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Chapter 9

सुबह का वक्त । ।

सांची का घर । ।

 साची के घर में साफ , , , , सफाई चल रही थी , , ।

नीलम नीलम जी ने खुशी के , , , , मारे पूरा घर सर पर उठा रखा था , , ।

 आखिर खुस भी क्यों न हो , , , , उनकी बचपन की दोस्त पूरे 1 साल बाद उनसे मिलने आ रही थी , , ।

 और उनकी की प्यारी बेटी , , , , श्री के अपने बेटे से शादी की बात करने आ रही थी , , ।

जिसका सपना वो कई , , , , सालों से देख रही थी , , ।

 नीलम जी ने राजेश जी को , , , , सब कुछ बता दिया था , , ।

राजेश जी भी बहुत खुश थे कि , , , , आखिर उनकी बेटी की शादी होने जा रही है , , ।

 और उनकी पत्नी का , , , , सपना पूरा होने जा रहा है , , ।

 लेकिन हमारी श्री जिसे इस , , , , बार जो इस बात से अनजान थी , , ।

अभी भी कमरे में कॉलेज , , , , के लिए तैयार हो रही थी , , ।

 नीलम जी किचन में पूनम जी , , , , और उनके परिवार के लिए नाश्ते की तैयारी कर रही थी , , ।

 कि तभी श्री और सांची कमरे , , , , से बाहर आती है और उनसे कहते हैं , , ।

 " मा हम कॉलेज जा रहे हैं , , " ।

 श्री की बात सुन कर नीलम जी , , , , किचन से बाहर आती है और उसे कहते हैं , , ।

 " श्री साची आज तुम दोनों , , , , कॉलेज मत जाओ , , " ।

 श्री और साची नीलम जी की , , , , बात सुन कर थोड़ी कंफ्यूज होते हैं , , ।

और उन्हें अपनी कणफ्यूम नजरों , , , , से देखते हुए उनसे कहती है , , ।

 " क्यों मां हम कॉलेज क्यों न जाएं ? , , " ।

 श्री ये नीलम जी से कह रही थी , , , , कि तभी उसकी नजर पूरे घर पर जाती है , , ।

 श्री पूरे घर में नजर घुमाती है , , , , तो थोड़ी सी हैरान हो जाती है , , ।

 क्योंकि वह देखती है कि घर , , , , में सारी पुरानी चीजें हटा कर नई चीजें लगाई हुई थी , , ।

सोफे के पुराने कोवर की जगह नए , , , , कवर थे और नए - नए कटिंग की लगे हुए थे , , ।

 श्री घर का नक्शा बदलाव देख , , , , कर अपनी मां से थोड़ा कंफ्यूज होकर पूछती है , , ।

 " मा ये सारी पुरानी चीज हटा , , , , कर नई चीज क्यों लगाई है ? , , ।

 कोई मेहमान आने वाले हैं क्या ? , , " ।

 श्री की बात सुन कर नीलम जी , , , , उसके पास जाती है , , ।

और उसके चेहरे पर , , , , प्यार से से करती हैं , , ।

 " हां बेटा आज हमारी बचपन , , , , की दोस्त हमसे मिलने आ रही है , , " ।

 नीलम जी की बात सुन कर , , , , साची उन्हें छेड़ते हुए उनसे कहती है , , ।

" यह अच्छा है आपकी दोस्त , , , , आये तो आपने पूरे घर का नक्शा बदल दिया , , ।

और हमारा कोई दोस्त आता है , , , , तो उसको पानी भी नहीं पूछता , , ।

क्यों आपकी दोस्त , , , , इतनी खास है क्या ? , , " ।

 साची की बात सुन कर नीलम जी , , , , मुस्कुराते हैं और उससे कैसी है , , ।

 " हां बेटा ये हरि सबसे खास दोड़त है , , , , पहली बात तो यह कि वो हमारी बचपन के दोस्त है , , ।

