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सराफत की देवी

मैं इन कहानी में सभी पात्र और स्थान का नाम बदल कर बता रहा हूं क्योंकि आपने जीवन में कुछ घटनाओं को छुपा के रखने में हमारे भविष्य के लिए उचित होता है इस कहानी में तीन लोगों के शादी हो चुकी है. एक मेरी बहन जिसका परिवर्तित सपना और दूसरा नाम मेरे बड़े पिता जी की लड़की की लड़की है यानी मेरे बड़े पिताजी की नातिन है इसका परिवर्तित नाम सीमा और तीसरा लड़का मेरे बड़े पिताजी का नाती यानी सीमा का बड़ा भाई जिस का परिवर्तित नाम विनोद और मैं जो आप लोगों के बीच में अपनी कहानी के माध्यम से अपने जीवन में घटित सच्ची घटना को बताने जा रहा हूं और मेरा परिवर्तित नाम सूरज है मेरी बहन की उम्र 28 साल मेरी उम्र 25 साल, विनोद की उम्र 26 साल और सीमा की 23 वर्ष है ये उम्र अब के हैं .

विनोद और सीमा दोनों अपने घर नहीं रहते  हमारे गांव बड़े पिताजी के यहां रहते थे,और हम लोग बिहार के एक छोटे से गांव रहते थे मेरे घर में मैं मेरी मम्मी मेरे पापा और मेरी बहन तीन लोग रहते हैं .

कहानी लगभग आज से 7 वर्ष पहले की है तब मैं ग्रेजुएशन कर रहा था और मेरी उम्र उस समय 18 19 वर्ष लगभग,  होगी, मेरे और मेरे बड़े पिताजी का घर सटा हुआ था. हम दोनों लोगों के यहां खाना अलग अलग बनता था लेकिन हम लोगों बीच इतना प्रेम था कि मैं चाहे जहां खानाा मांग कर खा लेता था. मैं अपने बड़े पिताजी के नातिन के साथ ठंडी के महीने में आग के सामने बैठकर हाथ पैर को सेक रहा था, और वह खाना बना रही थी. मैं उसके बगल में बैठकर कभी कभी उसके पास  पैर को टच कर लिया करता था. कभी कभी उसका हाथ मेरे हाथ से टच हो जाएगा करता था  मेरा रोज का यही  काम हो गया था लेकिन कभी भी मैं हिम्मत नहीं कर पा रहा था और आगे बढ़ने में नाकाम होता रहा लगभग 1 महीने बाद बड़ी मां के पास मैं रजाई में सोया था कुछ देर बाद सीमा भी रजाई में बड़ी मां के पास आकर पैर डालकर बैठ गई, मेरी मां और बड़ी मां आपस में बात कर रहे थे.

मैं सीमा के पैर से अपने पैर को आपस टच करने और एक दूसरे को देखने लगे. सीमा उठ कर घर केे पीछ चली गई. मैं समझ गया था मुझे वह बुला रही है मैं भी 5 मिनट बाद पेशाब करने के बहाने अपने घर के पीछे से सीमा केे पास पहुंच गया और सीमा केे हाथ पकड़ कर बाहों मेें भर लिया और किस करने लगा और चूची को दबाने लगा और मैंं बोला तुमसेेेे बहुत प्यार करता हूं. अब मेरा रोज का सीमा को इशारा करके पीछे बुला लेता था और चुचियों को दबाता  और किस करता था ऐसे ही लगभग 1 महीने तक मैं सीमाा को चोद नहीं पाया  चुचियों को दबाना और होठों को चूमना चालू रहा घर का मामला था और जब भी मौका मिलता चुचियों को मसलने लगा था लेकिन जिस दिन का मुझे इंतजार  था वह इंतजार आज खत्म होने वाला था बड़े हिम्मत करके सीमा को रात में उसके बिस्तर पर जाकर चुपके से उसको जगाया और अब गर्मी का मौसम भी आ गया था.

