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बात एक रात की...

रात के अंधेरे में चार्ल्स उस अनजान साये का पीछा करते हुए काफ़ी दूर निकल आया था। कुत्तों के रोने की आवाज साफ़ सुनी जा सकती थी, जो रात के उस माहौल को और अधिक डरावना बना रही थी। कोहरे ने काफ़ी हद तक दिवार की भूमिका निभाई लेकिन चार्ल्स को इस बात की ज़्यादा चिंता थी कि कहीं उसके आगे चलने वाला शख्स उसकी आँखों से ओझल न हो जाए। चार्ल्स इस बात की सावधानी भी रख रहा था कि कहीं उसे भनक न लगे कि कोई उसके पीछे है। सड़के बिलकुल सुनसान थीं जैसे शहर में कोई भी न हो सिवाय वह अनजान साये के जो ख़ुद को महफूज़ समझ कर अपनी मंज़िल की ओर बढ़ रहा था और चार्ल्स के जो उस अनजान साये का बड़ी सतर्कता के साथ पीछा कर रहा था। चलते चलते अचानक वह अनजान साया रुक जाता है, चार्ल्स ये देखते ही एक दरख्त के पीछे छुप जाता है उसकी दिल की धड़कन काफ़ी तेज़ हो गई थी, उसे ऐसा लग रहा है कि जैसे सीने पर किसी ने काफ़ी वज़न दार चीज़ रख दिया हो, ऐसा डर के कारण हो गया था। चार्ल्स को इस बात की चिंता थी कि कहीं उस अनजान शख्स को इस बात का पता तो नहीं चल गया कि कोई उसका पीछा कर रहा है। चार्ल्स कुछ देर के लिए दरख्त के पीछे छुपा रहा फिर हिम्मत के साथ उस साये को देखा, वह उसी अवस्था में चार्ल्स की ओर पीठ करके खड़ा था, अब चार्ल्स की जान में जान आई कि वह पकड़ा नहीं गया। पर उसके मन में यह दुविधा थी कि वह शख्स आगे अपनी मंज़िल की ओर क्यूँ नहीं बढ़ रहा है।

Ivan_Edwin · Kinh dị ma quái
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द टाइप राइटर-6

"उस लड़की की काबिलियत और टाइप करने की अच्छी स्पीड देखते हुए उसे नौकरी दे दी गई, उसके परिवार के सदस्य एक दूर दराज के गाँव में रहने के कारण शहर कभी कभी ही आ पाते थे, लड़की को वुड विला में रहने के लिए मिसेस वुड के नज़दीक वाला कमरा दे दिया जाता है, उन दोनों के कमरों के बीच में ही एक स्टडी रूम बना हुआ था, जो दुनियाभर की किताबों से भरा हुआ था, उसे देखते ही कोई भी यह कह सकता था कि परिवार के सदस्यों को पढ़ने लिखने का शौक था, मिस्टर वुड ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की नौसेना में बतौर कैप्टन काम कर चुके थे और उनका ज़्यादा तर जीवन यात्राएं करते हुए ही बीता था, मिसेस वुड उस समय बिल्कुल अकेली रहा करती थीं, मिस्टर वुड उनसे काफ़ी प्रेम करते थे, उन्हें पता था कि उनकी पत्नी बागबानी का शौक रखती हैं और वुड्स विला में काफ़ी ज़मीन है, इसलिए उन्होंने अपनी भारत देश की यात्रा से पहले ही बगीचे में हाथ लगवा दिया था, उन्होंने सब कुछ मिसेस वुड की निगरानी में ही करवाना उचित समझा ताकि वुड्स विला के एक हिस्से को वो अपने हिसाब से आकर दे सकें, मिसेस वुड ने वाकई शानदार काम किया, दुनिया के हर कोने से काले गुलाबों के पौधों को मंगवाया गया, जितना प्रेम मिस्टर वुड को अपनी पत्नी के साथ था उतना प्रेम मिसेस वुड के अंदर नहीं था, अकेलेपन की वजह से उन्हें ये लगने लगा कि उनके पति को उनमें ज़्यादा दिलचस्पी नहीं है... इस सोच ने उनके मन में एक बदले की भावना को जन्म दिया, बेशुमार दौलत और दुनिया भर की खुशियां होने के बाद भी अकेलापन झेल रही मिसेस वुड के मन में एक शैतानी ख़्याल ने जन्म लिया... उन्होंने जवान लड़कों को रिझाना शुरू कर दिया, जिससे लंदन में हर जगह उनके चर्चे होने लगे, अब मिसेस वुड हर पार्टी की जान थीं, उनकी उम्र की ही औरतें उनसे और जलने लगीं...लेकिन इन सबका मिसेस वुड पर कोई असर नहीं पड़ा, वह अपनी दुनिया में मग्न थीं, कितने जवान लड़कों के साथ अय्याशी करती थीं , मिस्टर वुड को इस बात की ख़बर हुई अपनी अंतिम समुंद्री यात्रा से लौटने के बाद, जब लंदन के एक क्लब में उनकी मुलाकात अपने पुराने मित्र से हुई थी, उसी ने मिस्टर वुड के कान भर दिए थे, जबकि मिसेस वुड बेहद शातिर थीं वह अपने हर जवान प्रेमी का नग्न मूर्त बनवाती थी सफ़ेद संगमरमर का और उसे अपने बगीचे के एक हिस्से में स्थापित कर देतीं थीं, उसके बाद उनके वह जवान आशिक फ़िर कभी नहीं दिखते थे... कुछ लोगों और वुड्स विला के पुराने नौकरों का कहना था कि मिसेस वुड उन्हें इसकी अच्छी कीमत दे कर हमेशा के लिए अलविदा कह देतीं थीं, पर कुछ लोग ये मानते हैं कि मिसेस वुड उनकी हत्याएं करवा देतीं थीं क्यूँकि मिसेस वुड को काले जादू में दिलचस्पी थी... उन जवान लड़कों का कभी दुबारा पता नहीं चल पाया, मिसेस वुड के लिए ये एक मनोरंजन का तरीका बन गया था और हर संगमरमर की मूर्तियां उनकी जीत कि ट्रॉफी की तरह है जो प्रतियोगिता जीतने के बाद एक खिलाड़ी को मिलती है ", मार्गरेट ने हॉवर्ड को आगे की कहानी सुनाते हुए कहा।

