अभी तक।
मुझे ही कुछ करना पड़ेगा। ये सोच कर माहिरा उठी और अपने आसू पोछ लिए और बाहर चली गई।
मुंबई
हॉस्पिटल में सदफ अभी सोकर उठी थी अब उसका डिस्चार्ज होने वाला था। और उसकी बेबी अभी भी सो रही थी।
उसने बेबी को गोद में लिटा लिया और बोली..... मेरी दुनिया मेरी हीर सो रही है। आपको पता है दुनिया आप अपनी मम्मा की जान हो आपकी मम्मा की प्यार की निशानी।
मेरे साहिल की निशानी मैं अब इसे खुद से दूर नहीं होने दूंगी।
अब आगे।
सदफ हीर को गोद में ले लेती है और अपने फोन से उबर उसने बुक कर दी थी वो अपना और बेबी का सामान पैक करती है।
फिर एक नर्स उसे गाड़ी में बैठा देती है।
सदफ का घर हॉस्पिटल से आधे घंटे की दूरी पर था।
सदफ आधे घंटे में घर पहुंच जाती है तो वहा एक लेडीज जो की मेड थी घर की नाम जूही था।
जूही सदफ के पास आकर बोली.... माशाल्लाह क्या परी जैसी बेटी है आपकी तो नजर न लगे दीदी आप इसका जल्दी से सदका उतार दो।
सदफ एक मुस्कुराहट लिए उसे देख रही थी।
सदफ हमेशा उसपर बहुत गुस्सा करती थी क्युकी हालात ने जो खेल उसके साथ खेला वो उससे काफी थक चुकी थी और चिड़ी हुई रहती थी।
लेकिन आज वो बहुत खुश थी इसीलिए उसने जूही से कुछ नही कहा।
जूही आंटी आप जाइए मेरे रूम में बेड सही कर दीजिए ।
सदफ की बात सुनकर जूही रूम में चली गई।
अब रात हो रही थी।
कुछ देर में सदफ अपने रूम में थी जूही ने उसे वही खाना दे दिया था और खाना खाकर वो हीर को फीड कराने लगी।
और उससे बात कर रही थी जैसे वो उसे सुन रही हो।
तुम्हे पता है हीर बेटा।
जब मैं पहली बार साहिल से मिली थी यानी की तुम्हारे पापा से तब मुझे लगा था वो बहुत खडूस है।
फ्लैशबैक
इंटरव्यू डे
ऑफिस इन नोएडा
सुबह 11 बजे
एक केबिन के बाहर सदफ बैठी थी और एक काका जो एक एक करके एंप्लॉय को अंदर भेज रहे थे।
कुछ देर में सदफ की टर्न आती है।
तो काका बोले_ अब जाओ बेटा।
सदफ अंदर चली जाती है।
उसके सामने बॉस चेयर पर बैठा शख्स लंबी चौड़ी बॉडी दूध सा सफेद रंग हल्की हल्की सी मूछे और दाढ़ी। वो काफी हैंडसम था।
वो और कोई नही साहिर था।
साहिर ने सदफ से रिज्यूमे लिया और चेक किया।
सो सदफ टेल मि अबाउट योर फामिल।
व्हाट अबाउट योर फादर व्हाट ही डू?
तो सदफ एक थकी आवाज में बोली_ सर माय फादर इस नो मोर।
एंड आई बिलॉन्ग तो मिडिल क्लास फमिली। हैव वन एल्डर ब्रदर अंडे ए यंगर सिस्टर एंड माय स्वीट मदर।
उसकी फर्स्ट लाइन पर ही साहिर का दिल पिघल गया साहिर के भी पापा नही थे जिस वजह से वो सदफ का दुख समझ सकता था और वो काफी स्ट्रिक्ट था लेकिन दिल का नाजुक था।
ओके डॉन यू हैव टू कम टुमॉरो योर थ्री डेज आर ट्रेनिंग डेज आफ्टर दिस योर वर्किंग डेज।
एंड रिमेंबर वन थिंग डोंट टेल अबाउट योर सैलरी टू उदर स्टाफ।
गिव योर बेस्ट बेटा।
बोलकर साहिर ने उसके सर पर हाथ रखा और केबिन से बाहर चला गया।
वहां खड़े अक्षय सर तो देखते रह गए इतनी आसानी से इतनी सैलरी पे जॉब डॉन कर दिया।
अक्षय ने ये बात साहिल को कॉल पर बताई क्युकी वो आज नही आया था।
नेक्स्ट डे।
सुबह दस बजे।
सदफ टाइम पर ऑफिस आ गई थी पर अभी सिर्फ एक ही लड़की आई थी।
वो ऑफिस में किसी से ज्यादा बात नहीं करती।
