फ्लैश बैक कंटिन्यू,,,,,
रिहांश इस वक्त रूहानी को बेहद करीब से मेहसूस कर रहा था। उस लड़की का बदन से आ रहे खुशबू इस वक्त रिहांश को बेहद सुकून मेहसूस कराते हुए उसका स्ट्रेस दूर कर रहा था।
वही रूहानी रिहांश के हाथ से स्पोंज बॉल प्रेस करा रही थी। रिहांश का हाथ बॉल से ज्यादा रूहानी का हाथ को दबा रहा था।वही रुहानी रिहांश का दूसरे हाथ पर पट्टी करने रिहांश के हाथ से अपना हाथ छुड़वाने लगी, क्यों की वह एक हाथ से पट्टी नही कर पा रही थी।
वही रिहांश का पकड़ उसके हाथ में अब तक कस गया था।वही रूहानी उसे देख कहती है,
" मिस्टर आर्यन ,आपको मेरा हाथ नही बॉल को प्रेस करना है। "
रूहानी इतना कह कर अपना हाथ पीछे लेने लगी लेकिन रिहांश तो रिहांश था उसका जिद्द के सामने किसी का जिद्द कहा चलने वाला था।वह अपने आंखे खोल कर उससे कहता है,
" मेरा स्ट्रेस तुम्हारा हाथ दबाने से ही कम हो रहा है। "
रिहांश का हालात अब तक आधा से ज्यादा ठीक हुआ था।उसके तेज़ रफ्तार से चल रही सांसे नॉर्मल हो रहे थे।उसकी कांपती हाथ को किसी की हाथ का सहारा मिल गया था।
रुहानी उसकी कंडीशन समझ रही थी।रिहांश का चेहरा अभी भी पसीने से लथपथ था।जिस वजह से वह थोड़ा अनकंपर्टेबल फील कर रहा था।
रुहानी,अपने बैग से नैपकिन निकाल कर,उसका चेहरे पर पसीना साफ करने लगती है।रिहांश के लाल आंखे इस वक्त रूहानी को बेहद नजदीक से देखने लगे थे। रुहानी इस वक्त उसके बेहद करीब आ गई थी।जिससे रिहांश को हद से ज्यादा रिलैक्स फील हो रहा था।वह हल्के से झुक कर उसकी खुशबू को सूंघते हुए अपने मन में बोला,
" इसकी खुशबू, उस दवाई से भी ज्यादा सुकून दे रही है,मेरा यह तड़पता दिल आज बिना दवाई के शांत कैसे हुआ ? "
रिहांश अपने अंदर हो रही बदलाव को समझने की कोशिश कर रहा था।वही रूह उसकी चेहरा साफ कर उसकी गर्दन तक जाने लगी तो रिहांश की धड़कने अजीब तरह से तेज हो गई।
रिहांश का हाथ उसके हाथ में अजीब तरह से दबाने लगी।वही रिहांश एक टक रूहानी का मासूम सा चेहरे को देखने लगता है।उसकी बेदाग सा चेहरा इस वक्त रिहांश के बेहद खरीब था।दोनो ही एक दूसरे के सांसे अपने चेहरे पर मेहसूस कर रहे थे लेकिन एक के दिल में अजीब सा हलचल होने लगा था तो दूसरे इन सारे बदलाव से अंजान।
रिहांश की आंखे भारी हो रही थी। क्यों की रिहांश को रूह ने इंजेक्शन जो लगा दिया था। रूहानी फिर उससे दूर हटने लगी तो रिहांश उससे कहता है,
" मेरे आंखे भारी क्यों हो रहे है ? मुझे नहीं सोना है!! "
रिहांश को जी भर कर रूहानी को देखने का मन हो रहा था।उसका हाथ जो रूहानी के हाथ में था उस हाथ को अब रिहांश ने अपने सीने तक ला कर पकड़ लिया था।वही रुहानी उसकी बात सुन कर उससे अलग हो कर दूसरे हाथ से उसके आंखों पर हाथ रखते हुए अपनी स्वीट सी आवाज में कहती है,
" Close your eyes,,!!! "
रिहांश अपने आंखे बंद करना नही चाहता था।इसीलिए अपना गर्दन ना में हिलाने लगा तो रुहानी उसे थोड़ा डांटते हुए कहती है,
" आप कितने जिद्दी है, चुपचाप आंखे बंद करिए मिस्टर आर्यन,आपको अभी रिलैक्स फील करना है। "
रिहांश अपने आंखो के ऊपर रखे हुए उसका हाथ हटा कर उसे घूरने लगता है।वही रूहानी को इससे कोई फरक नही पड़ा।वह फिर से उसके आंखों पर अपना हाथ रख कर उससे कहती है,