" क्या तुम ड्रिंक लेना पसंद करोगे ", मिसेस वुड ने चार्ल्स से पूछा। चार्ल्स जो थोड़ा परेशान सा लग रहा था, उसके चेहरे का भाव देख कर मिसेस वुड समझ गईं कि उसे किसी बात की चिंता खाए जा रही है इसलिए उसके मुँह से वह राज़ उगलवाने के लिए मिसेस वुड ने शराब का एक पेग पीने की पेशकश की जिससे वह जान सकें कि उसके मन में क्या चल रहा है।

" नहीं... मैं नहीं पिउँगा , आप शौक फ़र्मा सकती हैं", चार्ल्स ने मिसेस वुड से कहा ।

" अब चलो भी इतना बहाना अच्छा नहीं, मैं जानती हूँ कि तुम्हारा पीने का मन है... कम से कम एक पेग तो पी ही सकते हो...इससे कुछ नहीं बिगड़ेगा", मिसेस वुड ने बड़ी चालाकी के साथ चार्ल्स को शराब पीने के लिए मजबूर किया। वह जानती थी चार्ल्स इतनी आसानी से मानने वाला नहीं है इसलिए उन्होंने बात को घुमाते हुए कहा।

" अब आप इतना बोल रही हैं तो मैं मना कैसे कर सकता हूँ... चलिए ठीक है मेरे लिए भी एक पेग बना दीजिए", चार्ल्स ने थोड़ा झेपते हुए कहा, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि किस तरह से मिसेस वुड को मना करे। मिसेस वुड ने एक पेग चार्ल्स के लिए भी बना दिया।

"वैसे इतनी रात में एक अकेली महिला से मिलने का क्या मतलब बनता है... तुम टाइपिस्ट की नौकरी के लिए सुबह भी आकर इंटरव्यू दे सकते थे", मिसेस वुड ने चार्ल्स को शराब का ग्लास पकड़ाते हुए पूछा।

" व... वो क्या है मैडम मुझे दिन भर काम से फुर्सत नहीं मिलती, फिर काम से आते ही मुझे नाइट क्लास के लिए जाना पड़ता है... आज बड़ी मुश्किल से समय निकाल कर आपसे इस नौकरी के सिलसिले में मुलाकात करने आया हूँ", चार्ल्स ने बड़ी सतर्कता से मिसेस वुड का जवाब देते हुए कहा।

" ये तो वाकई काबिले तारीफ है कि तुम इतनी मेहनत करते हो पैसे कमाने के लिए... वैसे लंदन का जीवन भी अब महँगा होता जा रहा है, उसे देखते हुए तुम्हें मेहनत करना ज़रूरी भी है ", मिसेस वुड ने शराब की चुस्की लेते हुए चार्ल्स से कहा।

" ये तो आपने बिल्कुल सही कहा... आज के दौर में अगर लंदन में जीना है तो मेहनत करने से पीछे नहीं हटना है ", चार्ल्स ने मिसेस वुड की बातों का जवाब देते हुए कहा।

