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जीजू जैसा कोई नहीं

मेरा नाम नेहा है और मेरी उम्र 25 साल और में अब तक कुंवारी होने की वजह से अपनी माँ के साथ रहती हूँ क्योंकि वो घर में बस एक अकेली है। दोस्तों मेरी एक बड़ी बहन भी है, लेकिन वो शादीशुदा है इसलिए वो अब अपने घर रहती है। में दिखने में बहुत सुंदर होने के साथ साथ अपने शरीर की बहुत देख रेख भी करती हूँ, क्योंकि मेरी अभी शादी नहीं हुई है इसलिए में अपना कुछ ज्यादा समय  सेक्सी कहानियों को पढ़कर बिताने लगी हूँ। मुझे हर एक कहानी बहुत पसंद आती है और में उम्मीद करती हूँ कि मेरी यह सच्ची घटना जिसमे मुझे मेरे ही जीजाजी ने चोदकर उस खुशी को मेरी झोली में डाल दिया, जिसके लिए में बहुत समय से तरस रही थी।

दोस्तों इन कहानियों को पढ़ने के बाद मेरे मन में भी चुदाई के विचार आने लगे थे और में भी किसी के साथ अपनी चुदाई के सपने देखने लगी थी। दोस्तों वैसे अब तक मेरा कोई भी बॉयफ्रेंड नहीं था, इसलिए मुझे अब कुछ ज्यादा ही सेक्स का बुखार चढ़ने लगा था और मैंने अब तक उसके लिए अपने 36 इंच के बड़े आकार के एकदम टाइट बूब्स जिनकी निप्पल हल्की गुलाबी रंग की थी और अपनी छोटी सी कुंवारी एकदम चिकनी गोरी चूत जिसके होंठ गुलाब की तरह मुलामय नाजुक होने के साथ साथ बड़े ही लाल रंग के थे, जिनके बीच में मेरी चूत का वो हल्के गुलाबी रंग का दाना था जो अब किसी के लंड के स्पर्श को पाने के लिए बहुत बैचेन होने लगा था उसी के लिए मैंने अपना यह बदन इतना सम्भाले रखा था कि वो एक दिन जरुर आएगा और मेरी इस चढ़ती जवानी के मज़े लूटेगा। दोस्तों अब में उस घटना को सुनाना शुरू करती हूँ जिसके लिए आज में यहाँ पर आई हूँ। दोस्तों में हमारे पास ही एक लोकल स्कूल में बच्चो को पढ़ने का काम करती हूँ जिसकी वजह से मेरा पूरा दिन का समय ना जाने कब निकल जाता है और फिर रात को वही कहानियों को पढ़कर अपने बदन की आग को बढ़ाने का काम उसके बाद ना जाने कब मुझे नींद आती मुझे पता ही नहीं चलता।

एक दिन मेरी माँ किसी जरूरी काम की वजह से मुझसे कहकर मेरी बड़ी बहन के घर चली गई और उस वजह से में अपने घर में बिल्कुल अकेली रह गई। दोस्तों अपने घर में एकदम अकेली होने की वजह से उस समय मैंने बस ब्लाउज और पेटीकोट ही पहना हुआ था और अब रात हो चुकी थी। में अपने सभी कामों को करके, अब टीवी पर एक इंग्लीश फिल्म को देखकर मज़े ले रही थी, क्योंकि कुछ देर के बाद उस फिल्म में सेक्सी द्रश्य बाहों में लेकर चूमने और भी कुछ ऐसे ही द्रश्य आने लगे थे। अब में वो द्रश्य देखकर गरम होने लगी थी और बड़े मज़े लेकर देख रही थी और करीब 11-00 बजे के आसपास घर के दरवाजे पर लगी घंटी अचानक से आवाज करने लगी। दोस्तों में उसकी आवाज को सुनकर एकदम चकित थी। में मन ही मन में सोचने लगी कि इतनी देरी से कौन आया होगा? मेरे मन में यह विचार लगातार चल रहा था। फिर मैंने उठकर सबसे पहले टीवी को बंद कर दिया और अब मैंने बिना चुन्नी लिए ही जाकर दरवाजा खोलने का विचार बनाया और उस दिन मैंने जानबूझ कर अपने कपड़ो के अंदर ब्रा और पेंटी भी नहीं पहनी थी और ऐसा मैंने पहली ही बार किया था। फिर मैंने दरवाजे के पास जाकर धीरे से पूछा कौन है? एक बार पूछने पर मुझे कोई जवाब नहीं मिला और मैंने दोबारा भी पूछा और तब भी कोई भी जवाब ना मिलने पर मैंने धीरे से दरवाजा खोलकर देखा तो बाहर मेरे जीजू खड़े हुए थे।