अंदर आ गई वो बोली जो करना है जल्दी करो कोई जग गया तो दिक्कत हो जाएगी  उतना डर मुझेे भी लग रहा था सीमा के होठों को चूमने लगा चूचियों को मसलने लगा , पहली बार हम  दोनों चुदाई का मज़ा लेने लगें, पहली बार चुदाई होने के कारण चूत बहुत टाइट थी. मेरा लंड चूत में नहीं जा रहा था, मैं सरसों का तेल लगा कर चूत में लंड डाल दिया  सीमा को दर्द होने लगा मेरे कमर पर हाथ लगा रखी थी. जिससे मेरा लंड पूरा नहीं घूूस रहा था लेकिन मेरे जोश के कारण मैं अपना लंड़ चूत में डालने लगा वो दर्द के माारेे आवाज निकाल रही थी लेकिन बहुत धीरे धीरे बोल रही थी मम्मी मम्मी जल्दी करो मैं 7,8मिनट में झड़ गया और सीमा के साथ  कर 5मिनट  तक चिपक कर सो गया,अब तो मुझे रोज चोदने की आदत बन गई थी.

मैैं रोज रात में सीमा को चोदने लगा और कभी कभी रात भर चोदता था, कहानी में मैं कुछ चीजें भूल जाने के कारण मैं उतना  बारीकी से नहीं लिख सकता जितनी बारीकी से 7 साल पहले हुई थी इधर सीमा को चोद रहा था उधर ध्यान यह क्यों नहीं दे रहा था की विनोद भी तो एक घर में एक दूसरा मर्द है, इधर में सीमा को पटाने और चोदने में लगा था उधर मुझे बहुत लेट पता चला कि विनोद मेरी बहन को पटाने में जुटा है मुझेे सक तब हुआ, जब मैं कोई बात विनोद से बताता हूं. जैसे कि एक बार मैंं विनोद से  बताया कि मेरे बगल की लड़की सोनिया मुझको लाइन देती है. मैं उसके घर मोबाइल चार्जिंग के बहाने कई बार उसके पास बैठा भी और उसके हाथ को स्पर्श किया मुझे लगता है सोनिया मुझसे पट जाएगी.

मैं रोज कुछ ना कुछ बात विनोद को बताता था बात मेरी बहन को पता चल जाता था मुझे सोनिया के घर जाने के लिए मना करती  थी और  मां से डॉट करवाती थी मां मुझे बहुत गाली देने लगती  थी बिगड़़ गया, मुझेेे शक हुआ कि मेरी बहन कहींं बाहर जाती नहीं तो  इसे मेरे बारेेेे में पता कैसे चलता है. मैं पक्का समझ गयाा था कि विनोद मेरी बहन को पटाने के लिए इस तरह की बातेंं उसको बताता है मैं प्लान बनाया मैं बोला आज सोनिया मुझे मिलने को शाम को बुलाई है और मेरा प्लान सही सिद्ध हुआ शाम को मेरी बहन ने मुझे कोई ना कोई काम देकर बाहर जाने से रोकती रही और जब मैं जिद करने लगा बोली तुम कहां जा रहे हो मां को बुलाती हूं. मैं समझ गया था कि विनोद पक्का सब बताता है मेरेे बार में लेकिन वह बेवकूफ अपनी बहन को मेरेे से चुदाई करने से नहीं रोक पाया और साला दूसरे के चक्कर में मुझे रोक रहा था अभी मैं उसको गलत बातें बताकर भ्रमित किया था कि वह अपने बहन के ऊपर ध्यान ना दे.

दूसरी बात मेरी बहन जो अपने को बहुत शरीफ समझती थी सोचती थी कि मेरे बारे में कोई कुछ नहीं जानता और सच था पूरे मोहल्ले और  स्कूल में उसको बहुत सीधी और शरीफ लड़की में गिनती होती थी लोग मेरी बहन के उदाहरण आज भी देते हैं इतनी सीधी शरीफ लड़की वह थी इतनी शरीफ गांव में बहुत कम लड़कियां हैं मेरी मां तो उसको शरीफ की देवी समझती थी.

