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भाभी की बहन की चुदाई

बात कुछ साल पहले कि है एक बार मेरी भाभी ने मुझसे कहा कि मैं उनकी छोटी बहन को दूसरे शहर में परीक्षा दिला लाऊं, अब भाभी कि बात मना कर नहीं सकता था तो मैंने बोला ठीक है, अगले सुबह उनकी छोटी बहन(संगीता) आ गई, संगीता 22 वर्ष कि होगी लगभग लेकिन देखने में एक दम मस्त उसके चुचे काफी बड़े थे उसने जीन्स टॉप पहना हुआ था, हमलोग को आज ही निकलना था और अगले दिन परीक्षा थी तो उसने एक बैग ले रखा था जिसमे उसके एक जोड़ी कपड़े और कुछ किताबें थीं, मेरा भी अपना एक जोड़ी कपड़ा उसी के बैग में भाभी डाल दी, हमे बस से जाना था और रस्ता 4-5 घंटे का था, हमलोग नास्ता करके 12 बजे लगभग निकल गए, बस स्टैन्ड गए तो पता चला कि बस 3 बजे खुलेगी हम दोनों थोड़े देर बैठे फिर कुछ खाने गए वापस आए तो देखा बस पूरा भर गया था परीक्षा के वजह से बैठने का भी जगह नहीं था मैंने उसे बोला मुझे पकड़कर चढ़ जाना मैँ बस पर चढ़ा और सबके बीच में से हम दोनों के खड़े रहने लायक ही जगह मिल पाया, हमदोनों आमने सामने खड़े थे बस चलने लगी तभी और भीड़ चढ़ने लगा जिससे संगीता मेरे में पूरा चिपक गई दब कर, भीड़ इतना था कि कोई अपनी जगह से हिल भी पा रहा था, उसका चुची मेरे मे सट रहा था जिससे मेरा लंड कड़ा होने लगा, मुझे लगा कि उसको मेरा लंड महसूस हुआ क्यूंकी मेरा कडा होने पर उसमे सटने लगा और वो मुझे देख कर हल्का सा मुस्कुराई, करीब 1 घंटे बस चलने के बाद जाम में फस गए लगभग 1 घंटे अब वो थक गई खड़े खड़े मैंने थोड़ा स जगह बनाया उसने अपना पैर हल्का आगे पीछे किया मैंने बोला बस के झटके लगते हैं तो आप मुझे पकड़ सकती हैं तो उसने बोला आप मुझे आप नहीं संगीता बोलो तब पकड़ूँगी आपको मैंने बोला ठीक है संगीता और तुम मुझे मेरे नाम से बोलोगी उसने हँसते हुए मुझे पकड़ लिया उसके पकड़ते ही मुझे करंट स लगने लगा अब धीरे धीरे बस खाली होने लगी थोड़ी बहुत, हमें पहुंचते हुए देर रात हो चुकी थी लगभग 10 जब हम बस से उतरे तो वहाँ जोरदार बारिश हो रही थी, बस ने जहां उतारा वहाँ बारिश के वजह से कोई और सवारी नहीं मिली हम दोनों भिंगते हुए किसी तरह होटल खोजे क्योंकि सारी होटल फूल थी परीक्षा लेकर हमलोग को सिर्फ एक कमरा मिला वो भी छोटा सा जिसमें सिर्फ एक बिस्तर था वो भी दुगुना किराया पर, हमदोनों को भीगने के वजह से ठंड लगने लगी थी, हमलोग ने रूम ले लिया, रूम पहुँच कर देखा तो बैग पूरी भीग चुका था सारे कपड़े किताबें सब कुछ, वैसे भीगने पर उसका टॉप पूरी तरह चिपक गया था जिससे उसका ब्रा भी दिख रहा था, संगीता बोली अब क्या करेंगे हमारे कल के लिए जो कपड़े थे वो भी भीग गए और जो पहने हैं वो भी भीगा हुआ है ठंड भी लग रही है तब मैंने बोला एक उपाय है अगर तुमको बुरा न लगे तो बताऊँ वो बोली बताइए मैंने बोल तुम पहले बोलो गुस्सा नहीं करोगी न ही ये बात किसी को बोलोगी दीदी को भी नहीं, थोड़ी देर सोचकर बोली ठीक