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Chapter 14

साची का कॉलेज । ।

साची अपनी क्लास लेकर , , , , लेक्चर रूम से बाहर आ रही थी , , ।

 सांची अपनी क्लास से बाहर , , , , निकल कर जैसे ही कुछ कदम चलती है , , ।

 उसकी नजर सामने से , , , , आती हुई श्री पर जाती ह , , ।

 साची श्री को देख कर वो , , , , जल्दी से पलट ती है , , ।

और दूसरी तरफ जाने , , , , लगती है , , ।

 लेकिन उस से पहले साची , , , , वहां से जा पाती श्री उसे पीछे से आवाज़ देती हैं , , ।

 " सांचु रुक मुझे तुझ , , , , से बात करनी है , , " ।

 श्री की बात सुन कर ना चाहते , , , , हुए भी सांची रुक जाते हैं , , ।

और उसकी तरफ पलट कर , , , , नकली मुस्कान मुस्कुराते हुए उससे कहती है , , ।

 " बोलिए दिदु जल्दी बोलिए , , , , आप को क्या बोलना है ? , , ।

मेरी दूसरी क्लास में , , , , लेट हो रही है , , " ।

 श्री साची की बात सुन कर , , , , बिना किसी भाव के चेहरे के उस से पूछती है , , ।

" तू प्रताप मेन्शन गई थी ? , , " ।

 साची श्री का सवाल सुन कर , , , , शोकड हो जाती है , , ।

और अपनी बड़ी - बड़ी आंखों , , , , से उसे हैरानी से देखने लगती है , , ।

 फिर साची दूसरी तरफ मुंह कर , , , , कर घबराते हुए उससे कहती है , , ।

" म मैं नहीं तो मैं क्यों जाऊंगी ? , , , , आपसे किसने कहा ? , , " ।

 साची की बात सुन कर श्री , , , , उसकी बाजू पकड़ती है , , ।

और उसे अपनी तरफ , , , , पलट कर उस से कहती है , , ।

" झूठ मत बोल मुझे प्रसाद ने , , , , बताया कि उसने तुझे सुबह प प्रताप मेंशन से , , ।

पिक अप किया है बता , , , , क्यों गई थी तू वहाँ ? , , " ।

 साची श्री की बात सुन कर , , , , अपने मन में प्रश्न को कोसते हुए खुद से कहते हैं , , ।

 " ये प्रशांत का बच्चा इस मुह , , , , कभी बंद नहीं रहता , , ।

क्या जरूरत थी से दीदु को , , , , बताने की की मैं प्रताप मेंशन गई थी , , ।

 एक बार मिल जाये मुझे उसका , , , , तो मैं सर फोड़ दूँगी , , " ।

 साची ये सोच ही रही थे कि तबी , , , , श्री उसके सामने हाथ हिलाते हुए उससे कहती है , , ।

 " कहां खो गई मैं कुछ पूछ रही हूं , , , , बता क्यों गई थी तू और क्या हुआ वहा ? , , ।

 तूने कुछ गड़बड़ तो नहीं , , , , की ना वहां जाकर ? , , " ।

 श्री की गड़बड़ वाली बात सुन , , , , कर सांची के आंखों के सामने , , ।

आरव की कार खराब , , , , करने वाला सीन घूमता है , , ।

 जिसे सोच कर वो , , , , खुद से कहती है , , ।

 " अगर मने दीदु को बता दिया , , , , कि मैं वहां कितनी बड़ी गड़बड़ कर कर आई है , , ।

तो दिदु मुझे बाहर डाँटेगी और , , , , हो सकता है मुझसे बात भी ना करें , , ।

नहीं नहीं मैं ऐसा कुछ नहीं होने , , , , दूंगी मैं दीदु को बताऊंगी ही नहीं , , " ।

 यह सोच कर साची , , , , श्री की तरफ देख कर उस से कहती है , , ।

 " अरे दीदु आप को ऐसा क्यों , , , , लगता है कि मैं हर जगह जाऊंगी तो , , , , गड़बड़ कर - कर आऊंगी , , ।

मैंने बाहर कोई गड़बड़ नहीं की , , , , मुझे वहां से कुछ काम था , , ।

तो वहां से गुजर रही थी तो , , , , मैंने सोचा पूनम एन्टी से मिल लेती हु , , ।

 तो मैं सिर्फ उन्हें हाय , , , , हेलो बोल कर आई हूं , , ।

 बस इसके अलावा मैंने वहाँ , , , , कोई गड़बड़ की है , , ।

और ना ही मैंने किसी , , , , से कुछ कहा है , , " ।

 साची की बात सुन कर श्री , , , , उसका हाथ अपने हाथ में लेकर उससे कहती है , , ।

 " तू सच कह रही है ना हां , , , , तूने किसी से कुछ नहीं कहा न ? , , " ।

 श्री की बात सुन कर साची , , , , अपने हाथ के अंगूठे और उंगली से , , , , अपने गले को पकड़ती है , , ।

