webnovel

आयी शॉल सील द हैवेन्स

Auteur: Er Gen
Oriental
Actuel · 371.6K Affichage
  • 60 Shc
    Contenu
  • audimat
  • NO.200+
    SOUTIEN
Synopsis

"मैं जो चाहता हूँ, उसका स्वर्ग में किसी भी प्रकार का अभाव नहीं होना चाहिए! और जो मैं नहीं चाहता हुँ, बेहतर होगा की वह स्वर्ग में मौजूद ना हो।" यह कहानी आठवें और नौवें पर्वत के बीच के प्रारंभ कि कहानी हैं , जिसमें इसमें दुनिया में प्रबल दुर्बल का शिकार करता है। “मेरा नाम मेंग हाय है! मैं नौवीं पीढ़ी का राक्षस को मुहर लगाने वाला हूँ। मैं स्वर्ग को भी मुहर लगा दूंगा! "

Chapter 1विद्वान मेंग हाओ

झाओ राज्य एक बहुत छोटा राष्ट्र था। अन्य छोटे राष्ट्रों की तरह ही यह साउथ हेवन की भूमि पर स्थित था। साउथ हेवन के अन्य छोटे राज्यों की तरह, यहाँ के लोग भी 'महान टेंग' की प्रशंसा करते थे। वो लोग 'चेंग'एन' की भी तारीफ़ करते थे। झाओ राज्य का राजा, विद्वान सभी लोग इनसे काफ़ी प्रभावित थे। वो लोग उस मुख्य नगर को टेनजिंग टावर पर खड़े होकर देख सकते थे।

यह अप्रैल न तो बहुत सर्द थी, न ही ज़्यादा गर्म। मध्यम हवा उत्तर दिशा की 'किंग डी फ्लुट्स' से गुज़रते हुए महान टेंग की भूमि को छूते हुए धुंध की तरह माउंट डकिंग पर पहुँची। माउंट डकिंग झाओ प्रदेश में स्थित था। हवा फिर एक युवक के ऊपर से गुज़री, जो वहाँ पहाड़ी पर बैठा था।

वह एक दुबला-पतला नौजवान था, जिसने हाथ में लौकी पकड़ी थी और नीले रंग का चोगा पहना हुआ था। वह लगभग सोलह या सत्रह साल का लग रहा था। वह लंबा नहीं था, और उसकी त्वचा कुछ सांवली थी, लेकिन उसकी आँखें बुद्धिमत्ता से चमक रही थीं। फिर भी, ऐसा लग रहा था जैसे उसकी सारी बुद्धिमत्ता उसकी माथे की सिलवटों में कहीं छिप गई थी। वह खोया हुआ लग रहा था।

"फिर से शिकस्त..." उसने आह भरी। उसका नाम मेंग हाओ था, वह यून्जी काउंटी का एक औसत छात्र था, जो पहाड़ी के नीचे स्थित थी। कई साल पहले उसके माता-पिता लापता हो गए थे, और उन्होंने संपत्ति के नाम पर कुछ ख़ास नहीं छोड़ा था। शिक्षा महँगी थी, इसलिए वह लगभग पूरी तरह से टूट सा गया था।

"मैंने लगातार तीन साल शाही परीक्षा दी है। उस समय मैंने ऋषियों द्वारा लिखी गई पुस्तकें तब तक पढ़ीं जब तक मैं उनसे ऊब नहीं गया। शायद वह रास्ता मेरे लिए बना ही ना हो।" आत्म-निंदा से भरा हुआ, वह नीचे की तरफ़ लौकी को देख रहा था, तभी उसकी आँखें झपकीं।

"शाही अधिकारी बनने और अमीर बनने का मेरा सपना कभी दूर हो जाता, तो कभी पास। मैं महान टेंग तक पहुँचने की कोशिश करने के बारे में भी शायद भूल गया था... एक छात्र होना कितना बुरा है।" वह हँसा, मगर उसकी हँसी में कड़वाहट थी। वहाँ पहाड़ी पर चुपचाप बैठे, अपने हाथ में पकड़ी हुई लौकी को टकटकी लगाकर देख रहा था, वह खोया हुआ लग रहा था। उसे डर लगने लगा कि वह भविष्य में क्या करेगा? वह कहाँ जाएगा?

