ज़ेरीच, शमेथस के इस तीखे और सपाट अंदाज़ से काफी हैरान हुआ था और थोड़ा काम को लेकर सोच मे भी पड़ गया था ,लेकिन जल्दी ही उसने अपना फैसला लिया और चाय के आते ही ज़ेरीच ने शमेथस को चाय लेने को कहा तो शमेथस बोला " मतलब आपने तय कर ही लिया कि काम मुझसे ही लिया जायेगा ।"
घूंट भर रहे ज़ेरीच ने भोन्हे उठाते हुए शमेथस को देखा और आखिर कार वो बोला " क्यूंकि बात समझ ही गये हो तो बात ये है कि हमे तुम्हारे हुनर की ज़रूरत है , हमारी गाड़ियाँ सही चल रही है और बाकी सब भी लेकिन हमे अंदेशा है कुछ तो गड़बड़ है और हमे इसके बारे मे पता करना है ,हमे ये खबर मिली है कि हमारे दुश्मनो ने कुछ संदेश भेझे है यहाँ पर किसी को और वो हमे मिल भी गये है "
ये सुनते ही cup के चारो कोनो को अपनी ऊँगली से छूता हुआ शमेथस बोला " जब मिल गये है तो मेरी ज़रूरत क्यो पड़ी है ,मुझे जाने दिया जाए "
"दरअसल हम वो code words decode नही कर पा रहे है ,देखो हज़ारों बेगुनाहो की जान जा सकती है , इसलिए हमे ये decode करना बड़ा ही ज़रूरी है , तुम भी तो एक फ़ौजी के दोस्त रहे हो ,तो क्या तुम ऐसे ही उसकी कुर्बानी को अपनी ज़िद्द की वजह से जाने दोगे , सोचो शमेथस और हाँ यहाँ हमे एक manager की भी ज़रूरत है तो अच्छे से सोच लो " ज़ेरीच ने बिना किसी लाग लपेट के बात को शमेथस के आगे रख और उसे सीधे शब्दों मे बात करना ठीक समझते हुए उसे सब बताया ,ज़ेरीच एक बेहद धूर्त अउ चालाक आदमी था ,वो शमेथस के बात करने के अंदाज़ से समझ चुका था की शमेथस को बातो के जाल मे फंसाना आसान नही है ।
तभी शमेथस जिसने चाय खत्म कर ली थी ,वो उठकर चला और बोला " चाय के लिए शुक्रिया ,उम्मीद है फिर कभी मुलाक़ात नही होगी "
ऐसा कहकर जैसे ही शमेथस वहां से चला ,ज़ेरीच ने अपना pipe जलाया और फिर धुआं छोड़ते हुए बोला " सोच लो नौजवान ,वरना गैर सरकारी चीज़ो को तोड़ने मे माहिर हूँ " जो कदम अब तक आगे बड़ रहे थे इस बात से वहीं रुक गये और शमेथस ने पीछे मुड़कर देखा और ज़ेरीच के पास आकर खड़ा हुआ ।
ज़ेरीच के चेहरे पर जीत की शैतानी मुस्कान छा गई ,लेकिन तभी सेठ्स ने सामने पड़े biscuits को उठाया और एक biscuit को मुँह में डालते हुए कहा " माफ़ करना हे भूल गया था , वैसे काफी tasty है ,चलता हूँ फिर कभी भी ना मिलने के लिए "
अब शमेथस वहां से बाहर आ गया ,ज़ेरीच को कुछ देर तक तो समझ ही नही आया कि ये हुआ क्या है ,क्यूंकि आज तक कभी भी उसकज बात को तालने की हिम्मत किसी की भी नही हुई थी ,सेठ्स पहला ऐसा इंसान था जिसने ज़ेरीच को इंकार किया था ,वो भी इस तरह से ।
अब क्या बदला लेगा जीरीच और क्यो था वो इस काम के लिए इतना dedicate ,जानने के लिए बस कल तक का इंतज़ार करे ।