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Ep 2 मैंने खुद को पैसो के लिए बेच दिया!

मैंने खुद को पैसो के लिए बेच दिया!

Hello everyone 👋 👋

 Kaise hai reader's..... ❤️🥰

Dear reader's novel ko read krne ke bad apna review Dena Mt bhuliyega....

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कहानी अब आगे : 

तभी हर्ष के कानो मे किसी की आवाज सुनाई पड़ी जिस वजह से हर्ष उस आवाज को सुन कर अपनी यानि उसकी और अंशिका की पुरानी यादो मे से निकल कर वापस अपने सेन्स मे आ गया।  यह आवाज हर्ष के एक गार्ड की थी जो हर्ष से कह रहा था "  सर आपके असिस्टेंट  ये पूछ रहे है की क्या वह उस लड़की को ही  कांट्रेक्ट मैरिज के लिए आप की वाइफ बनने के लिए फाइनल कर दे जिनको उन्होंने चुना है? "

  अपने बॉडीगार्ड की बात सुन कर हर्ष ने बेरुखी से अपने गार्ड से कहा " हा कर दो। "

कहानी अब तक : 

यह बोल कर हर्ष ने एक बार दुबारा अंशिका के घर की तरफ देखा और फिर वह वापस अपनी कार मे बैठ कर चला गया उसने एक बार भी दुबारा अपने पीछे  मूड कर अंशिका के घर की तरफ नहीं देखा।

बारिश  भी अब तक रुक गई थी इस वजह से उसको देख कर ऐसा लग रहा था की वह ये सब कर के अपने आंसू छुपा रहा था।

वही दूसरी तरफ अंशिका की आँखो मे भी आंसू थे इसका मतलब वह रो  रही थी  पर अपने रोने की आवाज उसके मुँह से नहीं निकले और उस आवाज को हर्ष सुन ना ले इस लिए उसने  अपने हाथो के लम्बे नाख़ून उसके हाथो की हथेलियों मे चुभा लिए थे हथेली  मे नाख़ून चुभने की वजह से अंशिका के हाथो से खून भी आने लगा था  पर अंशिका को इस सब का होश ही नहीं था वह बस अपनी आँखो मे आंसू  लिए रोते हुए अपने घर के अंदर जा रही थी और वह  आसुओं से भरी  हुई रोती  हुई आंखो से  अपनी तिरछी  नजरो से हर्ष सिंह को भी देख रही थी। 

   उस को भी अपने दिल मे एक तेज दर्द महसूस हो रहा था , उसकी आँखो से आंसू  बारिश की बुदो की तरह  उसके गालो से  लुढ़क कर निचे जमीन पर गिर रहे थे   अंशिका   रोते हुए  अपने निचले होंठ को अपने दांतो से काट  रही थी   ऐसा करने से उसको अपने होंठ पर बहुत दर्द  हो रहा था पर यह दर्द अंशिका दिल मे हो रहे दर्द से ज्यादा नहीं था।     अब अंशिका से   हर्ष को ऐसे छुप छुप कर रोते हुए देखना बरदाश्त नहीं हो रहा था जिस वजह से  अंशिका रोते हुए  वापस घर के अंदर भाग गई और बेड रूम में जा के बेड पर पेट के बल लेट कर रोने लगी।

इस समय उसके दिमाग में बहुत कुछ एक साथ चल रहा था  वह रोते हुए अपने मन में सोचते हुए बोल रही थी " हा जानती हु मैंने आज तुम्हारा दिल  तोड़ दिया । तुम बहुत अच्छे हो  मैं भी तुम्हारे से बहुत प्यार करती हु हा मैं ये बात जानती हु की तुम भी मेरे से प्यार करते हो और आज मुझे यहां प्रपोज करने आए थे। "

