अब तक आपने पढ़ा ।
आपको जो सजा देना है मुझे दीजिए चाहे वह मौत ही क्यों ना हो लेकिन आप मेरी महक को कुछ नहीं करेंगे । रियाज की बात सुनकर शहजाद सपाट लफ्जों में कहता है ।
शहजाद आप यह क्या कह रही हैं । और यह आदमी होते कौन है आपको मौत देने वाले । महक शहजादा के सामने आते हुए अपने लाउड वॉइस में कहती है ।
महक आप जाइए यहां से ! शहजाद अपने सख्त आवास में कहता है ।
अब आगे ।
हम यहां से कहीं नहीं जाने वाले और यह सब हो क्या रहा है । महक जोर से चिल्लाते हुए कहती है ।
Ssssss! मेरे सामने ऊंची आवाज में बात करने की कोशिश भी मत करना वरना तुम्हारे इस मजनू के साथ तुम्हें भी जिंदा दफना दूंगा । रज़ा महक को घूरते हुए अपनी डेंजरस वॉइस में कहता है ।
तमीज से बात करिए , अभी हम पुलिस को कॉल लगाएंगे तब की सारी बदतमीजी सही हो जाएगी । महक रज़ा की तरफ देखते हुए गुस्से से कहती है वही शहजाद महक की बात सुनकर जल्दी से वापस उसे अपने पीछे करता है ।
महक की बात सुनकर रज़ा की आंखें डार्क हो गई थी और उसका चेहरा हद से ज्यादा सख्त । तभी वहां पर गोली चलने की आवाज आती है और उसके अगले ही पल शहजाद अपने पैर को पकड़ कर जमीन पर पड़ा हुआ था । उसके पैर से खून पानी की तरह बह रहा था शहजाद के पैर से खून बहता हुआ देख महक जोर से चिख पड़ती है ।
शहजाआआआआआआद ! महक रोते हुए शहजादाश के पास घुटनों के बल बैठ जाती है वही शहजाद दर्द से तड़प रहा था ।
आप इतने ज़ालिम कैसे हो सकते हैं । किसी इंसान का जान लेने का हक आपका बिल्कुल भी नहीं है । महक गुस्से से चिल्लाते हुए कहती है महक की लाउड वॉइस सुनकर रज़ा की आंखें फिर एक बार डार्क हो जाती है । अपनी जवान को लगाम दो , रज़ा शेख कुछ भी कर सकता है ।
मेरे टीम में बस आने का रास्ता है अगर मेरे टीम से कोई जाने की कोशिश करता है , तो उसे सिर्फ मौत मिलता है । अब तुम्हारे इस मजनू को मौत ही मिलेगा । रियाज के इतना कहते हैं फिर एक बार वहां पर गोली की आवाज सुनाई देती है ।
उसके दूसरे ही पर शहजाद के सांस रुक जाती है । वही महक शहजाद को देखकर एकदम से बेजान हो जाती है । महक की आंखों के सारे आंसू अचानक से सूख जाते हैं । उसके होठ एकदम से लाल पड़ जाती है ।
देख लिया मैं किसी को भी मौत दे सकता हूं । संभालो अपने महबूब को । कहते हुए रज़ा तिरछा मुस्कुराता है और वहां से जाने लगता है तभी उसके कानों में महक की आवाज सुनाई देती है । महक की बातें सुनकर रज़ा के बढ़ते हुए कदम रुक जाते हैं वह पीछे मुड़कर महक की तरफ देखने लगता है जो इस समय अपनी लाल आंखों से रज़ा को देख रही थी ।
अपने आप को खुदा समझने वाले एक दिन इसी तरह तू खुदा के दर पर जाएगा और अपनी मोहब्बत को पाने के लिए दुआ मांगेगा जिस तरह आज मेरी मोहब्बत को मेरी आंखों के सामने तूने मार डाला है इसी तरह ठीक तू भी अपनी मोहब्बत के लिए तड़पेगा ।
हां हां हां हां हां, पहली बात रज़ा शेख के सीने में दिल नहीं है और रज़ा शेख का कोई महबूब भी नहीं है मोहब्बत सिर्फ एक झूठ है और रज़ा शेख झूठ से दूर रहता है और दूसरों को हकीकत से वाकिफ करता है । महक की बात सुनकर रज़ा जोर - जोर से हंसते हुए फिर अचानक से अपना फैसियल एक्सप्रेशन एकदम से सख्त करके कहता है ।