नहीं बोलूँगी किसी को भी अब जल्दी बोलो बहुत ठंड लग रही है मैंने बोला तुम सारे कपड़े खोलकर होटल का तौलिया लपेट लो और सारे कपड़े पंखे चला कर सुखने दे दो, भीगा हुआ कपड़ा शरीर से हटने पर ठंड लगना बंद हो जाएगा, उसने थोड़ी देर सोचा फिर बोली तुम भी किसी को मत बोलना कुछ ये हमारे बीच ही रहनी चाहिए, लेकिन तौलिया तो एक ही है तुम कैसे करोगे मैंने बोला मेरे पास उसका भी उपाय है मैने पहले सारे कपड़े खोले और तौलिया लपेट कर मैं बिस्तर पर लेट गया और चादर ओढ़ लिया फिर तौलिया निकाल कर दे दिया, ये देख कर वो बोली वाह अब मेरी बारी उसने भी मेरे सामने ही कपड़े उतरने सुरू कर दिए उसने टॉप खोला पहले उसने लाल रंग की जाली वाली ब्रा पहनी हुई थी जिससे कि उसका निपल भी मुझे दिख रहा था फिर उसने अपना जीन्स खोला उसने लाल रंग कि चड्डी भी पहनी थी अब वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में मेरे सामने थी, एक दम मस्त लग रही थी उसे ऐसे देख कर मेरा लंड चादर के अंदर से सलामी देने लगा उसने तिरछी नजर से मेरी तरफ देखा और बोली उसको बोलो बैठ जाए मैंने फट से उसको दबाया और बोल अब ठीक है वो बोली हाँ और फिर उसने तौलिया लपेटा और ब्रा और पैंटी भी उतार दी, अब वो तौलिए मे और भी ज्यादा मस्त लग रही थी फिर उसने सारे कपड़े लिए और पंखा चला कर सब उसके नीचे सूखने देने लगी जब वह बैठती थी कपड़े सुखाने उसकी जांघ तक दिखाई देता था तोलिए से फिर वो भी उसी चादर में घूस गई, मैंने बोला तौलिया दो कुछ खाने का मँगाता हूँ फिर चादर के अंदर से ही उसने मझे तौलिया दिया जो की अब वो भी भीग चुका था मैंने उसे लपेटा और चादर से बाहर निकला फिर खाने का ऑर्डर दिया और संगीता को बोला लगता है इसको भी सुखना होगा ये भी भीग गया है वो बोली हाँ तुम सुखा देना वैसे तुम तोलिए में काफी हॉट लगते हो मैंने कहा खोल दूँ क्या और हंसने लगा फिर खाना आया वो लेटी हुई ही थी मैंने बोला तुम तौलिया लेलो और बैठ कर खा लो मैं लेट कर खा लूँगा वो बोली नहीं तुम बैठ कर खाओ मैं चादर लेकर बैठ कर खाऊँगी और वह उठने लगी जिससे उसका चादर हिलने से मुझे उसका चुची दिखाई दिया काफी सुडौल और बड़ा था और निप्पल भी एक दम मस्त फिर उसने बैठ कर चादर ठीक किया और हम खाने लगे फिर मैं हाथ धोने गया और उसका मुंह भी धोया फिर वो लेट गई मैंने भी लाइट बंद कि और तौलिया को सुखाया और नंगा उसके बगल मे लेट गया अब हम दोनों नंगे लेटे हुए थे। 

वो मेरी तरफ पीठ करके सो गई, बिस्तर छोटा होने से मेरा मेरा लंड उसके गाँड़ में सट रहा था वो बोली थोड़ा पीछे चलो मैंने बोल जगह नहीं है देख लो घूमकर वो घूमी ओर मेरे तरफ मुंह कर ली अब हम एक दूसरे के आमने सामने थे नंगे, हमदोनों एक दूसरे को देख रहे थे फिर मैंने बोला देखो है जगह वो हल्का सा आगे आई और उठ कर देखी और लेट गई, फिर बोली मुझे ठंड लग रही है मैंने बोला नजदीक आओ पीठ सहला दूंगा तो गरम लगेगा थोड़ा, फिर मेरे मे सट गई जिससे मेरा लंड उसके बुर के पास