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Vampire King true love

वतसल्या और नैना एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं। जहां वात्सल्य नैना के साथ शादी करके अपनी नई जिंदगी की शुरुआत करने जा रहा था,तो वहीं पर अंधेरी दुनिया के राजा और वैंपायर किंग कनिक्स को भी तलाश है एक खास नक्षत्र में पैदा हुई लड़की की, जिसके लिए उसने सदियों से इंतजार किया है और जिसके साथ शादी करके उसे अपार शक्तियों वाली संतान प्राप्त होगी। कनिक्स की तलाश पूरी होती है नैना पर आकर.. क्योंकि नैना ही वह खास नक्षत्र में जन्मी हुई लड़की है जो कनिक्स के बच्चे को जन्म दे सकती है ऐसे में क्या वात्सल्य अपने प्यार को बचा पाएगा, एक इंसान और वैंपायर की जंग मे कौन जीतेगा अपने प्यार के लिए।

Soo_Haa · Fantasy
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episode 6

वह सब लोग वात्सल्य को हैरानी से देख रहे थे। वात्सल्य उन सबको अपनी तरफ देखता पा कर घबरा जाता है । वह सब लोग एकदम आंखें फाड़े हुए वात्सल्य को देख रहे थे। जैसे कि वात्सल्य ने कोई नाम नहीं लिया है , बल्कि एक ऐसा काम किया है जिसकी उसे इजाजत नहीं है। वह सबको देखते हुए कहता है, " क्या हुआ? सब लोग मुझे ऐसे क्यों देख रहे हैं ? मैंने तो बस एक पता ही पूछा है । नहीं पता है तो बता दो मुझे।"

 ढाबे वाला लड़का हैरान नजरों से वात्सल्य को देखता हुआ ढाबे के अंदर चला जाता है और वात्सल्य बस उसे जाता हुआ ही देखता रह जाता है । वह सब को देखता है, कि कितने अजीब लोग हैं यहां पर । ऐसे आंखें फाड़ फाड़ कर देख रहे हैं और कोई कुछ कह भी नहीं रहा है।

 वही नैना भी वॉशरूम इस्तेमाल कर के बाहर आ गई थी। लेकिन अब उसे बहुत ज्यादा अजीब लग रहा था । अंदर ना तो पानी था और ना ही साबुन । उसे हाथ धोना था। नैना ने इधर-उधर देखा। तो उसे पास में एक ब्लू रंग का ड्रम नजर आता है और उसके ऊपर मग। शायद उसमें पानी है। नैना जल्दी से वहां पर चली जाती है। उसमें सच में पानी था। नैना ने माग उठाया और ड्रम के अंदर से पानी लिया । लेकिन अब दिक्कत यह थी, कि उसके पास साबुन या फिर कुछ भी ऐसा नहीं था जिससे वह हाथ साफ कर सके । वह इधर-उधर देखने लगती है। उसे सच में कुछ नजर नहीं आता है ।

  वह परेशान हो जाती है, कि अब वह क्या करें? तभी उसके सामने एक साबुन आ जाता है। नैना रिलैक्स हो जाती है और जल्दी से उस साबुन को अपने हाथों में ले लेती है । पर तभी वह चेहरा घूमा कर देखती है, जिसने नैना को साबुन दिया था। वह और कोई नहीं बल्कि वही तांत्रिक बाबा थे, जिनसे नैना अभी थोड़ी देर पहले डर गई थी । नैना घबरा जाती है उन्हें वहां देख कर और जल्दी से अपने कदम पीछे ले लेती है।

  पर तांत्रिक बाबा ने नैना से कुछ नहीं कहा। वह वहीं पर खड़े थे । नैना जल्दी से साबुन का इस्तेमाल करते हुए पानी से अपने हाथ धोती है। और अगले ही पल वह वहां से निकल जाती है। वह उस तांत्रिक बाबा से बहुत घबरा रही थी, कि वह नैना के पीछा क्यों कर रहे हैं ?

