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Shairy No 23

अर्ज़ कुछ यूँ किया हैं जरा गौर फरमाइयेगा

मौत अगर लिखी होती तकदीर में तो अब तक कोरोना लग जाता हमें

मौत अगर लिखी होती तकदीर में तो अब तक कोरोना लग जाता हमें

जिसका मौत खुद उसके हाथ में दिया हो बाला उसे कोरोना क्या करें