अब में उनको देखकर मुस्कुराने लगी। में बड़ी खुश थी क्योंकि मेरा मन डर रहा था कि इतनी रात को ना जाने कौन आया होगा, इसलिए में परेशान थी, लेकिन उनको बाहर देखकर मेरी जान में जान आई। अब वो मुझसे बोले हैल्लो सुलभा तुम कैसी हो और तुम्हारी मम्मी कहाँ है? तब मैंने उनको कहा कि आप पहले अंदर तो आ जाओ, उसके बाद हम बैठकर बात करते है। में आपको सब कुछ अंदर चलकर बता दूंगी मेरे जीजू। फिर वो मेरे कहने पर अंदर आ गए और में उनको कहने लगी कि क्यों मेरी मम्मी तो आज शाम के समय ही आपके घर गई है ना, क्या वो आपको वहां पर मिली नहीं? अब वो शैतानी हंसी हंसते हुए कहने लगे हाँ मुझे पता है कि वो मेरे घर है और तुम आज पूरी रात घर में अकेली हो इसलिए तो में यहाँ पर तुम्हारे पास आया हूँ। फिर मैंने अपने जीजू को कहा कि अब रात बहुत हो चुकी है तो आप अंदर कमरे में आकर बैठ जाए, हम दोनों भीतर ही बैठकर यह सभी बातें करते है। फिर वो मेरे कहने से मेरे कमरे में जाकर बैठ गए और उसके बाद मैंने तुरंत जाकर उनको पीने के लिए पानी लाकर दे दिया और भी उनके पास वहीं पर बैठ गई। अब उनकी नज़र मेरी नज़र से टकरा गई और में बिल्कुल ही भूल चुकी थी कि मैंने उस समय कपड़ो के अंदर ब्रा पेंटी नहीं पहने थे।

अब उनकी वो प्यासी नज़र पानी को पीते समय मेरे बूब्स पर चली गयी, क्योंकि मैंने उस समय ब्रा भी नहीं पहनी थी इसलिए अब सामने बैठे मेरे जीजू को मेरे बूब्स का वो बड़ा आकर और उठे हुए निप्पल भी एकदम साफ दिखाई देने लगे थे, क्योंकि कुछ देर पहले उस फिल्म को देखने की वजह से मेरे निप्पल कुछ ज्यादा ही जोश में आकर तन चुके थे और वो लगातार मुझे घूरकर देख रहे थे। फिर कुछ देर बाद हम दोनों की नजर मिल गई कुछ देर उनकी आँखों में देखकर में पागल सी होने लगी थी। मुझे भी कुछ होने लगा था। फिर मैंने अपने आप को संभाला, लेकिन वो मेरे मन की बात को थोड़ा सा समझकर, अब हिम्मत करके बातें करते हुए ही उन्होंने मुझसे कहा कि में सच कहूँ लाली तुम्हारे बूब्स बहुत ही सुंदर है और यह मुझे बड़े अच्छे लगते है, में इनका दीवाना हो चुका हूँ। फिर उन्होंने यह बात मुझसे कहते हुए मेरे एक हाथ को पकड़कर मुझे अपनी तरफ खींच लिया और अगले ही पल में मेरे जीजू ने मुझे अपनी बाहों में भरकर जकड़ लिया था। फिर में अचानक से हुए इस काम की वजह से झुंझलाकर चिल्ला पड़ी, क्योंकि मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि वो मेरे साथ ऐसा भी कुछ कर सकते है।

