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Poem No 22 अधूरी ख्वाहिशों के नाम

अधूरी ख्वाहिशों के नाम

आज की श्याम

ख्वाहिशें बौत थी इस दिल की

जिसकी हमने खबर खोद रखी है

दफना दिया वो सारी खुशियां जो

हमारे तकदीर में नहीं है

युं तो हजारों ज़ख्म काये है

इस खंबक्त दिल ने

फिर भी मुस्कुराते रहा

जैसे कुछ हुआ ही नहीं है

अधूरी ख्वाहिशों के नाम

आज की श्याम

----Raj