  तभी नैना जैसे ही ढाबे की तरफ बढ़ती है, वह देखती है कि वहीं पर लगे हुए एक पेड़ के ऊपर एक काले रंग की पुतली को धागे से बांध कर लटकाया गया है। वह काले रंग का पुतला कपड़े का बना हुआ है और उसके ऊपर हाथों से इंसान के चेहरे को बनाने की कोशिश की गई है। नैना ने देखा उस पेड़ पर ऐसे दो-तीन पुतले और लगे हुए हैं । छोटे-छोटे काले कपड़ों के पुतलों को ऐसे पेड़ पर लटका हुआ देख कर नैना डर गई और घबराते हुए उन्हें देखने लगी। उसने ऐसा पहले कभी नहीं देखा था। यह उसके लिए बहुत ही डरावना और हैरान कर देने वाला था।

 " यह तुम्हे इस गांव के हर घर में देखने को मिलेगा।" पीछे से उस तांत्रिक बाबा की आवाज आती है । नैना एकदम से घबरा जाती है और घबराते हुए उस तांत्रिक बाबा को देखने लगती है। वह तांत्रिक बाबा नैना के पास आते हैं और उन वुडू डॉल को देखते हुए कहते हैं, " लोगों ने अपनी सुरक्षा के लिए इसे लगाया हुआ है। क्योंकि अगर वह ऐसा नहीं करेंगे, तो उनकी और उनके अपनों की जिंदगियां खतरे में पड़ जाएगी।"

  नैना घबराते हुए उस पेड़ पर टंगी हुई वुडू डॉल को देखती हैं और डरते हुए तांत्रिक बाबा से कहती है, " लेकिन इतनी अजीब सी चीज लोगों ने लगाई क्यों है ? यह तो काफी डरावनी लगती है दिखने में।"

  उस तांत्रिक बाबा ने वुडू डॉल को देखते हुए नैना से कहा, " क्योंकि लोग नहीं चाहते हैं, कि चमगादड़ की रुह उन्हें परेशान करें ।"

  नैना एकदम से हैरान हो जाती है । उसकी आंखें एकदम से बड़ी हो जाती है और वह घबराते हुए कहती है, " क्या चमगादड़ की रूह? रूह मतलब सोल - आत्मा चमगादड़ की आत्मा ?"

 तांत्रिक बाबा हा में सर हीलाते हुए कहते हैं, " हां चमगादड़ की आत्मा। चमगादड़ की बुरी आत्मा जो सदियों से लोगों को अपना शिकार बना रही है। इसीलिए यहां के लोगों ने अपने घर के बाहर इस तरीके की कपड़ों की बनाई हुई गुड़िया को रखा हुआ है। ताकि चमगादड़ उनके घर पर हमला न कर सके।"

  नैना हैरान नजरों से उस कपड़े को देखती हैं और उसे देखते हुए तांत्रिक बाबा से कहती है, " स्ट्रेंज आज भी लोग इन सब में बिलीव रखते हैं। वैसे इस डॉल के अंदर है क्या ? जो रूह को उनके पास नहीं आने देती है ।"

  तांत्रिक बाबा एक नजर नैना को देखते हैं और उसके बाद अपने झोले में जो उनके कंधे पर टंगा हुआ था, उसमें हाथ डालते हैं वह उसमें से कुछ निकालते हैं और नैना की तरफ करते हुए कहते हैं, " उसके अंदर यह है।"

 नैना हैरानी से उनके हाथों में पड़ी हुई उस चीज को देखती हैं और अपनी नाक सिकुड़ते हुए कहती है, " याकककक गार्लिक …"

  तांत्रिक बाबा हा में सर हिलाते हुए नैना की तरफ उस लहसुन को बढ़ाते हैं और कहते हैं," तुम जिस तरफ जा रही हो, वहां तुम्हें इसकी जरूरत पड़ेगी। इसे रख लो और अपने पास ही रखना । चाहे कुछ भी हो जाए । इसे खुद से दूर मत होने देना । वरना वह बुरी आत्मा तुम्हें नुकसान पहुंचा सकती है।"

  नैना घबराते हुए अपना एक कदम पीछे लेती है, वह डरते हुए कभी तांत्रिक बाबा को देख रही थी तो कभी उस वुडू डॉल को। लेकिन तांत्रिक बाबा ने उसे कहा, " डरो मत बेटी । मैं तुम्हारा बुरा नहीं चाहता हूं। बस तुम्हें आगाह कर रहा हूं। इसे रख लो।"