सटने लगा मैंने उसको अपने बाहों मे लिया और उसका पीठ सहलाने लगा फिर मैंने पूछा कैसा लग रहा है वो बोली अच्छा लग रहा है अब फिर मैंने हिम्मत करके हाथ उसके चूतड़ तक ले आया और पीठ के साथ उसको भी दबाने और सहलाने लगा अब उसको भी मजा आने लगा था फिर मैंने धीरे धीरे उसका हाथ नीचे मेरे लंड के पास ले आया जिससे वो मेरा लंड पकड़ सके, उसके हाथ में लंड सटते ही वो बोली बाप रे कितना मोटा है और पकड़ कर हिलाने लगी फिर मैंने तुरंत उसके बाल खींचे और उसके होंठ चूसने लगा अब हम गरम हो चुके थे पूरी तरह, मैंने चादर हटाया और उसके ऊपर चढ़ गया और उसके चुचे दबाने और चूसने लगा फिर मैंने अपना लंड उसकी बुर में डाला और उसको चोदने लगा वो दर्द से सिसकियाँ मार रही थी, थोड़े देर चोदने के बाद मैं नीचे गया और उसका बुर चाटने लगा फिर मैंने उसको बैठाया और अपना लंड उसके मुंह मे दे दिया वो भी बड़े आराम से लंड को चूस रही थी और चूसते चूसते मेरा लंड का माल अपने मुंह मे लेकर पी गई, फिर मैंने उसको घोड़ा बनाया और जम कर चोदा फिर हमने 69 बनाया और मैंने उसका बुर चाटा और उसने मेरा लंड चूसा फिर मैंने उसको अपने ऊपर बैठाया, उसके बाद वो खूब मजे से उछलने लगी और मैं इसके चुचे दबा रहा था और उसका पानी निकल गया फिर मैंने उसको लेटाया और उसके ऊपर चढ़ कर उसको चोदने लगा और तभी मेरा निकलने वाला था मैंने पूछा क्या करूँ उसने बोला अंदर ही निकाल दो कल दवाई ले लूँगी फिर मैंने उसके अंदर ही झाड़ दिया। 

फिर हमदोनों एक दूसरे का शरीर साफ किए और एक दूसरे के बाहों मे सो गए। अगली सुबह उसका परीक्षा था इसलिए सो गए, अगले दिन हम दोनों जल्दी उठे और एक बार और चुदाई किए फिर थोड़ी देर में नहाने गए साथ में वहाँ भी हमने खूब चुदाई की, फिर हम तैयार हुए और रूम से निकल गए, हमने नास्ता किया और उसको परीक्षा के लिए पहुँच दिया फिर मैं अकेले था और बाज़ार निकल गया और एक बढ़िया सा आरपार दिखने वाला नाइटी लिया और सेक्सी वाला ब्रा पैंटी उसके लिए पैक करवा लिया, दोपहर में परीक्षा खत्म होते ही वो बाहर आई और बोली परीक्षा ठीक गया लेकिन बीच बीच में यही सब घूम रहा था तभी मैंने उसको गिफ्ट दिया और हमने खाना खाया फिर होटल गए और उसने मेरा दिया गिफ्ट खोल और पहन कर दिखाया, पहनने के बाद वो और भी सेक्सी लग रही थी हमने एक बार फिर चुदाई की फिर सामान पैक किया और वो बोली ये दो दिन वो अपने ज़िंदगी मे कभी नहीं भूलेगी बहुत मज़ा आया और ये बात किसी को पता नहीं चलेगी, हमने एक दूसरे को गले लगाया और चूमा फिर घर के लिए निकल गए, रात तक में घर भी पहुँच गए। रात होने कि वजह से संगीता हमारे घर में ही रुक गई मेरे बगल वाले कमरे में, मैंने देर रात देखा कि सब सो गए धीरे से संगीता के कमरे में गया तो देखा कि वो मेरा इंतजार कर रही थी फिर हमने रात भर चुदाई की और फिर मैं अपने रूम में चल गया। वो सुबह होते ही निकल गई, वो जब भी आती है हम चुदाई करते हैं लेकिन वो रात आज भी मैं नहीं भूल सकता .....