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Shairy No 3

अर्ज़ कुछ यूँ किया हैं जरा गौर फरमाइयेगा

सुना हैं के इंतज़ार का फल मीठा होता हैं

मैंने देखा की वो खट्टा होता हैं

इंतज़ार करते करते सदियों गुजर गये

पर हमें वो मीठा फल नसीब नहीं हुए