फिर उसने कुछ सोचते हुए कहा "  हा मुझे याद है ज़ब उस स्कूल यूनियन मे राज और संजय ने मेरे साथ वो गलत हरकत करने की कोशिश  की थी तो तब  मुझे याद है तुमने ही मुझे उन दोनों से बचाया था और फिर अपने बॉस की कार मे तुमने ही मुझे मेरे घर भी छोड़ दिया था कार मे मैंने तुम्हे किस भी किया था पर फिर तुमने ही मुझे किस करने से रोक दिया था। मुझे सब याद है  मुझे याद है उस रात अगर तुम चाहते तो मेरा नशे मे होने का फायदा भी उठा सकते थे पर नहीं तुम मुझे डॉक्टर के पास ले कर गए थे और मेरा ड्रग का नशा उतरने का इलाज भी करवाया था। इस लिए कह रही हु तुम्हारे पास उस टाइम  ये अच्छा मौका था की तुम मेरा फायदा उठा सकते थे क्यों की उस समय मे खुद अपने होश  मे नहीं थी और तुम्हारे साथ वो सब करना चाहती थी पर नहीं तुमने ऐसा नहीं किया था। क्यों नहीं किया ये भी जानती हुआ क्यों की शायद तुम भी मेरे से प्यार करते थे।  "

  तभी अंशिका ने आगे सोचते हुए कहा "  पर ज़ब तक मुझे तुम से प्यार नहीं हुआ था मुझे तुम्हारे से तब प्यार हुआ ज़ब मुझे ये पता चला की तुमने मेरा मेरे नेशे  मे होने का फायदा नहीं उठाया तब ही मुझे  तुम्हारे से प्यार हो गया था। 

इतना बोल कर अंशिका रुकी और फिर उसने आगे अपने मन मे बोला " पर  जितने दिन तक तुम मेरे से नहीं मिले   उस बिच बहुत कुछ हो गया मेरी जिंदगी मे मेरी जिंदगी बदल गई पूरी तरह से, अब मैं खुद अपनी पसंद के लडके के साथ शादी नहीं कर सकती। अब मैं खुद किसी से प्यार नहीं कर सकती। किसी से प्यार करने का ये हक नहीं रहा अब मेरे पास । नहीं रहा हक़ मुझे किसी से भी प्यार करने का। "

यह बोलती हुई अंशिका  जोर जोर से रोने लगी। 

   ऐसे ही अंशिका लगभग  आधे घंटे तक रोती रही  पर  फिर लगभग आधे घंटे बाद उसका फोन बजा और अंशिका का फोन उठाने का बिलकुल भी मन नहीं कर रहा था । अभी उसका सिर भी बहुत ज्यादा दर्द कर रहा था  पर फिर भी उसने सोचा अपने मन मे सोचा की शायद ये कोई जरूरी कॉल हुआ तो इस लिए ना चाहते हुए भी अंशिका ने कॉल पिक कर लिया।

फोन  के दुसरी तरफ से किसी ने उस से कहा " देखो सर आ गए है और वह आज रात ही आपको अपने पास बुला रहे है   अगर आप आ सकती हो तो तुरंत  तैयार  हो कर आ जाओ वरना सर इस सब के लिए किसी और को ढूढ़ लेंगे। "

उस आदमी की बात सुन कर अंशिका ने जल्दी से बोला " नहीं आप पिलीज किसी और को  मत बुलाओ मैं अभी आती हु। आप तो जानते ही है ना मुझे पैसो की कितनी ज्यादा जरूरत है। "

अंशिका की बात सुन कर उस दूसरे आदमी ने कहा " जी जनता हुआ तभी तो  आपको अभी बुला रहा हु, अच्छा ठीक है आप फिर जल्दी से जल्दी आ जाओ  । "

   ये बोल कर उस आदमी ने फोन कट कर दिया।  

उस आदमी का फोन कटने के बाद अंशिका ने अपने मन मे खुद का ही मजाक बनाते हुए बोला " चल अंशिका तैयार  हो जा  एक बेरंग बदनामी भरी जिंदगी जीने के लिए । ये पैसे बहुत खराब चीज है। और इस दुनिया मे जिन्दा रहने के लिए जरूरी भी इस लिए मैंने खुद को पैसो के लिए बेच दिया। "

