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विराट जब ब्लैक मार्केट में उस दुकान में जाता है , जिसमे एक बूढा बैठे हुए एक उपन्यास पढ़ रहा था , उस दुकान के अंदर विराट को कोने में कुछ कबाड़ जैसा सामान रखा हुआ नजर आता है , जिसमे से सुनहरी रौशनी निकल रही थी ।
उस सुनहरी रौशनी को फिर से देख कर विराट को अब मन ही मन कुछ अजीब सा लगने लगता है । क्योंकि ये सुनहरी रौशनी पिछली वाली रौशनी से ज्यादा चमक दार और घनी नज़र आ रही थी ।
ये देख कर विराट को उन कबाड़ पड़े सामानो को खरीदने की इच्छा होती है । लेकिन वो उस सामान को डायरेक्ट नहीं मांग सकता था , क्योंकि वो अगर ऐसा करता तो उस दुकान वाले बूढ़े को शक हो सकता था ।
इसलिए उसने एक आईडिया सोचा और फिर उस बूढ़े से बोला , " अरे काका ! क्या आपके दुकान में कुछ टुटा फूटा कबाड़ है क्या ?
जब उस दुकान वाले बूढ़े ने विराट की ये बात सुनी तो वो अपने उपन्यास को छोड़ कर अपनी नजर विराट की तरफ करते हुए अपनी हलकी कांपती हुई आवाज़ में कहता है , " क्यों बेटा ! सभी अच्छी चीजे मांगते है और तुम हो की कबाड़ और टूटी फूटी चीजे मांग रहे हो , भला ऐसा क्यों है ?
दुकान वाले बूढ़े आदमी का सवाल सुन कर विराट मासूम चेहरा बनाते हुए कहता है , " काका ! दरअसल बात ये है , की मै एंटीक़्स रिस्टोर्र का काम सिख रहा हुँ , उसी के लिए मेरे मालिक ने मुझे कुछ टूटे फूटे कबाड़ हो चुके सामान को लाने के लिए बोले है , जिससे मै एंटीक रिपेयर करने की प्रैक्टिस कर सकू ।
विराट की ये बात सुन कर बूढ़े ने अपना सर हिला दिया । वो अब विराट के झांसे में आ चूका था । फिर उस बूढ़े ने अपने दुकान के उसी कोने में देखते हुए विराट से कहा , " बेटा यहाँ मेरे पास कुछ कबाड़ पड़ा है , जिसे मैंने कबाड़ी वाले को देने के लिए रखा है , अगर इससे तुम्हारा काम हो जाये तो ले जाओ ।
उस बूढ़े की ये बात सुन कर विराट के आँखों में एक पल के लिए चमक आ गयी , जिसे उसने तुरंत ही गायब कर दिया और फिर बूढ़े से उस कबाड़ के पैसे का पूछा ?
विराट का सवाल सुन कर उस बूढ़े ने हस्ते हुए विराट से कहा , " अरे बेटा ये तो मै कबाड़ी वाले को ऐसे ही दे देता हुँ , तो तुमसे इसके पैसे कैसे ले सकता हुँ । और अगर तुम्हे इतना ही मन है पैसे देने का तो बस इतना करो की बगल की दुकान से मेरे लिए दो पान खरीद कर दे दो । मै उसे ही इसके पैसे के रूप में ले लूंगा ।
उस बूढ़े की बात सुन कर तो विराट के ख़ुशी का कोई ठिकाना ही नहीं था । फिर उसने जल्दी से उस दुकान के बगल के पान दुकान से उस बूढ़े के लिए दो पान बनवाये है और फिर उसे वो दे दिए ।
उसके बाद उसने बूढ़े के कहने पर उसके दुकान के अंदर आ कर उस कबाड़ को एक बोरी में रखने लगा । कुछ ही देर में उसने सभी चीजों को उस बोरी में रखा और फिर उस दुकान से बाहर ले कर आ गया । दुकान से बाहर आने के बाद उसने उस बूढ़े को धन्यवाद कहा और फिर एक रिक्शा ले कर उस बोरी को उस पर संभाल कर रख दिया और फिर वो खुद भी उस रिक्से पर बैठ कर अपने घर के लिए निकल गया ।
विराट का घर ब्लैक मार्केट के पास ही था , इसी वजह से उसे घर आने में ज्यादा टाइम नहीं लगा । घर आने के बाद उसने रिक्से वाले को पैसे दिए और फिर उस बोरी को ले कर घर के अंदर आ गया ।
घर के अंदर आने के बाद वो उस बोरी को ले कर सीधे एक कमरे की तरफ चल दिया । वो कमरा दरअसल एक स्टोर रूम था । जब विराट उस कमरे के अंदर गया तो उसने देखा की उस कमरे में चारो तरफ धूल बिखरी हुई है ।
ये देख कर वो बाहर से एक झाड़ू लाया और फिर उस कमरे की सफाई करने लगा । कमरे की सफाई करने के बाद उसने उस बोरी से सभी चीजों को सावधानी से निकलना शुरू कर दिया ।
