जेनिफर ने रमेश को कहानी सुनाना प्रारंभ किया "अब जो मैं कहानी सुनाने जा रही हूँ इसे ध्यान से सुनना, इस कहानी में दर्द भी है, डर भी है और साथ ही ढेर सारा रहस्य भी...यह कहानी सन् 1872 की है जब नॉटिंघम में एक प्रसिद्ध खिलौने वाला रहता था, उनका नाम एडवर्ड था और वह 60 साल के हट्टे-कट्टे बुज़ुर्गों में से थे, उनके खिलौने बच्चों के बीच एक ख़ास आकर्षण का केंद्र बन जाते थे, उनके खिलौने केवल नॉटिंघम में ही नहीं बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी काफ़ी प्रसिद्ध थे, वह जहाँ भी जाते उनके खिलौने खरीदने की मांग लगी रहती थी। उनके खिलौनों में अपना ही अलग सा आकर्षण था जो उन्हें देखता था वह खुद को रोक नहीं पाता था, हर किस्म के गुड्डे गुड़ियों और लकड़ियों से बने जानवर उनके खिलौनों में शामिल थे जिन्हें देख बच्चों का मन उन्हें लेने के लिए ललचा जाता था, उस शहर तथा आसपास और भी खिलौने वाले थे पर उनके खिलौने एडवर्ड के मुकाबले उतने नहीं बिकते थे जिस कारण उन्हें एडवर्ड से ईर्ष्या होती थी, इन्ही खिलौने को बेचने की वजह से एडवर्ड एक पूंजीपति बन गया था और अपने गाँव का सबसे रईस व्यक्ति भी, सभी के मन में यह ख़याल बार बार आता था कि आखिर एडवर्ड के ही खिलौने इतने क्यूँ बिकते हैं किसी और के क्यूँ नहीं ",
"आज तो सारे ही खिलौने बिक गए लगता है तभी इतने खुश दिखाई दे रहे हो... तुम नहा धोकर आराम से बैठो, आज मैंने डिनर में तुम्हारा मनपसंद चिकेन सूप बनाया है," एडवर्ड की पत्नी कैथरीन ने उससे कहा, उसका पति पास के गांव में खिलौने बेचकर आया था, कैथरीन पचास साल की एक खूबसूरत हट्टी-कट्टी महिला थी, उसकी उम्र का उस पर ज़्यादा असर नहीं दिखाई पड़ता था।
" अरे वाह... बच्चे सो गए क्या, मैं अपनी दोनों राजकुमारियों के लिए नए कपड़े लेकर आया और तुम्हारी ड्रेस भी टेलर के यहाँ से छुड़ा कर ले आया हूँ, ये देखो ", एडवर्ड ने अपने बड़े झोले से कैथरीन को उसकी ड्रेस निकाल कर देते हुए अपनी 19 साल की जुड़वां बेटियों के बारे में पूछा।
" वाह... बहुत बढ़िया तुम्हें याद था कि आज टेलर ये ड्रेस देने वाला था, ये कितनी सुंदर सिली है देखो, तुम्हें नहीं लगता ", कैथरीन ने एडवर्ड की देखते हुए पूछा और मुस्कुराने लगी।
"ओह! स्वीट हार्ट... तुम कुछ भी पहनकर निकलो कहर ही ढाती हो, इस ड्रेस में तो गाँव के सारे मर्द गिर पड़ेंगे ", एडवर्ड ने शरारत भरे अंदाज़ में अपनी पत्नी को जवाब दिया।
" तुम भी न एडवर्ड हद करते हो ", कैथरीन ने शर्माते हुए एडवर्ड से कहा।
"अच्छा मैं बेटियों को उनकी ड्रेस देकर सरप्राइज करके आता हूँ... चलो तुम भी चलो साथ में, मिलकर सरप्राइज करेंगे दोनों को ", एडवर्ड अपनी पत्नी कैथरीन से कहता है और दोनों दबे पाँव अपनी बेटियों के कमरे की ओर बढ़ने लगते हैं। दोनों कमरे के नज़दीक आकर दरवाज़े को खोलते हैं, दोनों बहनें मिलकर कहानी की किताब पढ़ रहीं थीं। कमरे में दाखिल होते ही कैथरीन और एडवर्ड को देख उनकी बेटियाँ दोनों को घेर लेती हैं और अपने दोनों के प्रति अपना स्नेह दिखाती हैं। एडवर्ड द्वारा लायी गयी ड्रेस दोनों को बहुत पसंद आती हैं, उनके चेहरों पर मुस्कान बिखर जाती है जिसे देख उनके माता पिता के मन भी प्रफुल्लित हो उठता है। आखिर उनकी दोनों बेटियां एलिजाबेथ और कैरोलिना ही उनकी आँखों के दो तारे थे, जिन्हें खुश देखने के लिए एडवर्ड और कैथरीन कुछ भी कर सकते थे।
