अब आगे की कहानी है...
जब क्रिस्टोफर हॉल में वापस आता है तो देखता है कि, जस्टिन अभी भी वहीं खड़ा हुआ है। उसके चेहरे से साफ दिखाई दे रहा था कि उसके जहन में अनगिनत सवाल जल रहे हैं...
जस्टिन..,क्या सच में तू उस लड़की को यहां कैद करने वाला है...? क्या तू उसके बच्चे को उससे छीन लेगा..? तुम्हे नहीं लगता तुम उस लड़की को बिल्कुल गलत समझ रहे हो, वह लड़की और औरतो जैसी बिल्कुल नहीं है। सच में वह बाकि औरतों से बहुत अलग है,। तुम्हें उसको एक मौका देना चाहिए.....
क्यों ना तुम उसके साथ रहकर बच्चे की परवरिश दोनों मिलकर करो, शायद भगवान ने इसीलिए उसे तुम्हारे जिंदगी में भेजा है ,ताकि तुम अपने जिंदगी का यह खाली पन भर सको, एक बार तुम जरा दिल से सोच कर देखो...
क्रिस्टोफर गुस्से से....
भगवान जैसी कोई चीज नहीं होती इस दुनिया मे। और रही बात दिल की, तुम्हें पता है ना कि मैं दिल जैसी बातों पर भरोसा नहीं करता और मैं अपने लिए काफी हूं मेरे जिंदगी में कोई सूनापन नहीं है....
उस लड़की के पास जो मेरी अमानत है, उसे मैं वापस लेकर रहूंगा उसके बाद वह लड़की जहां भी जाए जा सकती है मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता....
इतना बोलकर क्रिस्टोफर गुस्से से बाहर निकल जाता है...
वही कमरे में....
शैलवी जमीन पर बैठी सिसक सिसक कर रो रही थी, उसे तो कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था। अचानक उसकी पूरी जिंदगी ही बदल गई थी....।
कहां वो आजाद खयालो वाली लड़की, पंख लगाकर पूरी दुनिया में उड़ना चाहती थी पर आज उसे एक कमरे में कैद कर दिया गया था। वह तो यहां बस अपना सपना पूरा करने आई थी एक बहुत बड़ी फैशन डिजाइनर बनने का सपना...
क्रिस्टोफर ने पहले तो उसकी इज्जत को तार-तार किया और अब उसे यहां कैद कर लिया है। और तो और उसका बच्चा भी उसे छीना जा रहा है, उसकी क्या गलती थी इन सब में उसके साथ ऐसा क्यों हो रहा है..
आज भी शैलवी जब उस दर्दनाक रात के बारे में सोचती है तो उसका पूरा शरीर कांप जाता है, मानो उसके शरीर में दर्द की एक तेज बिजली दौड़ गई हो...
Flashback .....
दो महीने पहले....
होटल पैराडाइज मिलान शहर का एक जाना माना होटल होता है जहां पर केवल शहर के अमीर व्यक्ति ही इंटर कर सकते थे ..,जिसके पास स्पेशल पास होता था इस होटल में एंटर करने के लिए....
होटल देखने में किसी स्वर्ग से कम नहीं लग रहा था चारों तरफ की सीलिंग को बड़ी-बड़ी झूमर से सजाया गया था। हर जगह महंगी महंगी एंटीक चीजें रखी हुई थी जिनकी कीमत लगभग लाखों में होगी...
वहीं कुछ लोगों का ग्रुप किसी बात पर डिस्कशन कर रहा था कि आज होटल में कोई वी वी आई पी पर्सन आने वाला है....।
उन्हें यह तो नहीं पता था कि वह कौन है पर इतना जरूर पता था कि वह बहुत ज्यादा अमीर और पावरफुल है। सब लोग यही डिस्कशन कर रहे थे कि किसी तरह अगर हम उस आदमी को इंप्रेस कर सके तो उन्हें प्रमोशन भी मिल सकता है...