" दवाई चाहिए है तो आपको आंखे बंद करना ही पड़ेगा। "
" तुम रिहांश आर्यन को ब्लैकमेल कर रही हो ? " रिहांश अपने आंखे बंद कर अपने दांत पीसते हुए कहता है तो रूहानी बिना कुछ कहे,उसके हाथ से स्पंज बॉल को प्रेस कराने लगी तो रिहांश बॉल को फेंक कर एक ही झटके में उसका हाथ कसके पकड़ कर अपने तरफ खींच कर उसका हाथ दबाने लगता है।
वही रुहानी बॉल को घूरने लगती है।वह फिर रिहांश को घूरते हुए अपने मन में बोली,
" ओह गॉड, यह इंसान इतना जिद्दी क्यों है मेरी एक बात नही मान रहा है ,जाने दो रुह बस आज ही इसे झेलना है। "
वही रिहांश अपने दोनो हाथ में रूहानी का हाथ पकड़ कर दबाते हुए ,रूहानी का फ्रेगरेंस को फील करते हुए धीरे से नींद की आगोश में चला जाता है।
रूहानी उसे ही देख रही थी।रिहांश को धीरे धीरे शांत होता देख वह एक राहत भरी सांस ले कर ध्यान से रिहांश को देखने लगती है।रिहांश बेहद हैंडसम था।रूहानी की सामने इस वक्त उसका चेहरा बेहद परफेक्ट लग रहा था।
रूहानी फिर पूरे रूम को देखने लगती है।रिहांश रूम को इस वक्त कबाड़ा ही बनाया था।तभी रूहानी की नजर रिहांश की एक फोटो पर जाती है।रिहांश उसमे सिगरेट की कश लेते हुए बेहद एरोगेंट लुक दे रहा था। उस फोटो में वह शर्टलेस ही था।उसकी गहरी काली आंखे उस फोटो में भी ऐसे लग रहे थे जैसे कही सारे राज उसमें दफन हुए हो।
रूहानी फिर धीरे से बुदबुदाते हुए कहती है,
" पता नही इन्हे दवाई का इतना लत क्यों लगी है ? लेकिन इन्हें और दवाई दिए जाए तो इनकी जान को खतरा हो सकता है। "
वही रिहांश इस वक्त पूरी तरह नॉर्मल हो गया था।और अब वह नींद की आगोश में चला गया था।लेकिन उसका हाथ अभी भी रूह की हाथ में कस गई थी।
रुहानी फिर अपने घड़ी में टाइम देखती है।फिर वह धीरे से अपना हाथ उससे छुड़वाने लगती है।उसे जाना भी तो था।
बहुत ही मुश्किल से रुहानी उससे अपना हाथ छुड़वा कर,रिहांश को एक नज़र देख कर रूम में बाहर चली जाती है।
बाहर इस वक्त,
अंकिता इधर से उधर टहल रही थी।उसका टेंशन अभी भी खतम ही नही हुआ था।वह बेसब्री से रूहानी का बाहर आने का wait कर रही थी।
तभी रूहानी बाहर आते हुए उसे नजर आई तो अंकिता उसके पास जा कर उससे थोड़ा टेंशन में कहती है,
" मेरा बेटा कैसा है ,तुमने उसे ठीक किया न ? और तुमने दवाई क्यों नही लाया था ? "
अंकिता एक के बाद एक सवाल कर रही थी।वही रूहानी उसे शांत कराते हुए कहती है,
" रिलैक्स ma'am, मिस्टर आर्यन अब ठीक है। "
अंकिता एक राहत भरी सांस लेते हुए रुहानी को देखने लगती है।वही रुहानी उससे हुए कहती है,
" मैंने उनका रिपोर्ट देखा है,उन्हें जिस चीज की लत लगी है उससे उनकी जिंदगी अंदर ही अंदर खत्म हो रहा है इसीलिए उन्हें अब उस दवाई को उनसे दूर ही रखना होगा। "
रिहांश का मेंटली हेल्थ आम लोगो की तरह बिलकुल ठीक नही था।रिहांश जिस दवाई का एडिक्टेड था उस दवाई का मोल बेहद कीमती था जो उसके लिए बिल्कुल बड़ी बात नहीं था लेकिन वह दवाई हद से ज्यादा हाई डोज से भरा हुआ होते थे जिसे लगादार लेने से उसके जान को खतरा भी हो सकता था।
वह जितना उस दवाई को लेता उतना ही मौत के करीब बढ़ रहा था।
