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Chapter 3

एक होटल के बड़े से कमरे में बड़े से बिस्तर पर एक लड़की और एक लड़का एक सफेद चादर ओढ़े हुए सो रहे थे। उन्हें देख कर लग रहा था कि जैसे पूरी रात उन दोनों ने एक दूसरे के साथ गुजारी है क्योंकि उस बिस्तर के आस पास उस लड़की और उस लड़के के कपड़े बिखरे हुए थे। और एक आदमी ब्लैक कलर का सूट पहने सोफे पर बैठा था जो उस लड़की और लड़के को अपनी डेविल मुस्कान के साथ देख रहा था। वह आदमी उस लड़की और लड़के को देख ही रहा था कि तभी उस लड़की को नींद खुलने लगी। उस लड़की की नींद खुलते ही वो अंगड़ाई लेते हुए बिस्तर पर बैठ गई। लड़की जैसे ही बिस्तर पर बैठी तो सामने बैठे इंसान को देख कर शौक हो गई। लड़की ने एक नजर सामने बैठे इंसान को देखा और एक नजर अपने बगल में लेटे हुए आदमी को देखने लगी। दूसरी नजर उस सोफे पर बैठे आदमी को देखकर अपने पास लेटे लड़के को हिलाकर उसे उठाते हुए चिल्लाकर बोली, "तुम कौन हो ? और तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे साथ रात ये सब करने की?"

जब उस लड़की ने उस लड़के पर चिल्लाया तो उस लड़के की नींद खुल गई। उस लड़के की नींद खुलते ही वह बिस्तर से खड़ा हो गया और अपने कपड़े लेकर वॉशरूम में चला गया। थोड़ी देर बाद जब वो लड़का अपने कपड़े पहन कर वाशरूम से बाहर आया और सोफे पर बैठे उस आदमी के सामने जाकर अपना सर झुका कर खड़ा हो गया तो सोफ़े पर बैठे आदमी ने अपने सामने सर झुका कर खड़े आदमी को देख कर एक डेविल मुस्कान देते हुए उस आदमी की तरफ पैसों की एक गड्डी फैंकी और उस आदमी से अपनी सर्द आवाज में बोला, "ये लो तुम्हारे काम की कीमत तुम्हारा काम खत्म हुआ तुम जा सकते हो।"

वो आदमी उस पैसों की गड्डी को अपने हाथ में लेकर अपना सर झुका कर उस आदमी से बड़े ही इज्जत से बोला, " शुक्रिया हुकुम सा यह कह कर वह आदमी उस कमरे से चला जाता है उस आदमी के कमरे से बाहर जाते ही वह लड़की जो कब से बिस्तर पर बैठी यह सब देख रही थी वो खुद को उस बेडशीट से अच्छे से ढक कर उस सोफे पर बैठे आदमी के पास आई और गुस्से से उस पर चिल्लाते हुए बोली, "तो ये सब तुमने किया है। क्यों किया तुमने ये सब मेरे साथ ? क्या बिगाड़ा था मैंने तुम्हारा? जो तुमने मेरे साथ इतनी घटिया हरकत की ?"

सोफे पर बैठे आदमी ने उस लड़की की बात सुन कर एक खतरनाक मुस्कान देते हुए सोफे से खड़े होकर अपनी पेंट की पॉकेट में अपने हाथ डाल कर उससे एटीट्यूड भरे अंदाज मे कहा,"मैंने तुम्हारे साथ ऐसा क्यों किया ये तुम अच्छे से जानती हो। तुमने अपने शरीर का इस्तेमाल कर अपने बाप के कॉन्ट्रैक्ट को मुझ से साइन कराने की कोशिश की। मेरी ड्रिंक में ड्रग मिला कर मेरे साथ रात बिताने कोशिश की। तुमने अपने शरीर का इस्तेमाल किया वो भी एक कान्ट्रैक्ट पाने के लिए मैंने तो बस वही किया जो तुम चाहती थी तुम रात बिताना चाहती थी तो मैंने तुम्हारे लिए लड़के का इंतजाम कर दिया बस।"

वो लड़की उस इंसान की बात सुन कर गुस्से से आग बबूला हो होकर उस पर गुस्से से बोली, "शर्म नहीं आती है एक लड़की से ऐसे बात करते हुए। क्या तुम्हारी मां ने तुम्हें ये नहीं सिखाया कि एक लड़की से कैसे बात की जाती है? क्या यही संस्कार डाले हैं तुम्हारी मां ने तुम्हारे अंदर?"