आज तक मैंं भी इसी भ्रम में पड़ा रहा कि मेरी बहन बहुत शरीफ है इसीलिए मैं उससे डरता भी था लेकिन मेरा दिमाग अब धोखा खा गया था, जो लड़की किसी लड़के से इतनी बात कर सकती है, जरूर उसकेे साथ कोई नाा कोई नाजायज रिश्ता जरूर रखती होगी. मुझे इस बात का दुख नहीं था कि मेरी बहन मेरे बड़े पिताजी के नाती से गलत रिश्ता रखती है बल्कि मैै देखनाा चाहता था उनका रिश्ता कहां तक पहुंचा है. मैंं उन लोगों को रंगे हाथ पकड़ कर अपना बदला लूंगा और अपनी बहन जो शरीफ बनती है उसको उसकी औकात बताऊंगा मैं  स्कूल के बाद, सारा टाइम अपनी बहन के ऊपर ध्यान देने में लगा दिया अपनी माल यानी सीमा को को भी बता दिया तुम्हारा भाई लगता है सपना को चोदता है वह बोली मुझे भी  शक होता है, लेकिन वह इतनी शरीफ हैं कोई विश्वास भी नहीं कर सकता.

मैं देखने लगा कि विनोद मेरी बहन खाना बनाती थी उसके पास बैठकर इधर उधर की बातें करता था चुपके से पहुंच जाता था मेरी बहन जब नहाने जाती थी तो विनोद छत पर चला जाता था मैं अक्सर देखता था मेरी बहन बाल्टी में पानी लाकर आंगन में नहाती थी विनोद छत से आंगन में बहन को नहाते हुए देखता था , हाथ में किताब लिए रहता था , मैं उसको जान चुका था कि वह मेरी बहन को नहाते हुए रोज देखता है किताब तो एक बहाना था मेरे और मेरे ताऊ की छत आपस में सटी होने के कारण मैं कुछ कह भी नहींं सकता था, अगर मैं कुछ कहताा भी और देख भी लिया था लेकिन मैंं इसलिए नहीं कहां की विनोद को  भगा भी दिया जाय यहां से, लेकिन इससे  मेरी बहन इसमेंं साफ साफ बच जाएगी.

अपनी बहन के साथ उसे रंगे हाथ पकड़ना था लेकिन मेरा या ख्वाब लगता था कि पूरा नहीं होगा लगभग छह-सात महीने बीत गए मैंं भी मान लिया था कि मेरी बहन शरीफ है.  उसके पीछे विनोद ही  पड़ा है और ऐसी बातें normally मुझेेेे सुधारने के लिए कहती होगी और मां से बताती है लेकिन कहते हैं ना अगर धुआं उठा है तो आग जरूर लगी  होगी मेरा सक हकीकत में बदल गया लगभग 8 महीने बााद मुझे या सफलता भी मिल गई.

उस दिन मेरे मामा के लड़की की शादी थी मम्मी को पापा मामा के यहां पहुंचाने गए थे मैं गेहूं का खेत की सिंचाई कर रहा था मेरे दिमाग में यह बात आई कि आज मैं भी नहीं हूं घर ,,पापा कहीं शाम को आएंगे मैं टेबल को बंद किया और घर चला आया बड़े पिताजी के लड़के अपनी मां को दवा दिलाने चले गए थे और सीमा सिलाई सीखने पड़ोस के घर में चली गई थी मुझे घर पर कोई नहीं दिखा मेरी बहन आगे और पीछे दोनों दरवाजे बंद कर दिए थे.

दोस्तों एक बात बताना भूल गया मेरा और मेरे बड़े पिताजी का घर ऐसा बना है कि सामने से अलग अलग दो गेट लगे थे और पीछे सेे एक दूसरे के घर में जा सकते थे तीसरा जाने का रास्ता अगर दोनों गेट बंद थे तो हम छत पर चढ़ कर एक दूसरे केेे घर में आ जा सकतेे थे लेकिन केवल लड़का ही जा सकता है क्योंकि ऊपर जाने के लिए जीना नहीं था देवाल के सहारे चढ़ना पड़ता था.

