webnovel

।कूट का षड्यंत्र।

अब कूट कालाक से पुछता है मुझे तुम्हारी किस प्रकार मदद करनी होगी मुझे बताओ कालाक तुम्हें बस इतना काम करना की तुम्हारे शान ग्रह का जो सूर्य उसे लेकर आ मेरे और फिर देखो इतनी बात सुनकर कूट हैरान हो जाता है क्योंकि वह तो एक सूर्य है उसे केसे लाया जा सकता है ।

कूट कहता है की मेरे पास राज परीवार जैसी शक्तियां नहीं है मैं सूर्य का तेज कैसे सहुगा कालाक कहता है ठीक है मैं तुम्हें अपनी आदि शक्ति है देता हूं और तुम मुझे वह सुर्य लाकर दो

कूट शक्तियां पाकर वहुत खुस होता है और सान ग्रह पर पहुचता लेकीन वह अभी अपनी शक्तियों का प्रयोग नहीं करता हैं वह दिमाग से काम करता है पहले वह राज्य में जितने भी राजपरीवार के जासूस है उन्हें मार देता प्रजा पर अत्याचार करने लगता है जो भी उसके खिलाफ आवाज उठाता है वह ऊसे मार देता है प्रज्ञा का जो भी फरियादी महाराज से कूट की शिकायत करना चाहता है लेकीन माहाराज के पास नही पहुच पाता क्योंकि फरियादी ग्रह के मुख्य द्वार पर वह अपने सैनिक लगा चुका था और धीरे-धीरे अत्याचार पड़ता है और वह हमेशा ऐसी बात करता था जिससे राजपरिवार मे काफी झगड़ा होता रहता था

राज्य में कुछ पहले जैसा नहीं रहा सब कुछ करेंगे प्रजा परेशान और दुकानदारों को उनके सामान का सही मोल नहीं मिला इस अत्याचार से परेशान होकर कुछ लोग तो राज्य को छोड़कर जाने लगे और सान ग्रह के जंगलों और गुफा में रहने लगे यहां महाराज को लगता था कि उनकी प्रजा बिल्कुल परेशान नहीं हैं क्योकी कोई भी अपनी फरयाद नही ला रहा था एक बार महाराज कूट से पूछ लेना की कोई भी फरियाद नही ला रहा तो कूट उनहे बताता है महाराज मैं प्रजा में भ्रमण करके उनकी सारी समस्याओं का समाधान कर देता हूं तो यहां तक वह क्यों आएंगे महाराज खुश हो जाते हैं और कुट से कहते हैं बस ऐसे ही हमारे राज्य पर ध्यान देना क्योंकि यह हमारी प्रजा हमारे लिए सब कुछ है और कूट कहता है सही कहा महाराज प्रजा हमारे लिए सब कुछ है और हंसता है।