चारो तरफ कमरे मे झाँकते और पैनी नज़र दौड़ाता शमेथस समझने की कोशिश ही कर रहा था की तभी , फिर से वो रौबदार आदमी उसके आगे आया और उससे बोला " बैठो खड़े क्यो हो , अभी चाई बस आती ही होगी "
अब शमेथस को शक हो चला था कि उससे ज़रूर कोई ऐसा काम करवाया जाएगा ,जो ये लोग नही कर पाए , शेमथस जैसा की स्वभाव से अखड़ था वो उस आदमी से बोला " इस मेहरबानी की वजह पर ,चाय आने से पहले बात हो जाए तो ,मेरे और आपके ,दोनो के समय के लिए बेहतर होगा ।
इस बात पर वो आदमी हँसा और बोला " काफी शातिर हो और तेज़ दिमाग भी " फिर वो आदमी उठा और हाथ मिलाते हुए ,शमेथस से बोला " मेरा नाम कप्तान ज़ेरीच है "
इस ओर शमेथ्स् ने हाथ मिलाया और बोला " बात अब भी वही है ,और जब आपने मुझे यहां तक लाने मे इतनी मेहनत की है ,तो ज़ाहिर सी बात है नाम भी जानते ही होंगे