उसे लगा शायद कोई बड़ा अधिकारी उसे पसंद कर लेगा, या कोई सुंदर युवती। या वह साल दर साल परीक्षा देना जारी रखेगा।

उसके पास इन सवालों का कोई जवाब नहीं था। वह एक किशोर था, और निराशा की इस भावना ने उसे एक विशालकाय अदृश्य मुँह की तरह निगल लिया। उसे सच में डर लग रहा था।

"हालाँकि शहर में शिक्षक केवल चाँदी के कुछ टुकड़े कमा पा रहे थे। यह अंकल वांग की बढ़ई की दुकान से भी बदतर था। अगर मुझे पहले यह एहसास हुआ होता, तो मैंने उनसे बढ़ईगीरी का कुछ कौशल सीख लिया होता। कम से कम तब मैं ऐसे भूखा नहीं मरता जैसे अभी मर रहा हूँ।" फिर वह थोड़ी देर के लिए चुप हो गया।

"मेरे पास ज़्यादा खाना या पैसे नहीं हैं। मुझे स्टीवर्ड झोउ को तीन चाँदी के टुकड़े भी देने हैं जो मुझ पर उधार हैं। मैं क्या करूँगा?" उसने सिर उठाया और भव्य नीले आसमान की ओर देखा। यह इतना विशाल था कि आप इसका छोर नहीं देख सकते। वैसे ही जैसे वह अपने भविष्य को नहीं देख पा रहा था।

थोड़ी देर बाद मेंग हाओ ने अपना सिर हिलाया और अपने बैग से काग़ज़ की एक पर्ची निकाली। उसने इसे ध्यान से पढ़ा, फिर इसे लौकी में रखकर उठ खड़ा हुआ और लौकी को पहाड़ से नीचे फेंक दिया।

पहाड़ के नीचे एक विशाल नदी थी, जो सर्दियों के दौरान भी नहीं जमती थी, और कहा जाता है कि यह इसी तरह ग्रेट टेंग तक बहती थी।

मेंग हाओ पहाड़ की चोटी पर खड़ा लौकी को देख रहा था जो नदी के बहाव के साथ बह रही थी। वह एकटक देखता रहा। एक पल के लिए उसे लग रहा था कि उसने अपनी माँ की झलक देखी है, और अपने बचपन की ख़ुशी भी। लौकी ने उसकी इच्छाओं और उसके भविष्य की उम्मीदों को फिर से जगा दिया था। शायद एक दिन कोई उस लौकी को उठाएगा और उसमें पड़े काग़ज़ को पढ़ेगा।

"मैं चाहे कुछ भी करूँ, चाहे वह पढ़ाई हो या काम, मैं जीवित रहूँगा।" यह उसका व्यक्तित्व था : बुद्धिमान और दृढ़। अगर वह ऐसा नहीं होता, तो वह अपने माता-पिता के चले जाने के बाद जीवित नहीं रह पाता।

उसने अपना सिर आसमान की ओर उठाया, उसकी आँखों में ज़िद नज़र आ रही थी। वह पहाड़ से नीचे गिरने ही वाला था।

उसी क्षण उसने किसी चट्टान के पास से आती कमज़ोर आवाज़ सुनी। ऐसा लग रहा था कि हवा से आवाज़ पैदा हुई है। जैसे ही यह मेंग हाओ के कान के पास पहुँचती उसे सुन पाना मुश्किल हो जाता।

"बचाओ... बचाओ…"

मेंग हाओ एक पल के लिए रुका, वह हैरान था, फिर उसने ध्यान से सुना। उसने ध्यान केंद्रित किया, मदद माँगने वाली आवाज़ और भी तेज़ हो गयी थी।

"बचाओ..."

वह कुछ कदम आगे चला जब तक कि वह शिखर के छोर तक नहीं पहुँच गया। जब वह वहाँ खड़ा हुआ, तो उसने एक इंसान को देखा, जिसका शरीर एक दरार से आधा बाहर की ओर दिखाई दे रहा था। उसका चेहरा डर और हताशा से भरा था, वह मदद के लिए पुकार रहा था।

"तुम ... तुम मेंग हाओ हो, है ना? मदद करो, विद्वान मेंग! मेरी मदद करो!" यह एक किशोर था। जैसे ही उसने मेंग हाओ को देखा, अचानक हताश स्थिति में आशा नज़र आते ही उसे आश्चर्य हुआ और ख़ुशी भी।

"वांग यूकआई?" नवयुवक को देखते ही मेंग हाओ की आँखें फैल गईं। वह अंकल वांग का बेटा था, जो शहर में बढ़ई की दुकान के मालिक थे। "आप यहाँ कैसे पहुँचे?"

