वो आदमी और मेरे चाचा क्या बहुत बड़ा प्लान बना रहे थे ये आपको पता चल जाएगा भाई लोग बस आपलोग ये कहानी को रीड करते रहिए,,,
मुझे मेरे चाचा की तरफ से बहुत परेशान किया जा रहा था, के मेरा ट्रक वापस करदो,नही तो अंजाम ठीक नही होगा, मैं ये सब देखकर अंदर ही अंदर बहुत टूटता जा रहा था, के अब मैं क्या करूँगा,उधर मेरे चाचा भी परेशान कर रहे थे और इधर मेरे पापा भी परेशान कर रहे थे, के जितना जल्दी हो सके तुम मुझे 2 लाख रुपये क़र्ज़ लेकर दो, उसके बाद मैं अपनी बेटी की शादी फटा फट करदूंगा, उसके बाद मेरी छोटी बेटी बचेगी, उसके बारे में बाद में सोचूंगा,,,,
रियल बात अगर सोचा जाए तो मेरे पापा चाहते थे के जितनी जल्दी हो मैं अपनी बेटी की शादी कर दु, वो इसिलए ऐसा सोचते थे के सबसे बड़ा उनका डर था, और वो डर था, समाज के सामने बेइज़्ज़त होने का, क्यों के आपलोग जानते ही होंगे के ज़माना कितना खराब हो गया है, और एक जवान बेटी घर मे हो तो एक बाप के दिल पर क्या गुज़रती है, ये तो एक बेटी का बाप ही बता सकता है,और खास कर के जब वहां पर उस बेटी के बाप का कोई स्ट्रांग सपोर्ट न हो, aur मेरे पापा के भी दिल और मन मे ये बात घुस गई थी के मेरा भाई मेरे बेटे को इतना परेशान कर रहा है तो वो अपना ट्रक वापस ले लेगा तो फिर मैं अपनी बेटी की शादी नही कर पाऊंगा,
यही सब सोच कर मेरे पापा मुझ से कहे के तुम 2 लाख रुपये मुझे लाकर दो जितना जल्द हो, अब मेरे पास और कोई दूसरा रास्ता नही था, मुझे क़र्ज़ लेना ही पड़ेगा, एक तो उस ट्रांसपोर्टर का पहले का ही क़र्ज़ लगभग 1 लाख रुपये बाकी था मेरे ऊपर, फिर भी मैंने उससे कहा के बहुत अर्जेंट है मुझे 2 लाख रुपये और क़र्ज़ चाहिए,वो मेरा दोस्त था, उसने मुझ से कोई सवाल जवाब नही किया के किसलिए रुपये चाहिए और क्यों चाहिए बस उसने 2 लाख रुपये मुझे दिए और मैंने वो 2 लाख रुपये लाकर अपने पापा को दे दिए, और इस तरह से मेरे पापा एक और मेरी बहन की शादी कर दिये,
इधर मेरी भी शादी हुए 2 साल हो चुके थे,और मेरा एक बेटा था,लेकिन मैं कभी भी मैंने अपने बीवी बच्चे को टाइम नही दे पाता था,और शादी के बाद हर आदमी की बीवी चाहती है के मेरा हस्बैंड अपने बच्चे और अपनी लाइफ के बारे में भी सोचे, ये बात का वो मुझे हमेशा ताना देती रहती थी मेरी बीवी, लेकिन मैं तो अपने परिवार में ही इतना बिजी हो गया था के मुझे पता ही नही लगता था के कब रात हुआ और कब दिन, और इतना व्यस्त मैं सिर्फ अपने पापा के लिए ही रहता था के, मेरी वजह से इन्हें कोई दुख न पहुंचे, मैंने हमेशा अपने परिवार की खुशी के बारे में सोचा, परिवार मतलब मेरा परिवार नही, मेरे बीवी मेरे बच्चे नही, मेरे पापा का परिवार, मैंने अपने बीवी बच्चे का तो थोड़ा भी ध्यान नही रखता था, उनका ध्यान मेरी मां रखती थी, इसलिए मैं टेंशन मुक्त रहता था अपने बीवी बच्चे के तरफ से,
एक दिन मैं अपने घर पर अपने बेटे के साथ खेल रहा था, खेलते खेलते मेरा बेटा मेरी तरफ देख कर जोरो से हँसा, तो मैंने उस के मुँह के अन्दर यानी जहां से पानी खाना अंदर जाता है वही पर 2 छोटे छोटे टॉन्सिल दिखे, मैंने मेरे बेटे को डॉक्टर से दिखाया तो उसने कहा के आपका बच्चा अभी छोटा है इसलये मैं दवा लिख देता हूँ, कोर्स के हिसाब ये दवा चलेगी, कुछ महीने परमानेंट ये दवा खिलाईये तो आपके बेटे का जो टॉन्सिल है वो पूरी तरह से ठीक हो जाएगा, लेकिन फिर वो दवा खिलाने के बाद क्या हुआ ,,ये मैं बताऊंगा पार्ट 20 में,,,,,

Real story
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What a big plan that man and my uncle were making, you will know, brothers, just keep reading this story.
I was being harassed a lot by my uncle, to return my truck, otherwise the result would not be right, I was getting very broken inside seeing all this, what will I do now, my uncle is also upset and my father was also troubling here, that you give me a loan of Rs 2 lakh as soon as possible, after that I will tear apart my daughter's marriage, after that my younger daughter will survive, about that later I will think
If the real thing is to be thought, then my father wanted me to get my daughter married as soon as possible, that's why he used to think that his biggest fear was, and that fear was to be humiliated in front of the society, because you know It must be that the times have become so bad, and if a young daughter is in the house, what goes on the heart of a father, only the father of a daughter can tell, and especially when there is that daughter's father. There is no strong support, aur my father's heart and mind had entered this thing that if my brother is troubling my son so much, then he will take back his truck, then I will not be able to marry my daughter,
Thinking all this, my father tells me that you bring me 2 lakh rupees as soon as possible, now I had no other way, I will have to take a loan, one, the earlier loan of that transporter is about 1 lakh rupees. The rest was on me, still I told him that it is very urgent, I want 2 lakh rupees more loan, he was my friend, he did not answer any question from me why he needed money and why he just gave me 2 lakh rupees and I brought that 2 lakh rupees and gave it to my father, and in this way my father got another one and my sister married,
Here I too had been married for 2 years, and I had a son, but I could never give time to my wife's child, and after marriage, every man's wife wants that my husband is his children and his life. Think about it too, that she always used to taunt me, my wife, but I was so busy in my family that I didn't even know when it was night and when it was day, and I was so busy lived only for my father, because of me, he should not suffer, I always thought about the happiness of my family, family means not my family, my wife is not my children, my father's family, I have my wife I did not take care of the child at all, my mother used to take care of them, so I used to be tension free from my wife's side.
One day I was playing with my son at my house, while playing my son laughed out loud looking at me, then I saw 2 small tonsils inside his mouth ie from where the water enters the food, I When I showed my son to the doctor, he said that your child is still small, so I will prescribe medicine, according to the course, this medicine will work, if you give this medicine for a few months, then your son's tonsils will be completely cured, But then what happened after feeding that medicine, I will tell this in part 20,,,,,