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मैं हूँ राजकुमारी अनाया l

Chapter - 4

ताई ने शिद्दत से कहा - जिस दिन तुम्हें प्यार होगा उस दिन पता चलेगा कि इंतजार क्या होता है l

शिद्दत उसे देखते हुए कहती है - ऐसा कभी भी नहीं होगा वैसे आप क्या उससे प्यार करते हैं l

ताई ने मुस्कुराते हुए अपनी पलक झपकाकर कहा - हाँ बहुत l

ताई ने कहा - अब तुम बताओ ये तुम्हारे गले पर चोट कैसे लगी l शिद्दत दूसरी तरफ मुड़ गई और गले पर हाथ रख कर कहा - वो... कुछ बदतमीज लड़के हमारे शरारत कर रहे थे और ये घाव उनमें से ही एक लड़के के नाखून के हैं l

ताई ने उसका हाथ पकड़ अपनी तरफ पलटा और हैरानी से कहा - क्या ये सब उन लड़कों ने किया और तुमनें किसी को बताया नहीं क्या तुम्हारी अच्छाई तुम्हारे इज़्ज़त और जान से बड़ी है l

शिद्दत ने कहा - मैंने सोचा नहीं इसके बारे में l

ताई ने कहा - इसमे सोचने वाली क्या बात है वो कोई अच्छे लड़के नहीं थे वो एक बुरे और दुष्ट विचार से तुम्हारे साथ क्या कर सकते हैं ये तुम्हें अंदाजा भी नहीं l

शिद्दत - हमें उस समय कुछ समझ नहीं आ रहा था तो हम क्या करते हम यहां सिर्फ अपनी दोस्त अनाया के लिए आये हैं न कि इन सब में पड़ने l

ताई ने गुस्से से कहा - सजा तो उन्हें मिलेगी उन्होंने एक लड़की के दुर्व्यवहार किया है और इसके लिए बहुत बड़ी सजा मिलेगी मैं उन्हें छोडूंगा नहीं l

वो बाहर जाने लगता है तभी वो रुकता है और बिना उसकी ओर देखे कहता है - जब बात अपने इज्जत की हो तो सारे रिश्ते भूल जाने चाहिए यहां तक कि इंसानियत और अच्छाई भी l

शिद्दत उसकी बात सुनती है ताई वहाँ से चला जाता है शिद्दत खुद से ही बडबडाती है ये राजकुमार बहुत अजीब है मेरे समझ के बाहर है l

ताई गुस्से से बाहर आता है और सभी को इकट्ठा होने को कहता है सभी एक हॉल में इकट्ठे होते हैं ताई सिद्दत का हाथ पकड़ उसे सामने लेकर आता है l

ताई - बताओ इनमें से कौन - कौन था वो ?

शिद्दत सामने देखती है और एक साथ खड़े चार लड़कों को अपने हाथ से दिखाती है और कहती है - यही चारो थे l

ताई ने उनकी तरफ देखा तो वो उस कबीले के सबसे बिगडैल लड़के थे l

ताई उनके पास गया और उन चारों को बहुत ही गुस्से से मारने लगा वो चारो कहते रहे - हमारी गलती क्या है ?

तभी गुरु जी आए और उन्हें रोका - क्या हुआ क्यों मार रहे हो इन्हें l

ताई ने उसी लहजे में कहा - आप अगर सुनेंगे तो आप भी इन्हें सजा दिए बिना नहीं रह पाएंगे l

गुरु - किया क्या है इन्होने हमें तो बताओ l

ताई - इन्होंने शिद्दत के साथ छेड़खानी की है l

गुरू जी और बाकी सभी हैरानी से उसे देख रहे थे ताई ने कहा - इन्हें कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए ये मेरा आपसे अनुग्रह नहीं तो अगर मैंने इन्हें सजा दी तो इनमें से कोई जिंदा नहीं बचेंगे l

सभी ने उसे पहली बार आज इतना गुस्सा देखा था गुरु जी ने शिद्दत को पास बुलाया और उससे पूछा - क्या ये सच है l

शिद्दत ने उन चारों को देखा जो अपना सर लटकाये खड़े थे उसने कहा - जी ये सच है इन्होने हमसे बदतमीजी की है l

गुरु जी ये सुनते ही उन चारों को डांटने लगे ताई ने कहा - इन्हें हमारी नजरों से दूर ले जाइए और इन्हें दंड दीजिए l

गुरु जी ने शिद्दत से कहा - क्या तुम चाहती हो कि इन्हें दंड दिया जाये l

ताई - आप ये क्या बात कर रहे हैं आप उससे क्यूँ पूछ रहे हैं गुरु - देखो ताई जोंग हमें इसकी राय भी लेनी जरूरी है l