मेंग हाओ ने दरार को देखा। चट्टान काफी खड़ी थी, और यहाँ से नीचे उतरना असंभव लग रहा था। थोड़ी सी लापरवाही से नदी में गिरना तय था।

यह देखते हुए कि नदी कितनी तेज़ी से बह रही है, अगर आप ग़लती से भी नदी में गिर गए, तो नब्बे प्रतिशत संभावना है कि बच नहीं पाएँगे।

"यहाँ सिर्फ मैं नहीं, बल्कि आस-पास के शहरों से अन्य लोग भी हैं," वांग यूके ने कहा। "हम सब यहाँ फंस गए हैं। भाई मेंग, प्लीज़ अभी बात मत करो, बाहर निकलने में हमारी मदद करो।" शायद वह बहुत देर से बाहर दरार पर लटके थे। उसके हाथ हवा में थे, और हमवतन, जिसने उसकी शर्ट को पकड़ा, वह फिसल गया और चट्टान से नीचे जा गिरा। उसका चेहरा डर के मारे पीला पड़ गया।

मेंग हाओ को ख़तरे का एहसास हुआ। लेकिन वह अकेले ही पहाड़ पर चढ़ गया था, और उसके पास कोई रस्सी भी नहीं थी। वह किसी को कैसे बचा सकता था? उस पल वह मुड़ा और उसने महसूस किया कि वह पहाड़ लताओं से ढँका हुआ था।

थकान के कारण उसे रतन की बेल को खोजने में लगभग दो घंटे लगे, यह काफ़ी लम्बा समय था। भारी साँस लेते हुए, वह बेल को घसीटकर चट्टान के पास लाया। फिर वह वांग का नाम पुकारते हुए झुक गया और बेल को किसी चट्टान के नीचे उतारा।

"आपने अभी भी मुझे नहीं बताया कि आप वहाँ कैसे पहुंचे," मेंग हाओ ने कहा।

उसने बेल को उतारा। "उड़कर!" यह वांग यूके नहीं बोल रहे थे, बल्कि यहाँ एक और युवक था जिसने अपने शरीर को दरार से बाहर निकाला था। यह लड़का सामंतवादी और बुद्धिमान दिख रहा था, और बुलंद आवाज़ में बात कर रहा था।

"बकवास? आप उड़ सकते हैं?" बेल को खींचते हुए मेंग हाओ ने कहा। "यदि आप यहाँ से नीचे उड़ सकते हैं, तो आप वापस ऊपर क्यों नहीं उड़ सकते?" 

"उसकी बकवास मत सुनो," वांग युकी ने स्पष्ट रूप से कहा। उसका डर साफ़ था कि मेंग हाओ बेल को वापस नीचे नहीं करेगा। "एक उड़ने वाली महिला ने हमें क़ब्ज़े में ले लिया था। उसने कहा कि वह हमें कहीं गुलाम बनाने ले जा रही है।"

"फिर से बकवास?" मेंग हाओ ने उपेक्षा से कहा। "केवल अमर लोक की दिव्य शक्ति ही ऐसा कर सकती है। कौन उस पर विश्वास करता है?" केवल किताबों में उसने पढ़ा था, कि अमर लोक के लोगों से मिलने के बाद इन्सान अमीर बन जाता है, लेकिन यह सिर्फ़ झूठ है।

जैसे ही रतन चबूतरे पर पहुँचा, वैंग ने उसे पकड़ लिया। लेकिन फिर, मेंग हाओ को अचानक से उसकी पीठ के पीछे ठंडी हवा महसूस हुई। उसके आस-पास का तापमान ऐसा लग रहा था जैसे सर्दी लौट आई थी। वह काँप गया। उसने धीरे से पीछे मुड़कर देखा, फिर चिल्लाया और आगे बढ़ा, वह चट्टान से गिरने ही वाला था।