उस बोरी में करीब 13 प्रकार की चीजे थी , जिनमे से दो चीजे तो कुछ ठीक थी , लेकिन बाकि के चीजे एक से अधिक भागो में बिखरे हुए थे ।
उन सभी चीजों को रखने के बाद विराट ने कहा , " अब लगता है , मुझे अपने पिछले जन्म के ज्ञान को आजमाते हुए अमीर बनने का समय आ गया है ।
दरअसल विराट के पास अभी जितने भी टूटी हुई चीजे थी , वो सभी के सभी बहुत पुरानी और नायब चीजे थी , जो शायद समय की मार के कारण अपनी असली अवस्था से अलग हो चुकी थी और विराट उनकी मरम्मत करके उन्हें बेचने ला प्लान बना चूका था ।
दरअसल विराट ने अपनी पिछली जिंदगी में गंगा प्रसाद जी और उनके बेटे संतोष जी से एंटीक़्स रिस्ट्रॉरेशन के बारे में बहुत कुछ सीखा था और वो अब अपने इसी ज्ञान का इस्तेमाल करना चाहता था ।
जब विराट ने सभी चीजों को ठीक से स्टोर रूम में रख दिया तो उसने एक गहरी सांस भरी और फिर स्टोर रूम को बंद करके अपने कमरे की तरफ बढ़ गया ।
वो अपने कमरे में जा ही रहा होता है , की तभी उसका फ़ोन बजने लगता है । जैसे ही वो अपने छोटे से फ़ोन पर कॉलर आईडी देखता है तो उसे कुछ अजीब लगता है ।
कॉलर आईडी पर काव्या का नाम शो हो रहा था । ये वही काव्या थी , जिसके साथ उसने पिछली रात गुजारी थी । रात के 8 बजे उसका कॉल देख कर वो थोड़ा हैरान हो गया था ।
फिर कुछ देर सोचने के बाद वो कॉल रिसीव कर लेता है । कॉल रिसीव करते ही दूसरी तरफ से काव्या की थोड़ी घबड़ाई हुई आवाज़ सुनाई देती है , " विराट तू कहा है ? क्या तू अभी चांदनी चौक में बने बार में आ सकता है ?
विराट ने जैसे ही काव्या की ये बात सुनी तो वो हैरान हो गया और फिर वो उससे बोला , " काव्या तू अभी बार में क्या कर रही है और मुझे वहा क्यों बुला रही है ?
विराट की ये बात सुन कर काव्या उसे डाटते हुए बोली , " यार विराट तू सवाल बहुत करता है ? मै कह रही हुँ ना , की अभी अर्जेंट है तो आजा ना जल्दी से ?
काव्या ने ये बात इतने प्यार और अपनापन से कही थी , की विराट उसे मना नहीं कर पाया और फिर आने का कह कर डिसकनेक्ट कर दिया ।
कॉल डिसकनेक्ट करने के बाद विराट ने मन ही मन कहा , " इन लड़कियों के भी अपनी बात मनवाने के कई हथकंडे है । ये कहते वक़्त उसके होठो पर एक हलकी सी मुस्कान आ गयी और फिर उसने जल्दी से अपने गंदे हो चुके कपड़ो को चेंज की और फिर घर लॉक करके काव्या के बताये बार के लिए निकल गया ।
करीब आधे घंटे बाद वो उस बार में पंहुचा । जैसे ही वो उस बार के अंदर जाने लगा तो उसे कार्नर में बने बार अटेंडर के डेस्क के पास काव्या खड़ी हुई दिखाई दी ।
काव्या को देख कर विराट जल्दी से उसके पास चला गया । जैसे ही काव्या ने देखा की विराट वहा आ गया है , तो उसने जल्दी से उसे कस के गले लगा ली । काव्या के इस हरकत से विराट थोड़ा चौक गया । तभी उसे अपने कंधे पर कुछ गिला महसूस हुआ ।
ये महसूस करते हुए विराट ने काव्या को खुद से अलग किया तो काव्या के आँखों में इस वक़्त आँशु थे , जिन्होंने उसके शर्ट को थोड़ा गिला कर दिया था । काव्या को रोते देख कर विराट ने उससे घबड़ाते हुए पूछा , " काव्या तू रो क्यों रही है , मुझे जल्दी से पूरी बात बता ?
विराट का ये सवाल सुन कर काव्या ने पहले विराट की शर्ट की स्लीवस से अपने आँशु पोछे और फिर वो विराट से बोली , " तू पहले यहाँ का बिल पे कर दे , फिर घर चल कर मै तुझे बताउंगी ।
काव्या विराट को देखते ही क्यों रोने लगी ? काव्या ने कैसे बिल को पे करने के लिए विराट को बुलाया है ? क्या विराट उस बूढ़े से लिए गए कबाड़ को बेच कर पैसे कमा पायेगा ?
जानेंगे अगले chapter में ....
To be continued .....