रज़ा की बात सुनकर महक एक दर्द भरी मुस्कान के साथ । सीने में दिल सबके पास होता है बस धड़कने वाला महबूब नहीं होता । तुम्हें मोहब्बत से रूबरू कराने वाली जरूर आएगी । तुम्हारे दिल को बेचैनी से धड़कने वाली जरूर आएगी । तुम्हें तुम्हारी गलती का एहसास करने के लिए खुदा तुम्हारी मोहब्बत को जरूर भेजेंगे और तुमसे दूर भी करेगा । मोहब्बत को झूठ समझने वाले मोहब्बत के अलावा इस दुनिया में कुछ भी सच नहीं है ।
मोहब्बत से पाख इस दुनिया में कुछ नहीं है । और एक दिन मोहब्बत का मतलब समझाने के लिए खुदा तुम्हारी जिंदगी में किसी को भेजेंगे जरूर उसे खुदा के घर में देर है लेकिन अंधेर नहीं । मिस्टर रज़ा शेख , मोहब्बत तो तुम्हें करना पड़ेगा मेरी मोहब्बत को समझने के लिए तुम्हें मोहब्बत का अंदाज़ होना चाहिए ।
रज़ा शेख मेरी बद्दुआ है तुम्हें आज जिस तरह तुमने मेरी मोहब्बत को मुझसे दूर किया है इसी तरह तुम्हारी मोहब्बत भी तुमसे दूर हो जाएगी
आमीन । कहते हुए महक अपने दोनों हाथों को अपने चेहरे पर फेरती है । महक की बात सुनकर रज़ा अपनी आंखों को रोल करते हुए उसके घर से जाने लगता है तभी एक बार फिर से गोली चलने की आवाज रज़ा को अपने कानों में सुनाई देती है । रज़ा झट से पीछे मुड़ता है , तो उसकी आंखें हैरानी से बड़ी हो जाती है । महक एक बॉडीगार्ड के हाथों से गन छीनकर अपने आप को शूट कर ली थी । और शहजाद के ऊपर गिर गई थी ।
What the hell ! क्या मोहब्बत में लोग इतने पागल हो जाते हैं । ufff , रज़ा इरिटेट होते हुए कहता है और वहां से चला जाता है । वही रज़ा का सबसे वफादार आदमी अकबर , घर के अंदर खड़े दो बॉडीगार्ड को महक और शहजाद को उठाने का इशारा करता है ।
वही रज़ा घर के बाहर आकर अपनी कार में बैठ जाता है कुछ ही देर में उसकी कर वहां से रवाना हो जाती है । वही अकबर महक और शहजाद की लाश को लेकर अपनी कार में बैठ जाता है और कुछ देर बाद वह शमशान भूमि पहुंचता है ।
अकबर के साथ तीन - चार और आदमी थे । अकबर मुस्लिम रिवाज के साथ महक और शहजाद के जिस को कब्र में दफन देता है और अपनी आंखें बंद करके खुद से दुआ मांगने लगता है ।
आमीन कहते हुए अकबर अपनी आंखें खोलता है । इस समय अकबर का चेहरा एक्सप्रेशंस था । सही कहा था आपने महक हमारे बॉस को मोहब्बत से रूबरू होना पड़ेगा । उनके दिल में जज्बात जो किसी न किसी को जागना होगा ही । ए मेरे खुदि , मेरे बॉस के बुरे कामों को माफ करना । मेरी इबादत को कबूल कर , मेरे बॉस के दिल में मोहब्बत के जज्बात जगा दे ।
अकबर आसमान की तरफ देखते हुए कहता है । वह कुछ देर तक वहीं पर खड़ा रहता है । उसके बाद वहां से चला जाता है ।
प्लीज रीडर्स आप लोग मुझे सपोर्ट करिए और कमेंट और रिव्यू भी दीजिए ।
क्या सच में कभी होगा रियाज को मोहब्बत का एहसास ?
क्या उसके दिल को धड़कने वाली सच में कोई आएगी ?
Raza ki Inayat...