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फुल मार्क्स हिडन मैरिज : पिक उप अ सन, गेट अ फ्री हस्बैंड

“प्रिये, मुझे इस नाटक की स्क्रिप्ट (कहानी) काफी पसंद आई है, पर एक ही समस्या है कि इस नाटक में पहले नाटकों की अपेक्षा सेक्स के दृश्य अधिक है| दुविधा में हूँ कि करूँ या नही? आपको क्या लगता है, क्या मैं यह नाटक कर लूँ?” “हाँ, क्यों नहीं?” लू टिंग ने बेहद शांत तरीके से जवाब दिया| उस रात निंग क्षी बमुश्किल ही खड़ी हो पा रही थी, लड़खड़ाते कदमों से बिस्तर के सिरहाने को पकड़ कर बड़ी मुश्किल से बिस्तर से नीचे उतर पायी | उसकी ऐसी हालत को देख कर लू टिंग ने उससे पूछा, “ऐसी हालत में भी तुम वो नाटक में काम करना चाहती हो? एक बार फिर सोच लो|”

Jiong Jiong You Yao · 现代言情
分數不夠
146 Chs

मैंने अपना रास्ता खुद चुन लिया

編輯: Providentia Translations

"शैतान हो तुम, देखो कैसे देख रही हैं|"

वह गुस्से से फूटने ही वाला था कि वार्ड का दरवाजा अंदर से खुल गया|

निंग याओहुया और ज़्हुयांग लिंगयु एक मिनिट के लिए निंग क्षी को भूल गए और दरवाजे की तरफ दौड़े, "सु यान क्षुएलुओ कैसी हैं?"

"अभी तो ठीक हैं, आप लोग जा कर देख सकते हो|" सु यान थका हुआ लग रहा था| ऐसा कहते हुए सु यान केवल निंग क्षी को ही देख रहा था| निंग क्षी की आँखें सूजी हुई थी और उसका गाल लाल हुआ था|

ज़्हुयांग लिंगयु तुरंत निंग क्षुएलुओ के बिस्तर के पास गयी और उसे सिर से पैर तक देखा| 

"मेरी प्यारी बच्ची, कैसी हो? कहाँ चोट लगी? दर्द हो रहा हैं क्या?"

निंग क्षुएलुओ ने हल्की सी मुस्कुराहट के साथ कहा, "मैं ठीक हूँ, यह एक मामूली सी चोट हैं|"

ज़्हुयांग लिंगयु का दिल रो रहा था| अपनी बेटी के बालो को सहलाते हुए बोली, "कैसी लड़की हो तुम इतनी बड़ी चोट आयी हैं फिर भी| क्या होता अगर तलवार तुम्हारे सीने के आर पार हो जाती तो? वह लड़की कितनी दुष्ट हैं और तुम उसे आज भी अपनी बड़ी बहन कहती हो|"

"मेरे लिए तो वह मेरी बड़ी बहन ही है|" निंग क्षुएलुओ के मुँह से शब्द मुश्किल से निकल पा रहे थे| 

"माँ-पिताजी आप लोग बड़ी बहन को दोष मत दो| उसकी गलती नहीं थी, प्रोप खराब था शायद|"

निंग याओहुया ने ठंडे स्वर में कहा, "पागल लड़की,कितनी मासूम हो तुम| वह प्रोप बिलकुल ठीक था, उसमें क्या खराबी आएगी|"

फिर दरवाजे पर खड़ी निंग क्षी की तरफ चिल्ला कर कहा, "जानवर वहाँ दरवाजे पर खड़ी खड़ी मुँह क्या देख रही हो, अंदर आकर माफी माँगो|"

निंग क्षी के चेहरे के भाव अभेदी लग रहे थे, वह बोली "मैंने ऐसा कुछ नहीं किया जिसके लिए मैं माफी मांगू| अगर आपको लगता हैं मेरी गलती से यह सब कुछ हुआ हैं तो जा कर सबूत ले कर आओ| अगर यह साबित हो गया कि यह सब मेरी गलती से हुआ तो माफी तो क्या आप मुझसे मेरी जान भी मांगोंगे तो दे दूँगी|"