 नैना के दिमाग में पता नहीं क्या आता है और वह अगले ही पल उस लहसुन को अपने हाथों में ले लेती है। कुछ सोचते हुए नैना उस लहसुन को अपने बैग में डाल लेती है। और फिर एक नजर उस वुडू डॉल को देख कर नैना तेज कदमों से वहां से निकल जाती है। वह जैसे ही ढाबे के पास पहुंचती है, वहां पर वात्सल्य पहले से ही उसका इंतजार कर रहा था ।

  नैना वात्सल्य के पास आते हुए उसका हाथ पकड़ती है और उसे खींचते हुए कहती है, " वात्सल्य चलो यहां से। मुझे कुछ नहीं खाना है। रास्ते के लिए कुछ स्नैक्स ले लो। वरना मुझे खाना नहीं खाना। प्लीज चलो यहां से।"

  नैना को इतना घबराया हुआ देख कर वात्सल्य भी थोड़ा हैरान हो जाता है। एक तो वह यहां पर वैसे ही सारे लोगों की नजरे खुद के ऊपर देखा पा कर हैरान हो गया था। ऊपर से नैना का यह डरा हुआ चेहरा उसे और परेशान कर रहा था। वह जल्दी से चारपाई से खड़ा हो जाता है और ढाबे के अंदर खड़े आदमी से कहता है, " हमारा खाना कैंसिल कर दो बदले में यह चिप्स के पैकेट और यह कोल्ड ड्रिंक का केन गाड़ी में रखवा दो ।"

  वात्सल्य नैना को ले कर वापस गाड़ी में बैठ जाता है। वात्सल्य ड्राइव कर रहा था और नैना परेशानी से खिड़की के बाहर देख रही थी । वह उस तांत्रिक बाबा की कही हुई बातों को सोच रही थी । वात्सल्य का पूरा ध्यान नैना की तरफ था और वह देख रहा था, कि जब से नैना ढाबे से वापस आई है तब से ही उसके चेहरे पर एक अजीब सी परेशानी है।

 " क्या बात है नैना ? परेशान नजर आ रही हो।" वात्सल्य कहता है। तो नैना ना ने सर हिलाते हुए कहा, " नहीं कुछ भी नहीं बस ऐसे ही। हम कब तक पहुंचेंगे ? बहुत समय हो गया है गाड़ी में। बैठे-बैठे अब तो बोर लग रहा है। ऊपर से शाम भी होने वाली है।"

  वात्सल्य ने गूगल मैप पर देखते हुए कहा, " बस यहां से डेढ़ घंटे का रास्ता और है । पता नहीं इतने जंगल में प्रॉपर्टी खरीदने की मिस्टर पूना वाले को क्या जरुरत आ गई है। पापा टाउन में इतनी अच्छी-अच्छी प्रॉपर्टीज उन्हें दिखा रहे थे, पर उन्हें इसी जंगल में अपना रिजॉर्ट बनाना था। अब वह पापा के इतने अच्छे एक क्लाइंट है, इसीलिए पापा उन्हें मना भी नहीं कर पाए। 

  डोंट वरी अपना काम खत्म कर के हम आज रात को ही वापस निकल जाएंगे और जहां तक बात रही तुम्हारे बोर होने की, तो यह लो जब तक रास्ता नहीं खत्म होता है तब तक म्यूजिक सुनो।"

  वात्सल्य ने म्यूजिक सिस्टम पर नैना का फेवरेट BTS का सॉन्ग लगा दिया। नैना के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है और वह खुश होते हुए उसे सॉन्ग को सुनने लगती है।

  जंगल का रास्ता था और धीरे-धीरे रात हो रही थी । वात्सल्य ड्राइव कर रहा था और नैना खिड़की की तरफ चेहरा करते हुए सॉन्ग को एंजॉय कर रही थी। तभी वह देखती है, कि खिड़की के बाहर उसे कुछ उड़ता हुआ नजर आता है। पर रात के अंधेरे में वह ठीक से नजर नहीं आ रहा था। जैसे-जैसे रात गहराती जा रही थी, वैसे-वैसे वह चीज नैना की खिड़की के बाहर ही उड़ती हुई नजर आ रही थी। नैना हैरानी से वात्सल्य से कहती है, " यह क्या चीज है ?"

