अर्ज़ कुछ यूं किया है जरा गौर फरमाइएगा
चांदी की दीवार ना तोडी
सोने का दीवार भी ना तोडा
बस तोडा भी तो क्या
प्यार भरा दिल ही तोड दिया
यही है ज़माने का दस्तूर
वो सच्छा प्यार को नहीं समझते
या फिर समझना नहीं चाहते
बस हर बात को रुपयों के तराजु में थोल्थे
और ज़माने की चका चौंद में खो जाते
चांदी की दीवार ना तोडी
सोने का दीवार भी ना तोडा
बस तोडा भी तो क्या
प्यार भरा दिल ही तोड दिया
----Raj