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JAYASAKTI: THE SINS

Tác giả: Lucifer_9603
Fantasi
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What is JAYASAKTI: THE SINS

Đọc tiểu thuyết JAYASAKTI: THE SINS của tác giả Lucifer_9603 được xuất bản trên WebNovel.Apakah ini takdir kita sebagai manusia? Apakah dosa selalu ada untuk manusia? Apakah kejahatan akan menang? Siapa yang akan menyelamatkan umat manusia dari kejahatan?Ditengah kekacauan dan huru hara p...

Tóm tắt

Apakah ini takdir kita sebagai manusia? Apakah dosa selalu ada untuk manusia? Apakah kejahatan akan menang? Siapa yang akan menyelamatkan umat manusia dari kejahatan? Ditengah kekacauan dan huru hara pada akhir zaman, akan ada enam ksatria yang akan membela kebaikan dan mendirikan keadilan melawan seluruh ketidakadilan yang terjadi, siapakah enam ksatria itu? Apakah mereka mampu mendirikan keadilan dan menyelamatkan umat manusia? Apakah ancaman bukan hanya dari manusia tetapi juga dari mereka yang berada dari dunia lain?

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तीरथपुर

     "इन गरीब की कुटिया मे आप क्या आयोगे  सहाब?, आंखो से नशा और ओंठो से प्यारिसी स्माईल देकर शालिनी 'विजय' को अपने कुटिया आने का नेवता दे रही थी। ये वही शालिनी थी जिसे गाँववालोंने शापित बोलकर गाव से बाहर निकाला था। अब शालिनी जंगल के उन क्षेत्र में रहती थी जहा तीरथपूर गाँव को आना सख्त मना था। विजय उसी सीमा पे खड़ा था जहाँ से अंदर आना बोहत ही खतरनाक था। "तेरी कुटिया क्या, हम तो तेरे चूल्हे तक आने की चाहत रखते है मिस। बस ये मजबूरी की बेड़िया टूटने का इंतजार है। जिस दिन ये बेड़िया टूटेंगी ना। फिर देखना। वैसेही हैम आप लोगो से नही डरते, डरते है तो बस अपनो से।" विजय शालिनी को अपनी मजबूरी बता रहा था। एक मीठी सी स्माईल देकर शालिनी विजय को बोली," बेड़ियों में तो हम बंधे है सहाब, ठाकुर को बता दीजिएगा, हमे उनकी बाहे बोहत पसंद है। एक दिन हम उनकी बाहो में जरूर आनेवाले है। "ठाकुर का पीछा कब छोडोगी? हमेशा उनका ही बैंड बजाती रहती हो?" विजय शालिनी को सवाल करते हुए बोला। शालिनी फिर हसते हुए बोली,"पुराना हिसाब जो चुकता करना है।" विजय हँसता हुआ बोला,"मिस शालिनी, अपनीं औकात ना भूलियेगा, ठाकुर की बाहे क्या उनकी हवेली को भी छूने की औकात नही है तुम्हारी।" फिर से एक मीठा स्माईल देते हुए शालिनी बोली,"हमारी औकात का इम्तिहान मत लेना सहाब। न जाने ऐसी कितनी हवेली को कुटिया में बदलने की एहमियत रखते है हैम। बस समय सही हो।" "समय का तो पता नही, लेकिन ठाकुर तुझे ऐसी जगह लाकर ठोकेगा ना, जहाँ गोली भी आवाज नही करेगी। सारा गाँव लगा दिया है तेरे पीछे। वो भी बंदूक लेके। पगला गया है वोह।" विजय ठाकुर की शक्तियों का प्रदर्शन करते हुए बोला। "ये शेरनी का इलाका है सहाब। बता दे गाँववालों को। अब ये गुल्लेर चलानेवाली शालिनी नही रही। कट्टा चलाना हम भी जानते है। अभी भी वक्त है, हमारे गिरोह में शामिल हो जाओ। और रही बात ठोकने की, ठोक तो वो तुझे भी देगा, बस कामना करो कि ठाकुर को तेरी बाते पता न चले।" शालिनी विजय का हाथ अपने हाथ मे लेते हुए बोली। "वैसे क्या हलचल है तेरे कबिले में? सुना है तू "रुद्रा" का सपोर्ट लेनेवाली है।" विजय शालिनी का दूसरा हाथ थामते हुए बोला। "हं! शालीनी को किसी के सपोर्ट की जरूरत नही। हमारी कुटिया ही काफी है ठाकुर की खटिया खड़ी करने के लिए। बस एकबार इलेक्शन नजदीक आने दो। वैसे उस बिग डील के बारे में क्या सोचा है ठाकुर ने?" शालिनी ठाकुर की जानकारी लेते हुए बोली। विजय जानकारी देते हुए शालिनी को अपनी ओर खीचते हुए बोला,"डील का तो  पता नही। लेकिन तेरा दिल एक दिन जरूर चुरा लूँगा।" To be Continue ....

NARAYAN_MAHALE · Quân đội
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