विधि विधान को पूरा करने के पश्चात सोवी को राजपरिवार के कब्रिस्तान में ले जानें के लिए उठाया गया। जियान की हालत अभी भी ऐसी नही थी कि वो कोई भी क्रिया कर पाता! दुख और आसू के साथ सोवी के अंतिम यात्रा को निकाला गया सभी कबीले वासी शामिल थे ! और अंत में सोवी के पार्थिव शरीर को प्रकृति के हवाले कर दिया गया।
सोवी की अंतिम इच्छा को ध्यान में रखते हुए राजपरिवार में जियान को कुल प्रमुख बनाने के मुद्दे पर आपातकाल में बैठक किया गया ! वरिष्ठ गुरु ने कहा राजकुमार की अंतिम इच्छा यही थी और हमे जल्द से जल्द इस पर चर्चा करनी होगी और अगर ऐसा संभव हुआ तो हमें जल्द से जल्द जियान को कुलप्रमुख बनाना होगा! लेकिन वहा जियान नही था और जियान की फिक्र किसी को भी नहीं थी। शिन जुई ने अपने मास्टर से कहा था कि वो जियान का ख्याल रखेगी ! शिन जुई इधर उधर जियान को तलाश कर रही थी और बूढ़ी मां भी शिन जुई के साथ जियान को तलाश कर रही थी ! शिन जुई के बहुत तलाश करने पर एक सिपाही ने बताया कि जियान एक घंटे पहले शाही कब्रिस्तान को ओर जा रहा था!
दोपहर तक सभा शुरू कर दिया गया सभी शाही परिवार के लोग एकत्रित होकर जियान के कुल प्रमुख बनने पर वाद और विवाद कर रहे थे!
शिन जुई और बूढ़ी मां एक साथ शाही परिवार कब्रिस्तान गए उन्होने देखा जियान फूलों को लेकर सोवी के कब्र के पास अकेला बैठा है और सोवी से बाते कर रहा था" वो बोल रहा था कि क्या करूंगा मैं ये राजगद्दी या फिर कुल प्रमुख का पद? तुम्हारे बिना इन सब चीजों का कोई मूल्य नहीं है ! अगर तुम होते तो मै पूरी जिदंगी यहां रह सकता था, लेकिन तुम्हारा मुझसे दूर जाना मेरी जान ले रहा! जियान जोर जोर से रो रहा था उसकी आवाज़ में वो दर्द था जो सिर्फ जियान ही समझ सकता था! मै नही बन सकता हूं कुल प्रमुख और न मुझे बनना है तुम मुझे छोड़ कर चले गए हो न? तो नही चाहिएं मुझे तुमसे जुड़ी हुई कोई भी चीज़!
जियान को अकेले सोवी के कब्र के पास बात करता देख शिन जुई और बूढ़ी मां से आसू रोके न गए।
जियान बस रो कर बोले जा रहा था कि मुझे नहीं चाहिएं कुछ भी ! तुम छोड़ गए न हमें अकेला तो मै क्यों बात मानू तुम्हारी?
बूढ़ी मां से जियान का दर्द देखा न गया और वो बोल पड़ी ,, क्योंकि तुम ही सोवी राजुकमार के बाद यहां के वारिस हो! उनकी आवाज़ सुन कर जियान ने मुड़ कर देखा तो शिन जुई और मां खड़ी थी । उनको देख कर जियान और बिलख बिलख कर रोने लगा ! मां ने जियान को संभाला और प्यार से बैठा कर कहा! तुम्हे यहां का कुलप्रमुख बनना होगा क्योंकि राजकुमार की अंतिम इच्छा यही थी।
जियान ने कहा लेकिन मै ही क्यो मां? वो क्या चाहता था कि मैं ज़िंदगी भर यहां रह कर उसके छोड़ जाने का दुख महसूस करु? मुझे हमेशा से लगता था कि वो मुझसे कुछ कहना चाहता है और मैने इंतज़ार भी किया लेकिन उसने मुझसे कुछ नहीं कहा ! वो हमेशा बस चुप रहता था फिर मेरा दिल क्यों कह रहा है कि वो अपने अंदर बहुत कुछ छिपाए हुए था? मैं तो उसे अभी तक ये भी नही बोल पाया था कि मैं उसे दोस्त मानता हूं! उसके जाने पर मुझे इतना दुख क्यों हो रहा है मुझे ऐसा क्यों लग रहा है कि मै मर जाऊंगा या फिर मुझे ऐसा क्यों लग रहा कि मैं उसके बिना कुछ भी नहीं हूं !