मैं सीधे दरवाजे को ना खटखट आते हुए छत पर चढ़कर घर में घुस गया और दबे हुए पैर धीरे धीरे नीचे वाले फ्लोर में आ गया. मैं देखा विनोद नंगा बिना कपड़ों के, मेरी बहन भी बिना कपड़ोंं के पीछे वाले रूम में बेड पर सोए हुए थे विनोद मेरी बहन के चुचियों को पी रहा था उस समय नोकिया  कैमरे वाला मोबाइल मेरे पास था वह बहुत ज्यादा वीडियोो तो नहीं बना सकता था लेकिन 5-5 मिनट के कई वीडियो मैं खिड़की के पास छिपकर आराम से बना रहा था विनोद मेेेरी बहन की चुचियों को पी रहा था, मेरी बहन की लंबाई बहुत नहीं थी लेकिन उसकी गांड पीछे की तरफ निकली हुई और चूची काफी बड़ी बड़ी थी.

विनोद का लन्ड 6 इंच से कम नहीं था मेरी बहन को रगड़ रगड़ सारे रस का मजा ले रहा था मेरी बहन नशे में चूर थी, मैं बहुत अच्छेे टाइम पर पहुंचा था यह लोग अभी अभी चुदाई शुरूू किए थे. विनोद मेरी बहन की चूत पर अपने  मुंह को ले गया चूत** के बाल काफी बड़े बड़े थे लेकिन विनोद को चूत चाटने में कोई फर्क नहीं पढ़ रहा था विनोद मुंह चूत पर रखते ही मानो मेरी बहन पागल हो गई हो अपने मुंह से आवाज निकालने लगी विनोद और जोर जोर से चूत* को चाटने लगा बहन विनोद के सिर को चूत** में पकड़कर दाब रही थी विनोद चूत** को ऐसे चाट रहा है जैसे कोई आइसक्रीम हो और मेरी बहन जोर जोर से सिसकियां मारकर आवाज निकाल रही थी.

इसके बाद विनोद अपना लंड**बहन की चूत** में डाल दिया और  जोर से चोदने लगा ,लगभग 10 मिनट बाद बहन को अपने ऊपर कर दिया और मेरी बहन विनोद के लंड** पर बैठकर  उछलने लगी विनोद एक हाथ से बहन की चूची को दबाने लगा और नीचे से झटके देने लगा. बहन धाकड़ जुदाई करवा रही थी जैसे वह कोई मझी हुई  खिलाड़ी हो, विनोद 20 मिनट के बाद  बहन के चूत** में है सारा वीर्य गिरा दिया. उसके बाद उसके होठों को चूमने लगा. मैं धीरे से जिस तरह अंदर घुसा था उसी तरह बाहर जाकर पीछे के दरवाजेे को बंद कर दिया और  आगे आकर दरवाजे पर आवाज लगाने लगा कि दरवाजा खोलो, जोर जोर आवाज लगाया क्या कर रही हो जल्दी करो, लगभग 7, 8 मिनट बाद दरवाजा खोली गुस्सा दिखाते हुए इतना देर क्यों कर दी, पहली बार मेरी बहन इतना डरी हुई थी मुझे खुशी मिल रही थी वह चेहरा नहीं मिला पा रही थी मुझे पक्का यकीन था.