और आज वो यहां अपनी , , , , अमानत हमसे लेने आ रही है , , " ।

 नीलम जी की बात सुन कर , , , , साची थोड़ी कंफ्यूज हो जाती है , , ।

और उन्हें कॉनफ्यूजफ नज़रो से , , , , देखते हो उनसे पूछती है , , ।

 " अमानत हो मां आपने दूसरे की , , , , चीज़े भी उधार ले रखी है , , ।

ऐसा भी क्या लीया है आपने , , , , अपने दोस्त से ही जो वो इतने सालों बाद लेने आ रही है , , " ।

 साची की बात सुन कर नीलम , , , , जी मुस्कुराती है और उससे कहती है , , ।

 " जब मैं छोटी थी तब , , , , मैंने उसे वादा डॉय था जिसे मैं आज तक निभा रही हु , , ।

उसकी अमानत का ध्यान रख कर , , " ।

 नीलम जी की बात सुन कर , , , , साची थोड़ा चिढ़ते हुए उनसे कहती है , , ।

 " मा प्लीज सिशे - सीधे , , , , बोलिये ऐसे पहेली मत बिजिये , , ।

बात क्या है कौन सी अमानत है ? , , , , और कोन आ रहा है आज ? , , " ।

साची की बात सुन कर , , , , नीलम जी श्री को उसके और अभय के रिश्ते के , , , , बारे में सब बता देती है , , ।

 नीलम जी की बात सुन कर , , , , साची और श्री दोनों ही शोकड हो जाती है , , ।

 श्री नीलम जी की बात सुन कर , , , , उनसे उनसे कहती है , , ।

 " मां आपने क्या कह रही है ? , , , , हमें अभी शादी . . . . " ।

 श्री इससे आगे कह पाती तभी , , , , निलम जी उसके हाथ पर हाथ रख कर उसे कहती है , , ।

 " मैं जानती हूं बेटा तो तुम्हें , , , , अभी शादी नहीं करना हसि , , ।

और कौन सा अभी हम तुम्हारी , , , , शादी करा रही हसि , , ।

बस तुम्हें देखने आ रही है शादी , , , , की बात करने आ रही है , , ।

 शादी में तो अभी वक्त है ना , , " ।

 नीलम जी की बात सुन कर श्री उनके , , , , हाथ से अपना हाथ छुड़ा कर उझसे कहत है , , ।

 " मा फिर ये देखना दिखाना , , , , भी क्यों मुझे अभी शादी नहीं करनी है , , " ।

 श्री बात कर ही रही थी कि सभी , , , , साथी भी बीच में बोल पड़ती है , , ।

 " हां मा और आप ऐसे कैसे , , , , मेरी दीदु की शादी किसी से भी करा सकती है ? , , ।

दीदु ना तो उसे इंसान को देखा है , , , , और ना ही उससे कभी मिली की है , , ।

और तो और दिदु तो उसका , , , , नाम तक नहीं जानती है , , ।

 आप मे ऐसे कैसे सोच लिया , , , , कि कोई भी राह चलता आएगा है , , , , और मेरी दिदु से शादी कर लेगा , , " ।

 साची की बात सुन कर , , , , नीलम जी उससे थोड़ा गुस्से से कहती है , , ।

 " तू चुप कर तू बीच में क्यों ? , , , , बोल रही है छोटी है ना तो छोटी की तरह , , ।

रह शादी ब्याह के मामलों में , , , , तुझे बोलने की जरूरत नहीं है , , ।

 श्री तेरी दीदु है तो वह मेरी , , , , बेटी भी है मैं उसके बारे में कभी गलत फैसला नहीं रहूंगी समझी , , ।

और जिसे तू चलता कह रही है , , , , वो बहुत बड़े घर का बेटा है , , ।

और मेरी बचपन की , , , , दोस्त का बेटा है समझी , , " ।

 साची नीलम जी की बात सुन कर , , , , उसे जैसे कुछ कहने वाली होती है , , ।

तभी श्री उसका हाथ , , , , पकड़ लेती है , , ।

 श्री के हाथ पकड़ने से , , , , सांची चुप हो जाती है , , ।

 साची के चुप होते हैं नीलम जी , , , , श्री का हाथ पकड़ कर उसके प्यार से कहते हैं , , ।

