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मृत्य का देवता (भाग 8)

अब दोनो गिरने के बाद फिर खड़े हो जाते है, दोनो की बहुत बार तलवार टकराने बाद, इस बार दोनो खड़े खड़े हाफ रहें है। दोनो को (जीवन और देवदूत)(जीवन का दूसरा नाम प्रकाश का देवता हैं) देख कर लग रहा होता है कि, दोनों बहुत ही ज्यादा ढक गए है। तो भी दोनो में से कोई भी हार नहीं मान रहा है। दोनों की तलवार में औरा भी खत्म हो गया है।

फिर से दोनो उड़कर एक दूसरे की तरफ़ तेज़ी से बढ़ते हैं, पास पोहचकर दोनो अपनी अपनी तलवार से वार करने लगते है। अब दोनों की तलवार बार बार टकरा रही होती पर ओरा नही होने की वजह से धमाका नहीं हो रहा होता है। बार बार जीवन(प्रकाश का देवता) तलवार से देवदूत पर वार करते हैं, देवदूत बार बार अपनी तलवार की मदद से उसके(जीवन) वार को रोकता हैं।

अब जीवन देवदूत से कहता है कि अब में अपना आखरी वार करने आ रहा हूं, और ऐसा कहकर जीवन बड़ी तेज़ी से देवदूत के पास पोहच जाता हैं। और जीवन अपनी तलवार का वार देवदूत पर कर देता हैं। अब देवदूत इस वार से बचने के लिए अपनी तलवार की मदद से जीवन की तलवार को रोकने का प्रयास करता हैं। तभी जीवन अपनी तलवार में अचानक से ओरा आ जाता है, जिसे देवदूत की तलवार के साथ जीवन की  ओरा वाली तलवार टकराते ही, देवदूत की तलवार टूट जाती है और जीवन की ओरा वाली तलवार सीधी देवदूत  में घुस जाती हैं।

अब जीवन कहता हैं कि मैने थोड़ा ओरा अभी के लिए बचाके रखा था। अब तलवार लग ने की वजह से देवदूत की हालत बहुत खराब हो जाती है, और देवदूत कहता हैं कि "मेने तुम्हें कम समझने की भूल की हैं। "पर कोई बात नहीं मेरे मालिक इसका बदला तुमसे जरूर लेंगे। ऐसा कहते ही देवदूत की वहीं पे मृत्यू हो जाती हैं। वह हवा में से नीचे गिर जाता हैं।

अब जीवन हवामे से निचे आ जाता हैं। और अपने भाई को गले लगाता है, फिर वोह अचानक से बेहोश हो जाता हैं। डेथबॉय समझ जाता है की देवदूत को हराने के लिऐ उसके भाई ने बहुत ताकत का इस्तमाल किया है ।

अब, ब्लैकडेविल अपने मरे हुईं गुलाम को देखता है और गुस्से से कहता है की अब मैं पहले तुम्हें (डेथबॉय) को खत्म करुगा बाद में तुम्हारे बेहोश पड़े भाई को खत्म करुगा।

(अनु एक ऐसा हथियार हैं,जो लोहे का एक 182 सेंटीमीटर लबा दंड हे जिसके ऊपर वाले भाग पे एक गोला बना होता है जिस पर बहुत सारे धारदार खिले लगे हुवे होते हैं ।इसका चित्र इस कहानी के ऊपर लगाया गया है। इस हथियार की मदद से कई जादुई हमले कर सकते हैं)

                              अनु

अब ब्लैकडेविल कहता हैं कि में तुम जेसे पे मेरा समय क्यूं बिगाड़ू तुमसे तो मेरी सेना ही निपट लेगी। ऐसा कहकर ब्लैकडेविल अनु नाम का हथियार अपने हाथ में समन करता हैं। अब ब्लैकडेविल अनु(हथियार)को जमीन पर जोर से पटकता है जिसे ब्लैकडेविल का काला ओरा जमीन पर फैलता है और जमीन हिलने लगती हे, और जमीन में से एक बड़ा सिंहासन बहार आता हैं। यह सिंहासन काले रंग का होता है जिसके ऊपर खतरे का निशान बना  होता हैं।

अब ब्लैकडेविल उस सिंहासन पर जाकर बैठ जाता है। फिर ब्लैकडेवील सिंहासन पर बैठ कर अनु(हथियार) की मदद से बहुत सारे  पोर्टल(दरवाज़े ) खोलता हैं। इस पोर्टल में से बहुत सारे अजीब दिख ने वाले जानवर निकलते हैं।