"वाह... पापा ये ड्रेस तो बहुत ही सुंदर है, इसमें तो मैं बिलकुल राजकुमारी लगूँगी", कैरोलिना ने अपनी ड्रेस को देखते ही अपनी खुशी अपने पिता से व्यक्त की।
"हाँ बिलकुल... ये ड्रेस वाकई में बहुत सुंदर है, ओह पापा आप कितने अच्छे हैं, इस ड्रेस के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ", एलिजाबेथ ने भी अपनी खुशी का इज़हार अपने पिता से किया।
" चलिए अब आप नहा धोकर आइए, जब तक मैं डिनर लगाती हूँ... क्या तुम दोनों मेरी मदद करना चाहोगी, डिनर टेबल पर लगाने में ", कैथरीन ने एडवर्ड से कहा और अपनी बेटियों से डिनर डाइनिंग टेबल पर लगाने में मदद करने के लिए पूछा।
"हाँ क्यूँ नहीं मॉम, हमें खुशी होगी", एलिजाबेथ ने अपनी माँ से कहा और दोनों बेटियां उसके पीछे किचन की ओर चल दीं।
उन्ही के गाँव में एक नाटा कुबड़ा आदमी रहता था जिसे सभी मनहूस मानते थे, वह देखने में भी कुछ ख़ास नहीं था। गाँव के सारे बच्चों के बीच में उसकी दाहशत थी, वे उसे देखते ही भाग जाते थे, केवल बच्चे ही नहीं बल्कि गाँव की महिलाएँ भी उसे देखते ही अपना रास्ता बदल लेती थीं। उसका नाम ओलिवर था और कुरूपता के कारण वह जीवन भर अकेला ही रहा। उसकी कुटिया गाँव से थोड़ा हटकर नदी के किनारे थी। अकेलापन दूर करने के कारण उसे शराब की बुरी लत लग गई थी और गाँव की ओर वह ज़्यादातर इसी वजह से आता जाता था। कोई नहीं जानता था कि रोज़ी रोटी चलाने के लिए वह क्या करता है और शराब पीने के लिए उसके पास पैसे कहाँ से आते हैं पर गाँव का पुराना आदमी होने की वजह से उसे किसी ने गाँव से कभी निकाला नहीं। गाँव काफ़ी खुशहाल था जहाँ सुख सुविधाओं की सारी चीजें उपलब्ध थीं , उस गाँव में कभी चोरी और लूटपाट की वारदातें नहीं हुआ करती थीं।
"सुना है पास के गाँव में एक भव्य समारोह होने वाला है, क्या तुम अपने खिलौने वहाँ भी ले जाकर बेचोगे," कैथरीन ने एडवर्ड से रात को सोने से पहले बिस्तर पर लेटते ही पूछा।
"हाँ, इस बारे में मैं भी सोच रहा हूँ... ये एक अच्छा अवसर है जहाँ मेरे काफ़ी खिलौने बिकेंगे, इस मेले में दूर दूर से लोग आएंगे ", एडवर्ड ने अपनी पत्नी को जवाब देते हुए कहा। रात काफ़ी हो चुकी थी और फिर सुबह ही एडवर्ड को खिलौने बनाने की तैयारी में जुटना था। अभी काफ़ी काम पड़ा हुआ था, पहले खिलोनों को बनाना था और फिर उन्हें मेले में ले जाकर बेचना था, इसलिए एडवर्ड जल्द ही सो गया ताकि सुबह की तैयारी कर सके।
सुबह होती है और हमेशा कि तरह अपने सुबह के ब्रेकफास्ट के बाद एडवर्ड अपने घर से पत्नी और बेटियों से विदा लेकर अपने गोदाम की ओर जाता है जो उसके घर से बस कुछ ही दूरी पर स्थित था, वह गोदाम का ताला खोलकर अंदर प्रवेश करता है तो देखता है कि हर जगह नए खिलौने बनकर तैयार रखे हुए हैं, एडवर्ड को ये देख कर काफ़ी आश्चर्य होता है कि केवल रात भर में ही कोई इतने खिलौने कैसे बना सकता है, पर एडवर्ड के लिए ये कोई नई बात नहीं थी, वह ऐसे कई बार चौंक चुका था क्यूँकि ऐसा कई बार पहले भी हो चुका था। हर एक खिलौने को देख कर यही प्रतीत होता था कि बनाने वाले ने पूरी श्रद्धा से बनाएं हैं जिनमें कोई भी कमी मौजूद नहीं थी।
