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होटल मालकिन के साथ धूमधाम 

बात कुछ समय पहले कि है मैं कई बार काम के सिलसिले में शहर जाता रहता था वहाँ मैं एक ही होटल में रहता था, वहाँ उस होटल की मालकिन (वर्षा) भी रहती थी जो बहुत सुन्दर थी और उसका बदन भरा हुआ था, छाती भी बहुत बड़े थे। मैं जब भी जाता था वो वहीं बैठी मिलती ओर देखकर मुसकुराती थी, उसे देख कर मेरा मन मचलने लगता था और रूम में जाकर उसके बारे में सोचते हुए मूठ मारता था ओर सोचता था कब मिलेगी और कैसे मिलेगी, मैं जब भी आता उसके बारे में थोड़ी थोड़ी जानकारी वहाँ के स्टाफ लोग से पता करने लगा जिसमे मुझे पता चला कि वर्षा यहीं होटल मे ऊपर रूम मे रहती है उसकी शादी हो चुकी है ओर उसके पति विदेश में काम करते हैं जो कि 2 साल से आए भी नहीं हैं, वर्षा अधिकतर साड़ी पहनती थी जिसमे वो और भी ज्यादा सुन्दर लगती थी, अब मैं उसको चोदने के बारे में सोचने लगा, कुछ दिन बाद शहर बंद था मुझे पता चला कि बंदी वाले दिन कोई स्टाफ नहीं आएगा और वर्षा अकेली रहेगी, मैंने उसदिन आने का मन बना लिया, मैं अपने गाँव से बंदी के एक दिन पहले शहर के लिए निकाल गया ओर होटल पहुँच गया शाम तक, मैंने रूम चेक इन किया और आराम करने लगा, अगले दिन बंदी था कोई स्टाफ नहीं आने वाला था, मैंने रात गुजारी वर्षा के सपनों के साथ और अगले दिन मैं सो कर उठा तो समझ आया कि कोई स्टाफ नहीं आया और सारे रूम खाली हो चुके थे मैं जब होटल मे आया था उस समय भी 2-3 रूम ही लगे हुए थे, मैं बाहर आया रूम के और पूछा कुछ सामान मंगवाना है स्टाफ कहाँ है तब वो बोली कि सॉरी सर आज कोई स्टाफ नहीं आएगा बंदी है न, मैंने बोला कैसे होगा तब वो बोली मैं हूँ न मैं दूँगी आपको सर्विस जो संभव हो, मैंने बोल नहीं नहीं आपको तंग नहीं कर सकता न वो बोली इसमे तंग कि क्या बात है मेरा भी मन लग जाएगा ऐसे भी न स्टाफ आएगा ओर न ही कोई ग्राहक तो आपका ही काम कर दूँगी, बोलिए अभी क्या काम था, मैं बोला मुझे चाय पीना था वो बोली बस आप चलिए मेरे घर मैं बनाती हूँ आपके लिए, मैं बोला आपके घर अभी तो उठा हूँ तैयार होकर चलूँगा तब वो बोली अरे मैं ऊपर ही रहती हूँ आप जैसे हैं अभी वैसे ही चलिए (मैं बनियान और हाफ पैन्ट मे था) कोई दिक्कत नहीं है और कोई है भी नहीं, फिर मैंने रूम लॉक और उसके साथ चला गया, मुझे कुर्सी पर बैठा कर वो चाय बनाने चली गई और हम दोनों अब बातें करने लगे मैंने उसके बारे और उसने मेरे बारे में पूछने लगे, फिर वो मेरा और अपना दोनों के लिए चाय और बिस्कुट ले आई, हमने चाय पी और मैं उससे बोला कि आप साड़ी में बहुत सुन्दर लगती हो आप हमेशा यही पहनती हो इसपर उसने पहले धन्यवाद किया और बोली होटल मे रहती हूँ न इसलिए यही पहनती हूँ पर कभी कभी सलवार सूट भी पहनती हूँ, मैंने पूछा मान लो अभी होटल मे कोई नहीं रहता तो क्या पहनती आप तो उसने कहा मेरे पास कुछ ड्रेस हैं जिसे पहनने का मन तो होता है पर पहन नहीं सकती, मैंने बोला अब हम दोस्त हैं मेरे अलावा कोई है नहीं और कोई आएगा भी नहीं