सो गया, अगले दिन मामी जब नहाने गई तब मम्मी अपने काम में लगी हुई थी और मेरा भाई और उनका बेटा खेलने में, मैंने कोशिश कि मामी को नहाते हुए देखने कि पर देख न सका और उनका बाहर ही इंतजार करने लगा, वो नहा कर आई तो उन्होंने सिर्फ ब्लाउस और पेटीकोट पहना हुआ था और पीठ पर से पानी टपक रहा था, वो सीधे रूम मे घुस गई मैं भी उनके पीछे चल गया और उनसे पूछा पीठ गीला है आपका पोंछ दूँ क्या, मैंने वहाँ रखा तौलिया उठाया और पीठ पोंछने लगा और पोंछते हुए आगे पेट और छाती भी पोंछने लगा तब उन्होंने बोला हो गया रहने दो अब फिर उन्होंने साड़ी पहन ली और मम्मी के पास चली गई, शाम मे उन्होंने ने फिर नाइटी बदल ली और मैंने एकदम ढीला वाला हाफ पैन्ट पहना जिसमे चड्डी नहीं पहनी, मम्मी काम मे लगी हुई थी और वो दोनों भाई खेल में लगे हुए थे, मैं अकेला बैठा था तो मामी से मस्ती करने लगा, मैंने उनकी चोटी कि रबड़ खोली और रबड़ को अपनी पैन्ट कि जेब मे डाल दिया और उनके साथ मस्ती करने लगा थोड़ी देर में उन्होंने बोला रबड़ दो मैंने बोला खुद ले लीजिए और फिर मामी मे पैन्ट में हाथ डाला और रबड़ खोजने लगी फिर उनका हाथ मेरे लौड़े पर गया और वो पकड़ ली और बोली रबड़ कहाँ है मैंने तो इसी मे डालते देखा था और मेरा लंड सहलाने लगी, रबड़ उनके हाथ मे ही था इतने में मेरा लंड खड़ा और बड़ा हो गया फिर मम्मी आ रही थी तो उन्होंने अपना हाथ निकाल और मुसकुराते हुए बोली अब बड़े हो गए हो तुम भी, फिर हम सब खाना खाए और सोने चले गए, आधी रात को मुझे लगा जैसे मेरा लंड कोई पकड़ रखा हो, मैंने धीरे से आँख खोली तो देखा मामी मेरा लंड ऊपर से पकड़ कर सहला रही थी, मैंने सोने का नाटक रखा और उनको देखने लगा वो एक हाथ से अपना चुची दबा रही थी कभी बुर सहला रही थी और दूसरे से मेरा लंड, इतने मे हल्की आवाज आई बाहर से और वो बाहर चली गई, मैंने फिर उनके नाम कि मूठ मारी और सो गया। अगले दिन सुबह फिर मामी नहाने गई इस बार मैं बाथरूम का दरवाज़ा पीटने लगा उन्होंने खोला और पूछा क्या हुआ मैं जल्दी से अंदर घुस गया और बोला सुसू लगा है जोर से, मामी अपना शरीर दोनों हाथों से ढक रखी थी फिर भी मुझे थोड़ा बहुत साइड से दिख रहा था, मामी बिल्कुल नंगी थी फिर मैं बाहर आ गया और कल के जैसे तौलिया लेकर इंतजार करने लगा, मामी आई और हँसते हुए बोली आज पहले से तैयार हो चलो तब आज पैर भी पोंछ दो और उन्होंने पेटीकोट घुटनों तक उठाकर अपना पैर पलंग पर रख दी फिर मैं पोंछने लगा और जांघ तक पहुँच गया जिससे मुझे उनकी काली पैंटी भी दिखी फिर मैंने दूसरी पैर भी पोंछी फिर वो बोली अब रहने दो और कपड़े पहन कर बाहर आ गई, कल दिन में वो वापस जाने वाली थी, मम्मी दोपहर में आज वो दोनों भाई को लेकर बाहर 10-15 मिनट के लिए गई, मैं और मामी अकेले थे तो आज मामी ने बोला कल तुम मेरा रबड़ छुपाये थे न आज हम छुपाये हैं तुम्हारा कुछ सामान खोजो कहाँ है और क्या है, मैंने पूछा कहाँ है ये तो बताइए क्या है मैं देख लूँगा, मामी बोली जैसे तुमने अपने कपड़े में छुपाया था वैसे ही मैंने भी मेरे कपड़े में छुपाया है, मम्मी आने से पहले खोजना है, मैंने बोला अगर खोज दिए तो क्या मिलेगा बोली एक किस मिलेगी मेरी जहां तुम बोलो वहाँ पर और बैठ गई, मैंने उनका पल्लू हटाया और ब्लाउस मे ऊपर से दबा दबा कर खोजने लगा फिर मैंने उनकी ब्लाउस में हाथ डाल के खोजना शुरू किया, उनके चुचे काफी मुलायम थे