उस लड़के ने जब उस लड़की के मुंह से अपनी मां का नाम सुना तो उसे बहुत गुस्सा आ गया और उसने एक थप्पड़ उस लड़की के गाल पर झड़ दिया। उस आदमी ने उस लड़की को इतनी जोर से थप्पड़ मारा था कि वह लड़की सीधे जमीन पर गिर गई। और फिर उस आदमी ने उस लड़की को देखा और अपने दांत पीसते हुए उससे गुस्से से बोला, "दो कौड़ी की लड़की तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरी मां का नाम अपनी गंदी जुबान पर लेने की मेरी मां ने मेरे अंदर क्या संस्कार डाले हैं? ये बोलने से पहले जरा ये सोच ले कि तुम्हारी मां ने तुम्हारे अंदर कैसे संस्कार डाले हैं एक कॉन्ट्रैक्ट के लिए तू अपनी इज्जत का सौदा करने चली थी। मुझे नफरत है तुम जैसी लड़कियों से जो अपने फायदे और पेसो के लिए अपनी इज्जत तक दूसरों के हाथों बेच देती है।"वो आदमी ये सब कह ही रहा था कि तभी उस कमरे का दरवाजा खुला।

एक लड़का एक लड़के की कॉलर पकड़ कर उसे कमरे में घसीटते हुए लाने लगा। उस लड़के ने उस लड़के को घसीटकर उस लड़की के सामने धक्का देकर उसके सामने फैंक दिया। तभी उस लड़की ने अपने पास पड़े हुए उस लड़के को देखा और जब उस लड़की ने उस लड़की को देखा तो वो घबरा गई क्योंकि उस लड़के के मुंह से खून निकल रहा था और उसके चेहरे पर काफी निशान थे जो ये बता रहे थे कि उस लड़के को बहुत बुरी तरह से पीटा गया है वो लड़की घबरा कर उस लड़के के पास गई और उसके चेहरे को अपने हाथों में लेकर उससे बोली, "मानव क्या हुआ तुम्हें ? और तुम्हारा ये हाल किसने किया?"

वो लड़की उस लड़के से ये सब पूछ रही थी कि तभी जो लड़का उस लड़के को घसीट कर लाया था वो एटीट्यूड से उससे बोला, "मैंने किया इसका ये हाल ? क्या करता ये मान ही नहीं रहा था कि तुम इसे धोखा दे रही हो आने को तैयार ही नहीं था अब इसे कैसे ना कैसे करके लाना तो था ही तो बस ले आया।"

वह लड़की उस लड़के की बात सुन कर गुस्से से उसने चिल्ला कर उससे बोली, "तुम दोनों भाई साइको हो क्या? या हैवान हो कोई इतना बुरी तरह से किसी को पीटता है क्या? वह भी इतनी छोटी सी बात के लिए।" ये कह कर वो लड़की अपने पास गिरे हुए लड़के को उठाने की कोशिश करने लगी। 

तभी उस लड़के ने उस लड़की का हाथ झटकते हुए गुस्से से बोला, "खबरदार डिम्पी जो अपने गंदे हाथों से मुझे छुआ भी तो और अपनी ये शक्ल मुझे दोबारा कभी मत दिखाना समझी हमारे बीच जो कुछ भी था वह आज खत्म होता है इस ओवर। मुझे तुम जैसी लड़की के साथ कोई रिश्ता नही रखना है जो अपने फायदे के लिए लोगो के बिस्तरों को गर्म करती फिरती हो।" ये कह कर वो लड़का वहां से उठा और लड़खड़ाते हुए कमरे से गुस्से से चला गया। 

उस लड़के के जाते ही डिम्पी गुस्से से उन दोनों भाइयों को देखने लगी और खड़े होकर अपने कपड़े लेकर वाशरूम में चली गई। डिम्पी के वाशरूम में जाते ही जो लड़का सोफे से खड़ा हुआ था वह दूसरे लड़के के पास गया और उसके कंधे पर हाथ रख कर उससे बोला, "अच्छा काम किया तुमने आरव लेकिन उसे इतना मारने की जरूरत नहीं थी।"