आज आप चाहो तो वो ड्रेस पहन सकते हो या जो मन करे वो कर सकते हो मैं किसी को कुछ नहीं बोलूँगा और एक बात हमदोनों के बीच कि कोई भी बात हम दोनों तक ही रहेगी, वो बोली पक्का भरोसा कर सकती हूँ मैंने बोला हाँ बिल्कुल ये सब हमदोनों के बीच ही रहेगा वो सोचने लगी फिर मैंने कहा आप कैमरा भी बंद कर देना कोई रिकार्ड नहीं होगा आप सोच लो ऐसा मौका दुबारा कब मिलेगा, फिर मैं वहाँ से अपने रूम चला गया वो सोच ही रही थी, मैं रूम में लेटा हुआ था कि दरवाज़ा खटखटाने कि आवाज आई मैंने बोला आ जाइए रूम खुला है मैंने उसे देखा तो मुह खुला रह गया उसने छोटा टॉप और लॉंग स्कर्ट पहना था बहुत ही सेक्सी लग रही थी, मैंने बोला वाउ क्या लग रही हैं आप एकदम मस्त वो बोली धन्यवाद अब मुझे आप नहीं तुम कह कर बोला करो हम दोस्त हैं न मैंने बोल ठीक है, कैसा लग रहा है ये पहन कर वो बोली काफी दिनों के बाद अच्छा लगा नहीं तो वही साड़ी और सूट, अब तुम नाश्ता करोगे मैंने बनाया है बाज़ार मे कुछ नहीं मिलेगा, मैंने बोला ठीक है नहाकर चलता हूँ और वो बाहर चली गई मैंने दरवाज़ा खुला ही छोड़ दिया और नहाने चला गया, बाथरूम से नहा कर बाहर निकला तो देखा कि वो जमीन पर पोंछा लगा रही थी स्कर्ट को मोड़ कर रखी थी जिससे मुझे उसकी जांघें दिख रही थी, इतने मे उसने मुझे देखा और बोली आपके कपड़े और आँखें बंद कर ली तब मुझे समझ आया कि मैं बिना कपड़े के ही बाहर आ गया, मैं तुरंत तौलिया उठाया और लपेट लिया फिर सॉरी बोला और कहा मझे नहीं पता था कि तुम बाहर हो, वो मुस्कुराई और बोली कोई बात नहीं। फिर वो अपना सफाई मे लग गई और मैं कपड़े पहनने लगा तो वो बोली कपड़े क्यूँ पहन रहे हो कहीं जाना है क्या, मैंने बोला तुम्हारे घर नाश्ता करने और कहाँ, वो बोली तो इसमे तैयार क्या होना हाफ पैन्ट ही पहन लो ऐसे भी मैंने तो तुम्हारा सामान देख ही लिया है बोलकर हंसने लगी, मैंने बोला ठीक है और हाफ पैन्ट पहन लिया जिसके नीचे चड्डी नहीं पहनी, हम दोनों उसके घर गए फिर वो नाश्ता बनाने लगी और थोड़े देर में पोहा लेकर आई फिर हमने नाश्ता किया और हम बातें करने लगे फिर मैंने बोला मैं जाता हूँ रूम में थोड़े देर सोने वो बोली यहीं सो जाओ और ऐसा करो कि अपना चाबी दो मैं तुम्हारा सामान यहीं ले आती हूँ तुम यहीं रहो इससे हमदोनों का मन लग जाएगा और बोर नहीं होंगे अकेले, मैंने बोला तुमको तकलीफ होगी मैं रूम में रह लूँगा वो बोली नहीं मतलब नहीं तुमको यहीं रहना होगा और कोई दिक्कत नहीं होगा तुम जैसे चाहो रह सकते हो अपना रूम ही समझो मैंने बोला ठीक है और उसको चाबी दे दी और मैं सो गया, थोड़ी देर बाद उठा तो देखा कि वो मेरा भी कपड़ा धो रही थी मैंने पूछा मेरा रहने दो मैं धो लूँगा वो बोली हो गया है बस शर्ट बचा है, उसके कपड़े भीग चुके थे और जांघों से पानी टपक रहा था मैंने तौलिया दिया और बोला पोंछ लो पानी वो मेरे करीब आई बोली मैं थक गई हूँ तुम ही पोंछ दो, मैंने तोलिए से उसके पैर पोंछते हुए जांघ तक गया इतने मे वो सिहर गई और मैंने बोला हो गया पोंछा हुआ तुम्हरा