और दबाने मे बहुत मज़ा आ रहा था मैंने देखा मामी भी मज़ा ले रही है, मेरे अच्छे से ब्लाउस मे देखने पर भी वहाँ नहीं मिला फिर मैं बोल और कहाँ हो सकता है तब मामी ने इशारा किया साड़ी के तरफ मैंने तुरंत पेटीकोट उठाया और हाथ डाल कर पैंटी के ऊपर से सहलाने लगा और फिर दूसरे हाथ से चुची दबाने लगा इतने देर में मम्मी आ गई, मैं बोला मुझे मिला या नहीं तब मामी हँसते हुए बोली मिला न इसका इनाम रात में सबके सोने के बाद दूँगी, फिर हमने कपड़े बदले, फिर खाना खाया और हम सब सोने चले गए, थोड़ी देर में मामी आई और बोली कहाँ चाहिए इनाम मैंने भी तुरंत अपने लौड़े के तरफ इशारा कर दिया, हँसते हुए मामी ने बोला एकदम बदमाश हो और पैंट के ऊपर से चूमी मैंने बोला ऊपर से नहीं तब मामी बोली अभी मम्मी सोई नहीं है, मैंने बोला मुझे भी चूमना है वो आगे आई और बोली चूम लो लेकिन ऊपर से ही मैंने चुची को चूमा और बुर सहलाने लगा तो मामी ने रोक दिया, मैंने बोला यहाँ भी चूमना है और बुर चूमा और चुची दबाया फिर मामी चली गई और सो गई, मैंने मूठ मारा और मामी का इंतजार करके सो गया। 

सुबह उठा तो देखा मामी जाने वाली थी तैयार थी मैंने बोल बहुत जल्दी जा रहे हैं तो मामी बोली हाँ घर भी जाना है तुम आना मेरे घर जल्दी अब मैंने बोला बिल्कुल और फिर मामी चली गई, मुझे मामी कि याद आने लगी फिर मुझे होली पर जाने का मौका मिला और मैं होली के एक दिन पहले वहाँ पहुँच गया। 

उस दिन होलिका दहन था मामा भी घर पर ही थे दिन भर हम सब ने बातें कि बहुत फिर शाम को मामी ने मैक्सी पहनी जो आगे से खुलता है, मामी जब चलती थी तो टाँगे दिखती थी, मामा का घर छोटा था एक कमरा था और उसके बाहर एक हॉल था जहां सब बैठते थे, सब खाना खा कर सोने रूम मे चले गए, एक तरफ से मामा फिर मामी फिर उनका बच्चा (लल्ला) और फिर मैं सब बिस्तर पर लेट गए, थोड़ी देर मे लल्ला भी सो गया फिर मामी मेरी तरफ देखी तो मैं भी सोने का नाटक किया फिर मामी मामा के तरफ घूमी और अपनी मैक्सी खोली लेकिन मामा को भी नींद आ गई थी, फिर थोड़ी देर सोचने के बाद मामी लल्ला को मामा के बगल में कर के मेरे बगल मे आ गई, मैं अभी भी सोने का नाटक कर रहा था, मामी ने अंदर में काली पैंटी और लाल ब्रा पहना हुआ था, फिर मामी मेरी तरफ चिपकी और मेरा लौड़ा ऊपर से सहलाने लगी, फिर मुझे अपनी तरफ घुमाई और ब्रा में मेरा मुंह घुसा दी, मैं भी हल्के से चूमने लगा और मेरा हाथ मामी के नरम चूतड़ पर था, फिर थोड़ी देर बाद मामी अलग हुई और घूम कर सो गई। अगले दिन होली थी तो सब मेरे से पहले उठ चुके थे, लल्ला होली खेलने के लिए बोल रहा था सब को, सब ने नाश्ता किया और होली खेलने छत पर गए, मामी ने सफेद सलवार सूट पहनी हुई थी जिसके नीचे ब्रा नहीं पहनी थी, जिससे कि निप्पल साफ दिख रहे थे, लल्ला ने सबको भीगाना शुरू कर दिया सब एकदूसरे को रंग लगाने लगे मैंने मामी के गाल पर लगाया, थोड़ी देर खेलने के बाद मामा बोले तुम लोग खेलो मैं चला नीचे नहाने और फिर सोने, लल्ला अपना खेल रहा था और अब मामा भी नहीं थे मैंने रंग लिया मामी को पकड़ा और गिरा दिया फिर उनके ऊपर चढ़ा और गाल पर लगाया फिर गर्दन पर लगाया और चुची मे हाथ अंदर घुसा कर लगा दिया, फिर सूट उठाया और पेट और पीठ में भी लगाया फिर मैंने रंग को उनके सलवार मे हाथ घुसा कर बुर में भी लगाने लगा, मामी ने पैंटी भी नहीं पहनी थी, अब मामी उठी और मुझे रंग लगाने लगी