और श्री से कहती है , , ।

 " प्रॉमिस दिदु मैंने आंटी , , , , से कुछ नहीं कहा है , , " ।

 साची की बात सुन कर श्री , , , , राहत की सांस लेती है , , ।

और साची के सर पर हाथ फेरकर , , , , उसे से प्यार से कहती है , , ।

 " अच्छा ठीक है अब तू जा , , , , क्लास ले ले फिर घर के लिए निकल है , , " ।

 मैं कह कर श्री वहां , , , , से चली जाती है , , ।

 श्री के जाते ही सांची के चेहरे , , , , पर जो मुस्कान थी , , ।

वह परेशानी में बदल जाती है , , , , और वह परेशान होकर खुद से कहती है , , ।

 " सॉरी दीदु मैंने आप से झूठ बोल , , , , लेकिन मैं आप को सच नहीं बता सकती , , ।

 की मैने वहाँ क्या किया वरना , , , , आप और परेशान हो जाएगी , , ।

वैसे ही उस अभय प्रताप सिंह की , , , , वजह से आप पहले से ही परेशान हैं , , ।

मैं नहीं चाहती की आप अब , , , , उस आरव प्रताप सिंह की भी वजय से भी परेशान हो , , ।

 उस आरव प्रताप से पंगा अगर , , , , मैंने लिया है तो उसे हैंडल भी नहीं करूंगी , , ।

 बस मुझे डर इस बात का है , , , , की फिक्र है कि पता नहीं , , ।

की वह अपनी गाड़ी खराब करने , , , , का बदला मुझसे कैसे लेगा , , ।

 खैर छोड़ो जो होगा देखा जाएगा , , , , पहले तो मैं उस प्रशांत को देखो , , ।

उसने कैसे दीदु के सामने , , , , अपना मुंह खोला कोई भी बात इसके पेट मे पचती नही है , , " ।

 यह कह कर सांची प्रशांत , , , , को ढूंढने के लिए निकल जाती है , , ।

रात का वक्त । ।

 प्रताप मेंशन । ।

 सब लोग डायनिंग टेबल , , , , पर बैठ कर डिनर कर रहे थे , , ।

 वहां सब लोग थे सिवाय आरव , , , , के आरव किसी काम से बाहर गया था , , ।

 सब लोग बैठ कर डिनर कर ही रहे थे , , , , कि तभी अभय पूनम जी से से कहता है , , ।

 " मासा मुझे आपसे कुछ बात , , , , करनी थी आरव के बारे में , , " ।

 पूनम जी अभय की बात सुन कर , , , , पूनम जी उसकी तरफ देखते हुए उससे कहते हैं , , ।

 " हां कहिए अभय क्या बात करनी , , , , है ? आप को आरव के बारे में ? , , " ।

 पूनम जी की बात सुन कर , , , , अभय बिना की भाव के उनसे कहता है , , ।

 " मासा आरव श्री की छोटी , , , , बहन साची से शादी करना चाहता है , , ।

 तो मैं चाहता हूं कि मेरी और श्रु , , , , की शादी के साथ - साथ , , ।

आप उन दोनों की भी , , , , शादी करवा दीजिए , , " ।

 अभय की बात सुन कर पूनम , , , , जी खुश तो हो बहुत होते हैं , , ।

 लेकिन फिर भी वह अपने , , , , इमोशन को काबू कर - कर अभय से कहते हैं , , ।

" यह बात क्या आप को आरव ने , , , , खुद कहा है कि वो साची को पसंद करते हैं , , " ।

 पूनम जी की बात सुन कर , , , , अभय उसी तरह से कहता है , , ।

 " जी मासा आरव ने हमसे खुद , , , , काहा है की वह सांची से शादी करना चाहता है , , " ।

 अभय की बात सुन कर , , , , पूनम जी खुश होते हुई उससे कहती है , , ।

 " ठीक है अगर आप कहते हैं , , , , तो हम नीलम से बात करेंगे , , । 

आरव और सांची की शादी के बारे में , , , , लेकिन इसमें सांची की राय भी बहुत जरूरी है , , ।

कि क्या वह आरव से शादी , , , , करना चाहती है या नहीं ? , , " ।

 पूनम जी की बात सुन कर , , , , अभय अपनी गर्दन हा में हिलाता है , , ।

और अपना डिनर करते हुए , , , , एक डेविल मुस्कान मुस्कराता है , , ।

और अपने मन मे , , , , कहता है , , ।

" वो इस रिश्ते के लिए , , , , कभी मना नही कर पाएंगे , , ।

उनकी हा ही होगी , , , , उन्हें हा ही कहना होगा , , " ।

मार्किट । ।

साची मार्किट से अपने कॉलेज , , , , का कुछ सामान लेकर घर जा रही थी , , ।

वो अकेली थी श्री उसके साथ , , , , नही थी साची उसे अपने साथ नही लाई थी , , ।

क्योंकि वो मार्किट साची , , , , के घर के सिर्फ 30 मिनट की दूरी पर थी , , ।

साची अपना सामान लेकर , , , , घर की तरफ जा रही थी , , ।

उसके दोनों हाथों में समान था , , ।

साची एक सुनसान रोड पर , , , , चल रही थी , , ।

तभी उसके सामने एक ब्लैक , , , , कलर की कार आ कर रुकती है , , ।

साची उस कार को , , , , अपनी कन्फ्यूज़्ड नज़रो से देखती है , , ।

साची उस कार को देख ही , , , , रही थी

कि तभी उस कार की , , ।

विंडो का सीसा नीचे होता है , , ।

उस कार की विंडो का , , , , सीसा नीचे होते ही जब साची उस कार में , , ।

बैठे आदमी का चेहरा देखती है , , , , तो वो शोकड हो जााती है , , ।

Dear रीडर्स । तो आप को क्या लगता है ? , , , , की क्या साची आरव से , , , , शादी करेगी ? और कौन , , , , है वो जिसे देख , , , , कर साची शोकड हो गयी ? , , , , और आप को आज , , , , का चैप्टर कैसा लगा ? , , , , मुझे कमेंट कर - कर , , , , जरूर बताएं । ।

तब तक के लिए Take Care । ।