कपड़ा भीग गया है बदल लो पहले वो बोली रहने दो फिर बोली ठीक है और रूम मे चली गई, मैंने दरवाजे के साइड से देखने का कोशिश किया तो देखा कि उसने स्कर्ट उतरा ओर टॉप भी खोल दिया अब वो मेरे सामने ब्रा और पैंटी मे ही थी जिससे मेरा कडा हो गया, मेरी तरफ उसका पीठ था मुझे लगा कि वो देख न ले मुझे इसलिए अपने पलंग पर लेट गया आकर, अब वो सेक्सी वाला नाइटी पहन कर आई जिससे कि आरपार दिखाई देता था मैं बोला अच्छी लग रही हो वो बोली बस अच्छी तो मैं हंसा और बोला नहीं यार एकदम मस्त लग रही हो तब वो बोली कि तुम्ही न बोले थे जो मन करे वो करो आज और वो कपड़े सुखाने चली गई, उसकी नाइटी से उसका चुची साफ दिखाई दे रहा था उसने ब्रा नहीं पहनी थी काफी बड़े थे निप्पल भी कड़े थे और नीचे उसने पैंटी भी नहीं पहनी थी उसके बुर में बाल थे जो साफ दिख रहे थे अब मेरा मन और करने लगा उसे चोदने का। कुछ देर बाद वो आई और पूछी खाने में क्या खाओगे मैंने बोला जो मन करे बना लो उसने छोले भटूरे बनाए, हमारे खाने के बाद वो बोली मैं अपने रूम में आराम करने जाती हूँ मैंने तुरंत बोला यहीं कर लो अपने रूम में क्यूँ वो बोली तुमको दिक्कत होगा न मैं बोला बिलुकल नहीं और उसको पकड़कर खींचा जिससे वो मेरे गोद मे आ गई और हम एक दूसरे को देखने लगे फिर वो उठी ओर वहीं लेट गई मैं उसे अभी भी देख ही रहा था, वो बोली तुम भी लेट जाओ, मैं भी उसके बगल में लेट गया, पलंग ज्यादा बड़ा नहीं था तो हमदोनों को चिपकना पड़ा, मेरा लंड कड़ा हो चुका था और उसके चूतड़ में सटने लगा था, वो कुछ बोली नहीं थोड़ी देर में उसको नींद आ गई और फिर वो मेरी तरफ घूम गई अब मैं उसका सब कुछ देख रहा था और मन ही मन उसको चोदने की सोच रहा था, कुछ देर बाद वो सो कर उठी और बोली तुम उठाए क्यूँ नहीं शाम हो गया मैं बोल तुम सो रही थी इसलिए, मुझे हल्का सा धक्का देकर वो उठी और काम करने लगी और मैं टीवी देखने लगा और फिर मैं बोल मैं आता हूँ बाज़ार से देख कर क्या क्या मिल रहा है और तुमको कुछ चाहिये तो बोलो ले आऊँगा वो बोली तुम्ही देख लेना क्या मिल रहा है जो समझ आए ले आना, और मैं चला गया पहले मैं दवाई दुकान गया और कोंडोम और गर्भनिरोधक गोली दोनों ली और फिर बाज़ार घुमा और पापड़ी चाट ली और होटल पहुँच गया। पहुंचा तो देखा कि उसने फिर ड्रेस बदल ली इस दूसरी नाइटी थी पर उसी तरह कि थी इस बार बुर के बाल भी नहीं थे पूरा हटा दी थी, मैंने तुरंत बोला क्या बात है ड्रेस बदल ली तब वो बोली आज ही तो ऐसा पहन सकते हैं इसलिए बदल रहे बार बार उसके बाद तो वही साड़ी और सूट, मैंने भी बोला सेक्सी लग रही हो और फिर हम चाट खाने लगे, मेरी नजर उसकी ड्रेस के अंदर चुची और बुर से हट ही नहीं रही थी इतने मे वो बोली क्या देख रहे हो मैंने बोल कुछ नहीं और खाने लगा, कुछ देर के बाद हमने खाना खाया और सोने कि तैयारी करने लगी, मैं बोला यहीं सो जाऊंगा तुम अपने रूम मे सो जाओ वो बोली नहीं तुम भी मेरे साथ रूम मे चलो और मुझे खींच कर ले गई, मैं बोला तुमको दिक्कत होगा मैं ऐसे नहीं सो पाऊँगा, वो