विनोद घर में होगा लेकिन विनोद मुझसे बड़ा खिलाड़ी निकला छत से अपने घर में चला गया बहन से बोला दरवाजा  क्यों बंद करी थी बहन बोली मैं सो रही थी, मैं बोला यह कोई सोने का समय नहीं है , मैं कल्पना भी नहीं कर सकता था जो बहन इतनी शरीफ और इज्जतदार बनती है. अंदर सेे इतनी चोदकड निकलेगी ना जाने कितने दिनों से विनोद सेे चुदवा रही है मैंं उसकी गांड़ को पीछे से देखने लगा और उसके चुचियों को घूर रहा था मेरा मन कर रहा था. इस साली को जो सरीफ जादी बनती है पटक कर जबरदस्ती चोद दूं अगर मेरे घर में और मोहल्ले में कह दिया जाए कि मेरी बहन किसी से बात करती है तो लोग भी विश्वास नहीं करेंगे मुझे भी आज तक यही भरम मैं पड़ा रहा , अगर विनोद मेरी बातों को सोनिया को लेकर नहीं बहन को बताता तो मैं आज भी इसी भ्रम में रहता.

मेरी बहन कितना शरीफ कोई लड़की नहीं होगी लेकिन आज मैं रंगे हाथों पकड़ लिया था. मुझे शक तभी हो रहा था लेकिन शक था लेकिन आज हकीकत हो गया, मैं सीमा को ही चोदने में मस्त था मुझे क्या पता था कि मेरी बहन भी घर में ही घर बना रही है मेरी तरह मैं तो बहन को लेकर कभी कल्पना मैं भी नहीं सोचा ऐसााा करती होगी मेरी बहन , लेकिन यह कहावत सच हो रही थी कि पर्दे के पीछे सब लोग कुछ ना कुछ राज छिपये बैठेे हैं.

नोटिस करता था कि सीमा और मेरी बहन सपना एक दूसरे से कभी भी टैली नहीं खाते थे सीमा अक्सर कहती थी कि सपना सिर्फ मेकअप लगाकर अपने को सुंदर समझती है. सीमा थोड़ी देखने में बहुत खूबसूरत नहीं थी लेकिन मेरी बहन का शरीर पूरा भरा हुआ था इस कारण सेक्सी लगती थी. सीमा अक्सर जलती थी मेरी बहन सीमा से जलन करती थी कहती थी देखने लायक है नहीं और इस्टाइल ज्यादा मारती हैं अक्सर मैं देखता था कि विनोद अपनी बहन को ज्यादा डरता था.

कुछ देर बाद विनोद मेरेे पास आकर बोला खेत की सिंचाई हो गई मैं बोला हां हो गई मुझेे गुस्सा लग रहा था कि मैं अभी इसको साले को यहांं से भगा दूं अंदर अंदर खुशी भी मिल रही थी मेरी बहन को चोद रहा है जिसको मैं अपनी आंखों से देखा अगर यह नहीं  चोदता तो शायद मैं अपनी बहन की चुदाई**देख पाता चूत** दर्शन कराने कााा इतना बड़ा मौका कभी मिलता कि नहीं ,चाहे जो भी हो मैं मन ही मन विनोद को शुक्रिया अदा कर रहा था कुछ देर बाद विनोद चला गया तो मैंं अपनी बहन से बोला विनोद बार बार क्यों आता है वह बोली मैं क्या जानू क्यों आता है मैं बोला तुमको सब पता है तुम्हें बुलाती होगी बहन गुस्से में तुम्हारा दिमाग तो सही है क्या कह रहे हो समझ में आ रहा है मारुंगी गिर जाएगा बदतमीज कहीं का शर्म नहीं आती बहन को ऐसे करते हुए , आज मम्मी पापा को आने दे उनसे बताती हूं जो तेरा दिमाग खराब है ना सब ठीक हो जाएगा कुत्ते कहीं के शर्म नहींं आती.

