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मिस्टर सीईओ , स्पॉइल मी १०० परसेंट !

तलाक के कागज के एक टुकड़े ने शिया जिंगे को बेबस कर दिया था। हालांकि, एक कार दुर्घटना के बाद शिया जिंगे एक पेशेवर हैकर में बदल गई, जिसके पास इतना पैसा था, जिसे वो कभी पूरा खर्च भी नहीं कर सकती थी। "उन सभी के लिए जिन्होंने मेरा अनादर किया, मुझे परेशान किया और मुझपर हंसे, कृपा सभी लाइन में आए, मैं आप सबको दिखती हूं कि चेहरे पर थप्पड़ मारने का क्या मतलब है!" "रूको रूको रूको। वहां पर वह आदमी, मेरा पूर्व पति जिसके साथ मेरा कोई संबंध नहीं है, लाइन मत काटो।" "क्या, आप इन लोगों का सामना करने में मेरी मदद करना चाहते हैं?" "इतना ही नहीं, मैं सबसे पहले स्वयं को थप्पड़ मारूंगा!" अरबों डॉलर वाले सुंदर आदमी ने बिना रूके अपने चेहरे पर थप्पड़ मारने के लिए अपनी खुद की हथेली उठाई! ये एक लड़की की शक्ति की कहानी है, इस में धोखा नहीं है, गलतफहमी है। इस कहानी में अप्रत्याशित घटनाओं की उम्मीद करें, और इसे साधारण रोमांस न समझें।

Enchanting Smile · 现代言情
分數不夠
61 Chs

शी मुबाइ के द्वारा खोज़ी गया

編輯: Providentia Translations

मुबाइ ने यह चुनौती 001 को अपनी कंपनी में खींचने के लिए रखी थी।

उसे 001 की प्रतिभा पर कुछ संदेह था, लेकिन मुबाइ वास्तव में मानता था कि वह बहुत प्रतिभाशाली है।और उसने किसी भी प्रतिभा को हाथ से जाने देने से इनकार कर दिया।

शी साम्राज्य की प्रसिद्धि के कारण, उसे यकीन था की 001 उसके इस लुभावने प्रस्ताव को स्वीकर करेगा। 

मुबाइ आराम से उसकी स्वीकृति की प्रतीक्षा करने लगा।

लेकिन उसे तब ताज्जुब हुआ,जब 001 ने उसे साफ़ इनकार कर दिया।

उसने उत्तर में लिखा था, मुझे दिलचस्पी नहीं है। उसके बाद 001 अपने डिजिटल फूटप्रिंट्स पूरी तरह से मिटाकर इस बात-चीत से पीछे हट गया।

मुबाइ तुरंत उसे ट्रेस करने की कोशिश की,लेकिन पलक झपकते ही ही वह ट्रेल शांत हो गई।

स्क्रीन पर लिखे 'मुझे दिलचस्पी नहीं है' को घूरते हुए ,मुबाइ का चेहरा गुस्से से सिकुड़ गया था।

इतनी अस्वीकृतियॉं हाल में ही मिलने के बाद उसकी साख पर बट्टा लग गया था।

लेकिन, वह 001 की क्षमताओं के कारण बहुत आश्चर्यचकित था। वह उस बातचीत के दौरान मिली जानकारी के द्वारा उसकी पहचान ढूंढने की कोशिश करने लगा, पर कोई फायदा नहीं हुआ।

001 वाकई बहुत प्रतिभाशाली था क्योंकि उसने मुबाइ के सभी प्रयासों को अवरुद्ध कर दिया था।

यही नहीं, 001 के पास एक माहिर खिलाड़ी का साहस था, जबकि वह जानता था की वह किससे बात कर रहा था।

सच्चा प्रतिभाशाली व्यक्ति हमेशा थोड़ा सनकी होता है।

इस छोटे-से प्रसंग के बाद, 001 में मुबाइ की दिलचस्पी और भी बढ़ गई ..