 यह बोल कर अंशिका  बुझे हुए मन से बहुत ज्यादा खूबसूरत सी ड्रेस पहन कर तैयार हो गई और तैयार हो कर  अपने घर से बाहर निकल गई।

   कुछ समय बाद अंशिका एक बड़े से बंगले के बाहर जा कर  रुकी। 

वहा से वह आदमी अंशिका को उस बंगले के अंदर ले कर चला गया।

 बंगले मे अंदर जाते  हुए अंशिका का मन बहुत ज्यादा घबराह  रहा था और उसको बहित ज्यादा डर भी लग रहा था। पर फिर भी अंशिका उस आदमी के साथ उस बंगले के अंदर जा रही थी।

कुछ समय बाद वह आदमी एक रूम के बाहर जा कर रुका और उसने अंशिका को उस रूम के अंदर जाने के लिए कहते हुए कहा "  मिस अंशिका आपको इस रूम के अंदर जाना   है हमारे बॉस बस कुछ देर मे इस रूम के अंदर आ जायेगे।  और हा आप प्लीज रूम की लाइट मत जलना सर को   ये सब रौशनी  मे पसंद नहीं है। "

 उस आदमी की बात सुन कर अंशिका ने हा मे अपना सिर हिला दिया और फिर वह डरते डरते अपने फोन की लाइट का यूज़ करते हुए उस अंधरे  रूम मे अंदर  चली गई।

 अंदर जा कर   उसने उस बेड को देखा और  खुद की लाचारी  पर ही मन ही मन हस दी और खुद पर हस्ते हुए उसने अपने मन मे कहा " आंशिका ये बेड नहीं है ये तेरी कब्र है समझ ले आज तू जीते जी मर गई। "

यह बोल कर अंशिका  उस बेड के ऊपर बैठ गई और उसने फिर अपने फोन की लाइट भी बंद कर दी ।

अब आंशिका उस अँधेरे से भरे रूम मे उस बैठ पर बैठी हुई थी  अपने घबराते  हुए दिल के साथ बस डोर  के खुलनी की आवाज़ का वेट कर रही थी। तभी डोर खुलने की आवाज अंशिका को अपने कानो मे सुनाई पड़ी ।  और फिर तभी वह डोर बंद भी हो गया।

अब अंशिका को किसी के कदमो की आवाज सुनाई दे रही थी।  इसका मतलब उस आदमी का बॉस अब रूम मे आ गया था।  और वह अब अंशिका की तरफ ही आ रहा था।

अंशिका का मन उस आदमी के कदमो की आवाज सुन कर बहुत ज्यादा घबरा  रहा था। जैसे जैसे वह आदमी अंशिका की तरफ आ रहा था वैसे वैसे अंशिका को शराब  की तेज बदबू भी आ रही थी। इसका मतलब उस आदमी ने अभी बहुत  ज्यादा शराब भी पी हुई थी।

तभी वह आदमी अंशिका के पास आ गया और बेड पर बैठ गया । बेड पर बैठ कर वह आदमी पागलो की तरह जोर जोर से हसने लगा " हा हा हा "

उस आदमी की हसीं सुन कर अंशिका को बहुत ज्यादा डर लग रहा था। 

आपको क्या लगता है आगे क्या होने वाला है?

क्या अब हर्ष और अंशिका अलग हो जाएगे?

आपको क्या लगता है ये पागल आदमी अंशिका के साथ आगे क्या करेगा?

अब आगे ये कहानी क्या मोड़ लेती है  । जानने के लिए पढ़ते रहिए " वाइफ बाय कांटेक्ट "

अब आगे की कहानी अगले भाग में जारी रहेगी ,

तब तक के लिए अलविदा ।

      

नव्या खान