धीरे धीरे पूरा स्टाफ आ जाता है। अक्षय सर सदफ के पास आकर पूछते है_तुम्हे लगता है तुम कर पाओगी? सोच लो यहां लोग दो दिन नही टिक पाते।
साहिल पीछे खड़ा अक्षय की बात सुन रहा था।
सदफ बोली _ जी सिर मैं कर लूंगी।
ओके तुम्हे शहनाज सीखा देगी ध्यान दो।
शहनाज जो की अभी 15 डेज पहले आई थी लेकिन अच्छा काम करने लगी थी उसका काम तारीफे काबिल था साथ ही वो भी क्युकी वो इतना बोलती थी की सब उसके आगे अपनी बोलती बंद कर देते थे।
सदफ उसके साथ काम देख रही थी। तभी साहिल आया ओके मिस सदफ नाउ योर टर्न।
टेल में सोमठिंग अबाउट इट। ये कहकर वो उसे एक नोट देता है।
उस नोट में काम की सारी इंस्ट्रक्शन थी।
सदफ एक बार उसे पड़ती है और बोलती है हो गया पूछिए अब।
तो साहिल बोला नो मिस सदफ अभी और पढ़िए अभी नहीं हुआ।
उसकी बात से सदफ थोड़ा चीड़ जाति है लेकिन याद किया हुआ दुबारा पढ़ती है।
कुछ देर पढ़ने के बाद हो गया अब फाइनल।
तो साहिल बोला एक लास्ट बार पढ़ो।
तो अब सदफ को गुस्सा आ जाता है।
जब मैंने आपको बोला ना मुझे हो गया जब मेरी गलती निकले तब आप बोलिएगा बच्ची हूं क्या जो बच्चे की तरह एक बार और पढ़े एक बार और पढलो बोल रहे है आप मुझे।
उसकी आवाज सुनकर सब उसे देखने लगे तो साहिल बोला जी हां मिस सदफ आप बच्ची है।
चलिए बताइए_ व्हाट इज द नेम ऑफ आर इंडस्ट्री।
तो सदफ बोली इट्स द वर्क ऑफ इंडिया ऑनलाइन शॉपिंग।
उसका करेक्ट आंसर सुनकर साहिल ने नेक्स्ट क्वेश्चन पूछा।
व्हाट इज द रेंज ऑफ प्रॉफिट वे फाइंड इन वन प्रोडक्ट।
अब सदफ इसका आंसर भूल गई थी।
वो साहिल को चुप्पी साधे देखने लगी।
तो साहिल बोला क्या हुआ बच्चा भूल गया। कोई नही दुबारा प्रैक्टिस करो।
साहिल हर किसी को बच्चा कर के बोल दिया करता था ये उसका सबके प्रति सॉफ्ट बिहेवियर था।
लेकिन सदफ को लगा की वो उसे टीस कर रहा है।
वो चीड़ गई और जाकर शहनाज के पास बैठ गई।
शहनाज उसके इस बिहेवियर से हस रही थी।
और सदफ उसके बगल में बैठ कर बडबडा रही थी... खडूस कही के क्या समझते है है खुद को है तो यह पर वो भी जॉब पर अकड़ ऐसे दिखा रहे थे जैसे उनका ही ऑफिस हो बड़े आए।
वो इस बात से अनजान थी की साहिल उसके पीछे ही खड़ा है और शहनाज की तो ये देख कर आज बोलती बंद हो चुकी थी।
तभी साहिल ने कहा नही बिलकुल नहीं_ मैं कौन होता हूं इसे अपना ऑफिस समझने वाला आप ने गलत सोचा।
मैं ऐसा नहीं सोचता बल्कि मैं तो जनता हूं की ये मेरे बड़े भाई का ऑफिस है।
और मिस सदफ आपको मैने सिर्फ बच्चा ही बोला ना वो मैं नॉर्मली सबको बोलता हूं मेरा यही तरीका है काम निकलवाने का।
ये कहकर साहिल चला गया वो केबिन में बैठा सदफ की बात पर हंस रहा था।
और सदफ तो ये सुनकर हैरान थी की बड़े भाई यानी ये ऑफिस के छोटे बॉस है ओह नो फिर से गलती....
फ्लैशबैक एंड।
आज के लिए इतना ही
चैप्टर अच्छा लगा तो लाइक कमेंट शेयर कर देना
और मेरी नोवेल ये इश्क नही जुनून है को अपना प्यार बाटे।
Bye everyone 🥰 milte hai next chapter me
Meri new story ko review dedo yaro
अगर आज का चैप्टर अच्छा लगा हो तो लाईक कमेंट शेयर करिएगा और रिव्यू भी दे दीजिएगा
और अपना प्यार मेरी पहली नोवेल"ये इश्क नही जुनून है" उसे भी दीजिएगा।
मिलते है नेक्स्ट चैप्टर में तब तक के लिए bye everyone 🥰🥰