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एक वादा A boylove story

जब इंसान ही इंसान का दुश्मन ,ज़मीन के टुकड़ो के लिए बन जाए और दुनिया को अपनी इच्छापुर्ति के लिए नर्क बना दे , ऐसे में किसी के दिल में प्यार केसव जन्म ले सकतक है , वो भी तब जब हालत इतने बेकाबू और खूंखार हो कि ज़िंदगी में आप फिर से शायद ही अपने प्यार को देख पाओ , तब क्या आपकी ज़िंदगी ,ज़िंदगी रह जायेगी । ऐसा ही जीवन जिने पर मजबूर है एक ऐसा फौजी , जो गलती से अपने ही दुश्मन देश में जा पहुंचा और अपने प्यार कि याद में पल पल तड़पता है । जी हा ये काहनी है दो लड़को कि जिसमे से एक सेना में धकेल दिया जाता है , जो शायद अपने प्यार का इज़हार भी नही कर पाता , जिसके दिल में वो प्यार अब एक नासूर बन गया है , जानने के लिए कि कैसे शमैथ्स अपना जीवन बितायेगा और कैसे होगा उसका अपने प्यार से सामना ।

birraj_kaur · Lịch sử
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19 Chs

गिरफ्तार

" बस करो और अपने काम पर ध्यान दो मै बाहर जा रहा हूँ " शमेथस फिर से एक बार उखड़ा हुआ था ,पर ऐसा क्यो था नही समझ पाया था, की वो इतना रुखा और गुस्सैल किस वजह से है ।

शाम गहरा गई , कही - कहीं उस ज़माने मे रौशनी नज़र आया करती थी , वरना युद्ध के भयानक परिणामों के बाद से कोई भी ज़्यादा देर तक बाहर नही रहा करता था ।

अब शमैथस बाहर सिगार का धुआं हवा मे उड़ाता हुआ , वहां से चलने लगा ।

वो जगह बाहर से आकर बसे हुए लोगो कि ही मानी जाया करती थी,शमेथस वहां से दूर चलकर एक छोटे तालाब के किनारे आकर बैठा करता था और घंटो उस जगह को निहारता रहता , आज भी वो ठीक ऐसा ही कर रहा था ।

तभी दो police वाले आये और उसे गिरफ्तार करके वहां से ले गये ।

शमेथस को लगा शायद आज कक मारपीट का ये नतीजा था ,पर जब उसे police स्टेशन की बजाये एक अलग जगह ले जाया गया ,वो सब तरफ देख कर हर जगह को अपनी आँखों मे बसा रहा था ,खाली जगह से होते हुए वो अब एक बड़े से गते के अंदर।दाखिल हुए ।

अब दोनो police वाले और शमेथस को गाडी से उठाफा गया , सामने एक लोहे का पुराना बड़ा दरवाज़ा था ,जैसे ये किसी factory का दरवाज़ा हो ।

दरवाज़ा खुला और तीनो अंदर चल दिये , सेठ्स के हाथों को पीछे हथकड़ी से बाँधा गया था , कुछ देर चलने और अजीबो गरीब सीढियाँ चने के बाद अब तीनो एक दरवाज़े के सामने थे , एक police वाले ने दरवाज़ा बजाया और अंदर से आवाज़ आई " आ जाओ , टाइन "

शेम्थस को अब उस police वाले का नाम पता चला , पर शमेथस जो कई सवालो के घेरे मे था ,वो उन दोनो के साथ उस कमरे मे दाखिल हुआ , कहा जा सकता है वो उस ज़माने का एक आलिशान कमरा था ,जिसमे फोन भी उसी कमरे के अंदर लगा हुआ था।

तभी खिड़की से झाँक रहा एक रौबदार शख्स जो काफी लम्बा और कमाल की पर्सनालिटी का मालिक था ,उनकी तरफ मुड़ा और बोला " तुम दोनो का शुक्रिया अब तुम दोनो जा सकते हो "

शमेथस को कुछ समझ नही आ रहा था , वो बस ये ही सोच पा रहा था ,कि अब वो पकड़ा गया है ,क्यूंकि वो तो एक ब्रिटिशर था और इस वक़्त germany मे. नाम बदल कर रह रहा था ।

लेकिन उसकी इस सोच को विराम तब लगा जब उस पाइप पी रहे रौबदार आदमी ने उससे कहा " बैठो बरखुरदार ,हमे तुमसे कुछ काम है "

"काफी अच्छा त्रिका है आपका काम लेने का " शमेथस ने अपने बंधे हुए हाथों की तरफ इशारा करते हुए कहा ।

इस जवाब से वो आदमी ज़ोर से हँस दिया और बोला " जैसा सुना था लगता है उससे कही ज़्यादा हो बरखुरदार तुम "

फिर उसने बाहर जाकर किसी को आवाज़ लगाई और तभी टाइन अंदर आया अजर शमेथस को मुँह बनाते हुए देख कर उसके हाथ खोलने लगा ।

शमेथस इतना तो जान् गया था कि उससे सच मे कुछ खास काम लिया जाना है पर क्या ।

इस बात को जानेगे हम आगे के चैप्टर्स मे ।