" मैं अगर चाहूँ तो तुम्हारी हर ज़रूरत को पूरा कर सकती हूँ, मेरे पास काफ़ी दौलत है... बस तुम्हें मेरा एक काम करना पड़ेगा ", मिसेस वुड ने चार्ल्स की मजबूरी का फायदा उठाते हुए कहा।

" काम... मैं कुछ समझा नहीं मैडम... क्या काम करना होगा", चार्ल्स ने मासूमियत भरे अंदाज़ में मिसेस वुड से पूछा। उसे क्या मालूम था कि मिसेस वुड अपने जाल में फंसाने के लिए दाना डाल रही हैं। वह तो बस मिसेस वुड के सौंदर्य को देख मोहित हो रहा था, उसे बस वुड्स विला का राज़ जानना था, पर उसे क्या मालूम था कि वह खुद एक गहरी साज़िश का शिकार होने जा रहा है।

" क्या हुआ किस सोच में डूब गई... आगे क्या हुआ... तुमने बताया नहीं", हॉवर्ड ने मार्गरेट से पूछा।

"आगे जो हुआ उसी के बारे में सोच रही हूँ...मिस्टर वुड को जब राज़ का पता चला तो मिसेस वुड से उनके झगड़े होने लगे, जिन मियां बीवी में इतना प्रेम था उन्ही के रिश्तों में खटास आ गई...विला के पुराने नौकरों का कहना था कि मिसेस वुड ने एक दिन मौका पाकर, अपने प्रेमी के साथ मिलकर मिस्टर वुड को भी मार दिया... जब वह नई टाइपिस्ट विला में नौकरी करने आई तो सब कुछ ठीक ठाक था उसे कोई परेशानी नहीं हुई, लेकिन एक दिन जब विला में वह बिल्कुल अकेली थी उसने मिस्टर वुड के बारे जानने के लिए उनका कमरा खोल अंदर प्रवेश किया, उस कमरे में सब कुछ अपनी जगह पर वैसे ही रखा हुआ था...उस कमरे को देख कर ऐसा लगा कि मानो उसमें सदियों से किसी ने सफ़ाई नहीं की थी, हर जगह मकड़ियों के जाले बने हुए थे, धूल ने हर चीज़ को ढक लिया था, तभी अचानक उस लड़की का पीछे से किसी ने नाम पुकारा, वह पीछे पलटी तो देखा मिस्टर वुड खड़े हुए थे...इससे पहले कि वह डर के कारण चीखती, वह बेहोश हो कर उसी कमरे में गिर पड़ी,जब उसे होश आया तो वह अपने कमरे में थी, मिसेस वुड उसके पास ही खड़ी हुईं थीं और उनके साथ विला के कुछ नौकर भी थे...मिसेस वुड ने उसे डांटा और दुबारा उस कमरे में जाने से मना किया, उस लड़की ने भी उनका गुस्सा शांत करने के लिए माफ़ी मांग ली, लेकिन उस दिन के बाद से उस लड़की का जीवन पूरी तरह से बदल गया, मिस्टर वुड की आत्मा को अब एक शरीर मिल गया था जिसे वह अपने इशारों पर नाचने के लिए मजबूर कर देते थे, उनकी आत्मा उस लड़की के माध्यम से कुछ कहना चाहती थी, वह शायद अपने कातिल तक पहुंचाने में मदद करना चाहती थी जिससे उसे मुक्ति मिल सके," मार्गरेट ने हॉवर्ड को आगे की कहानी सुनाते हुए कहा और फिर थोड़ी देर के लिए सोच में पड़ गई।

" मैडम, इस विला में मैं जितनी बार भी आया हूँ... मेरे मन में एक ही बात चलती है कि मिस्टर वुड किस किस्म के इंसान रहे होंगे, मुझे इस बात को लेकर काफी उत्सुकता रही है कि आखिर एक अमीर इंसान का जीवन किस किस्म का होता होगा", चार्ल्स ने मौके का फायदा उठाते हुए बड़ी चतुराई के साथ मिस्टर वुड के बारे में पूछा।