इस बातचीत से लॉग आउट होने के बाद जिंगे के चेहरे पर केवल गुस्सा दिखाई दे रहा था।

उसे नहीं लगा था कि वह अवांछित रूप से मुबाइ का ध्यान आकर्षि कर लेगी।

उसने खुद को भविष्य में सतर्क रहने के लिए सावधान किया,क्योंकि वह मुबाइ से कोई बातचीत नहीं करना चाहती थी।कौन जानता था कि वह उसका पता लगाने के लिए और कौन-से तरीके अपनाएगा।

उसे लगने लगा कि पैसा कमाने के लिए इस मंच का उपयोग करने का तरीका सही नहीं था।

जिंगे को हार महसूस नहीं हुई। उसे पता था कि अगर आज कोई हल नहीं निकलता ,तब भी कल हमेशा आएगा।

उसे नहीं मालूम था कि अगले हीं दिन कुछ ऐसा होने वाला है,जो उसके गुस्से को और बढ़ा देगा।

बंगले में रहने के लि जाने के बाद शिया ची का मूड अच्छा हो गया। उस दिन वह अपने परिवार के लिए घर में ही खाना बनाना चाहता था, इसलिए वह सुबह ही बाजार के लिए निकल पड़ा।

उसने नाश्ते के समय घर लौटने की योजना बनाई थी।

जिंगे ने सभी के लिए नाश्ता बनाया था, पर बाहर पड़े-पड़े ची के हिस्से का नाश्ता ठंडा हो गया।

दोपहर हो चुकी थी और वह अभी तक घर नहीं आया था।

चेंगवू ने परेशान होकर पूछा , " ची अबतक बाज़ार से क्यों नहीं आया?"

" मैं उसे कॉल करके पूछती हूं," जिंगे ने सांत्वना देते हुए कहा।उसने शिया ची को कॉल किया और उसने बहुत देर के बाद फ़ोन उठाया।

दूसरी ओर से शिया ची की गुस्सेभरी आवाज़ आई, "दीदी, तुमने मुझे कॉल क्यों किया?"

जिंगे उसकी हरकतों से वाकिफ थी। उसे उसकी आवाज़ सुनते ही पता चल गया कि कुछ गड़बड़ हुई है।

"तुम कहाँ हो, और अभी तक बाजार से वापस क्यों नहीं आए?"

"हॉं, मैं तुम्हे बताना भूल गया था कि आज लेक्चरर ने मुझे बुलाया है। वह मुझसे स्कूल में मिलना चाहता था।वैसे भी, मुझे कुछ और काम भी है, इसलिए मेरा इंतज़ार मत करो," जिंगे उसकी आवाज़ में झूठी खुशी समझ गई थी। उसने उसकी किसी बात का भरोसा नहीं किया।

"तुम कहाँ हो ?" उसने सीधे पूछा,जो एक तरह से उसे झूठ बोलने की चुनौती थी।

शिया ची ने कमज़ोर आवाज़ में कहा, "घर के कंपाउंड गेट के पास…"

"ठीक है।" जिंगे ने फ़ोन रखा और चाचा से कहा, "चाचाजी, ची पढाई की वजह से अपने स्कूल में अटक गया है और उसने कहा है कि हम उसका इंतज़ार न करें। मैं आपके लिए कुछ खाने को लाती हूँ, आपको क्या चाहिए"।

ईमानदार चेंगवू को समझ नहीं आया कि वह उससे झूठ बोल रही थी। उसने कहा, " तुम जो भी लाओगी,मैं खा लूंगा"।

"ठीक है, आप पहले आराम कर लीजिए। मैं वापस आकर आपको कॉल करूंगी"।

"ठीक है, अपना ख्याल रखना। ज़्यादा कुछ मत खरीदना, बस हम दोनों ही खानेवाले हैं, और ज़्यादा परेशान न होना..."