दूसरे दिन सुबह सुबह हर्ष ने ईशानी और अनुष्का से कहा.....
हर्ष-hey guys चलो आज जंगल घूम कर आते हैं।
ईशानी-That's brilliant idea हर्ष।
वे तीनों जंगल घूमने निकल पड़े। उन्हें लौटने में लगभग दोपहर के 12:00 बज गए थे। जब वे तीनों हवेली की तरफ वापस आ रहे थे। तब उन्हें वह पागल औरत दोबारा मिली। लेकिन इस बार किसी ने भी उस पागल औरत की बातों पर ध्यान नहीं दिया।
दोपहर के खाने के वक्त सभी खाने की टेबल पर बैठकर हंसी मजाक कर रहे थे। लेकिन हर्ष और अनुष्का लगातार एक दूसरे की आंखों में देखे रहे थे।
दिन बीतते जा रहे थे और अनुष्का की मेहनत रंग ला रही थी। हवेली की हालत पूरी तरह से सुधर गई थी। एक तरफ हर्ष और अनुष्का की बीच की दूरियां कम हो रही थी। दूसरी तरफ हवेली में होने वाली अजीब घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही थी। अब तो हर्ष, अनुष्का और इशानी तीनों को यह विश्वास हो गया था की हवेली में सच में कोई है।
2 महीने कब बीत गए पता ही नहीं चला? एक दिन रात को इशानी और अनुष्का अपने कमरे में बैठकर बातें कर रही थी। ईशानी ने अनुष्का से कहा.....
ईशानी-यार... अनुष्का 2 महीने का बीत गए पता भी नहीं चला! अब बस हमें यहां पर 5 दिन और रुकना है।मुझे यकीन नहीं हो रहा हमारा यह प्रोजेक्ट इतनी जल्दी खत्म हो जाएगा।.....और वह भी इतने अच्छी तरीके से!
अनुष्का-हां ईशु ...बस अब घर के दरवाजे को और दरवाजे के आसपास के भाग को ही रंगना है। यह काम भी कल पूरा हो जाएगा। काम पूरा होने के बाद मीरा मैडम भी आ जाएंगी।और हमारा इस मनहूस जगह से पीछा छूटेगा।
ईशानी-वह तो है.... हर दिन नया drama रहता है इस जगह पर। अब सब ठीक हो जाएगा।
अनुष्का- यार ईशानी मैं एक बात बोलूं क्या?
ईशानी- हां बोल ना...
अनुष्का-मैं...म्म... मैं हर्ष से प्यार करती हूं।
ईशानी-omg.... तो पागल मुझे बता कर time west क्यों कर रही है? जाकर हर्ष को बताओ.... कहीं देर ना हो जाए?
अनुष्का-हं.... हां।