सोवी लालयित नजरो से जियान को निहारे जा रहा था एक ही पल में सोवी जियान की हालत का अहसास हुआ उसने रक्षकों के जरिए चिकित्सक को भी बुला लिया था चिकित्सक ने आते ही जियान की नब्ज को देखा जियान पर सर्दी का गहरा असर हुआ था चिकित्सक ने धीरे धीरे से इलाज करना शुरू किया लेकिन सोवी बहुत असमंजस में था उसे एक तरफ ये डर सता रहा था कि क्या जियान उसका सोलमेट है? तो दूसरी तरफ वो सोच रहा था कि कही जियान के गले पर जो सोलमेट का मार्क है वो चिकित्सक महोदय देख न ले क्युकि वो खुद पक्का होना चाहता था, जियान की हालत देख कर सोवी को उतना ही बुरा लग रहा था जितना किसी दोषी को दोष हृदय से स्वीकार कर लेने पर बुरा लगता हैं! उसे समझ नहीं आ रहा था आखिर उसे बुरा क्यों लग रहा है सोवी ने चिकित्सक को वहा से जाने के लिए कहा! थोड़ी ही देर में सोवी ही अकेला जियान पास बचा सोवी ने अपने आध्यात्म शक्ति से जियान को ठीक कर दिया हालाकि स्वान कबीले में कोई अपनी अध्यात्म शक्ति का प्रयोग अपने व्यक्तिगत हित के लिए नहीं कर सकता था! स्वान कबीले के अनुसार ऐसा करने वाले को सजा दी जाती थी।
कुछ ही देर में जियान को होश आने वाला था लेकीन सोवी अभी भी जियान की खूबसूरती को देख कर हैरान था क्या वाकई कोई इतना खूबसूरत हो सकता है?, मैने आज तक जियान से ज्यादा आकर्षित करने वाला इन्सान नहीं देखा! मेरा सोलमेट एक निहायती खूबसूरत लड़का है ये ख्याल कितना खुशनुमा है एकाएक उसे याद आया जियान के हाथ पर सोवी का नाम क्यों नही दिख रहा है जबकि सोवी के हाथ पर उसके सोलमेट जियान का नाम तो दिख रहा था।
सोवी सोच मे पड़ गया कि "क्या सच ये मेरा सोलमेट है? तो मेरा नाम जियान के हाथ पर क्यों नहीं है इतने में जियान को होश आ गया।
जियान सामने सोवी गुरु को देख कर डर गया ! ये कहा हु मै? क्या आप मुझे यहां लेके आए हैं?
सोवी कुछ नहीं बोला।
जियान_ हस्ते हुए कहा "सोवी गुरु जी कुछ बोलिए और फिर वो अपनी शैतानी हसीं हसा।
सोवी ,,, फिर से शांत था ।
जियान,, तो क्या मैं अब जाउ मैंने अपनी सजा भी पूरी कर ली है?
सोवी ,, हा में सर हिलाते हुए।
जियान _ हस्ते हुए धन्यवाद बोल कर वहा से चला गया!
सोवी ,, उसके जाने के बाद सोचता रह गया कि ये इतना खूबसूरत क्यों है, और इतना शैतान क्यों है और इसी सोच के साथ सोवी के चेहरे पर हल्की मुस्कान आ गई! ये बहुत प्यारा है लेकीन उसके पास मेरा निशान नहीं है एक लड़का मेरा सोलमेट नही हो सकता है।
अगले दिन सुबह सुबह पूरे सभा में पिता गुरु ने सोवी को सभी विद्यार्थी के सामने बुलाया चूंकि सोवी ने अपनी आध्यात्मिक शक्ति को जागृत कर जियान को ठीक किया था तो उसको सजा मिलनी चाहिए थी स्वान कबीले के नियम के अनुसार। पिता गुरु भरी सभा में कहते है " ये जानते हुए भी कि आध्यात्म शक्ति का प्रयोग कोई व्यक्तिगत हित के लिए नही कर सकता हैं केवल दुसरो की सहायता के लिए कर सकता हैं " फिर भी राजकुमार सोवी ने यह स्वीकार किया है कि उन्होंने अपनी आध्यात्म शक्ति का प्रयोग अपनी खुशी के लिए किया जिसके लिए उन्हें दंड दिया जायेगा!