उसने एक महिला को देखा जो उसे घूर रही थी और जिसने लम्बा सा चमकीला चोगा पहन रखा था। उस महिला का चेहरा मुरझाया हुआ था। उसकी उम्र बताना असंभव था। वह बेहद ख़ूबसूरत थी, लेकिन ठंडक के कारण ऐसा लग रहा था मानो वह किसी क़ब्र से रेंगकर बाहर निकली हो।

"कभी-कभी जब आपको कोई ख़ास चीज़ मिलती है, तो यह बस आपकी क़िस्मत है।"

जब आवाज़ उसके कानों से टकराई, तो ऐसा लगा जैसे हड्डियां आपस में रगड़ रही हों। इस महिला के पास किसी प्रकार की अजीब शक्ति थी, और जब वह सामने थी तब मेंग हाओ ने उसकी आँखों में देखा, तो उसके पूरे शरीर में बर्फ़ सी ठंडक महसूस हो रही थी, जैसे वह उसके आर-पार देख सकती हो। मानो वह उससे कुछ भी नहीं छिपा सकता।

उसके शब्द अभी भी हवा में तैर रहे हैं, उसने अपनी चौड़ी आस्तीन को हिलाया, और अचानक हरी हवा के झोंके ने मेंग हाओ को उठा लिया। वह उसके साथ चट्टान से नीचे उड़ रहा था। उसे कुछ भी नहीं सूझ रहा था।

जब वे दरार पर पहुँचे, तो महिला ने अपना हाथ लहराया और उसे दरार के अंदर फेंक दिया। वह वहीं ठहर गई और हरी हवा भी रुक गई। वांग और उसके तीन दोस्त डरकर पीछे हट गए।

महिला वहाँ खड़ी थी, एक शब्द भी नहीं बोल रही थी। उसने सिर उठाया और बेल पर नज़र डाली।

मेंग हाओ इतना घबरा गया था कि वह काँप रहा था। वह उठ खड़ा हुआ, जल्दी से चारों ओर घूमा। दरार विशाल नहीं थी, और वास्तव में काफी संकरी थी। सिर्फ़ कुछ लोग ही अंदर थे, वहाँ बहुत ज़्यादा जगह नहीं थी।

उसकी नज़र वांग और दो अन्य युवकों पर पड़ी। एक समझदार लड़का था और; दूसरा साफ-सुथरा। उन दोनों की कंपकंपी, देखकर लगता था जैसे वे किसी भी पल डर के मारे रो पड़ेंगे।

"तुम एक बौने आदमी हो," पीले चेहरे वाली महिला ने कहा। अब उसने रतन की जगह मेंग हाओ को देखा। "मैं तुम्हें उनके साथ रखूँगी।"

"तुम कौन हो?" अपने डर को छिपाते हुए मेंग हाओ ने पूछा। वह एक सभ्य और मज़बूत शख्स था। डर के बावजूद, उसने ख़ुद को नियंत्रित किया और घबराया नहीं।

महिला ने कुछ नहीं कहा। उसने अपना दाहिना हाथ उठाया और लहराया, और हरी हवा फिर से दिखाई दी। इसने सभी युवकों को ऊपर उठाया, और वे महिला के साथ गुफा से बाहर आसमान में उड़ गए। वे ग़ायब हो गए। केवल माउंट डकिंग बचा। यह वहाँ खड़ा था, सीधा और स्थिर, धुंधलके के अंधेरे में समाते हुए।

मेंग हाओ के चेहरे से खून निकल रहा था। उसने खुद को हरी हवा के भीतर आकाश को पार करते देखा। जैसे ही वह ज़मीन से ऊपर उठा, हवा उसके मुंह में आने लगी, जिससे साँस लेना नामुमकिन हो गया। उसके दिमाग़ में एक ही शब्द था।

"अमर?" उसने अपनी साँस बहुत देर रोककर रखी, आम तौर पर इतनी देर में वह दस बार साँस ले सकता था, जब तक वह रोक सकता था उसने साँस रोकी। फिर उसने साँस छोड़ी।

जब उसने आँखें खोलीं, तो पाया कि वे पहाड़ की आधी ऊँचाई पर हरे पत्थरों से बने चबूतरे पर उतरे। उनके चारों तरफ पहाड़ थे। बादल और कोहरा छाने लगा; यह निश्चित रूप से आम दुनिया नहीं थी। आस-पास के पहाड़ों की खूबसूरत चोटियाँ बहुत अजीब लग रही थीं।