निंग याओहुया ने निंग क्षी की तरफ उंगली उठा कर कहा, "तुम्हें अभी भी किसी बात का कोई पछतावा नहीं हैं? मैंने अगर इस बारे में कोई जाँच करवा दी तो तुम कही भी मुँह दिखने लायक नहीं बचोगी| और यह मैं नहीं चाहता| मतलब लाश देख कर ही आँसू बहाओगी? क्या तुम मेरा सिर नीचे करना चाहती हो?"

निंग याओहुया के लिए चेहरा कुछ ज्यादा ही महत्वपूर्ण था|

निंग क्षी ने व्यंगतमक हंसी हँसते हुए कहा, "अगर मुझे क्षुएलुओ से बदला इस तरह लेना होता तो अभी आपके सामने क्षुएलुओ नहीं उसकी लाश होती और आपको फिर से यह पिता-पुत्री का नाटक करने का मौका मिल जाता|"

"निंग याओहुया ने टेबल पर ज़ोर दार हाथ मारा, "निंग क्षी मेरे मुँह मत लगो! यह बताओ कि तुम माफी मांगने वाली हो की नहीं? अगर तुम अपनी गलती मान कर माफी मांग लोगी और इंडस्ट्री छोंड़कर चली जाओगी तो मैं यह मान लूँगा कि यह सब कुछ हुआ ही नहीं पर अगर तुम इस राह पर चलने की ज़िद करोगी...."

"धन्यवाद पर मैं अपनी राह खुद चुन लूँगी|" निंग क्षी ने उपेक्षा भरा अट्टहास लगाया और हाथ हिलाते हुए वहाँ से निकल ली|

ज़्हुयांग लिंगयु को विश्वास नहीं हो रहा था, "देखा! मुझे तो विश्वास ही नहीं होता कि इस नालायक लड़की को मैंने खुद जन्म दिया था|"

निंग याओहुया ने भी कहा, "शैतान है, हर बार मुझे यह इसी तरह गुस्सा दिलाती हैं|"

निंग क्षुएलुओ ने पिता को मनाने की कोशिश की, "पिताजी बड़ी बहन पर इतना गुस्सा मत करिए,आपके स्वस्थ के लिए ठीक नहीं हैं|"

"पिछली बार भी मैंने इसे ऐसे ही जाने दिया था पर देखा ना उसने क्या किया| तुम्हें मारने की कोशिश की| अब की बार जाने दिया तो अगली बार शायद सही में तुम्हें जान से ही मार दे| अब चाहे कुछ भी हो जाए मैं इस बात को यूं ही जाने नहीं दे सकता|"

"पर पिताजी..."

"तुम इन सब की चिंता मत करो और यह सब मुझ पर छोड़ दो|"

"तुम्हारे पिताजी ठीक कह रहे हैं, तुम इस सब की चिंता मत करो और अपनी तबियत पर ही ध्यान दो| तुम्हारे पिताजी जो भी करेंगे वह ठीक ही करेंगे| सु यान ने कहा|

निंग क्षुएलुओ का चेहरा लाल हो गया, जैसे वह रोना चाहती हो पर माँ पिताजी के सामने रोना नहीं चाहती| भरे हुए गले से उसने कहा, "माँ-पिताजी धन्यवाद पर सही में आप लोगो को यह सब करने की ज़रूरत नहीं हैं|"

सु यान, जो अभी तक शांत था और यह सब देख रहा था, उसने निंग क्षुएलुओ की पीठ थपथपाई, "क्षुएलुओ तुम बहुत ही दयालु हो पर इस बार निंग क्षी ने सारी सीमाए लाँघ दी हैं| अंकल ने जो अभी अभी कहा वह सही है| हम उसे उसकी मनमर्जी नहीं करने दे सकते|"