Chapter - 8
शिद्दत ने पूछा - जब बारिश होगी तब हमें प्यार होगा इसका क्या मतलब है l
ताई - इसी सवाल में ज़वाब है उसे ढूंढने की कोशिश करो ज़वाब तुम्हें खुद मिल जाएगा l
शिद्दत उसे घूरते हुए शांति से कहती है - खुद जवाब नहीं पता है... तो बोल रहे हैं... इसी सवाल में ही... ज़वाब है... अगर नहीं पता तो... सीधा - सीधा... कहिये न... की हमसे न पूछो हमें इसका ज़वाब नहीं पता l
ताई ने उसे गुस्से से घूरने लगा और बोला - तुम जाती हो या मैं तुम्हें...
शिद्दत ने कहा - हाँ हाँ जा रही हूँ l
शिद्दत वहाँ से भाग जाती है ताई उसे जाते हुए देख रहा था और बोलता है - इससे पहले आज तक मुझे किसी ने परेशान नहीं किया था लेकिन इसने तो... खैर कुछ भी हो है तो मेरी... l
ये कहकर वो मुस्करा देता है फिर अपना काम करने लगता है l
शाम को...
सिमी अपने दो तीन दोस्तों के साथ उस कमरे में आता है जहाँ सुबह शिद्दत आयी थी उन्होंने देखा ताई पहले से ही वहाँ बैठा उनका इंतजार कर रहा था सिमी ने कहा - अरे ताई तुम तो पहले से ही यहां मौजूद हो किसका इंतजार कर रहे हो l
ताई ने कहा - तुम लोगों का l
सिमी ने कहा - झूठ मत बोलो आज तक कभी भी तुमने हमारा इंतजार नहीं किया तो फिर आज क्यूँ ?
तभी पीछे से आवाज आई - क्या मैं अंदर आ सकती हूँ l
सभी ने पीछे देखा तो शिद्दत खड़ी थी ताई ने नीचे देखा कि वो कमरे के अंदर ही है तो उससे कहा - अब अंदर आ गई हो तो पूछ क्यों रही हो l
शिद्दत उनके पास आकर खड़ी हो जाती है वो देखती है एक भी कुर्सी खाली नहीं बजाय ताई के बगल की l
शिद्दत ने कहा - मैं कहाँ बैठूं ?
सिमी ने ताई के बग़ल वाली कुर्सी पर इशारा करते हुए कहा - वो है न खाली उस पर बैठ जाओ l
शिद्दत बैठ जाती है अब तो बुरा हाल होने लगा ताई का उसकी वही वापस से धड़कने बढ़ने लगी वो थोड़ा उससे दूर हुआ l
सिमी ने उसे छेड़ते हुए कहा - क्या गुरु जी कोई परेशानी है
ताई - चुप रहो मुझे कोई परेशानी नहीं है किताब में ध्यान लगाओ l सिमी मुस्कराते हुए किताब में देखने लगा l
शिद्दत उन्हें अजीब तरह से देख रही थी वो कुछ लिख रही थी ताई कोई किताब पढ़ रहा था तभी सिद्दत को कुछ याद आता है l
वो ताई से कहती है - एक बात पूछना था पूछूं ?
ताई उसकी तरफ देखता है और खुद से कहता है - ये फिर से मुझे परेशान करने वाली है l
शिद्दत - क्या हुआ नहीं पूछूं ?
ताई - नहीं नहीं...
शिद्दत - मतलब नहीं पूछूं ठीक है, शिद्दत उदास मन से कहती है तो ताई कहता है - मेरा मतलब पूछो ?
शिद्दत ने कहा - लेकिन आपने तो अभी कहा कि नहीं नहीं l
ताई - अरे मेरा कहने का मतलब था कि पूछो l
शिद्दत - लेकिन आपने तो कहा कि नहीं पूछना है l
ताई परेशान होते हुए - अरे मतलब मैं बोल रहा था कि नहीं नहीं पूछो l
शिद्दत ने मासूम सी शकल बनाकर कहा - लेकिन आपने...
सिमी ने उसके सामने हाथ जोड़ कर कहा - अरे राजकुमारी आपको जो पूछना है पूछिये हम आपको जरूर बतायेंगे l
उसकी इस हालत पर उसके सारे दोस्त धीरे धीरे हँस रहे थे शिद्दत ने कहा - ठीक है वो मुझे पूछना ये था कि आज रात को जब मैं सोई थी तब मुझे किसी के बांसुरी बजने की आवाज सुनाई दी... कौन बजा रहा था वो बाँसुरी l
ये सुन ताई चुप हो जाता है और उसे देखने लगता है शिद्दत ने फिर कहा - अब सुबह की तरह ये मत कहिएगा तुम्हारे सवालों में ही तुम्हारा ज़वाब छुपा है आप ये यहीं के हैं तो आपको तो होगा बताइए कौन था ?