बोली मतलब तब मैं बोला मैं कपड़े खोल कर सोता हूँ तो वो हँसते हुए बोली तुम रुको मैं नहा कर आती हूँ, फिर वो नहाने चली गई थोड़ी देर में मुझे आवाज देकर बुलाई और बोली कि मेरी पीठ पर साबुन लगा दो न वो पूरी नंगी थी, मेरी तरफ उसका पीठ था मैंने साबुन उठाया और उसके पीठ और चूतड़ मे लगाने लगा और फिर पूछा कि और कहीं लगा दूँ वो बोली नहीं बाकी जगह मैंने लगा लिया और मैं रूम मे आ गया फिर वो नहा कर आई तो मैं देखता रह गया उसने सिर्फ तौलिया लपेटा हुआ था और पूरे शरीर से पानी गिर रहा था वो बोली पोंछ दो न पानी मैंने तुरंत बोला तौलिया तो दो उसने वही तौलिया खोल कर दे दिया और पूरी नंगी हो गई मेरे सामने मैंने तौलिया से पोंछना शुरू किया पहले टांगें पोंछी फिर जांघ फिर वो मेरे पास आई और मेरे कपड़े खोल दी, अब हमदोनों नंगे थे, मेरे होंठ चूसने लगी और बोली अपने होंठों से पानी हटाओ मेरे शरीर से, मैंने उसके चुचे दबया और चूसने लगा फिर नीचे आया और बुर चाटने लगा उसने सिसकियाँ मारनी शुरू कर दी फिर वो बैठी और मेरा लंड चूसने लगी और चूसते हुए सारा माल अपने मुंह मे ले ली और पी गई फिर मैंने उसको लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ कर अपना लंड उसके बुर मे डाल दिया और उसको चोदने लगा थोड़ी देर मे उसको घोड़ी बनाया और पीछे से चोदा फिर मैं लेट गया और उसको अपने ऊपर बैठा लिया और वो उछलने लगी, मैं उसके चुचे पकड़ कर दबा रहा था अब उसका उछलते उछलते निकालने वाला था और उसका पानी निकल गया वो फिर उछलने लगी और अब मेरा उसके बुर में ही निकल गया, हमदोनों अगलबगल में लेट गए और एक दूसरे को गले लगा लिए और चूमा, मैंने पूछा कैसा लगा वो बोली बहुत मज़ा आया 2-3 साल बाद आज चुदाई किए हैं, आज सुबह तुम्हारा लंड देख कर ही मन करने लगा था, अब वो मुझे डार्लिंग बोलने लगी थी फिर थोड़ी देर आराम करने के बाद हमने 69 किया जिसमे मैं उसका बुर चाट रहा था और वो मेरा लंड चूस रही थी, उस रात हमने 1 बार और चुदाई कि फिर एक दूसरे के बाहों में सो गए।

अगले दिन सुबह वो मेरे से पहले उठ गई और अपने काम में लग गई थोड़ी देर बाद मुझे चूमते हुए उठाया और बोली चाय पी लो डार्लिंग मैंने उसको पकड़ा और उसके कपड़े खोल कर एक बार फिर चुदाई कि फिर हम कपड़े पहन कर चाय पीने लगे, तब वो बोली कि होटल में अभी तक कोई नहीं आया है देख लिए हम, फिर मैंने उसको बोला अब क्या प्लान है वो बोली तुम ही बोलो क्या करना है और मेरे होंठ चूसने लगी मैंने बोला चलो नहाते हैं और फिर मैं भी निकलता हूँ काम है मेरा, वो बोली जाना जरूरी है क्या, मैंने बोला आज तो है पर जल्दी ही फिर आऊँगा अब तो ज्यादा आना होगा न, फिर हमदोनों नहाने चले गए और वहाँ भी चुदाई किए और नहा कर आ गए, उसने अब साड़ी पहनी और मैंने अपने, फिर मैंने नाश्ता किया और निकलने लगा, उसने पीछे से मुझे रोक और होंठ चूसते हुए बोली जल्दी आना, मैंने बोला बिल्कुल और चला गया। 

मैं अब महीने में 2-3 बार होटल जाता हूँ और हमदोनों खूब चुदाई करते हैं, लेकिन मैं आज भी वो दिन नहीं भूल पाता.।