अब में उनको कहने लगी कि प्लीज जीजू आप यह क्या कर रहे हो, छोड़ दो मुझे? क्या आप पागल हो चुके हो हमारे बीच यह सब नहीं हो सकता, प्लीज में आपके सामने हाथ जोड़ती हूँ छोड़ दीजिए मुझे जाने दो। दोस्तों वो मेरे इतना कहने इतनी बार आग्रह करने पर भी नहीं माने और उन्होंने कसकर मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया और वो मुझे चूमने लगे थे। अब में लगातार उनको ना नहीं करती रही, लेकिन उनके सामने मेरी एक भी नहीं चली, वो अब मेरे गुलाबी होंठो का रस पीने लगे थे और में कुछ भी ना कर सकी। अब वो मुझे जी भरकर चूमने लगे थे जिसकी वजह से मुझे भी मदहोशी सी छाने लगी थी और फिर उसी समय उन्होंने धीरे से मेरी चुन्नी को खींचकर मेरे बदन से अलग कर दिया। दोस्तों मैंने उनके इस काम का विरोध करके बहुत हाथ पैर मारे, लेकिन फिर भी उन्होंने मुझे चूमना प्यार करना बंद नहीं किया। फिर कुछ देर बाद मैंने थोड़ी सी हिम्मत करके एक ज़ोर का धक्का मारा तब जाकर में उनकी बाहों से निकल गयी, लेकिन तुरंत ही एक बार फिर से उन्होंने मुझे दोबारा कसकर अपनी बाहों में दबा लिया, जिसकी वजह से मेरे दोनों बूब्स अब उनकी छाती के नीचे पूरी तरह से दबकर रह गए।

अब मैंने एक बार फिर से अपनी तरफ से वैसा ही ज़ोर लगाया, लेकिन वो मेरे बूब्स पर धीरे धीरे लगातार दबाव बनाते ही रहे। फिर वो पीछे जाकर मेरी गर्दन गाल कंधो को चूमने और सहलाने लगे और मेरे दोनों बूब्स को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाते रहे। फिर करीब पांच मिनिट तक हमारे बीच यह खेल ऐसे ही चलता रहा, लेकिन में अपने जीजू से अलग ना हो सकी, लेकिन फिर जैसे ही मुझे मौका मिला, मैंने ज़ोर से एक धक्का मार। दोस्तों यह क्या हुआ जैसे ही में उनसे दूर हटी तो उसी समय उन्होंने ज़ोर से एक झटका देकर मेरे ब्लाउज को फाड़ दिया और अब मेरे दोनों बूब्स उस ब्लाउज की क़ैद से मुक्त होकर पहली बार किसी मर्द के सामने उछलकर एकदम नंगी हो चुके थे। अब में उनको कहने लगी हाए राम रे आपने यह क्या किया? आपको आज ऐसा क्या हो गया है जो आप मेरे साथ किसी पागल जानवर जैसा व्यहवार कर रहे हो, आपको पता होना चाहिए में आपकी रिश्ते के क्या लगती हूँ? क्या आपको शरम नहीं आती? प्लीज अब मुझे आप छोड़ दो जाने दो मुझे। दोस्तों उनको यह सभी बातें कहकर मैंने अपने दोनों बूब्स पर अपने हाथों को रखकर अपने गोल बड़े आकार के बूब्स को ढक लिया, लेकिन आकार में ज्यादा बड़े होने की वजह से में उस काम में सफल नहीं थी।

