" देखो तो इस छोटे से लड़के को ,कितना बोल रहा है ,और किसने सिखाया तुझे ये सब , हमारे काम के बीच मे आने की हिम्मत मत करना समझे " दूसरे फ़ौजी ने आकर उससे कहा ।
" आप ये गलत कर रहे है , आप तो फ़ौजी हो ना , तो आप कैसे नही कानून मानते , मै जाकर आपकी शिकायत करूंगा , मै जानता हूँ जब आप ऐसा करो तो कहाँ शिकायत की जाती है , आप इन सबको भी ज़बरदस्ती ले जा रहे हो , आप ऐसा नही कर सकते "
" तुम ऐसे नही मानोगे " ये बात कहकर उस दूसरे नबर वाले फ़ौजी ने उस बच्चे को उठाया और दूर फेंक दिया , बच्चे को सर मे चोट आई ,तभी एक और छोटे बच्चे की आवाज़ आई " नेस्टर नेस्टर, तुम ठीक हो " ये डेल था ,जो अभी अभी school से आया था ,जब उसने देखा कि उसके दोस्त के सर से खून निकल रहा है तो वो भागता हुआ उसके पास आया और उसे उठाते हुए उस फ़ौजी पर टूट पड़ा " तुम गंदे कहीं के तुम्हे मै मार दूँगा " और डेल उसके टांगो से जाकर चिपका और ज़ोर से अपने दांतो से काट लिया ,जैसे ही फौजी को दर्द हुआ, वो चिलाया उसने डेल के पेट मे ज़ोर से लात मारी और डेल दर्द से चीख पड़ा ,उसकी छीख सुनते ही डेल के माता पिता ,नेस्टर के पिता और मोहल्ले के सब लोग गुस्से मे आ गये और उन फौजियों को बुरा भला कहने लगे । दोनो के माता पिता ने दोनो संभाला ,लेकिन तब तक माहौल गर्म हो चुका था ,लोगो मे बच्चो पर हमला करने के बदले मे गुस्सा बड़ चुका था , तभी डेल की मा ने उस फ़ौजी पर चिल्लत हुए कहा " तुम लोग किसी की कठपुतली बन कर जानवर बन चुके हो ,शर्म।नही आती एक बच्चो पर हाथ उठाते हुए"
डेल कि मा ने ऐसा कहते ही पास मे पड़ी एक मोती लकड़ी ली और पलक झपकते ही उस लात मारने वाले फ़ौजी के सर मे दे मारी ।
सब फ़ौजी अब हथियार लेकर उसे घेरकर खड़े हो गये और उसे मार देने की बात कहने लगे , ज़मीन पर दर्द से तड़प रहा वो फ़ौजी अब लहूलुहान हो गया ,डेल की मा ने उस फ़ौजी से कहा " खबरदार मेरे बच्चे को हाथ भी लगाया "
वो एक मा थी और मा तो ईश्वर से भी लड़ जाति है अपने बच्चे के लिए ,वो तो एक फ़ौजी था , तभी बाकी लोग भी डेल की मा के favour मे आगे आने लगे , वहां फ़ौजी कम थे और लोग बहुत ही ज़्यादा , माहौल इतना गर्म हो गया ,की लोग उन बाहरी फौजियों को जैसे जान से मार ही देंगे , तभी वो सिगरेट पिने वाला फ़ौजी बोला " उठाओ इसे और वापिस चलो ,ये लोग अभी यही रहने दो "
ऐसा कहते ही वो 10 -12 फौजियों ने अपने घायल साथी को उठाया और सब वहां से चले गये ।
उनके जाते ही सब खुशी से झूम उठे और नेस्टर और डेल दोनो को कंधो पर उठा लिया ।
नेस्टर के पिता ने नेस्टर को प्यार से देख्ते हुए उससे कहा " बेटा आज तुमने मुझे बचा लिया " फिर डेल की मा की तरफ देखते हुए निस्टर के पिता ने कहा " आज आपकी हिम्मत ने हमे और हमारे बच्चो को बचा लिया , आपका शुक्रिया " सब खुश थे डेल ने जल्दी से आगे बढ़कर दर्द मे होने के बावजूद भी नेस्टर का हाथ पकड़ा , नेस्टर ने डेल को देखा और दोनो ने एक दूसरे को गले से लगा लिया ,तभी डेल बोला " जो भी तुम्हे हाथ लगाएगा मै उसे जान से मार डूंगा "
नेस्टर, डेल को देख मुस्कुरा दिया।