कहानी की शुरुआत में हम एक कबीले के बारे में जानेंगे! जहाँ इस समय मौसम बारिश का है आसमान से बड़े बड़े बारिश की बूंदे फूलो की तरह बरस रहे थे इस मौसम में सोवी, जो अपनी जिंदगी में बहुत अकेला था ,और भी अकेलापन महसूस कर रहा था वो झरने के पास बैठ कर बस यही सोच रहा था " आह क्या मैं भी अपने सोलमेट की यादों में हूं क्या मेरी तरह वो भी मेरे लिए उत्सुक है, मै कब अपने सोलमेट से मिलूँगा? सोवी का मन खुशी से हिलोरे मार रहा था क्युकि वो अब 24 साल का हो चुका है और ये साल उसके सोलमेट से मिलने का साल है! सोवी ये इमेजिनेशन कर ही रहा था की पीछे से आवाज आई सोवी गुरु व्याख्यान में हाजिर हो।
आगे बढ़ने से पहले यह जानना आवश्यक है कि सोवी आज से हजारों साल पहले एक कबीले , (जिसको स्वान कबीले के नाम से जाना जाता है! )के कुलप्रमुख (राजा)का इकलौता वारिस है जो अपने पिता के समान ही ज्ञानी है !सोवी की प्रशंसा न केवल स्वान कबीला करता है बल्कि दूर दूर के कबीलो में भी सोवी की प्रशंसा होती रहती है । सोवी जितना आध्यात्म शक्ति और युद्ध कला में निपुण है उतना ही सुंदर और मनमोहक है, स्वान कबीला अन्य कबीलो के बच्चो को शिक्षा प्रदान करता है और दूर दूर इस कबीले से बच्चे शिक्षा और युद्ध कला प्राप्त करने आते हैं और सोवी एक गुरु की तरह बच्चो को शिक्षा और आध्यात्मिक शक्ति के विषय में सीखाता है स्वान कबीले में शादी सोलमेट पहचान से होती है!( सोलमेट पहचान से मतलब शादी उसी से की जा सकती थी जिसके शरीर पर एक दूसरे के नाम का चिन्ह हो और वो चिन्ह सिर्फ वही दोनो कपल्स देख सकते थे स्वान कबीले को ये इश्वरिय वरदान प्राप्त था, की स्वान कबीले के वंशज की शादी उसके सोलमेट से ही हो सकती हैं)इसलिए सोवी भी अपने सोलमेट के इंतजार में था उसने बचपन से सोलमेट की कहानियां सुन रखी थीं अब जवानी में वो उस कहानी को सच होता देखना चाहता था "।
झरने के पास से उठ कर सोचते हुए व्याख्यान सभा की और जा रहा था कि "उसका सोलमेट कब उसे मिलेगा आखिर एक लंबा इंतज़ार जो किया था!सभा में पहुंचते ही गुरु सोवी ने देखा सभा 200 लड़के और लड़कियां से भरा हुआ है जो स्वान कबीले में शिक्षा लेने के लिए आए थे। सभी विद्यार्थी ने सोवी का अभिवादन किया चुकि आज व्याख्यान का पहला दिन था सोवी ने निर्देश दिया कि सभी विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करने तक स्वान कबीले में ही रहेंगे !और व्याख्यान कल से शुरू होगा। इतना कहने के बाद वरिष्ठ गुरु ने बच्चो से बाहर अपने अपने कमरे में जाने के लिए कहा !और लड़कियां पहले जायेगी ये वहा का नियम था । लड़किया बाहर निकल रही थी सोवी गुरु अपने पिता गुरु से वही चर्चा कर रहे थे लड़कियो के बाद लड़को के निकलने का नंबर आया कुछ शैतान लड़के वही खड़े थे। वो आपस में शैतानी कर रहे थे। स्वान कबीले के कड़े नियमों के विषय में चर्चा कर रहे थे । वरिष्ठ गुरु ने उन्हे भी कमरे में जाने का आदेश दिया तो वो लड़के जाने लगे! तभी सोवी गुरु ने बिना उनकी तरफ़ देखे कर कहा अगली बार सबसे बाद में सभा से निकलोगे तो 100 कोड़े की सजा मिलेगी। लड़के ये सुनते हुए जोर से सभा से भागे उनमें से एक सोवी से टकरा गया वो जल्दी से उस सभा से निकल गया लेकिन सोवी वही खड़ा था उसने महसूस किया जब वो लड़का उससे टकराया तो सोवी को अलग तरह की भावनाएं उत्पन्न हुई !इतना अलग महसूस क्यो हुआ सोवी इसी दुविधा में था क्योंकि ऐसे भावनाएं तो तब आती हैं जब सोलमेट से पहली बार मिलते है सोवी तो उसे देख भी नही पाया था।