मैंं भी गुस्से में हो गया और बोला शरीफ पन किसी और दिखाओ मुझेे सब पता, तुम भी विनोद से चोदवाती हो शरीफ बनाने का नाटक ना करो मैं सब जानता हूं वह गुस्सेे में मुझको ही एक झापड़ मारी और बोली कुत्ताा तुझे शर्म नहीं आती बहन  कहते हुए,  मैं चिल्ला पड़ा और बोला वह तुम्हें पीछेेे वाले रुम में अभी आधा घंटा पहले चोद रहा था. तुम नंगी होकर चुदाई करा रही थी बोली तुम्हारा दिमाग खराब , कौन तुम से बोला ऐसा करती हूं. मैं बोला मैं जब खेत से घर पर आया पहले मैं पीछे का दरवाजा बंद  था देखाा कि आगे था दरवाजा बंद था और मैंं जानता था अगर मैं दरवाजा खटखटाया तो तुम उसे पीछे से बाहर कर दोगी अगर मैं पीछे से खटखटाया तो तुुम आगे से बाहर कर

दोगी,, इसीलिए मैं पहलेे पीछे का दरवाजा बंद किया और फिर ऊपर से जीने से चढ़कर नीचे आया देखा कि तुम लोग खूब चूत**** का आनंद ले रहे थे. विनोद तुम्हें नंगा करके चोद रहा था और तुम उससे। चुदवा रही थी मैं जंगले से तुम लोगोंं की चुदाई का** वीडियो बना रहा था, देख लो मेरे मोबाइल में है और एक वीडियो अपने मेमोरी में कॉपी करके छिपा दिया हूं अब शरीफ बनने का नाटक ना करो बहन का चेहरा एकदम पीला पड़ गया था मानो उसके ऊपर कोई विपदा आ गिरी है.

मै बाहर दरवाजा बंद करने चला ग बाद जीने के दरवाजे को बंद करके पिछले दरवाजे को भी बंद कर दिया मैं दिमाग से काम कर रहा था मुझे आज इस मौके को बहुत अच्छे से फायदा उठाना था  अगर आज फायदा नहीं उठा पाया तो कल मां आ जाएगी ज्यादा ज्यादा या होगा कि मैं मां से कह दूंगा मां बहन को  मारेगी और उसका,  पढ़ना-लिखना बंद। करवा देगी और विनोद को उसके घर भेज दिया जाएगा, मुझे क्या मिलेगा जब मैं इतने दिनों से लगातार बहन के पीछे इतना टाइम क्यों बरबाद किया हूं इतनी घमंडी और शरीफ लड़की चोदने को नहीं मिलेगी.

मैंं यह मौका अपने हाथ से जाने नहींं देना चाहता था चोदने को तो सीमा को हर रात चोद कर अपने लंड** को शांत करता हूं मुझे  बहन से बहुत कुछ पूछना था मुझे या पूछना था कितने दिन बाद वह तुम्हें चोदा है क्योंकि बहन ज्यादा शरीफ होने का जो ढोंग रच रही थी. वह इतना आसान नहीं था अगर वो रोज चुदवाती तो मैं बहुत पहले उसे पकड़़ लिया होता, वह इस मामले में बहुत इमानदारी से चुदाई करा रहीी थी, उसेेे अपनी इज्जत पसंद थी चाहे चुदाई****दो 4 महीने में बाद ही क्यों ना हो हां बेशक विनोद चुचियों को दबा लेता होगा किस लेता होगा, लेकिन उसको चूत के दर्शन बहुत कम नसीब होता होगा, बहुत ढेरों  बातों कााा पिटारा लिए हुए मैं बहन के पास जाकर बैठ गया और उसका हाथ अपने हाथ में पकड़ कर मैं बोला तुमने ऐसा कब से करना शुरू किया है मेरे मन में या अभी चल रहा था.

अगर मैं बहन को जबरदस्ती चोद** भी देता हू तो भी कुछ नहीं कर सकेेगी, क्योंकि मैं वह वीडियो मां को दिखा कर बता सकता हूं केि देखो मुझे फंसाने के लिए ऐसा कर रही है मैं पूरा आगे पीछे देख कर पूरे  प्लान के साथ चोदने का जुगाड़ कर रहा था. अगर मैंं आ जबरदस्ती चोद देता हूं तो बेशक मैं चोद दूंगा लेकिन दोबारा मुझे चूत** के दर्शन नहीं हो पाएंगे मैं इसे लोंग टाइम तक करना चाहता था. मेरी बहन इतनी गजब माल थी. मैं उसे अपने हाथों से जाने देना नहींं चाहता था कुछ समय तो वह मुझसे कुछ ना बोली लेकिन मैं बोला तुम चुप रह कर क्या साबित करना चाहती हो वह रोते हुए बोली मुझे मााफ को, मां से और पापा से कुछ ना बताना मैं उनके निगाह में गिर जाऊंगी.