वांग और दूसरे युवक जाग गए, और डर के मारे काँपने लगे। वे महिला के पीछे की ओर घूरते रहे।

उसके सामने खड़े दो किसान लंबे हरे रंग के कपड़े पहने हुए थे। वे लगभग पच्चीस साल के लग रहे थे। उनकी आंखें डर के मारे सिकुड़ गई थीं।

"बहुत अच्छा, बड़ी बहन जू," एक आदमी ने कहा, उसकी आवाज चापलूसी भरी थी। "आपको चार होशियार युवा बच्चे मिल गए।"

"उन्हें सर्वेंट क्वार्टर में ले जाओ," महिला ने कहा, उसका चेहरा ठंडा पड़ गया, यहाँ तक कि वह मेंग हाओ और दूसरों को भी नहीं देख रही थी। अचानक, उसका पूरा शरीर रूपांतरित हुआ। वह एक इंद्रधनुष बन गई और फिर पहाड़ो में गायब हो गई।

इतने में मेंग हाओ का खोया मानसिक संतुलन ठीक हो रहा था। उसने घूरकर देखा, स्तब्ध, उस जगह पर जहां महिला गायब हो गई थी। एक भाव उसके चेहरे पर दिखाई दिया जो सोलह वर्षों से दिखाई नहीं दिया था। उसका खून खौल रहा था।

"नौकर?" उसने सोचा। "यदि यह कार्य अमर लोगों के लिए है, तो तनख्वाह अच्छी होगी।" अब जब वह जानता था कि लोग उन्हें मारना नहीं चाहते थे, तो वह एक कदम आगे बढ़ा।

"सिस्टर जू क्यूई संघनन के सातवें स्तर पर पहुंच गई है," अन्य किसानों की आत्माओं के साथ। "संप्रदाय पुजारी ने उसे पावन पताका लहराते हुए शुभकामनाएं दीं, यानी चूंकि वह फाउंडेशन की स्थापना की अवस्था में नहीं है फिर भी उड़ सकती है।" उसने मेंग हाओ और दूसरे लोगों को अहंकार भरी निगाहों से देखा।

"तुम और तुम," उसने वांग और चतुर युवक की ओर इशारा करते हुए कहा। "मेरे पीछे दक्षिणी नौकरों के क्वार्टर तक चलो।"

"यह कौन सी जगह है?" वांग ने पूछा, उसकी आवाज और शरीर दोनों काँप रहे थे।

"रिलायंस सम्प्रदाय।"

Vous aimerez aussi

ट्रू मार्शल वर्ल्ड

33 आसमानों के मानव सम्राट, लिन मिंग, और उनके प्रतिद्वंद्वी, पाताल के दानव राजा, अपने सबसे मजबूत विशेषज्ञों के साथ, एक अंतिम लड़ाई में उलझे हुए थे। अंत में, मानव सम्राट ने पाताल जगत को नष्ट कर दिया और पाताल के दानव राजा को मार डाला। तब तक, एक ईश्वरीय शिल्प कृति, रहस्यमय बैंगनी कार्ड, बहुत लंबे समय से अंतरिक्ष समय के भंवर में, लिन मिंग के एक प्रियजन के साथ, अनंत स्पेस-टाइम के बीच से सुरंग बना कर गायब हो गया। विशाल जंगल में, जहाँ मार्शल आर्ट अभी भी अपनी शैशव अवस्था में धीरे-धीरे पनप रही थी, कई बेजोड़ मास्टर्स ने मार्शल आर्ट की दुनिया में अपना रास्ता खोजने की कोशिश शुरू कर दी थी। आधुनिक पृथ्वी से यी यून नामक एक युवा वयस्क अनजाने में ऐसी दुनिया में पहुँच जाता है और अज्ञात मूल के बैंगनी कार्ड के साथ अपनी यात्रा शुरू करता है। यह एक शानदार, लेकिन अभी तक अज्ञात, सच्ची मार्शल दुनिया है! ट्रू मर्शिअल एक सामान्य युवा व्यक्ति और उसके कारनामों की अद्भुत कहानी है !!

Cocooned Cow · Oriental
Pas assez d’évaluations
97 Chs
Table des matières
Volume 1