वही हमारी मासूम शैलवी इन सब चीजों से अनजान बस अपने काम पर फोकस करें जा रही थी, दरअसल शैलवी इस होटल में एक वेटर का काम करती है पर वह कभी किसी चीज पर ध्यान नहीं देती थी शिवाय अपने काम के....।
आज भी वह सभी चीजों से अनजान अपने काम को पूरा करके जल्द से जल्द घर जाना चाहती थी क्योंकि उसकी छोटी बहन उसका इंतजार कर रही होगी....
वह एक ट्रॉली में क्लीनिंग का सामान लिए हुए अपनी धुन में चली जा रही थी, कि अचानक वह अपने साथी को वर्कर से टकरा गई। जिससे उसका कुछ सामान इधर-उधर गिर गया, जिसमें से उसका रूम नंबर का कार्ड भी गुम हो गया।
शैलवी परेशानी से इधर-उधर कार्ड को खोज रही थी और मैंने कर रही थी कि अब वह घर जाने में लेट हो जाएगी अगर उसने जल्दी से जल्दी रूम कार्ड को नहीं ढूंढा और सफाई नहीं की तो...
उसके साथी को वर्कर "लीजा" ने कहा , शैलवी तुम्हें इतना पैनिक करने की जरूरत नहीं है रूम कार्ड मिल जाएगा। और अगर नहीं मिला तो हम वापस जाकर दूसरा ले सकते हैं....
(लीजा होटल पैराडाइज में शैलवी की एकमात्र दोस्त जिसके साथ वह कर बात करती है, और अपनी परेशानियों को भी साझा करती है दोनों एक दूसरे की पक्की दोस्त हैं )
पर शैलवी के पास इतना टाइम नहीं था वह जल्द से जल्द घर जाना चाहती थी इसलिए उसने कहा कि कोई बात नहीं मुझे कार्ड के लास्ट के कुछ डिजिट्स याद है... मैं मैनेज करके चली जाऊंगी...
दरअसल होटल पैराडाइज एक सात मंजिला इमारत थी और शैलवी इस वक्त होटल के सबसे टॉप फ्लोर पर थी जाहिर सी बात है अगर वह वापस लौट कर रूम कार्ड खुलेगी तो उसे वापस लौटने में बहुत टाइम लग जाएगा...।
इसलिए उसने डिसाइड किया कि वह डिजिट्स जो उसे याद है उसके सहारे रूम को खोजे गी और उसे साफ करके सीधे अपने घर चली जाएगी...
पर उसे नहीं पता था कि यह उसकी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती साबित होने वाली थी..... वह रूम कार्ड की डिजिट्स को याद करते हुए एक कमरे के सामने आकर खड़ी हो जाती है.।
वहीं रूम के अंदर....
यह एक आलीशान रूम था सामने किंग साइज बेड लगा हुआ था कमरे का पूरा इंटीरियर ब्लैक था मानो इसे किसी के लिए स्पेशली तैयार किया गया हो कमरे के परदे भी बिल्कुल ब्लैक थे, सीलिंग में एक बहुत बड़ा झूमर लगा हुआ था जिससे पूरा कमरा रोशनी से जगमग आ रहा था...
पर वहां एक आदमी पसीने से लथपथ जमीन में बैठा अपने दोनों घुटनों को मोडे हुए अपने सर को उसमें छुपाए बैठा हुआ था। मानो अपने आप को किसी चीज के लिए कंट्रोल करने की नाकाम कोशिश कर रहा हो...
उसके कपड़े अस्त-व्यस्त थे बाजू की बटने खुली हुई थी, और शर्ट की पूरी बटन टूटी हुई थी उसकी पूरी आंखें लाल हो चुकी थी और चेहरा बिल्कुल पत्थर की तरह कठोर।...
तभी उसे महसूस होता है कि कमरे के बाहर कोई खड़ा हुआ है, और इतना सोचने भर मात्र से उसका चेहरा गुस्से से तमतमा ने लगता है मानो वह सामने वाले इंसान को सीधे कच्चा ही निगल जाएगा....
कहानी जारी है....