अगले ही क्षण लू टिंग ने धक्का देकर दरवाजा खोला और अंदर घुस गया| अंदर का नजारा देख कर वह चौंक गया|
हवा ठंडी हो गयी| लू टिंग की आंखे तलवार सी पैनी हो गयी| उसने लू जींगली से पूछा, "क्या तुमने भी देखा?"
लू जींगली इस प्रश्न से अंदर तक हिल गया| वह दरवाजे की चौखट पर ही जम गया, "अगर मैंने देखा नहीं होता तो मैं कैसे पहचान पाता कि यह मेरी भाभी है| अब आप इस बात से भी जल रहे हो क्या? वह पूरी तरह से पंखुड़ियों से ढँकी हुई थी तो मैंने ज्यादा कुछ नहीं देखा पर इसके अलावा मैं अगर अपनी उत्सुकता की वजह से यहाँ नहीं आया होता तो हमे पता नहीं पड़ता कि भाभी यहाँ इस हालत में होगी| अगर मैं यहाँ नहीं आया होता तो आज रात उसके साथ क्या हो गया होता| मैं कितना भी अच्छा कर लूँ पर वह मेरी गलतियों के आगे कम ही पड़ जाता है| मेरे जैसा सहायक आपको कही नहीं मिलेगा|"
लू टिंग चीखा, "बाहर भागों|"
"हाँ ठीक है, आपकी दया के लिए शुक्रिया|" लू जींगली तुरंत वहाँ से निकल लिया|
जींगली को मालूम था की उत्सुकता उसे किसी दिन मौत का कारण भी हो सकती है|वह हर बार इसी तरह मौत के पास जा कर बच निकल लेता है पर फिर भी वह अपनी इस आदत से बाज नहीं आता है|
लू जींगली के जाने के बाद लू टिंग के दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था, वह बिस्तर से 10 कदम की दूरी पर खड़ा था|
यह एक बड़ा सा सफ़ेद रंग का बिस्तर था जो कि गुलाब के फूलों की पंखुड़ियों से ढँका हुआ था| उसके ऊपर संगमरमर सी सफ़ेद लड़की थी| मलमल के कपड़े के नीचे उसकी आंखे कांप रही थी| पसीने से लथपथ होने के कारण उसके पारदर्शी कपड़े उसके बदन से चिपक गए थे| डर और चिंता के मारे उसने दूध से सफ़ेद पैरो को छाती से लगा लिया था|
निंग क्षी को इस हालत में देखना लू टिंग के लिए दर्दनाक था|
लू टिंग का गला सूख गया था| गले में कुछ अटक गया हो ऐसा लग रहा था| वह सांस भी नहीं ले पा रहा था| उसने अपनी टाई को ढीला किया|
शायद कमरे में घुसते वक़्त हुई आवाजों की वजह से लड़की को अहसास हो गया था कि कोई आया है, उसका पूरा शरीर डर से कांपने लगा| उसने बिस्तर से उतरने की भी कोशिश की पर ना कामयाब रही ऐसा लग रहा था कि उसे ड्रग्स दिये गए हैं| उसके शरीर में जरा सी भी ताकत नहीं बची थी| इतने प्रयास के बावजूद वह चंद इंच ही खिसक पाई थी| उसका दम घुट रहा था, उसके माथे पर से लगातार पसीना बह रहा था|
लू टिंग भी आहिस्ता-आहिस्ता बिस्तर की तरफ बढ़ा| ऐसा लग रहा था जैसे उसका खुद पर कोई काबू नहीं बचा था| वह जैसे किसी और के बस में था| वह बिस्तर के पास जाकर खड़ा हो गया|
लड़की को अहसास हो गया था की कोई बिस्तर के पास खड़ा था| उसने डर के मारे अपने दाँतो से अपने निचले होंठ को इतनी ज़ोर से काटा की वह फट गया| उसने भागने के लिए पूरी ताकत लगा दी|
लू टिंग धीर से लड़की के पास गया,उसने एक उंगली से उसको छुआ| निंग क्षी को छूने की इच्छा उसे कब से थी| उसे छूते ही लू टिंग के बदन में आग सी लग गयी|
पर अगले ही क्षण उसकी उंगली में तेज़ दर्द होने लगा|
इस लड़की ने उसे बहुत ही ज़ोर से काट लिया था| उसकी उंगली में जख्म हो गया था जिसमें से खून आने लगा था|
पर यह देखकर कि निंग क्षी के लाल होठों ने उसकी उंगली को छुआ था| यह दर्द भी खुशी में बदल गया था|
लू टिंग को लग रहा था जैसे वह जल्दी ही पागल हो जाएगा|
इस घाव से उठे दर्द से भी उसका दिमाग ठिकाने पर नहीं आया था पर इसी दौरान निंग क्षी अपनी पूरी शक्ति खो चुकी थी और वह थककर ढेर हो गयी| उसका चेहरा सफ़ेद पड़ गया| तभी लू टिंग को होश आया जैसे किसी ने उसके चेहरे पर पानी का मारकर उसे जगाया था|
तभी उसे अहसाह हुआ, "हे भगवान यह मैं क्या कर रहा था|"
यह लड़की कितनी ज्यादा डरी हुई होगी, हर मिनट हर सेकंड इस अंधेरे में यातनाओ से भरा था|
लू टिंग ने तुरंत उसकी आँखों पर बंधी पट्टी खोल दी|
उस लड़की की आंखे फड़क उठी, उसने डरते हुए धीरे-धीरे खोली, जैसे सदियों बाद कोई राजकुमारी आज नींद से जागी हो|