उन चारों लड़कों ने हाथ जोड़कर माफी मांगने लगे l

- - - हमें माफ़ कर दो हम दोबारा ऐसा कभी नहीं करेंगे l

ताई - नहीं इन्हें माफ़ मत करना l

सिद्दत ने ताई को फिर उन चारों लड़कों को देखा गुरु जी ने उससे फिर पूछा - क्या तुम चाहती हो इन्हें सजा मिले l

शिद्दत ने कहा - नहीं इन्हें छोड. दीजिये इन्हें अपनी गलती का एहसास हो चुका है l

इतना कहकर वो वहाँ से चली गई सभी उसे देखते रहे ताई उन चारों को घूरते हुए देख रहा था गुरु जी ने कहा - सभा खत्म हुई सभी लोग जाइए यहां से l

ताई वहीँ खड़ा रहा और सोचता रहा कि आख़िर शिद्दत ने ऐसा क्यूँ किया l

शिद्दत अपने कमरे की तरफ जा रही थी वो सोच में डूबी हुई थी कि तभी पीछे से कोई उसके बाजुओं को पकड़ खींच लेता है और कमरे की दीवार से लगा देता है शिद्दत देखती है तो ताई सामने था उसने कहा - आप... आप फिर आ गये अब क्या हुआ l

ताई ने उससे गुस्से से कहा - तुमनें उन्हें जाने क्यों दिया क्यों उन्हें सजा नहीं देने दिया l

शिद्दत ने उसे पीछे धक्का दिया ताई उससे दूर हुआ और बोली - आप पागल हो देखा नहीं गुरु जी ने हमसे कैसे पूछा तुम क्या चाहती हो इसे सजा दे या न दें समझ नहीं आता हम एक साधारण सी लड़की हैं ना कि आपकी तरह राज घराने से जो हमारी बात सब सुनेंगे l

देखिए आप अपने काम कीजिए हमारी चिंता मत कीजिए आप अपने काम पर ध्यान दीजिये हमारे ऊपर इतना समय खर्च न कीजिए l

ताई - उतने सालों तक खर्च किया है तो अब आखिरी समय में कैसे छोड. दूँ l

शिद्दत ने उसकी बात को ध्यान से सुना नहीं तो इसलिए उसने दुबारा बात को दोहराने को कहा l

ताई - कुछ नहीं l

वो बिना कुछ बोले चला जाता है l

अगले सभी अभ्यास के लिए बाहर जा चुके थे शिद्दत भी तैयार होकर बाहर आती है तभी सामने उसे वो चारों लड़के रोक लेते हैं शिद्दत अपना सर उठाकर देखती है उनमे से एक ने कहा - तुमनें हमारी शिकायत उस ताई से की हमनें मना किया था न कि किसी को मत बताना इस बारे में फिर भी तुमनें बताया l

दूसरे लड़के ने कहा - तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ये बताने की इतना खूबसूरती लेकर चलोगी तो किसी का भी दिल आ सकता है न तुम्हारे ऊपर... और थोड़े से हमने मजे ले लिए तो क्या हो गया था l

अब शिद्दत को गुस्सा आने लगा था फिर तीसरे लड़के ने कहा - और वो ताई वो इतना तुम्हारी चिंता क्यों करता है कहीं उसका भी दिल हमारी तरह तुम पर तो नहीं न आ गया है l

फिर आखिरी लड़के ने कहा - कहीं वो भी हमारी तरह तुम्हारे साथ... वो कुछ बोल पाता उससे पहले शिद्दत ने उसकी मयान से तलवार निकाली और उसकी जीभ काट दी वो दर्द से चिल्लाने लगा l

सभी उसकी आवाज़ सुन उस तरफ आए साथ में गुरु जी और ताई भी था सिद्दत ने कहा - उनके बारे में गलत बोलने से पहले सोच लो क्या बोल रहे हैं क्या आप के राज्य में यही सब सिखाया जाता है l

पहले लड़के ने गुस्से से कहा - तुम्हारी इतनी हिम्मत की तुमने मेरे दोस्त को चोट दी एक मामूली लड़की होकर l

शिद्दत ने कहा - हाँ तो बताओ क्या करोगे l

लड़के ने कहा - तुम हमसे ज़बान लडाती हो मामूली लड़की l

जैसे ही वो उसपे वार करने को हुआ शिद्दत ने उसके वार को रोक दिया और जिससे वो जमीन पर गिर गया शिद्दत ने उसके गले के पास तलवार लगाकर कहा - मैं कोई साधारण लड़की नहीं हूँ मैं हूँ उत्तर भारत की राजकुमारी अनाया समझे l

सभी ये सुन चौंक जाते हैं और एक दूसरे से बातें करने लगते हैं - राजकुमारी अनाया... राजकुमारी अनाया... तो फिर ये कौन है ?

Continue...