" बेटा जब से तू पैदा हुई है , , , , तब से मेरा एक ही सपना है कि तू उस घर की बहू बने , , ।

 प्लीज बेटा अपनी मां के सपने के , , , , लिए अपनी मां की बात मान ले , , ।

 और कौन सा तेरी शादी हम अभी , , , , करा रहे हैं , , ।

यर सब तो इसलिए है , , , , ताकि तुम दोनों एक बार एक दूसरे को देख लो , , ।

 प्लीज बेटा अपनी मां को विश्वास , , , , पर विश्वास कर ले , , ।

 नीलम जी की बात सुन कर , , , , श्री उनके हाथ पर अपना हाथ रख कर उनसे कहती है , , ।

 " ठीक है मा आप जैसा , , , , चाहती है वैसा ही होगा , , " ।

 श्री की बात सुन कर साची उसे देख , , , , कर उससे कुछ कहने वाली होती हैं , , ।

 तभी श्री उसके कंधे पर हाथ , , , , रख कर उससे कहती है , , ।

 " साची अब तू कुछ नहीं कहैगी , , , , ठीक है जा तू कॉलेज जा , , " ।

 श्री की बात सुन कर साची , , , , उसका हाथ अपने कंधे से हटाती है , , ।

और उससे थोड़ा , , , , गुस्से से कहती है , , ।

 " मैं कही नही जा रही हु , , , , मुझे भी देखना है कौन आपसे शादी करने वाला है , , " ।

 साची की बात सुन कर श्री , , , , उसे समझाते हुए से कहती है , , ।

" नहीं तू नहीं रुक सकती , , , , भील गयी आज तुझे अपना अस्सिनमेन्ट सबमिट , , , , करना बहुत जरूरी है , , ।

वरना तेरी पूरे महीने की मेहनत , , , , खराब हो जाएगी इसे लिए तू चुप चाप कॉलेज जा , , " ।

 श्री की बात सुन कर , , , , सच्ची जैसे ही उसे कुछ बोलने वाली होती है , , ।

तभी श्री उसके से गुस्से से , , , , देखते हुए से कहती है , , ।

 " मैंने कहा ना जा या फिर तू चाहती है , , , , कि मैं तुझे फिर से एक पेज का लंबा लेक्चर दु , , " ।

 श्री की बात सुन कर साची , , , , उससे थोड़ा चढ़ते हुए कहती हैं , , ।

 "फाइन जा रही हूं सब , , , , लोग अपनी मर्जी करो , , " ।

 यह कह कर साची गुस्से में , , , , मुंह फुला कर निकल जाती है , , ।

 उसे ऐसे गुस्से में जाता देख , , , , श्री को अच्छा नहीं लगता , , ।

और वह थोड़ी उदास हो जाती है , , ।

 श्री को उदास देख कर नीलम जी , , , , उसके कंधे पर हाथ रखते हैं और इसे कहते हैं , , ।

 " तू उदास मत हो क्या तु , , , , नहीं जानती इसको इसका रोज का है , , ।

अपने आप से नाराज होकर , , , , अपने आप ही मान जाएगी , , ।

 तू अंदर जा और तैयार हो जा , , , , वो लोग किसी भी वक़्त आते होंगे , , " ।

 नीलम जी की बात सुन कर , , , , श्री अपना सर हा में हिलती है , , ।

और अपने कमरे में , , , , वापस चली जाती है , , ।

 सांची का कॉलेज । ।

 सांची गुस्से में खुद से बड़ाबढ़ाते , , , , हुए कॉलेज के अंदर जा रही थी , , ।

 " ये बड़े लोग अपने आप को , , , , समझते क्या है कुछ भी फैसला करेंगे और हम मानते रहे , , ।

 और दिदु भी क्या जरूरत थी , , , , मानने की वेसे तो बड़ा लंबा कि चौड़ा लेक्चर देती रहती है , , ।