अंकिता के माथे पर शिकन दिखने लगे।रिहांश को दवाई लेने से रोकना इंपॉसिबल था।वही अंकिता को कुछ भी न बोलता देख रूहानी उससे सवाल करती है,
" आपके बेटे को यह दवाई लेने का लत क्यों लगी है ? कोई खास वजह ? "
अंकिता उसे ही देखने लगी।रिहांश का यह हालत ऐसा क्यों है उसे अच्छे से पता था लेकिन वह रूहानी को ही क्या किसी को भी बताना नही चाहती थी।इसीलिए वह उससे कहती है,
" Thank you, अब तुम जा सकती हो !! "
अंकिता रिहांश के कमरे में चली जाती है।वही रुहानी को उनका बर्ताव कुछ ठीक नहीं लगा तो वह ज्यादा न सोचते हुए चली जाती है।
वही रूम में ,रिहांश शांती से सोया हुआ था।वही अंकिता उसके बगल में बैठ कर उसके बालों में हाथ फेरने लगती है।उसे बार बार रूहानी की बाते गूंजने लगी थी। दवाई को ऐसे ही लेने से रिहांश की जान को खतरा हो सकता है।यह बात उसे अब अंदर ही अंदर डरा कर रख दिया था।
खरीब दो घंटे बाद , रिहांश धीरे से अपने आंखे खोल कर सामने देखने लगता है।सामने इस वक्त उसे अंकिता का चेहरा दिखाई देता है जो उसके बालों में हाथ फेरते हुए उसिका उठने का wait कर रही थी।
रिहांश फिर आस पास रूहानी को डूंडने लगता है।आज पहली बार वह बिना दवाई के शांत हुआ था।उसकी जलती दिल को उस लड़की की छूने से उसका करीब आने से वह बेहद रिलैक्स फील कर रहा था।
" किसे डुंड रहे हो रिहांश ? " रिहांश को इस तरह इधर उधर किसी को डूंडता देख अंकिता सवाल करती है तो रिहांश अपनी टिकी नज़रे पूरे रूम में दौड़ाते हुए कहता है,
" मां,वह लड़की कहा गई ? "
अंकिता रिहांश का सवाल सुन कर उसके गाल पर हाथ रख कर उससे कहती है,
" वह तो कब का चली गई रिहांश,यह सब छोड़ो तुम अब कैसे फील कर रहे हो ? "
अंकिता की कोई भी बात रिहांश को सुनाई नही दे रहा था।उसके दिमाग में रूहानी का केयर करना , डाटना सब यही याद आ रहा था।वही अंकिता उससे थोड़ा हिचकिचाते हुए कहती है,
" रिहांश,, उस दवाई को लेना छोड़ दो बेटा,उससे तुम्हारी,,,,,,!!! "
" नही छोड़ सकता मैं। " रिहांश उठ कर वाशरूम में चला जाता है। उसे रूहानी को देखने का मन कर रहा था वह लड़की ऐसे बिना बताए गई कैसे ?
रिहांश फिर फ्रेश हो कर बाहर आ जाता है।अंकिता रूम से बाहर चली गई थी। रूम में रूहानी का खुश्बू अभी भी महक रही थी ।रिहांश अपने बालो पर हाथ फेरते हुए पूरे रूम को देखने लगता है कि।तभी रिहांश की नजर उस स्पॉज बॉल पर जाती है।
रिहांश उस स्पंज बॉल को हाथ में ले कर उसे प्रेस करते हुए रूहानी को याद करता है।उसकी चेहरे पर हल्की सी स्माइल भी आ गई थी।
रिहांश अपना फोन ले कर अपना असिस्टेंट को कॉल कर बेहद सख्त आवाज में कहता है,
" अभी तक मेडिसिन क्यों नही लाए तुम ? "
उधर से रिहांश का असिस्टेंट जिसका नाम था अभिनव,वह इस वक्त उसकी बात सुन कर कांप रहा था। क्यों की रिहांश ने उसे सुबह ही कह दिया था की उसके रूम में मेडिसिन रहना चाहिए लेकिन मेडसिन वह अरेंज नही कर पाया था। क्यों की रिहांश जिस मेडिसिन का एडिक्टेड था वह इंडिया में अवेलेबल ही नहीं थे।
उधर से अभिनव को कुछ भी न बोलता देख रिहांश बेहद गुस्से से कहता है,
" अगले दो घंटे में मुझे दवाई चाहिए मतलब चाहिए ।"