यह जानवर देखने में  उसका पूरा शरीर सफेद रंग का  होता है और इसके हाथ केकड़े के पंजे जेसे धारदार थे जिसे किसी भी जीव को एक ही वार से काट सकते है। उसके पैर के पंजे में आगे की तरफ दो बड़ी ऊगलिया थी जिसे उसका पैर किसी पंछी की तरह लग रहा था। इसका मुंह के सभी दात इतने बड़े थे की जिसे उसका पूरा मुंह बंध ना हो पा रहा था।

और इस जानवर की आंखे लाल रंग की है , इस जानवर को भस्मदानव कहते है।

              (ऊपर चित्र में आप देख सकते है)

अब यह जानवर(भस्मदानव)सेकडो की सख्या में काली पहाड़ी पर उस पोर्टल की मदद से आजाते है।अब ब्लैकडेविल को देख कर ये सारे जानवर जुक जाते हैं। ब्लैकडेविल इस सभी भस्मदानव कहता हैं कि इन दोनो को खत्म कर दो।,,,,,,,,,,,,

                                   

   ,,,,,,, नर्क में,,,,,,, नर्क एक ऐसी जगह हे जहा पर मर जाने के बाद पापी लोको को ले जाया जाता है। पापी आदमी के मर जाने के बाद उसकी आत्मा लेने के लिए मृत्यु के देवता के दूत उस आत्मा को लेने आते है। यह दूत उस आत्मा को एक लावा के समुद्र की तट पर छोड़ जाते हैं, थोड़ी देर में वहा पे एक पूरा शरीर काले कपड़े से ढका हुआ नाविक उस आत्मा को ले जाता है।

रास्ते में (लावा के समुद्र में) पापी आदमी की आत्मा को अपने जन्म से मरण तक के सारे पाप और अच्छे काम को दिखाए देते हैं। फिर इस लावा के समुद्र में धुध सा जाती हैं और नाव लावा के समुद्र के बीच में एक टापू पर पोहचती है।  वहा पे उस आत्मा को उतार दिया जाता हैं। इस टापू की शरुआत में एक बड़ा सा दरवाजा होता हैं।

जो इतना गरम होता है की एक बार उसे स्पर्श करते ही आदमी जल के राख हो जता है। उस दरवाजे पर एक दूत होता हैं जो सबके पाप की गिनती लगाता है। जो व्यक्ति ने कम पाप किए हो तो उसे टापू की दाईं तरफ भेजा जाता हैं जहा पर उसे उसके पाप को बार बार दिखाया जाता हैं जब तक वह आदमी अपनि गलती का एहसास ना हो तब तक,जब उसे उसकी गलती का एहसास हो जाए तो उसे  टापू के पीछे के दरवाजे से स्वर्ग में भेज दिया जाता है।

और ज्यादा पाप करने वाले का बाई तरफ भेजा जाता है वहा पे उसे उसके हर एक पाप की सजा दी जाती हैं जेसेकी , पापी आदमी को लावा से नेहलाना,तेल में तलना, आंखो की  मदद से नमक इकट्ठा करवाना। इस सबको सजा देने की सारी जानकारी और सबको सजा देने वाला का नाम है, लालखोपरी

(लालखोपरी दिखने में उसका पूरा शरिर लाल रंग का हों गया ही क्योंकि सेकडो सालो से इस नर्क की गरमी में रहने की वजह से।उसके माथे पर दो सिंग हैं। इसको देख कर ही पापी लोग डर जाते है।)

लालखोपरी मृत्यू के देवता का सेनापति है जो मुर्त्यु के देवता की गेरहाजरी में नर्क का ध्यान रखता है। लालखोपारी ऐसे पापी लोगों को सजा देता ही की जिसे दूसरे पापी अपने आपही खुदका पाप स्वीकार कर लेते हैं। नर्क का एक एक पापी लालाखोपारी से डरता है। नर्क के बीच में एक बड़ा सा सिंहासन है जिस के ऊपर से पूरा नर्क दिखाता है, जिस पर मृत्यु के देवता बैठकर पूरा नर्क को देख सकते है।

लालाखोपरी एक पापी को सजा दे रहा होता है तभी वहा पे एक दूत आता  है और कहता हे की, सेनापति जी आपको आपकी सेना के साथ मृत्यू के देवता ने काली पहाड़ी पर बुलाया है।