लेकिन जहां बोलना होता है , , , , वह बिल्कुल नहीं बोली है , , ।

 औऱ मुझे भी चुप करा कर , , , , कॉलेज भेज दिया , , " ।

 सांची के बढ़बढ़ाते हुए जा ही , , , , रही थी कि तभी पीछे से प्रशांत उसके कंधे पर हाथ रखता है , , ।

और उससे कहता है , , ।

 " S M ध्यान कहां है तेरा मैं तुझे , , , , कब से आवाज लगा रहा हूं , , ।

 और यह क्या तू किससे बातें , , , , करती जा रही है क्या हुआ ? , , " ।

प्रशांत की बात सुन कर साची , , , , उसी गुस्से से घूरती है , , ।

और उसका हाथ अपने कंधे से , , , , झटक कर उसे गुस्से से कहती है , , ।

 " देखो प्रशांत आज मुझसे , , , , बात मत करो मैं बहुत गुस्से में हूं , , ।

कहीं ऐसा ना हो की घर का , , , , सारा गुस्सा तुम पर उतर जाए , , " ।

 साची की बात सुन कर प्रशांत , , , , हंसता है और उसे कहता है , , ।

 " तो इसमें कौन सी नई बात है , , , , वेसे भी तो तुम अपने घर का सारा गुस्सा , , ।

मुझ पर ही तो उतारती , , , , हो तो आज भी उत्सर लो , , " ।

 प्रशांत की बात सुनकर , , , , साची चढ़ते हुए उससे कहती है , , ।

 " प्लीज प्रशांत आज नहीं , , " ।

 प्रशांत साची की बात सुन कर , , , , अपनी हंसी रोक ता है और , , ।

उससे थोड़ा सीरियस , , , , होकर कहता है , , ।

 " अच्छा ठीक है बात मत कर , , , , पर कम से कम भी तो बता दे कि तू इतना गुस्सा क्यों है ? , , ।

 और यह क्या आज तू अकेले , , , , आई है श्री मैडम कहां है ? , , " ।

 श्री का नाम सुनते ही सांची , , , , फिर से प्रशांत से थोड़े गुस्से से कहती है , , ।

 " उनका तू तो नाम ही मत ले , , , , आज मेरे गुस्से की वजह वही है , , " ।

 प्रशंसा साची की बात सुन कर , , , , प्रशांत थोड़ा चौक जाता है और उसे कहता है , , ।

 " क्या मतलब फिर तो जरूर , , , , कोई ना कोई जरूरी बात है , , ।

वरना तू और अपनी दीदु , , , , से नाराज हो जाए ऐसा तो हो ही नहीं सकता बता क्या हुआ ? , , " ।

 प्रशांत की बात सुन कर , , , , साची उसे सारी बात बता देती है , , ।

 सांची की बात सुन कर प्रशांत उसे के , , , , कंधे पर हाथ रखता है , , ।

और उसे समझाते हुए कहता है , , ।

 " S M बस इतनी सी बात के , , , , लिए तो अपनी दी से नाराज क्यों है ? , , ।

 देख हर लड़की की शादी होती है , , , , और अगर आंटी ने अपने बचपन की , , ।

दोस्त के बेटे से तेरी दीदु की शादी तय की है , , , , तो जरूर कुछ ना कुछ सोच कर ही की होगी , , ।

 अरे किसी और का ना सही तो , , , , अपनी दिदु की बात ही मान जा , , ।

तुझे लगता है कि तेरी दीदु , , , , किसी गलत लड़के से शादी करोगी , , ।

 इसीलिए मैं तो कहता हूं , , , , अपना गुस्सा छोड़ और जल्दी से असाइनमेंट सबमिट कर , , ।

और घर जाकर उस लड़के से मिल , , " ।

 प्रशांत की बात सुन कर , , , , साची थोड़ी शांत होती है , , ।

और कुछ सोचते , , , , ही उससे कहती है , , ।

 " वैसे बात तो तुम सही कह रहे , , , , हो मैं किसी और की वजह से अपनी दिदु से नाराज क्यों रहूं ? , , ।