अब वो आगे आकर मुझसे कहने लगे कि सुलभा तुम उसको छोड़ दो, में तुम्हारे इन बूब्स को ऐसे ही पूरा नंगा देखना चाहता हूँ। वो मुझे बहुत अच्छे आकर्षक लगते है इनको देख देखकर में पागल हो जाता हूँ। फिर भी मैंने उनकी वो बात ना मानी और अब वो मेरे पास आकर मेरे दोनों हाथ को पकड़कर ऊपर कर दिया और में नहीं नहीं चिल्लाती रही। अब वो मेरे दोनों नंगे बूब्स को देखकर एकदम मस्त हो गये और वो मुझसे कहने लगे कि लाली वाह क्या मस्त बड़े सुंदर है इतने बड़े और खड़े निप्पल के बूब्स मैंने आज पहली बार देखे है। फिर जीजू ने इतना कहकर मेरे बचे हुए ब्लाउज को भी मेरे शरीर से हटा दिया और फिर वो मेरे दोनों बूब्स पर अपने हाथ को रखकर उनको धीरे धीरे दबाने सहलाने लगे थे। उसके बाद निप्पल को बड़े ही प्यार से दुलारा और बूब्स को सहलाया दबाया। दोस्तों अब मेरी उनके सामने कुछ ना चली और उसके बाद उन्होंने धीरे से मुझे अपनी तरफ खींचकर बाहों में भरकर अपनी छाती से लगा लिया। अब में मचल उठी, क्योंकि उस दिन पहली बार किसी मर्द ने मेरे नंगे बूब्स को इतना प्यार करते हुए अपनी छाती से दबाया था और उसके बाद उन्होंने मेरे दोनों बूब्स को अपने हाथों से दबाने के साथ साथ सहलाना भी शुरू किया।

अब उस जोश मज़े की वजह से मेरे मुहं से अचानक ही सिसकियाँ निकलने लगी थी, क्योंकि अब में बहुत गरम हो चुकी थी। फिर इस तरह बार बार करते हुए जीजू ने अपने एक हाथ को नीचे की तरफ सरका दिया और उन्होंने मेरे गोरे सेक्सी जिस्म की तारीफ करते हुए मुझसे कहा कि मेरी जान तुम्हारे यह बूब्स मुझे बहुत पसंद है और में अब अपने आपको सम्भाल ना सकी क्योंकि अब उन्होंने मेरे पेटीकोट का नाड़ा भी धीरे से खोल दिया और तुरंत ही पेटीकोट को उन्होंने नीचे गिरा दिया।

दोस्तों अब में बिल्कुल नंगी हो चुकी थी और जीजू मुझे अपनी बाहों में पूरी नंगी देखकर बहुत खुश हो गये। उनकी नजर मेरे गोरे बदन से हटने को तैयार नहीं थी और वो लगातार घूरकर मुझे अपनी खा जाने वाली नजरों से देखे जा रहा था और वो मेरा नंगापन मुझे अपने पास उस हालत में देखकर पागल हुए जा रहे थे। फिर उन्होंने बिना देर किए मुझे तुरंत अपनी गोद में उठा लिया और बेड पर लेटा दिया और उसी समय उन्होंने भी अपने सभी कपड़े बिना देर किए तुरंत ही एक एक करके उतार दिए। अब में नहीं नहीं कहकर हिल उठी और उसके नंगे लंड को देखकर तो मेरे पसीने छूटने लगे थे, क्योंकि वो लंड पूरा तनकर आठ इंच लंबा हो गया उसकी मोटाई भी मेरी उम्मीद से कुछ ज्यादा ही थी, इसलिए में उसका आकार देखकर चकित होकर उस लंड से अपनी प्यारी कुंवारी चूत की चुदाई के बाद उसका वो हाल सोच सोचकर ही डरने लगी थी।