सोवी ,पिता गुरु से बात करने के बाद अपने कमरे में चला गया वो बस सोचे जा रहा था क्या वो उसका सोलमेट है? लेकीन वो तो एक लड़का है वो उसका सोलमेट कैसे हो सकता है? सोचते सोचते सोवी को नींद आ गई ।
अगले सुबह सोवी पिता गुरु के पास ये पूछने के लिए गया की अगर उसका सोलमेट लड़का हुआ तो क्या उसे एक लड़के से शादी करनी पड़ेगी उसने पिता गुरु से पूछा पिता गुरु ने उससे कहा स्वान कबीले में सोलमेट को ईश्वर की जोड़ी मानते हैं इससे फर्क नही पड़ता की सोलमेट लड़का है या लड़की लेकिन स्वान कबीले में ऐसा कोई नही हुआ है । तुम चिंता मत करो बेटे सोवी तुम्हारा सोलमेट लड़की ही होगी।
इतना सुनने के बाद सोवी खुश हुआ और व्याख्यान के लिए सभा में चला गया सभी विद्यार्थी सोवी गुरु का इंतजार कर रहे थे सोवी के पहुंचते ही सब शांत हो गए सोवी गुरु ने व्याख्यान शुरू किया तभी पीछे से कुछ शैतान बच्चों के हसने की आवाज आई इतने अधिक विधार्थी में पता नहीं चल रहा था कि कौन हंस रहा है बस हंसने की आवाज़ आ रही थी । वरिष्ठ गुरु ने उन विद्यार्थियों को सभा से बाहर जाने को कहा और उनके से एक लड़का जो उन शैतान बच्चों का नेता था वो फिर से हंस पड़ा, सोवी गुरु ने बस उसकी आवाज सुनी उसे देखा नही और बिना देखे रात भर तालाब में खड़े रहने की सजा दे दी ।
व्याख्यान खत्म हुआ सोवी गुरु ध्यान के लिए अपने कमरे में चले गए देखते देखते रात हो गई तभी वही एक कबीले के रक्षक ने आकर कहा सोवी गुरु क्या उस लड़के की सजा को अब समाप्त कर दिया जाए?,,रात के २ बजे है वो सर्दी से मर सकता है ।
सोवी ने कहा "मैं तालाब की तरफ़ जा रहा हूं मैं खुद से देख लूंगा । सोवी ने जाकर पीछे से देखा वो सर्दी से कपकपा रहा था। सोवी गुरु ने पीछे से ही कहा सजा समाप्त हो गई !तुम जा सकते हो लेकीन वो वही खड़ा रहा सोवी ने उसके करीब जाकर पीछे से उसके कंधे पर हाथ रखा सर्दी से वो लड़का बेहोश होकर गिरने वाला था तभी सोवी उसे अपने सहारे तालाब से बाहर लाया वो पूरा बेहोश हो चुका था ! सोवी ने उसे जल्दी से उठाया अपने कमरे में ले जाने के लिए! जैसे ही सोवी ने उसे सहारे उठाया है वैसे उस लड़के के हाथ में एक चमक सी दिखी । जैसे कोई चमत्कारी छड़ हो और वही चमक सोवी के हाथ में भी दिखी! सोवी के हाथ पर एक नाम लिख गया वो नाम था जिआन ! जो उसी लड़के का नाम था ,सोवी समझ गया था कि वही उसका सोलमेट है कमरे में पहुंच गए कर जियान को लिटा दिया। सोवी जल्दी से चिकित्सक को बुलाने के लिए जाने वाला था तभी सोवी की नजर जियान के चेहरे पर गई सोवी हैरान था क्यूंकि जियान बहुत ही खूबसूरत था । उसकी खूबसूरती एक आम इंसानों की तरह नहीं लग रही थी! सोवी का सोलमेट इतना खूबसूरत होगा उसे अंदाजा भी नही था। जियान के लंबे बालों ने उसके चहरे को और खूबसूरत बना रहे थे और चेहरा बहुत चमक वाला था सोवी ने आज तक जियान से ज्यादा खुबसूरत लड़का नहीं देखा था।जियान बेहोशी की हालत में कपकपा रहा था।,,,, सोवी बस उसे देखें जा रहा था। और उसकी खूबसूरती कि मन ही मन तारीफ किए जा रहा था!