मार्विन और डेनियल दो चोर उचक्के थे और एक लूट में पकड़े जाने के बाद जेल में सज़ा काट रहे थे, बस दो ही दिनों में वह दोनों जेल से रिहा होने वाले थे, पर उससे पहले ही एक खतरनाक योजना को अंजाम देने की तैयारी में थे।
" अब कुछ ही दिनों में हम जेल से रिहा होने वाले हैं, तुमने आगे का कुछ सोचा है मार्विन, जेल से निकलने के बाद तुम क्या करने वाले हो", मार्विन के साथी डेनियल ने उससे पूछा।
" कहीं तुम्हारे ऊपर इस जेलर की बातों का असर तो नहीं हो गया, नहीं तो ऐसा सवाल कभी न पूछते... करना क्या है जो आज तक करते आए हैं वही करेंगे, जेल से निकलने के बाद एक लम्बा हाथ मारेंगे और क्या, " मार्विन ने डेनियल की बातों का जवाब देते हुए कहा।
"कुछ सोचा है आगे क्या करना है... अब यहाँ इस शहर में हाथ मारना बहुत ही खतरनाक हो गया है, किसी दूसरे शहर में कोशिश करें तो कैसा रहेगा ", डेनियल ने मार्विन को सुझाव देते हुए कहा।
" बात तो तुम सही कह रहे हो, पिछली बार जब हम चोरी करने गए थे तो उसी समय सिपाहियों ने धर दबोचा, ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे उन्हें उस लूट की पहले से ही खबर दे दी गई हो, अब इस शहर में तो हमारा कामयाब हो पाना नामुमकिन है... कोई नया शहर ढूँढ कर ही उसमें हाथ साफ़ किया जा सकता है, एक बार यहाँ से बाहर निकलें तो देखते हैं किस्मत कहाँ लेकर जाती है ", मार्विन ने डेनियल की बात से सहमत होते हुए कहा।
" ओह! यहाँ तो एक रात में ही इतने सारे खिलौने बन गए हैं, ये सभी एक से बढ़कर एक हैं, चलो एक काम तो हुआ, अब इन्हें संभाल कर रख देता हूँ, पास के गाँव में जो समारोह होने वाला है, वहाँ ले जाकर बेच दूँगा, किसी को इस बात की भनक नहीं लगने पाएगी कि यह खिलौने किसने बनाए हैं...मुझसे जलने के कारण कोई मेरे इस छोटे से करखाने में काम करने को तैयार नहीं होता है, मुझे पता है कि मुझे इन्हें बनाने वाले की किस तरह से मदद करनी है, पर फिलहाल इन सभी खिलोनों को संभाल कर रख देता हूँ", एडवर्ड ने बने बनाए खिलोनों को देख कर अपनी खुशी ज़ाहिर करते हुए खुद ही से कहा। खिलौनों को संभाल कर रखने के बाद वह सीधा अपने घर की ओर चला गया, एडवर्ड ने आज तक ये राज़ सबसे छुपा कर रखा था कि उसके लिए खिलौने कौन बनाता है, यहां तक कि उसने ये राज़ आज तक अपनी पत्नी को भी नहीं बताया था, सभी को ये लगता था कि एडवर्ड ख़ुद ही अपने हाथों से खिलौने बनाता और बेचता है, पर असली बात तो कुछ और ही थी।
"तुम मेरा पैसा कब लौटा रहे हो ओलिवर ... तुम्हें पैसा लिए हुए काफ़ी समय बीत गया है और अब तक तुमने रकम नहीं चुकाई है, मैं अब और ज़्यादा इंतज़ार नहीं कर सकता हूँ, ये मेरी तुम्हें आखिरी चेतावनी है, इसके बाद मैं तुम्हारे ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई करने पर मजबूर हो जाऊंगा ", एक सेठ ने कुबड़े ओलिवर से अपने पैसों को माँगते हुए कहा।