 वैसे भी मेरी दीदी तो खुद प्रोफेसर , , , , है सही गलत का फर्क उन्हें पता है , , ।

वह किसी गलत लड़के , , , , से शादी नही करेंगे , , ।

 तुम सही कह रहे हो मैं जल्दी , , , , से असाइनमेंट सबमिय करती हूं , , ।

और घर के लिए निकलती हु , , , , क्लासिक कल ले लूंगी , , ।

या तुम ले रहे हो तो तुम , , , , मुझे उससे नोट्स दे देना ठीक है , , " ।

 यह कह कर सांची अपनी , , , , क्लास की तरफ चल देती है , , ।

 सांची और प्रसाद दोनों ही क्लास , , , , की तरफ जा ही रहे थे , , ।

कि तभी सांची को कुछ याद , , , , आता है और वह अपने सर पर हाथ रख कर खुद से कहती है , , ।

 " ओ नो साची तू इतनी बड़ी , , , , गलती कैसे कर सकती है ? , , " ।

 साची की बात सुन कर , , , , प्रशांत उसे देखता है और उसे कहते हैं , , ।

" क्या हुआ S M तू रुक क्यों गयी ? , , " ।

 प्रशांत की बात सुन कर , , , , टेंशन में उसे कहती है , , ।

 " वो प्रशांत मैन अपने असाइनमेंट , , , , को फोटोकॉपी करने के लिए दिए थे , , ।

लेकिन मैं जल्दी - जल्दी भूल गई , , , , मैंने सोचा दीदु और में आएंगे , , ।

तो लेते हुए आएंगे लेकिन घर पर , , , , जो कुछ हुआ उसके बाद दिमाग से निकल गए , , ।

 अब क्या करूंगी असाइनमेंट कैसे , , , , दुबमोट करुँगी , , " ।

 साची की बात सुन कर पर्सशान्त , , , , शांति से कराते हुए से कहता है , , ।

 " तू इतना टेंशन क्यों ले रही है , , , , शॉप यहां से आधे घंटे की दूरी पर ही है ना , , ।

 मेरी बाइक पर चलते हैं जल्दी , , , , से असाइनमेंट लेकर आते हैं , , ।

और उसे सबमिट कर कर , , , , फिर मैं तुझे तेरे घर छोड़ दूंगा , , " ।

 प्रशांत की बात सुन कर सांची , , , , पलट के वापस जाती है उसे कहती है , , ।

" तो खड़ा क्या है चल जल्दी चल , , , , ऐसे खड़े होकर बात क्या कर रहा है , , ।

 ये कह कर साची जल्दी से , , , , कॉलेज के गेट की तरफ चल देती है , , ।

 प्रशांत से ज्यादा देख उसकी , , , , बात सुन कर मुस्कुराता है और खुद से कहता हैं , , ।

" कमाल की लड़कि है बात , , , , खुद ही कर रही थी और बोल मुझे रही है , , ।

 प्रशांत पता नहीं तेरा क्या होगा , , , , तुझे भी पूरे कॉलेज में इसी से प्यार होना था , , " ।

 यह कह कर प्रशांत साची के , , , , पीछे मुस्कुराता हुआ चल देता है , , ।

सांची का घर । ।

 नीलम जी और राजेश दरवाजे , , , , पर उनका इंतजार कर रहे थे , , ।

 तभी वहां काले रंग की , , , , कुछ गाड़ियां आती है , , ।

 उन गाड़ियों में से देवराज जी , , , , और पूनम जी और अभय बाहर आता है , , ।

 उन सब को देख कर नीलम जी , , , , और राजेश जी खुश हो जाते हैं , , ।

 उन लोगों के साथ आरव , , , , और संध्या नहीं थे , , ।

क्योंकि आरव अपने भाई सा के , , , , काम की वजह से बाहर जाना पड़ा था , , ।

और संध्या अपने कॉलेज गई थी , , ।

 नीलम जी को देख कर पूनम , , , , जी खुश हो जाती है और भाग कर उनके गले लग जाती है , , ।

