webnovel

हवेली कुछ अजीब है।

अनुष्का- पता नहीं क्या हुआ होगा बेचारी के साथ अतीत में।

ईशानी- ओ हेलो..... वह कोई बेचारी नहीं थी। कैसे बातें कर रही थी? खा जाएगी.... मार डालेगी....! कौन खा जाएगी...? कौन मार डालेगी....? यार सब बकवास है।

अनुष्का- औरत हवेली नहीं जाने की बात कर रही थी। ईशानी क्या तुम्हें नहीं लगता वह हवेली कुछ अजीब है?

ईशानी- हां यार..... अजीब तो वह हवेली है। पता नहीं क्यों..... लेकिन वहां जाकर अजीब सी फीलिंग आती है।

और इस तरह वे दोनों आपस में बातें करते हुए 8:00 p.m. बजे के लगभग हवेली में पहुंचे।जिस वक्त तो हवेली में पहुंचे तब तक खाने का वक्त हो गया था। हर्ष और हवेली बचा हुआ स्टाफ पहले ही खाने की टेबल पर बैठ चुका था। इशानी और अनुष्का ने भी खाना खाने के लिए अपनी जगह ले ली। और यहीं तीसरा दृश्य ही खत्म होता है।

To be continued......