webnovel

रहस्यमय मुर्दा

रहस्यमय मुर्दा कहां से आया. वह स्वर्णा को क्यों उठा ले गया? राजकुमार ने कैसे उसका पता लगाया…. इसी उपन्यास से लेखक:- कैलाश कुमार शर्मा

DaoistwUAizj · Kỳ huyễn
Không đủ số lượng người đọc
23 Chs

17

दूसरे दिन जादूगर ने सोचा एक बार अपना खजाना देख लिया जाए.

वह स्वर्णा कुमारी के कमरे में आया, "राजकुमारी, अभी भी समय है. सोच लो." राजकुमारी ने तो पहले ही सोच लिया था. वह बोली:-

"मैंने सोच लिया है. दो दिन रुक जाओ. तुम दुनिया के सबसे बलवान व्यक्ति हो. मुझे तुम्हारा खजाना दिखा दो."

राजकुमारी ने प्रेम-भरी बातों से जादूगर को वहीं बिठाए रखा.

इसी बीच राजकुमार ने जादुई तलवार से जादूगर की गर्दन काट दी.

लेकिन यह क्या जादूगर की गर्दन थोड़ी देर हवा में रहकर वापस जुड़ गई. राजकुमार ने कई बार गर्दन काटी पर वह थोड़ी देर हवा में रहकर वापस जुड़ जाती.

जादूगर हंसकर बोला:-

"चलो तुम्हें मैं मेरा खजाना दिखाऊं."

दोनों एक तरफ चल दिए. राजकुमार ने फिर उसका पीछा किया. जादूगर चलते-चलते एक तहखाने में आया.

वहां हीरे, जेवरात, मूंगा, मणि, नीलम,पुखराज, सोना, चांदी आदि के ढेर लगे थे. राजकुमार ने कुछ हीरे उठा लिए और उनसे पहले ही बाहर आ गया.