भरी सभा में पिता गुरु ने सोवी को 200 कोड़े की सजा दी सभी विद्यार्थी स्वान कबीले के नियम को देख कर और डर गए जियान भी वही था लेकीन किसी को पता नहीं था कि सोवी को सजा जियान की वजह से मिल रही है जियान को भी नहीं पता था सजा के बाद सोवी को उसी तालाब में खड़ा होना था क्युकी तालाब का ठंडा पानी कोड़े के दर्द को कम करता था ।
वही जियान नटखट शैतान था वो भी फिर से स्वान के नियमो को तोड़कर तालाब में मछली पकड़ने गया था पहुंचकर उसने सोवी को पानी में खड़े हुए देखा ।
जियान,, ने सोवी को परेशान करने के लिए जोर से कहा स्वान कबीले के नियम इतने कठोर है कि राजकुमार को भी सजा मिलती हैं फिर वह मुंह बनाते हुए जोर से हंसा।
सोवी फिर से चुप था।
जियान__तालाब में सोवी को परेशान करने के लिए सोवी के करीब जाकर बोला स्वान काबिले में शराब कहा मिलती है जबसे आया हूं शराब नही पी है।
सोवी__ शांत था।
जियान,,, तुम कितने शांत हो मेरे कबीले की लड़किया पता नहीं क्यूं तुम्हारे नाम पर मरती है शायद उन्होंने तुम्हें ऐसे शांत अवस्था में देखा नही होगा 😁।
सोवी__अभी भी चुप था
जियान,__तभी फिसलकर कर गिर गया और पूरा भीग गया
सोवी__ उठने के लिए हाथ दिया ।
जियान__उफ्फ इतना भी कमजोर नहीं हूं ।
सोवी__ ने फिर भी हाथ बढ़ाया।
जियान,, इस बार हाथ पकड़ कर उठने लगा जैसे ही सोवी ने जियान के हाथ के छुअन को महसूस किया है वैसे ही सोवी को अलग महसूस होने लगा सोवी के हाथ में जियान का नाम चमकने लगा इस बार जियान ने भी अपना नाम सोवी के हाथ पर देख लिया
जियान,,,डरते हुए कहा " ये ये तो मेरा नाम है तुम्हारे हाथ पर क्यों है क्या तुम मुझे फिर सजा दोगे (जियान घबरा कर बोला)?
सोवी_ ने गौर से जियान को देखा उसके गले पर सोवी का नाम मार्क दिख रहा था सोवी अब पूरा समझ गया था की जियान ही उसका सोलमेट है हालाकि जियान के कबीले में सोलमेट का वरदान नहीं था तो वी को इसके बारे मे कुछ पता नहीं था और निशान गले पर होने की वजह से जियान को सोवी के नाम का निशान खुद पर नही दिख रहा था।
जियान,ने कहा, बोलो ना क्या तुम मुझे फिर से सजा सुनाने वाले हो
सोवी _ उसके करीब जाकर धीरे से कहा तुम एक योद्धा होकर सजा से डरते हो? अगर मैं सजा दे दूं तो?
जियान _सोवी का हाथ छोड़ते हुए बोला क्या, क्या कहा तुमने मैं कुछ समझा नहीं ,तुम मुझे डरा रहे हो? सब विद्यार्थी की तरह मैं तुमसे डरता नहीं हूं और न ही अपना गुरु मानता हूं तुम मुझे सजा नही दे सकते।
सोवी,_जियान की बचकानी बातो पर मन ही मन में मुस्कुरा रहा था।
जियान, जल्दी से यह बोलते हुए वहा से चला गया की वो एक योद्धा है वो जब चाहे तब उससे मुकाबला कर सकता है
सोवी ने फिर से खुद से कहा "अरे मेरा सोलमेट कितना खूबसूरत है मुझे मेरे सोलमेट से तो अब तक कल्पनाओं प्यार था लेकीन अब उसे देखने के बाद मुझे उससे और प्यार हो गया है।
क्या मुझे अब जियान से शादी करनी है ?उसे पिता गुरु से ये बात बतानी चहिए की उसका सोलमेट लड़का ही है और वह इस समय कबीले में शिक्षा लेने के लिए आया है!
तभी उसका ध्यान उसके माथे के ताबीज पर गया जो उसके माथे पर नही था सोवी समझ गया कि ताबीज वो जियान के पास है जियान ने उसे परेशान करने के लिए चुरा लिया था।
सोवी,,, आह नही जियान ताबीज चुराने की भी स्वान काबिले में सजा मिलती है, उदास मन से बोला मैं कैसे तुम्हें सजा दुगा?
अगले दिन ,,,,,,,,,,,, व्याखान सभा में सोवी ने जियान के अपराध के बारे में सबको बताया और जियान को आगे बुलाया सबके सामने अपनी गलती मानने के लिए
जियान शैतानी मुस्कुराहट के साथ आगे आ रहा था
सोवी,,, उसे देखते हुऐ सोच रहा था ये कितना खूबसूरत है । और वाकई में जियान बहुत खुबसूरत था उसके कबीले की सारी लड़किया जियान के लिए आह भरती थी। उसकी खूबसूरती हर किसी के नजर में एक ही झलक में चढ़ जाती थी और वो तो सोवी का सोलमेट था जियान को पसन्द करना तो लाजिमी था!