अब मैं उससे कभी भी बात नहीं करूंगी मैं बोला है कब से चल रहा है सही सही बताओ  बहन बोली लगभग 2 सालों से, मैं बहन को अपनी बाहों में सिर रखकर उसके गाल को सहलाने लगा फिर धीरे धीरे अपने हाथ उसकेे चुचियों ले गया और दबाने लगा बहन उठ गई तुुम क्या कर रहे हो मैं बोला अगर तुम विनोद से चुदवा सकती हो तुम मुझसे क्यों  नहीं मुझसे चुदाई करने में तुम को बहुत फायदा है पहला फायदा कि मुुझ पर कोई सक नहीं करेगा.

जिससे तुम्हारा जो इमेज बना है वह बना रहेगा,दूसरा फायदा तुमको घर में ही रिलेशन बनाने  में मदद मिलेगी और रात में मां पापा नीचे सोते हैं और दोनों छत पर सोते ही है,मैैैै तुम को घर में हमेशा मज़ा देता रहूंगा और सबसे बड़ी बात यह है कि अगर तुम मेरी बात नहीं मानी तो तुम्हारे बारे में मां को बता ही दूंगा अब तुम ही फैसला करो,

बहन। कुछ नहीं बोली मैं समझ गया इसको अपने इमेज़ के लिए कुछ भी कर सकती हैं. बहन की चुचियों को मसलने लगा वो भी इसका विरोध नहीं कि मैं अपने होठों को।   बहन के होठों पर रख कर चूसने लगा और फिर एक दूसरे से लिपट कर चुचियों को दबाने लगा, विनोद को  दिल से शुक्रिया अदा किया,, अब मैं धीरे धीरे। सारे कपड़े उतार दिए और बहन का बदन किसी संगमरमर की तरह चमक रहा था बहन की चुचियों और पीछे की ओर निकला हुआ चूतड मुझे सबसे अच्छा लगता है जो बहुत कम लड़कियां का होता है.

अब मैं बहन के दूधों को पीने लगा बहन का बहुत ज्यादा फर्क नहीं पढ़ रहा था लेकिन अब मैं अपना मुंह को बहन की चूत पर ले गया वह सिसकियां लेने लगी. वह अपने कंट्रोल करने की छमता खो    चुकी थी मैं पहली बार किसी लड़की का चूत चाट रहा था .मैं लगभग 2 वर्ष से मैं सीमा को चोद रहा था लेकिन कभी भी उनके चूूत को नहीं चाटा था. बहन मेरी बहुत साफ सफाई का ध्यान रखती है और मुझे बहन को पुरा मजा देना था कि वह मुझसे। बार बार चुदाई कराये,मैं इस मौके को हाथ से नहीं जाने दिया, मैं बहन के चूत** को चाट रहा था बहन हल्के हल्केे पानी चूत** से आने लगा.

मैं पानी का स्वाद लेने लगा और बहन से कहने लगा अरे रानी तू  इतना दिन अपने भाई से क्योंं दूर रही चूत 20 मिनट चाटनेेे के बाद लंड को**निकाला बहन की चूत** में डाल दिया फिर धीरे धीरे झटके मारने लगा बहन को झुका कर अपना लंड**पीछे से उसकेेे चूत** में*डाल दिया और झटके देने लगा और अपने दोनों हाथों से पीछे से दोनों चुचियों को पकड़कर पीछे सेेे झटके मार रहा था.

