जियान दौड़ कर सोवी शिन जुई के पास आ गया तीनो को अंदाजा नहीं था कि गुफा कितनी लंबी है और गुफा को पार करने के बाद कोई कबीला है या गांव है या फिर कुछ और। स्वान कबीले में नैतिकता सर्वोपरि है स्वान कबीले की प्राचीन पुस्तक न केवल स्वान कबीले बल्कि अन्य कबीले के लिए भी उतनी ही महत्वपूर्ण है इसलिए सोवी, जियान और शिन जुई को हर मुश्किल को पार करते हुए किसी भी हालत में लावोमेंन कबीले से वो प्राचीन और पवित्र पुस्तक वापस लेनी ही थी।
मास्टर गुफा कितनी दूर तक है हम कब तक ऐसे चलते रहेंगे शिन जुई बोली? जियान तपाक से शिन जुई को जवाब देते हुए बोला कि माना की तुम्हारे मास्टर को सब पता होता है लेकिन यहां अनजान गुफा में उनका ज्ञान कुछ काम आने वाला नही है और फिर वह हसने लगा।
सोवी ने दोनो से कहा" तुम दोनो आवाज कम करो ,और शांति से चलो। काफी देर चलने के बाद सोवी ने कहा सूर्य की रोशनी आ रही है अर्थात हम गुफा के अंतिम छोर पर है ऐसे ही चलते चलते उनको आधा दिन हो गया था तब जाकर गुफा के बाहर जाने का रास्ता मिला, गुफा से आकर शिन जुई बोली "अरे ये क्या मास्टर? मुझे तो लगा था कोई कबीला या गांव होगा ,मुझे तो जोरो भूख भी लग रही थी और यहां तो जंगल ही जंगल है ।
सोवी_ ने कहा "हम बहुत जल्दी लावोमेन कबीले में होगे क्युकी यहां से तो पांचवी पहाड़ी शुरु है और इसके बाद हम छठी और शातवी पहाड़ी को पार कर लेगे ।
अरे नही अभी तो बहुत चलना है जियान उदास मन बना कर बोला ।
ये हैं महान योद्धा जियान, जो चलने से रोने लगे ,शिन जुई जियान को चिढ़ाते हुए बोली और हसने लगी।
सोवी उन दोनो की नोक झोंक को नजरंदाज करते हुए आगे बढ़ गया जियान और शिन जुई भी उसके पीछे पीछे चल दिए काफ़ी चलते के बाद वो तीनों रुक गए और थोड़ी देर आराम करने के लिए बैठ गए।
जियान ने कहा तुम दोनो रुको मैं फल तोड़ कर लाता हूं मुझे बहुत तेज की भूख लग रही है। शिन जुई ने हां में सर हिलाते हुए कहा हां ठीक है।
थोड़ी देर में ही जियान फल लेकर आ गया और शिन जुई को खाने के लिए दिया फिर उसने सोवी को देखा ! सोवी ध्यान मुद्रा में बैठा था जियान सोवी के ध्यान को तोड़ना नहीं चाहता था इसलिए वो अपने और सोवी के लिए फल लेकर वही बैठ गया।
शिन जुई ने फल खाते हुए कहा क्या हुआ जियान ?तुम फल क्यों नहीं खा रहे हो?
जियान ने कहा "मै सोवी के साथ खाऊंगा ।
अरे वाह तुम्हे कबसे मास्टर की फिक्र होने लगीं बताओ मुझे शिन जुई बोली।
जियान_ ने कहा,तुम मेरे और सोवी के मामले से दूर ही रहो वह चिढ़ते हुए बोला।
थोड़ी देर बाद सोवी ध्यान मुद्रा से बाहर आया तो जियान ने उसे फल खाने के लिए दिया और कहा लो खा लो।
सोवी ने कहा_ मुझे भुख नही लगी है तुम खा लो।
शिन जुई_ बोली, मास्टर क्या मैं और फल ले लू? वह दांत निकालते हुए बोली।
जियान ने गुस्से में कहा नही बिलकुल नहीं ,मैं देखता हूं सोवी कैसे नही खाता है ,और वह गुस्से से सोवी के पास जाकर उसका हाथ जोर से पकड़ कर फल दे दिया, और कहा तुमने दो दिन से कुछ नहीं खाया है चुप चाप खा लो वरना मैं भी खाना छोड़ दूंगा। जियान को ऐसे सोवी की फिक्र करते हुए देख सोवी को बहुत अच्छा लग रहा था वह कुछ नहीं बोल पाया और हां में सर हिलाते हुए फल लेकर खाने लगा जियान भी वही बैठ गया।
शिन जुई ने कहा_बेवकूफ तुम मास्टर से ऐसे कैसे बात कर सकते हो?
जियान_ ने कहा हां क्युकी मुझे सोवी की फिक्र है और दुनियां का कोई इंसान मुझ जैसे योद्धा को सोवी की फिक्र करने से नहीं रोक सकता है वह गुस्से में चिल्ला कर बोला!