फिर मेरी उभरी हुई छोटे आकार की चूत को देखकर मन ही मन खुश होकर उन्होंने बेड पर आकर मुझे अपनी बाहों में लेकर ज़ोर से दबा दिया। उसके बाद सीधे होकर पास कर मेरे बूब्स को पकड़कर मस्ती से उन्होंने दबाना शुरू किया। दोस्तों उनके ऐसा करने से में मज़े मस्ती में पागल हुई जा रही थी और उसके बाद धीरे से मेरे एक बूब्स को पकड़कर उन्होंने नीचे झुकाकर अपने मुहं में डाल लिया और वो अब मेरे बूब्स के उठे हुए हल्के भूरे रंग के निप्पल को अपने मुहं में भरकर चूसने लगे और साथ ही दूसरे बूब्स को वो मसलने दबाने लगे थे। फिर कुछ देर बाद उन्होंने पहले वाले बूब्स को छोड़कर दूसरे वाले बूब्स को अपने मुहं में भरकर चूसना और पहले वाले बूब्स को मसलने लगे थे। वो बारी बारी से मेरे दोनों बूब्स को चूसने दबाने लगे थे और ऐसे हमारे बीच कुछ देर तक चलता ही रहा और वो कभी कभी मेरे निप्पल को किसी छोटे बच्चे की तरह भी बड़े प्यार से हल्के से दबाते हुए चूसने लगे। अब में उनके यह सब करने की वजह से जोश में आकर एकदम बेताब पागल हो चुकी थी, इसलिए अब ना चाहते हुए भी मेरे मुहं से सिसकियों की आवाज बाहर निकलने लगी थी और अब वो सही मौका देखकर मेरा जोश देखकर बूब्स को चूसते हुए धीरे धीरे उंगली को मेरी हसीन कुंवारी चूत पर घुमाने लगे थे।

अब मुझे शरम सी आने लगी थी, लेकिन आख़िर कब तक में अपने आप से लड़ती रहूंगी? मुझसे अब बिल्कुल भी रहा नहीं गया और मैंने बस उसी समय अपने दोनों होंठो को अपने जीजाजी के होंठो पर रखकर उनको चूसना चूमना शुरू किया। फिर उसी समय उन्होंने खुश होकर मुझसे कहा कि जियो मेरी रानी। यह कहकर उन्होंने मुझे अपने ऊपर गिरा लिया और उसी समय उनके मोटे लंबे लंड का वो पहला स्पर्श मुझे मेरी चूत से हुआ, जिसकी वजह से मेरे बदन में करंट सा लगने लगा। फिर अपने मुहं को उन्होंने हटा लिया और मेरे लटके हुए दोनों बूब्स को बारी बारी से अपने मुहं में भरकर वो उनका पूरा मज़ा चूसने का लेने लगे और में अब एकदम गरम पागल होने लगी। मेरे होंठो का और बूब्स का रस करीब दस मिनट तक चूसने के बाद उन्होंने मुझे नीचे लेटाकर अब वो मेरे ऊपर आ गये और मेरा पूरा बदन अब कांपने लगा था और उन्होंने मेरी नंगी जवानी को देखा एक बार फिर से अपने होंठो से मेरा पूरा बदन चूमते हुए सहलाया और बूब्स को दबाने लगे। दोस्तों मेरी चूत के अलावा उन्होंने सभी हिस्सो को कई बार चूमा और अब मेरे दोनों पैर खुद ही फैल गए, क्योंकि में उनको अपनी चूत का भी स्वाद चखाकर उसके भी मज़े लेना चाहती थी, क्योंकि अब में उनके सामने हार चुकी थी।