 थोड़ी देर गले लगने के बाद , , , , पूनम जी नीलम जी से अलग होती है , , ।

और राजेश जी देवराज जी और , , , , अभय का स्वागत करते हो घर में अंदर लाते हैं , , ।

 अभय के चेहरे पर इस वक्त , , , , एक शातिर मुस्कान थी , , ।

 व्व मुस्कान साफ बात रही थी कि , , , , उसके दिमाग में कुछ तो चल रहा था , , ।

 लेकिन क्या वह तो अब , , , , यही जानता था , , ।

 तीनो लोग घर के अंदर आते , , , , हैं सोफे पर पर बैठ जाते हैं , , ।

 उनके बैठते हैं नीलम जी , , , , उनके लिए नाश्ता और चाय देते है , , ।

फिर वह भी उनके पास , , , , आकर बैठ जाते हैं , , ।

 थोड़ी देर बाद बातें करने के , , , , बाद देवराज जी और पूनम जी , , ।

श्री को बाहर लाने के लिए कहती है , , ।

 पूनम जी की बात सुन कर , , , , नीलम जी श्री को लेने के लिए उसके कमरे में चले जाते हैं , , ।

श्री का कमरा । ।

 नीलम जी जब श्री के कमरे में आती है , , , , तो सामने श्री को देख कर , , , , थोड़ी बाबूक हो जाती है , , ।

 श्री में आज एक रेड कलर की , , , , साड़ी पहनी हुई थी , , ।

और अपने बालों को खुला छोड़ा था , , ।

 और हल्के हल्के गहने पहने हुए , , , , थे और चेहरे पर हल्का मेकअप किया हुआ था , , ।

 जिसमें हमारी श्री , , , , कमाल की लग रही थी , , ।

 नीलम जी श्री के पास आती है , , , , और अपनी आंखों में से काजल निकाल कर , , ।

उसके कान के पीछे , , , , लगाते हुए उसे कहते हैं , , ।

 " मेरी बच्ची आज कितनी सुंदर , , , , लग रही है किसी नजर ना लग जाए , , " ।

 नीलम जी यह नहीं जानती थी , , , , कि जिसकी नजर से वो श्री को बचाना चाहते हैं , , ।

 उसकी नजर तो श्री को बहुत , , , , पहले ही लग चुकी है , , ।

 नीलम जी श्री को कमरे से , , , , बाहर ले जाने लगते हैं , , ।

 श्री की नजरे झुकी हुई थी वह , , , , अपनी नजरों को झुकाए बस आगे चली जा रही थी , , ।

 श्री कमरे के बाहर आती है , , , , और सामने देखती है , , ।

 सामने बैठ इंसान को देख कर , , , , श्री हैरान हो जाती है , , ।

 श्री सामने उसके सामने देवराज , , , , जी और पूनम जी बैठे हुए थे , , ।

और अभय जिस सोफे पर बैठा था , , , , उसका मुह पूनम जी की तरफ था , , ।

जीसकी वजह से श्री को , , , , सिर्फ अभय की पीठ दिख रही थी , , ।

 पूनम जी को देख कर श्री , , , , थोड़ी सी शौक हो जाती है , , ।

और अपनी जगह रुक जाती है , , ।

 श्री का रुकता देख नीलम जी , , , , हैरानी से उसे देखने लगते हैं , , ।

लेकिन वही पूनम जी के , , , , चेहरे पर एक मुस्कान थी , , ।

 पूनम जी समय चुकी थी , , , , कि श्री क्यों रुकी है , , ।

 इसलिए पूनम जी अपनी जगह से , , , , खड़ी होती है उसने के पास आ जाती है , , ।

 जैसे यह पूनम जी श्री के पास , , , , आते हैं श्री उन्हें देख कर उनसे बिना रुके कहने लगती है , , ।