" मैं जल्द ही आपके पैसे लौटा दूँगा ऑस्कर... आपको कोई कार्यवाही करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी, मेरे पास बहुत जल्द पैसे आने वाले हैं, आपके पैसे भी आपको मिल जाएंगे ", ओलिवर ने सेठ ऑस्कर को विश्वास दिलाते हुए कहा।
"ठीक है ओलिवर, मैं तुम्हें इस बार तो छोड़ रहा हूँ मगर अगली बार तुम्हें पैसे न देने की कीमत चुकानी पड़ सकती है... इस बात को ध्यान में रखना ", ऑस्कर ने ओलिवर को चेतावनी देते हुए कहा। ओलिवर की शराब पीने की आदत के कारण ही उसे उधारी लेनी पड़ी और आज इतने लोगों के बीच शर्मिंदा भी होना पड़ा। निराश ओलिवर अपना सिर नीचे किए अपने घर की ओर बढ़ता है।
देखते ही देखते वक़्त बीतता है, मार्विन और डेनियल जेल से रिहा होते हैं। उन दोनों के चेहरों पर कोई पछतावा नहीं था और न ही हरकतों में ज़्यादा सुधार हुआ था। वह दोनों जेल से निकलते ही सीधा शहर से बाहर निकल कर एक बार में पहुँचते हैं और दो बियर का ऑर्डर देते हैं, बार टेंडर मग में बियर निकाल उन्हें देता है।
"अब बताओ किधर की ओर चलना है", फ़ुर्सत से बियर का मग होठों से लगाते हुए डेनियल ने मार्विन से पूछा।
"सोच रहा हूँ इस बार किसी छोटे शहर में चला जाए...जहाँ हमें कोई पहचानता न हो, जहाँ पकड़े जाने का भी खतरा कम हो, ऐसी जगह पर हम कुछ दिन रुक कर उस इलाके का अच्छी तरह से निरीक्षण कर सकते हैं और मौका पाते ही कुछ घरों को लूट भी सकते हैं, जब तक हमारे बारे में पता चलेगा तब तक हम लोग कीमती माल बेचकर बहुत दूर निकल चुके होंगे... बोलो क्या कहते हो ", मार्विन ने डेनियल को अपनी योजना समझाते हुए उससे उसकी राय के बारे में पूछा।
" मुझे तो तुम्हारी योजना अच्छी लगी, मैं तो तुम्हारा साथ देने के लिए तैयार हूँ, मगर किस ओर चलने की सोच रहे हो," डेनियल ने मार्विन से सहमत होते हुए उससे दिशा के बारे में पूछा।
"मैंने सुना है नॉटिंघम के आसपास के इलाके काफ़ी समृद्ध हैं, क्यूं न वहीं चलकर अपनी किस्मत का फैसला किया जाए, उन क्षेत्रों में हमें कोई पहचानने वाला भी नहीं होगा,"मार्विन ने डेनियल के सामने अपनी राय प्रकट करते हुए कहा।
"तो फिर ठीक है... यह तय रहा कि हम अपनी बियर के खत्म होते ही नॉटिंघम की ओर रवाना होंगे और बड़ा हाथ मारते ही वहाँ से नौ दो ग्यारह हो लेंगे... नॉटिंघम के नाम ", अपना बियर मग हवा में उठा अपना भाव प्रकट करते हुए डेनियल ने मार्विन से कहा।
"अच्छा कैथरीन अब मैं निकलता हूँ, पास के गाँव में समारोह शुरू होने से पहले पहुँचकर अपने स्टॉल का प्रदर्शन करना है नहीं तो फिर काफ़ी भीड़ हो जाएगी जिससे खिलौने ले जाकर स्टॉल में लगाते हुए दिक्कत होगी, वो तो गाँव के मुखिया को अच्छी रकम देकर मेले में ही खिलौने की प्रदर्शनी लगाने के लिए स्टॉल बुक कर लिया था, अब वहाँ ज़्यादा से ज़्यादा खिलौने बिकेंगे ",अपना ओवर कोट पहनते हुए एडवर्ड ने अपनी पत्नी कैथरीन से कहा। वह अपने खिलौने बेचने पास के क्षेत्र में निकल रहा था, इस बात से अनजान कि एक अनजान ख़तरा उनकी ओर बढ़ रहा था और ऐसे ही उस छोटे शहर के कई और लोग भी अनजान थे, वे सभी पास के क्षेत्र में हो रहे समारोह का लुत्फ़ उठा रहे थे, ये समारोह करीब दस दिन चलने वाला था और इन्ही दस दिनों में सब कुछ बदलने वाला था।
To be continued...
©IVANMAXIMUSEDWIN