जियान बस रो रहा था और अपने सवालों से शिन जुई और मां को भी दुखी कर रहा था!
जियान ने चिल्लाते हुए कहा बोलिए मां आखिर मुझे ही सोवी ने क्यों चुना! कुछ तो बात होगी ! मैं ही क्यो?
"क्योंकि तुम राजकुमार के सोलमेट हो ! मां ने जियान का दर्द देख कर बोल दिया!
जियान ने कहा" क्या ? क्या कहा आपने?
(शिन जुई भी यही चाह रही थी कि वो जियान को सच बता दें ताकि जियान की तकलीफ थोडी कम हो सके! लेकिन वो वचन के वजह से नही बोल पाई थी।)
जियान ने फिर पूछा मां बताइए मुझे आपने अभी क्या कहा!
आपने अभी यही कहा न कि मै सोवी का सोलमेट हू?
मां गहरी सांस के साथ_ हां कहा!
जियान ने कहा "सोवी भी उससे एक दो बार बोला था कि मैं उसका सोलमेट हूं! इसका क्या अर्थ हुआ?
मां ने कहा कि "स्वान कबीले में होने वाले कुल प्रमुख की शादी ईश्वर के वरदान यानि कि सोलमेट पहचान से होती हैं वो पहचान जो ईश्वर का दिया हुआ होता है जिसे सिर्फ सोलमेट्स ही देख सकते थे, और तुम राजकुमार के सोल्मेट हो, यानि कि ईश्वर ने तुमको राजकुमार के हमसफर के रूप में चुना!
जियान हैरान था ,उसने उलझनों के साथ कहा" मै सोवी का सोलमेट कैसे हो सकता हूं ?मैं तो एक लड़का हूं मुझसे उसकी शादी कैसे हो सकती थी। ये कैसे हो सकता है!
इन्हे सवालों से मास्टर डरते थे ! शिन जुई ने कहा! हां इन्ही सवाल से मास्टर हमेशा तुम्हे बताने से डरते रहे ! उन्हे लगता था तुम इस रिश्ते को स्वीकार नहीं कर पाओगे ! तुम मास्टर से दूर न हो जाओ इसलिए मास्टर ने तुमसे छिपाया।
जियान ने गुस्से में शिन जुई को देखते हुए कहा! इसका मतलब तुम्हे भी पहले से पता था तो मुझे क्यों नहीं बताया? आखिर मैं इतना पराया क्यों हूं?
शिन जुई ने रोते हुए कहा कि मास्टर ने कहा था उनके जीते जी मैं ये बात तुम्हे न बताऊं।
जियान चिल्ला कर बोला तो अब क्यों बता रही हो ताकि मुझे और दर्द हो ? तुम्हे तो सब पता था न तो बताओ मुझे क्या तुम्हारे मास्टर मुझे प्यार करतें थे! फिर उसने मां से कहा मां क्या सच में दो लड़कों कि शादी हो सकती थी? क्या सच है मै उसका सोल्मेट हूँ?
मां ने जियान को समझाते हुए कहा कि शादी दो आत्माओं का मेल होता है ! शादी में लड़का और लड़की मायने नहीं रखता है !शादी में प्यार मायने रखता है! जब ईश्वर ने तुम्हे सोवी का सोलमेट चुना था तो ये सवाल करना निरर्थक है बेटे!
"मैं आज तक क्यो नही समझ पाया कि मैं उसके लिए क्या हू? इसका मतलब मेरे अंदर जो सोवी के लिए है वो कुछ और नही बल्कि प्यार है । वो शिन जुई से बोला कि सोवी के हाथ पर मेरा नाम दिखता था लेकिन मेरे हाथ पर सोवी का नाम क्यों नहीं दिखता था।
क्योंकि मास्टर ने कहा था की जब मास्टर तुमको छूते थे तब वो निशान तुम्हारे हाथ पर नही बल्कि गले पर बनता था इसलिए तुम कभी उस निशान को देख नही पाए!
जियान, सच को सुन कर ऐसे पीड़ा से गुजर रहा था जिसकी कोई सीमा न थी जिसका कोई अंत नहीं था जिसकी कोई सुबह नही थी । बस एक लम्बा इंतज़ार था जो कोसो दूर तक अकेले सफर का था !