ताई ने बात को बदलते हुए कहा - पहले ये बताओ तुम्हारे नाम का मतलब क्या है, " शिद्दत " l
शिद्दत ने कहा - मेरे नाम का मतलब... मतलब जिसे पूरी दुनिया पाना चाहती है l
जियांग कहता है - मतलब... ?
शिद्दत उसे समझाते हुए कहती है - मतलब जैसे कि तुम किसी चीज़ को बहुत ही ज्यादा पसंद करते हो जैसे किसी चीज़ का कबसे इंतजार पूरे शिद्दत से कर रहे हो l
वही मेरे नाम का अर्थ है l
सिमी - मतलब हम जो भी करते हैं तुमसे करते हैं... मतलब तुम्हारे नाम से करते हैं l
शिद्दत - हाँ जो भी करते हैं वो मुझसे मेरा मतलब मेरे नाम से पाते हैं समझे l
ताई - ये क्या आप - आप लगा रखा है इतनी इज़्ज़त क्यों सीधा तुम नहीं बोल सकती l
शिद्दत उसकी ओर देखती है और कहती है - मेरे यही संस्कार है मुझे बचपन से सिखाया गया है कि सभी को इज़्ज़त देनी है l
ताई - तो मैं तुम्हारा शिक्षक होने के नाते ये कहता हूं कि तुम आज से किसी को भी आप नहीं कहोगी सिवाय गुरु जी के समझी और मैं तुम्हारा शिक्षक होने के नाते तुम मेरी बात मानों l
शिद्दत ने कहा - लेकिन मेरे सिखाये गए संस्कार उसका क्या l
ताई ने उसे समझाया - देखो इज्ज़त देनी अच्छी बात है लेकिन हर किसी को बिना आप कहे भी इज्ज़त दे सकती हो l
जी... शिद्दत ने अपना सर हिला दिया l
शिद्दत ने कहा - अब मैं जाऊँ ?
ताई ने कहा - हम्म...
शिद्दत - मैं जाऊँ...
ताई ने हाँ में सर हिलाते हुए कहा - हम्म... l
शिद्दत उठती है और वो वहां से चली जाती है ताई कहता है - अब तुम लोग भी जाओ मैं भी जाता हूँ l
सिमी, जियांग और एक दो लोग उसे ही देख रहे थे ताई उठता है सिमी कहता है - क्या तुम अपना लक्ष्य भूल गए हो
ताई ने नासमझी से कहा - मतलब...
सिमी - मतलब कि तुम जिसका बचपन से इंतजार कर रहे हो उसे छोड़कर तुम किसी और के पीछे जा रहे हो l
ताई ने उसे देखा और कहा - नहीं मैं अपने लक्ष्य के पीछे ही हूँ l
जियांग ने कहा - लेकिन कैसे ?
ताई ने उन्हें कुछ ऐसा बताया जिसे सुन वो हैरान रह गए l
ताई ने कहा - जो मेरा लक्ष्य है और जिसका मैं इंतजार कर रहा हूं वो शिद्दत ही है l
सिमी ने कहा - तुम्हें कैसे पता ?
ताई ने कहा - जब मैं पहली बार उससे मिला था तभी उसकी आँखे ही देखकर मैं पहचान गया था जब मैं उससे मिला था लगा था जैसे मेरे सदियों का इंतजार खत्म हुआ उसे देख मेरी धड़कने बढ़ जाती है उसे देखने के बाद बाद मेरी सारी चिंताएं दूर हो जाती हैं l
मैंने उसे अपने ध्यान में ही देख लिया था और जब उसने अपना दुपट्टा मुझे उस बारिश उढ़ाया था तो उसकी खुशबु मैंने पहचान ली थी मुझे उसके हर एक चीज़ का पता होता है और जब उसके गले पर चोट लगी थी तो सिर्फ उसे ही नहीं बल्कि मेरे सीधे यहां ( उसने अपने सीने पर हाथ रख कर कहा ) चोट लगी थी l
मैं उसका बचपन से नहीं बल्कि सदियों से इंतज़ार कर रहा हूं और वो मुझसे हमेशा बिछड़ जाती है लेकिन इस बार मैं उसे खुद से दूर नहीं जाने दूँगा नहीं जाने दूँगा l
उसके कहते हुए लगभग उसके आँखों से आंसू आ गया था सिमी जियांग ने कहा - हमें माफ कर दो हमनें तुम्हें गलत समझा l
सिमी - लेकिन हमनें तुम्हारे लिए हमेशा यही दुआ किया है कि तुम्हें वो मिल जाये जिसके लिए तुम इतने बरस तड़पे हो हमें लगा तुमने अपना लक्ष्य बदल दिया उस अनाया के लिए... लेकिन हम खुश हैं अब हमें तुम्हारी प्रेम कहानी देखने को मिलेगी l
और वो सभी उसे गले लगा लेते हैं ताई भी खुश था लेकिन उसके चेहरे पर चिंता की लकीर थी l
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