दोस्तों सच कहूँ तो अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था, इसलिए में उनके सामने बिल्कुल बेबस होकर लेटी हुई आगे के खेल का मज़ा लेने के लिए बड़ी उत्सुक होती जा रही थी। मुझे अब उनके साथ अपनी उस चुदाई का इंतजार था, जिसके लिए उन्होंने मुझे ऐसे चूमकर प्यार करके पागल होने के लिए इतना मजबूर कर दिया था। फिर उन्होंने मेरे एक बूब्स को ज़ोर से अपनी मुट्टी में कसा और दर्द की वजह से में आहह ऊईईईइ माँ मर जाउंगी जीजू, अब मुझसे बिना चुदाई के नहीं रहा जाता आह्ह्ह प्लीज अब आप मेरी चुदाई करना शुरू करो, वर्ना में तड़प तड़पकर मर ही जाउंगी। अब वो कहने लगे मेरी रानी तुम मुझसे सिर्फ़ यह सब कहो मुझे तुम्हारा कसा हुआ लंड चाहिए, आप मुझे अपना लो जीजू, मुझे चुदाई का वो मज़ा दो जिसके पाने के बाद सब पागल हो जाते है। फिर मैंने अपने दोनों पैरों को पूरा फैला दिया और मेरी खुली हुई चुदाई के लिए प्यासी चूत को देखकर जीजू का लंड अब पूरी तरह से तनकर खड़ा हो गया। अब वो इसलिए जोश में अपने होश खोकर पागल हो गए क्योंकि उनके सामने एक कुंवारी चूत अपनी चुदाई करवाने के लिए तैयार थी।

अब जीजू मेरी चूत पर नीचे झुक गये और वो धीरे धीरे मेरी चूत को चूमने प्यार करने लगे और में जोश मस्ती से चिल्ला उठी ऊफ्फ्फ अब बस करो मेरे प्यारे जीजू आह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह माँ आप यह क्या कर रहे हो? जीजू ने लेकिन मेरी एक भी बात की तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया और उन्होंने अपनी जीभ को मेरी रसभरी खुली चूत के अंदर डाल दिया और चूसने लगे। अब में सिसकियाँ लेने लगी और जोश में मैंने उनके सर को अपनी चूत पर दबा लिया आह्ह्ह ऊफ्फफ्फ्फ्फ़ आईईई यह मुझे क्या हो रहा है? अब आप मुझे ज्यादा मत तरसाओ आप जल्दी से अपनी रानी को चोदकर मेरी इस चूत की आग को बुझाकर मुझे शांत कर दो। दोस्तों में अपने दोनों पैरों को खुद ही पूरा फैलाकर उसको अपनी चुदाई करने के लिए कहने लगी थी और जीजू ने मेरी चूत को पूरे पांच मिनट तक लगातार अंदर बाहर सभी जगह से चूसा, जिसकी वजह से मेरी चूत अब पूरी खुल गयी थी और अब चुदाई के लिए ज्यादा इंतजार करना ठीक नहीं था। अब वो भी मेरी तरह बहुत जोश में थे, जीजू ने मेरे दोनों पैरों को ऊपर करके मुझे एक आसान में ले लिया और में उनका जोश बढ़ाने के लिए उनको कहने लगी कि हाँ जीजू अब आप मत रूको, मेरी चूत बहुत गरम हो गई है।