रिहांश कॉल काट कर क्लोसेट रूम में चला जाता है।उसे आज ऑफिस भी जाना था।और वह ऑलरेडी लेट भी हुआ था।
पूरा दिन रिहांश,का ऑफिस में ही गुजरा था लेकिन ऐसा एक भी सेकंड ना रहा की वह रुहानी को याद ना किया हो।
रात का वक्त,,,
रिहांश इस वक्त अपना प्राइवेट विला में आया हुआ था।वह ज्यादा दार अखेला ही रहता था।
रिहांश बेड पर लेटा हुआ था।और उसके हाथ में इस वक्त रूह का दिया हुआ बॉल था जिसे पकड़ कर वह प्रेस कर रहा था।
रिहांश को ऐसा लग रहा था की वह उस बॉल को नहीं रूहानी की मुलायम सा हाथ को प्रेस कर रहा हो। सुबह से उसके दिमाग में रूहानी ही घूमने लगी थी।
अभिनव ने उसके अब तक मेडिसिन भी अरेंज कर दिया था।लेकिन रिहांश ने अभी तक उन्हें छुआ तक नहीं था।हर चार घंटे बाद उसे मेडिसिन लेने की लत लगी थी लेकिन पूरे 8 घंटे बीत गए थे।अब तक रिहांश ने कोई दवाई नही लिया था।
रिहांश अपना हाथ को देखते हुए बेहद पागलों की तरह कहता है,
" यह लड़की कोन है ? सुबह से परिशान कर रखा है मुझे, जब यह आई थी तब भी परेशान किया था और जब गई है तो भी मुझे डिस्टर्ब कर परिशान कर रही है,इससे तो कल मिलना ही पड़ेगा। "
रिहांश अपने आंखे बंद कर सोने की कोशिश करने लगता है।लेकिन उसकी आंखो में नींद आज कोसो दूर थी।वह बार बार करवटे बदल कर सोने की कोशिश करने लगा लेकिन रूहानी की चूवन,उसकी खुशबू,उसका करीब आना उसे पूरी तरह घायल कर चुका था।
रिहांश अपना चेहरा मसलते हुए उठ कर बैठ जाता है।उसके लिए सोना मुश्किल हो रहा था।वह फिर से बेचैनी मेहसूस करने लगा था की तभी उसकी नज़र अपनी दवाई पर जाती है।
रिहांश उठ कर एक साथ दो टैबलेट ले कर फिर से बेड पर आ जाता है।लेकिन दवाई लेने से उसे चैन नहीं मिल रहा था।तो वह उठ कर रूम में बेचैनी से टहलते हुए कहता है,
" दवाई लेने के बाद भी मुझे बेचैनी क्यों हो रही है ? "
रिहांश यही सोचते हुए फिर से मेडिसिन लेने लगा।रात भर रिहांश सो ही नही पाया था।दवाई के असर से ही वह रोज सो पाता था लेकिन आज उसके दवाई उस पर असर ही नहीं कर रहे थे।
रिहांश का हालत धीरे धीरे खराब होने लगा। क्यों की उसने एक साथ बहुत सारे मेडिसिन ले लिया था।जिस वजह से रिहांश का बॉडी शिवर कर रहा था।धीरे धीरे उसका शरीर में पसीना छूटने लगा था।
रिहांश को जब अच्छा मेहसूस नही हुआ तो वह अपना असिस्टेंट को कॉल करता है।रिहांश की सांसे तेज चलने लगी थी जिस वजह से वह हद से ज्यादा हाफ रहा था।वही उधर से अभिनव एक ही रिंग में कॉल पिक कर कुछ कहता उसे रिहांश की तेज़ सांसे सुनने लगे।तो वह समझ गया। क्यों की वह रिहांश के साथ सालो से काम करते आया था रिहांश का हर एक छोटी बात उससे छुपी नहीं थी।
अभिनव हड़बड़ाते हुए उठ कर रिहांश से कहता है,
" बॉस में अभी डॉक्टर को ले कर आता हू। "
वही अभिनव का विला,रिहांश के विला के बगल में ही था।रिहांश कभी भी किसी भी वक्त उसे काम बोल देता था जिस वजह से अभिनव उसके विला के बगल वाली विला में ही रहता था।
वही रिहांश,बेचैनी में चटपटा रहा था।
रघुवंशी निवास,,
रूहानी इस वक्त अपने रूम में सोई हुई थी।की तभी उसका फोन बजने लगा तो उसकी नींद खुल गई।रूहानी फिर उठ कर अपना फोन चेक करती है। कॉल इस वक्त उसके सीनियर सैकियाट्रिस्ट का था।