  वात्सल्य ने खिड़की के बाहर देखा तो उसे भी कुछ उड़ता हुआ नजर आया । उसने जल्दी से साइड को लाइट ऑन की तो उसे जो चीज नजर आई उसे देख कर वात्सल्य और नैना दोनों हैरान हो गए । उनकी गाड़ी के साथ-साथ एक चमगादड़ उड़ रहा था। 

 " 😳 ओएमजी यह तो बेट है । चमगादड़ …" वात्सल्य हैरानी से कहता है । लेकिन नैना की आंखें एकदम से बड़ी हो जाती है और वह हैरानी से कहती है, " इतना बड़ा चमगादड़ ? यह तो चील से भी बड़ा है। यह चमगादड़ नहीं है शायद कुछ और है।"

  लेकिन वात्सल्य ने उस चीज को देखते हुए कहा, " नहीं नैना यह चमगादड़ ही है । वह देखो उसके पंख तुम्हें दिखाई नहीं दे रहे हैं ? पर यह देख कर तो मैं भी हैरान हूं, कि यह चमगादड़ इतना बड़ा क्यों है ? शायद जंगलों में ऐसे ही चमगादड़ पाए जाते होंगे। जो की साइज में बहुत बड़े होंगे।"

 " I'm scared प्लीज तुम गाड़ी थोड़ा तेज चलाओ। मुझ डर लग रहा है। यह जो चीज भी है, मुझे इसे नहीं देखना है। प्लीज थोड़ा फास्ट ड्राइविंग करो।"

  नैना घबराते हुए कहती है तो वात्सल्य हा में सर हिलाता है। वह जल्दी से गाड़ी की स्पीड बढ़ा देता है। और तेजी से ड्राइव करने लगता है। 2 मिनट बाद वात्सल्य की गाड़ी उस चमगादड़ से आगे निकल जाती है और नैना एक गहरी सांस लेती है। लेकिन जैसे ही वह दोनों रिलैक्स होते हैं, वैसे ही वात्सल्य की आंखें एकदम से हैरान हो जाती है और नैना भी घबरा जाती है। जो चमगादड़ उन दोनों ने पीछे छोड़ दिया था, अब वह उसकी गाड़ी के सामने उड़ रहा था।

  सामने की हेडलाइट की रोशनी की वजह से वह चमगादड़ उन दोनों को साफ नजर आ रहा था । उसके पंख विशाल थे और वह बड़े-बड़े पंखों को हवा में लहराते हुए उनकी गाड़ी के आगे आगे उड़े जा रहा था। वात्सल्य उस चमगादड़ को इतनी हैरानी से देख रहा था, कि उसका ध्यान इस बात से हट ही गया कि वह ड्राइविंग कर रहा है।

  और नैना के चेहरे पर भी पसीने आ गए थे। वह भी घबराते हुए उस चमगादड़ को देख रही थी । अचानक से चमगादड़ ने उल्टी दिशा में उड़ना शुरू कर दिया। वात्सल्य और नैना एक साथ चीख पडते हैं। क्योंकि चमगादड़ सीधे जाने की जगह उल्टा उनके गाड़ी की तरफ आ जाता है । और जैसे ही वह दोनों हैरानी से उस चमगादड़ को देखते हैं, वह चमगादड़ सीधे उनके शीशे के सामने आकर चिपक जाता है।

  वात्सल्य और नैना दोनों अपनी आंखें बंद कर लेते हैं और जोर से चिल्लाने लगते हैं। वात्सल्य अपना बैलेंस खो देता है और उसकी गाड़ी सड़क से नीचे उतर जाती है। लेकिन वात्सल्य ने स्टीयरिंग व्हील संभाला और जल्दी से ब्रेक लगा दिया। गाड़ी अब तक अनबैलेंस हो गई थी और एक पेड़ से जा कर टकरा जाती है । नैना के चेहरे पर पसीने आ गए थे और वह जोरों से चिल्लाते हुए हाफने लगती है।

   जब वात्सल्य की गाड़ी पेड़ से टकरा कर रूकती है, तो वात्सल्य तेजी से सांस लेते हुए अपना चेहरा ऊपर कर के देखता है । पर वह हैरान हो जाता है। वह चमगादड़ अब उसके शीशे पर नहीं था। वहां पर कुछ भी नहीं था। सिर्फ एक पेड़ था जिस पर उसकी गाड़ी टकराई थी ।