अब जीजू ने अपने लंड को अपने एक हाथ से पकड़कर मेरी चूत के खुले मुहं पर रख दिया और लंड का स्पर्श पाकर में आहें भरने लगी और उनको कहने लगी ऊफ्फ्फ हाँ जीजू अब आप चोद दो मुझे। फिर यह शब्द सुनकर जोश में आकर उन्होंने धीरे से मेरी चूत में अपने लंड को दबा दिया और मेरे मुहं से ओह्ह्ह्ह ऊऊईईईइ रे मरी मेरी कुंवारी चूत 25 साल के बाद आज चुदाई के मज़े लेने जा रही थी। अब जीजू ने अपने लंड से दूसरा ज़ोर का धक्का मारा और लंड के थोड़ा अंदर जाने की वजह से मेरी चूत पहले से ज्यादा खुल गयी और दर्द की वजह से मेरे मुहं से चीख निकल पड़ी आईईई आह्ह्ह्ह ऊफ्फ्फ में मर जाउंगी। फिर उसी समय उनका तीसरा धक्का लगा और एक दो एक दो करते हुए उनका लंड अब अपनी मंज़िल की तरह आगे बढ़ गया, लेकिन में आह्ह्ह ऑश स्सीईईई प्लीज धीरे धीरे करो करती रह गयी। दोस्तों सच मेरी चूत एकदम कुंवारी थी, लेकिन अब मेरे इतना कहने पर भी जीजू मानने वाले कहाँ थे, वो लगातार धक्के पे धक्के धकाधक फकाफक मेरी चुदाई करने लगे थे और उनके लंड ने अपनी असली मंज़िल को भी अब छू लिया था, क्योंकि उनका पूरा लंड अब मेरी चूत की गहराइयों में था।

दोस्तों मेरी चूत के अंदर बाहर निकलते हुए में अपने जीजू का लंड बहुत अच्छी तरह से महसूस करने लगी थी। अब में उनके साथ वो मज़े ले चुकी थी और वो मेरे दोनों बूब्स को अब कस कसकर दबाते हुए जी भरकर मस्ती से चुदाई के मुझे असली मज़े देने लगे थे, जिसकी वजह से में भी मस्त हो चुकी थी। दोस्तों अब में भी पूरी तरह से जोश में आकर उनके साथ अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी और अब वो दिल खोलकर मेरे बूब्स को दबाकर तेज धक्के देकर चुदाई करने लगे थे और में आहहहहह ऊफ्फ्फ करके बहुत मज़े ले रही थी। फिर में जोश में आकर उनको कहने लगी कि हाँ मेरे राजा ज़ोर से ज़ोर से अब तुम मुझे ऐसे ही चोदो, में अब तुम्हारी हो चुकी हूँ मेरे राजा, चोदो मेरे राजा। अब वो बस मुझे कस कसकर धक्के देकर चोदने लगे थे और मैंने धीरे धीरे उनको अपनी बाहों में भरकर अपने ऊपर खींच लिया। अब पहले से भी और तेज और तेज धक्के देकर मुझे पूरी तरह से चुदाई का मज़ा देने लगे थे। जीजू ने अब अपने धक्को की स्पीड को पहले से ज्यादा बढ़ाते हुए वो धक्के देते चले गये। अब वो और भी तेज फकाफक और तेज लगातार धक्के देने लगे थे और मेरे मुहं से आह्ह्ह्ह ऊफ्फ्फ माँ में मर गई कहते हुए में झड़ गई और जीजू ने भी कुछ देर धक्के और देकर वो पूरी तरह से मेरे पर छा गये।

अब उनके लंड ने भी वीर्य को निकालना शुरू किया और पहली बार मेरी चूत में किसी के लंड ने अपना वीर्य दान कर दिया, तब जाकर हम दोनों का असली मिलन हुआ और उस समय वो मेरे ऊपर थे जीजू ने अपने अंतिम समय तक कसकर मेरे बूब्स दबाया। अब हम दोनों की साँसे तेज चलाने लगी और दिल की धड़कने मुझे अपने कान में सुनाई देने लगी थी। हम दोनों उस खेल को इतनी देर तक लगातार खेलकर चुदाई के असली मज़े लेकर बहुत थककर चूर हो चुके थे और अब हम दोनों एक हो गये थे। दोस्तों मैंने अपनी पहली सुहागरात के इस अच्छे मौके पर जमकर जीजाजी के साथ तीन बार और मैंने अपनी चुदाई के वैसे ही जमकर मज़े लिए और उन्होंने भी मेरी चूत की आग को ठंडा करने में अपनी तरफ से कोई भी कसर बाकि नहीं छोड़ी थी।

समाप्त।