रूहानी जल्दी से कॉल पिक करती है तो उधर से एक मिडिल एज की औरत जिसका नाम मानसा था। मानसा रूह की सीनियर थी।
मानसा बोली, " रूहानी इमरजेंसी है,एक पेशेंट ने पूरे चार दिन के हाई डोज का दवाई एक साथ लिया है ,उसका हालत खराब हो रहा है प्लीज तुम्हे उस पेशेंट के पास जाना होगा। "
रुहानी उनकी बात सुन कर बिना देरी किए ही उनसे कहती है,
" ठीक है डॉक्टर आप मुझे लोकेशन सेंड करो हम जा रहे है !! "
रुहानी जल्दी से अपने बैग ले कर बाहर जानें लगी।रात का वक्त था।ऐसे में उसे डर भी लग रहा था।वह सोचते हुए कहती है,
" पेशेंट का लोकेशन देखती हूं अगर यह से ज्यादा दूरी का है तो मैं पापा के साथ चली जाती हु,पास में हो तो में खुद ही जा कर आती हूं। "
रूहानी यही सोच रही थी की तभी उसके मोबाइल में नोटिफिकेशन आता है।घर में इस वक्त सब सोए हुए थे।इसीलिए रूहानी एक नोट लिख कर ,अपने स्कूटी का की ले कर बाहर चली जाती है।
खरीब पंद्रह मिनट बाद ,,रूहानी रिहांश के प्राइवेट विला पहुंच जाती है।वह फिर जल्दी से अन्दर जाने लगी तो सामने ही अभिनव नजर आता है।
अभिनव रुहानी के पास जा कर उससे थोड़ा टेंशन में कहता है,
" प्लीज जल्दी आइए , बॉस का हालत ज्यादा ही खराब हुआ है।"
अभिनव, रुहानी को रिहांश का रूम में ले जाता है।रूम में जाते ही रूहानी की आंखे हैरानी से बड़ी हो गई।सामने इस वक्त रिहांश बुरी तरह हाफते हुए बेड पर गिरा हुआ था।
रूहानी को अब पता चला था की मानसा,रिहांश के बारे में ही उसे बता रही थी। लोकेशन देख कर उसे लगा था की यह अलग पेशेंट है क्यों की सुबह तो वह आर्यन मेंशन गई थी।लेकिन उसने सोचा नही था की रिहांश इस तरह अपना हालत खराबा कर देगा।
रुहानी रिहांश के पास जा कर उसे चेक करने लगती है।वही रिहांश तो अपने होश में था ही नही।उसका पूरा शरीर पूरी तरह पसीने से भीग चुका था। और उसे इस हालत में रूहानी को हैंडल करना नही हो रहा था।
रूहानी,फिर अभिनव को देखते हुए कहती है,
" इन्हे हॉस्पिटल ले जाना होगा, इन्होने तो ज्यादा ही हाई डोस का दवाई ले रखा है !! "
अभिनव,एक बॉडीगार्ड् को बुला कर रिहांश को ले जा कर कार में बैठा देता है। रुहानी भी जा कर रिहांश के बगल में बैठ जाती है।
वही रिहांश को,ज्यादा ही तकलीफ हो रहा था।वह कसके रूहानी को गले लग जाता है।रूहानी को अजीब सा मेहसूस होने लगा तो वह खुद से रिहांश को दूर करने को हुई लेकिन वह रिहांश का हाथ तक नहीं उठा पा रही थी।
वही रिहांश अपनी तकलीफ कम करने रूहानी को जकड़ कर अपने बाहों में भर लिया था।उसका इस तरह करने से रूहानी भी उसकी पसीने से भीगने लगी।वह उससे अलग होने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसके लिए मुश्किल हो रहा था।
वही रिहांश,जोर जोर से हाफ रहा था।वह रूह के गर्दन में अपना चेहरा छुपा कर अपना होंठो को घुमाने लगा।उसका इस एक्शन से रूहानी सिहर उठने लगी।वह उससे अलग होने की कोशिश करने लगी लेकिन हर बीतते पल के साथ रिहांश जा पकड़ मजबूत हो रहा था।
" आआह्ह्ह्ह,,!! " रिहांश के पकड़ से रूहानी उससे छूटने की कोशिश करने लगी तो उसकी मु से हल्की सी चिक निकल गई।
आगे क्या होगा जानने के लिए पढ़ते रहिए , " लत है तू। "