वो दूसरा लड़का और लड़के उस आदमी की बात सुन कर बोरियत से उससे बोले, "भाई सा मैं भी उसे कौन सा पीटना चाहता था लेकिन वह आ ही नहीं रहा था लेकिन उसे लाना तो था ही । मैंने पहले उसे आराम से कहा कि साथ में चल लेकिन वह माना ही नहीं । कह रहा था कि मेरी गर्लफ्रेंड मुझे धोखा नहीं दे सकती है तो बस मुझे अपने तरीके से उसे लाना पड़ा ।" वो दोनों बात कर ही रहे थे कि तभी वॉशरूम का दरवाजा खुला और डिम्पी बाहर आ गई। डिम्पी बाहर आकर उन दोनों भाइयों के सामने खड़ी होकर गुस्से से बोली, "मैं अपनी बेइज्जती को इतनी आसानी से भुलूंगी नहीं मैं तुम दोनों भाइयों को बर्बाद कर दूंगी मेरी ज़िंदगी बर्बाद करने की सजा मैं तुम दोनों को जरूर दूँगी।" ये कह कर डिम्पी उस कमरे से निकल गई। 

उसके जाते ही आरव अपने भाई सा से बोला, " भाई सा आप को नहीं लगता कि इसका कुछ करना पड़ेगा ये लड़की आगे चल कर हमारे लिए मुसीबत बन सकती है?"

आरव की बात सुन कर उसके भाई सा ने कहा, "मैं कोई भी काम आगे के लिए नहीं छोड़ता इसके साथ क्या करना है वह मैं तय कर चुका हूं।"

अपने भाई साहब की बात सुन कर आरव ने उससे पूछा, "क्या मतलब? मैं कुछ समझा नहीं भाई सा?"

आरव की बात सुन कर भाई सा ने एक तिरछी मुस्कान के साथ कहा, "वह तुम्हें कल सुबह तक पता चल जाएगा।" ये कह कर भाई सा वहां से चले गए।"

अपने भाई सा को जाता देख आरव मुसकुराते हुए खुदसे बोला, "आपकी यही बात मुझे सबसे अच्छी लगती है भाई सा कि आप कोई भी काम आगे के लिए नहीं छोड़ते है।" ये कह कर वो भी अपने भाई सा के पीछे चला गया।

तो ये है आरव प्रताप सिंह और उसके भाई सा अभय प्रताप सिंह अभय राजस्थान के हुकुम सा है और एक बहुत बड़ा बिज़नेस मैन भी है। अभय अपने आगे किसी की नहीं सुनता सिवाय अपनी मासा के। अभय अपनी मासा की बात कभी नहीं टाल सकता है वही आरव सिर्फ अपने भाई सा की सुनता है बचपन से लेकर। 

अब तक उसने सिर्फ वही किया जो उसके भाई सा ने उसे करने को कहा अभय और आरव के परिवार में उनकी मां पूनम उनकी छोटी बहन संध्या और उनके पिता देवराज जी है। 

"क्या करने वाला अभय उस लड़की के साथ?" जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी का अगला chapter...।"

Dear रीडर्स । तो आप का इंतजार पूरा हुआ और हो गई हमारे दोनों मैन लीड अभय और आरव की एंट्री तो आप लोग मुझे कमेंट कर के जरूर बताएं कि आप को इन दोनों की एंट्री कैसी लगी और सॉरी कि मैं आप को इतना लेट चैप्टर डालती हूं मेरे कॉलेज में फ्रेशएस पार्टी की अरेंजमेंट के चक्कर में मैं अपने काम पर ध्यान नहीं दे पा रही हूं पर बस दिनों की बात है फ्रेशर्स होने के बाद में आप को रोज अपनी तीनों स्टोरी का रोज एक नया चैप्टर दूंगी तो बस तब तक के लिए वेट कर लीजिए और और miss जी डोंट वरी अगर आपके प्रोफाइल में रिव्यू का ऑप्शन नहीं आ रहा है तो एक बार 5 चैप्टर कंप्लीट हो जाए तो आपकी प्रोफाइल में रिव्यू का ऑप्शन आ जाएगा तो तब आप मुझे अच्छा सा और बड़ा सा review दे देना और guys अगर आपने मुझे इस चैप्टर पर ज्यादा और बड़े - बड़े कमेंट किये तो I PROMISE मैं इसका अगला चैप्टर आप को कल ही दे दूँगी तो प्लीज् बडे और ज्यादा कमेंट करे और आज का चैप्टर आप को कैसा लगा मुझे कमेंट कर कर जरूर बताएं । ।

तब तक के लिए Take Care । ।