कला प्रदर्शन किया मैदान क्या करें कूट अपनी कमरे में बैठे हैं और शराब पीता ज्यादा है कूट का चपरासी बोलता है क्या बात है सेनानायक जी आप आज बहुत ज्यादा शराब पी रहे हैं कूट बताता है की तुम जानते हो कि मैं इस राज परिवार से बिल्कुल प्रेम नहीं करनी लेकिन मजबूरी में मुझे ऊपरी मन से उनके किसी भी जीत पर खुश होना पड़ता है लेकिन अंदर ही अंदर मेरे अंदर की आग बढ़ती रहती है हमें जानते हो मैं इनसे नफरत क्यों करता हूं नहीं मुझे नहीं पता कि आप महाराज और उनके बेटे नफरत क्यों करते तभी कूट बताता है की यह महल मेरे पिता की मृत्यु का कारण है जाना चाहते हो कैसे जब मैं बहुत छोटा तो महाराज के पिता देवदूत ने मेरे पिता को मार दिया पता है क्यों मारा एक छोटी सी बात पर महाराज देवदूत को किसी ने यह खबर दे दी थी की मेरे पिता किसी लुटेरों को खुफिया जानकारी पहुंचाते हैं थे और उस खबर के कारण मेरे पिता को बहुत धन दौलत मिलती थी वैसे भी हम लोग बहुत गरीब थे और अच्छे कपड़े पहनना अच्छा खाना और अच्छे घर में रहना किसे पसंद नहीं होता लेकिन इसी खबर के कारण एक बार इस महल पर हमला हो गए था और मेरे पिता उस हमले में पकड़े गए बाकी के सारे लुटेरे और जिन लुटेरों के सरदार को मेरे पिता जानकारी पहुंचाते वह भी इस हमले में मारे मेरे पिता महाराज के सामने सर झुकाते हैं कि मुझे माफ कर दो मुझे माफ कर दो लेकिन महाराज एक ना सुनी और मेरे पिता को मार दिया लेकिन मैं उनके अंतिम संस्कार में गया और मैंने कसम खाई कि जब तक इस वंश को मिटा नहीं देता तब तक मैं चैन से नहीं रहूंगा लेकिन उस दिन तो बात जैसे भगवान मेरे साथ हो महाराज ने हमें अपने पास रखने का निर्णय किया और मेरी बहन को महाराज देवदूत का बेटा भुवनेश्वर पसंद कर यह बात जब महाराज को पता लगे तो उन्होंने मुझे बुलाया मेरे सामने बहन की शादी का प्रस्ताव रखा और मैंने भी उनका प्रस्ताव खुशी-खुशी स्वीकार किया क्योंकि मुझे कोई तो मार्ग चाहिए था उनके पास रहने का और ऐसा ही हुआ महाराज ने मुझे सेनानायक बना दिया और मैं महाराज के पास रहने लगा मैं महाराज को मार पाता इससे पहले ही उनकी एक रात मृत्यु हो गई और उस दिन मैं भगवान से बहुत नाराज हूंआ की उसकी मृत्यु ऐसे क्यों हो गई उसे तो मैं अपने हाथों से मारना चाहता था लेकिन तभी मुझे याद आया कि मैंने इस वंश को मिटाने की कसम खाई थी और इस वंश में अभी एक और महाराज जिंदा है क्यों ना अपना बदला उनसे लू मैंने बहुत बार महाराज भुवनेश्वर मारने की कोशिश की लेकिन हर बार विफल कुछ ऐसा लगा की बहुत जल्द यह भी मर जाएगा और फिर इस राज्य का राजा मैं बनूंगा लेकिन ऐसा ना हुआ लगभग 2 साल के बाद मेरे भांजे ने जन्म ले लिया और मैं फिर से टूट गया फिर मैंने अभिमन्यु को मारने की कोशिश की लेकिन पता नहीं जब मैं उसके पास आता हूं वह हमेशा बच जाता है बस तब से लेकर आज तक मैं इस अभिमन्यु को मारना चाहता हूं लेकिन हर बार वह बच जाता है और आज मैं दुखी इसलिए हूं कि मेरे मारने से पहले वह बड़ा और काफी शक्तिशाली हो गया है और मे विना शक्ति के उसे कैसे मारूंगा अब मुझे लगता है कि मुझे अपना मकसद छोड़ना पड़ेगा।😡