आज मैं बहन की चूत* को पाकर मानो इस जीवन में बहुत बड़ी सफलता पा गई हो जीवन का एक उद्देश्य पूरा हो गया हो फिर मैं अपनी बहन को उल्टा लिटा दिया और उसके च** में लंड** डालकर चोदने की स्पीड बढ़ा दी  चूत** से फाक हक फाक आवाज आनेे लगी* लगभग 25 मिनट चोदने के बाद झड़ गया बहन के  सर को अपनी बाहों में लेकर  सहलाने लगा और बोला आज तुम मेरी अमानत हो।  तुमको मेरी अमानत को बचा कर रखना होगा और मैं तुम्हारी इज्जत को , बहन  बोली विनोद से क्या बोलूंगी मैं बोला मैं उसका जुगाड़ कर दूंगा और बहन  जब भी घर में खाना बनाती हैं नहाती हैं कोई घर में नही होता हैै तो मैं बहन को छेड़ने लगता हूं जो वीडियो मैं रिकॉर्ड किया था अभी तक डिलीट नहीं किया.

15 दिन बाद बहन मुझसे आकर बोली कि विनोद मुझे बार-बार पकड़ लेता है. इसमें मैं क्या करूं तुम बाद मेंं कहोगे कि तुम जानबूझकर उसके  पास जाती हो, मैं बोला तुम आज एक काम करना तुम जब नहाने जाना तो विनोद को इशारे सेे बुला लेना और मैं वहां छिपाा रहूंग और जब देखूंगा कि विनोद तुम्हारी चुचियों को दबाने लागेगा तुरंत आ जाऊंगा और बाकी काम मैं पूरा कर दूंगा.  प्लान के मुताबिक बहन ने विनोद को इशारा करके पीछे की तरफ बुला ली पिताजी खेत मेंं गए थे, और मां गाय को चारा लेने गई थी, विनोद इधर उधर देखा और तुरंत घर के पिछले दरवाजे से घर में घुसा और बहन की  चुचियों को मसलने लगा. मैं तुरंत पिछलेेे रूम से निकला बहन को पहले ही बताया था की मुझेेे देखते ही विनोद को एक चांटा कस के मार देना ऐसा ही हुआ बहन मुझे देखी विनोद को एक चांटा मरी बहन बोली तुम क्या कर रहे हो, कुत्ते कहीं के शर्म नहीं आती मैं तुरंत विनोद को गाली देगा बाहर निकाल दिया और फिर मम्मी पापा को हम दोनों ने बताया मम्मी ने विनोद के मामा और नानी से बोला इसको अपनेेे घर भेज दो अगर यहांं पर रहा हमारा आपका आज से शादी विवाह में खाना पीना और सब रिश्ते खत्म हो जाएंगे विनोद शर्मिंदा होने के कारण खुद यहांं से चला गया  विनोद की मम्मी कहने लगी  तुझे शर्म नहीं आती बहन बेटी नहीं दिखती.

अब तो मेरे सारे टेंशन दूर हो गए थे हम और हमारी बहन सेकंड फ्लोर पर तीन कमरे बने थे. पीछे वाले कमरे में बहन सोती थी बीच वाला कमरा स्टोर रूम था और आगे वाला कमरा मेरा था जिसे मैं दरवाजे को अगर बंद कर दो तो नीचे से सेकंड फ्लोर पर कोई नहीं आ सकता था. अब तो रोज रात में खानाा खाने 2 घंटे पढ़ाई करने के बाद सब जब सोो जाते हैं बहन के कमरे में मैं चला जाता था और रात भर चुदाई करता था बहन को भी मज़ा आने लगा था. अब उसको कोई फर्क नहीं पड़ता था 4 साल बाद मेरी बहन की शादी हो गई उसके 2 साल बाद सीमा की शादी हो गई पिछलेे वर्ष विनोद की भी शादी हो गई, मेरी घटना बहुत लंबी है जो 4 साल लगातार चलेी 4 साल जब तक बहन को चोदता रहा. तब तक घरवालों के लाख कहनेे पर भी म कहीं  पैसे कमाने नहीं गया था, बहन को एक लड़का भी है अब मैं अपनी घटना को यहीं पर रोकता हूं.

समाप्त।