 " एंटी आप आप तो वही है ना , , , , जो मुझे और साचों को मंदिर पर मिलती थी , , ।

लेकिन आपने कभी मुझे बताया , , , , क्यों नही की आप मा की दोस्त है और ये सब . . . . " ।

 श्री बिना रुके यह बोलती जा रही , , , , थी और पूनम जी उस से सवालों को , , , , सुन कर मुस्कुराए जा रही थी , , ।

 फिर पूनम जी उसके चेहरे पर , , , , प्यार तो हाथ रखते हैं उसे कहते हैं , , ।

 " अरे बीटा कितने सवाल पूछ , , , , रही जो बेटा तुम्हारे सारे सवालों के जवाब हमें तुम्हें देंगे , , ।

लेकिन पहले जो काम करने , , , , आये है वो कर ले , , " ।

 श्री उनकी बात सुन कर , , , , शर्म से सर झुका लेती है , , ।

 उसे ऐसे शर्म आता देख नीलम जी और पूनम जी ने मुस्कुरा देती है , , ।

 फिर वो दोनों श्री को , , , , सबके पास ले जाने लगती है , , ।

 पूनम जी व नीलम जी श्री , , , , को लाकर अभय के बगल में बैठा देते हैं , , ।

 श्री को इस वक़्त इतनी श्रम , , , , आ रही थी कि उसमें इतनी भी हिम्मत नहीं थी , , ।

की व्व अपनी नजरें उठा कर , , , , बगल में बैठे अभय का चेहरा देख सके , , ।

 अभय श्री को देख कर एक शातिर , , , , मुस्कान मुस्कान जा रहा था , , ।

 फिर वह लोग आपस , , , , में बातें करने लगते हैं , , ।

 थोड़ी देर होने के बाद पूनम जी , , , , अभय और श्री को अकेले बात करने के लिए कहते हैं , , ।

 पूनम जी की बात सुन कर नीलम , , , , जी श्री को वहां से उठाते हैं , , ।

और उसे उसके , , , , कमरे में ले जाती है , , ।

 थोड़ी देर बाद नीलम जी के , , , , कमरे से बाहर आने के बाद अभय उस कमरे में चला जाता है , , ।

अभय कमरे में जाता है तो , , , , देखता है

की श्री बिस्टर पर अपनी नज़रे झुकाए बेठी है , , ।

अभय उसे ऐसे देख कर कमरे , , , , का दरवाजा बंद करता है , , ।

और उसकी तरफ अपने , , , , कदम बढ़ाते हुए उस से कहता है , , ।

 " मिस मिश्रा मुझे पता नहीं था की , , , , आपको शर्माना भी आता है , , ।

मुझे तो लगा था कि आप को सिर्फ , , , , झगड़ा करना और लोगों पर हाथ उठा हीं आता है , , " ।

 श्री जब उस की आवाज को , , , , सुनटी है तो वो उसे जानी पहचानी लगती है , , ।

 जानी पहचानी आवाज को , , , , सुन कर श्री अपनी नजर उठा कर देखती है , , ।

 श्री जब अपनी नजर उठाते है , , , , और सामने देखती है तो शोकड हो जाती है , , ।

 और उसके मुह से खुद ब , , , , खुद निकल जाता है , , ।

 " तुम , , " ।

 Dear रीडर्स । तो आप को क्या लगता है ? , , , , की अभय को देख कर , , , , श्री क्या करेगी ? क्या वह अभय से , , , , शादी करने , के लिए , , , , मान जाएगी ? अपने जवाब , , , , मुझे कमेंट कर के , , , , जरूर बताएं और guys , , , , मुझे यह भी बताएं कि , , , , आप में से , , , , कौन - कौन है जो , , , , मेरी तिनों स्टोरी पड़ता है , , , , मुझे कमेंट कर कर , , , , जरूर बताएं और आप , , , , को आज का चक्कर , , , , कैसा लगा मुझे कमेंट , , , , कर के जरूर बताएं । ।

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