हर जगह, मेरे पैंट मे हाथ घुसा कर मेरे लौड़ा में भी लगाने लगी और हँसते हुए बोली तुम्हारा तो खड़ा हो गया है क्या इरादा है, मैंने तुरंत बोला जो आप बोलो फिर हमने एक दूसरे को चूमा और नीचे चले गए, लल्ला अभी भी खेल रहा था, नीचे मामा नहा कर सो गए थे, मामी बोली चलो साथ में नहाते हैं मैंने बोला चलिए और अंदर घुस गया, मैं उनके कपड़े खोलने लगा और वो मेरे, अब हमदोनों पूरे नंगे थे, मैंने पहली बार उनको पूरा नंगा देखा उनके बुर एकदम चिकना था, मैंने बोला आपके चुचे तो बहुत बड़े हैं और चूसने लगा और दूसरा वाला दबाने लगा, फिर हमने एक दूसरे को चूमा और मामी को नीचे बैठा दिया फिर मामी मेरा लौड़ा चूसने लगी और मेरा माल मुंह में ले ली फिर उनको खड़ा किया और दीवार के किनारे खड़े हो गए फिर अपना लंड उनके उनके बुर मे डाल दिया और पीछे से उनको चोदने लगा उनको बहुत मज़ा आ रहा था, फिर उनको थोड़ा झुकाया फिर चोदने लगा और फिर मेरा उनके अंदर ही निकल गया, हम दोनों एक दूसरे को चूमे और बोले बाकी मज़ा अब रात में सब के सोने के बाद, मामी बोली मामा को आज नींद कि दवाई दे दूँगी फिर करेंगे, अब हम दोनों एक दूसरे का रंग छुड़ाने लगे फिर नहा कर निकले और कपड़े पहने फिर मामी लल्ला को ले आई, हमने फिर दोपहर में खाना खाया और आराम किया, शाम में मामी इस बार बढ़िया वाला मैक्सी पहनी जिसमे कि आरपार भी दिख रहा था, मामी ने अंदर कुछ नहीं पहना था फिर कल जैसे ही हम खा कर सोने गए, लल्ला के सोने के बाद मामी उठी और देखी मामा सोये या नहीं, मुझे बोली मामा सो गए चलो बाहर हमलोग बाहर करेंगे, मैं भी बाहर आया और आते ही मामी को चूमा और उनके कपड़े खोल दिए फिर उनको सोफ़े पर लेटा दिया और उनके बुर चाटने लगा वो मेरा सर सहलाने लगी और सिसकियाँ मारने लगी, फिर वो मुझे बैठा कर और मेरा लंड चूसने लगी और चूसते हुए सारा माल अपने मुंह मे ले ली और पी गई फिर मैंने उसको लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ कर अपना लंड उसके बुर मे डाल दिया और उसको चोदने लगा थोड़ी देर मे उसको घोड़ी बनाया और पीछे से चोदा फिर मैं लेट गया और उसको अपने ऊपर बैठा लिया और वो उछलने लगी, मैं उसके चुचे पकड़ कर दबा रहा था अब उसका उछलते उछलते निकालने वाला था और उसका पानी निकल गया वो फिर उछलने लगी और अब मेरा उसके बुर में ही निकल गया, हमने एक दूसरे को गले लगाया और चूमा, मैंने पूछा कैसा लगा वो बोली बहुत मज़ा आया काफी दिनों बाद आज ऐसी चुदाई किए हैं, मामा अब वो मज़ा नहीं दे पाते जो तुम दिए आज, फिर थोड़ी देर आराम करने के बाद हमने 69 किया जिसमे मैं उसका बुर चाट रहा था और वो मेरा लंड चूस रही थी, उस रात हमने 1 बार और चुदाई कि फिर कपड़े पहन कर रूम में सो गए, अगले दिन मुझे वापस जाना था। 

अगली सुबह मेरे उठने से पहले मामा अपने काम पर चले गए थे, और लल्ला स्कूल, मामी मेरे पास आई और मुझे चूमते हुए नींद से जगाई, मैंने उनको पकड़ा और उनके कपड़े खोल कर एक बार फिर चुदाई कि फिर मैं बोल मेरा भी समय हो गया निकलने का और फिर हमदोनों साथ में नहाने चले गए और वहाँ भी चुदाई किए और नहा कर आए, फिर हमने कपड़े पहने और मैं नाश्ता करके निकलने लगा, तभी मामी मुझसे लिपट गई और रोते हुए बोली मैं ये दिन कभी नहीं भूलूँगी और दुबारा जल्दी आना इंतज़ार करूंगी, फिर मैं भी निकाल गया, लेकिन मैं आज भी जब भी मामी का नाम आता है वो दिन कभी नहीं भूल पाता ...