" ओ... मिस्टर वुड बेहद रौबिले इंसान थे, उन्हें जो चाहिए होता था तुरंत ही हासिल कर लेते थे, उनके ऊंचे कद, चौड़ी छाती, मस्ती भरी आँखों और कपड़े पहनने के तरीके से उनके ऊपर काफ़ी महिलाएँ मर मिटती थीं, वह बिल्कुल वैसे ही थे जैसा कि एक नौसेना में ऊँचे पद पर कार्यरत अधिकारी को होना चाहिए... उनका ज़्यादातर समय वुड्स विला की चार दीवारी के बाहर ही बीता था, उनकी नौकरी के दौरान उन्हें कभी समय नहीं मिला कि फुर्सत से बैठकर अपनी पत्नी से प्यार भरे दो मीठे बोल बोलें, हालांकि शुरुआत में वह मुझसे काफ़ी प्रेम करते थे लेकिन धीरे धीरे जैसे वक़्त बीतता गया, वह अपना ज़्यादातर समय क्लब और अपनी कुछ महिला मित्रों के साथ बिताने लगा, उन्हें हर रोज़ एक नई महिला के जिस्म की तलाश रहती थी, इस वजह से हम दोनों के बीच झगड़े होने लगे और धीरे धीरे सारा प्यार ख़त्म होने लगा... फिर भी एक महिला का जीवन उसके पति और परिवार के इर्दगिर्द ही घूमता है, इससे ज़्यादा वह और कुछ भी नहीं चाहती है, उसे बस उसका पति इज़्ज़त दे यही उसके लिए सारी दौलत से बढ़कर है लेकिन मिस्टर वुड की अय्याशी की आदत अपनी सारी हदें पार कर चुकी थी और एक दिन उनकी ही महिला को लेकर हुए झगड़े की वजह से उन्होंने काफ़ी पी रखी थी, जिस वजह से उनका पाँव फिसल गया और सिर पर चोट लगने की वजह से मृत्यु हो गई... बुहूहूहूहूहू",मिसेस वुड ने चार्ल्स को अपनी बीती ज़िंदगी के बारे में बताया और फूट फूट कर रोने लगी। यह देख चार्ल्स को बहुत बुरा लगा और उसने अपने मन में मिस्टर वुड को कोसते हुए मिसेस वुड की तरफ़ नर्म रवैया दिखाया, वह उनके नज़दीक गया और एक सभ्य पुरुष की तरह अपनी जेब से एक रूमाल निकाल कर उनकी ओर बढ़ा दिया ताकि वह अपने आँसू पोंछ सकें, मिसेस वुड ने रूमाल ले लिया और अपने बहते आँसुओं को पोंछने लगीं।

" क्या आप एक पेग और पीना पसंद करेंगी मैडम... मैं आपके लिए दूसरा पेग बना देता हूँ, इससे आपका मन थोड़ा हल्का हो जाएगा", चार्ल्स ने मिसेस वुड से पूछा और उनका इशारा पाने के लिए खड़ा रहा, कुछ ही देर में मिसेस वुड ने अपने सिर को हिलाकर हाँ में इशारा किया, चार्ल्स हॉल के एक कोने में बने बार की तरफ़ बढ़ गया और वहाँ रखी स्कॉच की बोतल से दो पेग बना लिए।

" फ़िर आगे क्या हुआ... क्या मिस्टर वुड की आत्मा अपने कातिल का पता लगा पाई, क्या उसे इंसाफ़ मिला", हॉवर्ड ने जिज्ञासा पूर्वक मार्गरेट से पूछा, वह कहानी में इतना खो गया था कि उसे मार्गरेट का उदास चेहरा भी न दिखा, उसके ऊपर तो वुड्स विला के राज़ को जानने का भूत सवार था।

" मिस्टर वुड के कमरे में हुए हादसे के बाद से ही बार बार मिस्टर वुड की आत्मा उस लड़की के शरीर पर कब्ज़ा करने लगी, शुरुआत में तो विला के नौकरों और मिसेस वुड को लगा कि उस लड़की को शायद दौरे पड़ते हैं, पर एक दिन अचानक जब मिसेस वुड किसी काम के सिलसिले बाहर गयीं थीं तो मिस्टर वुड ने मौके का फायदा उठाकर उस लड़की के शरीर को अपने कब्ज़े में ले लिया, वह लड़की मिस्टर वुड के कमरे में एक बार फिर से चली गई लेकिन इस बार वह अपने से नहीं बल्कि मिस्टर वुड की आत्मा के सहयोग से गई थी... कमरे में दाखिल होते ही वह एक पुरानी पड़ी अलमारी के पास जाती है, उसे खोल कर उसके अन्दर से एक ओइजा बोर्ड निकालती है, उस ओइजा बोर्ड के इस्तेमाल से भटकती हुई आत्माओं से संपर्क किया जाता था, वह लड़की उस ओइजा बोर्ड को मेज़ पर रखती है और उसे बड़े ध्यान से देखने लगती है, समय ने उस बोर्ड के ऊपर भी धूल की चादर चढ़ा रखी थी जबकि वह बोर्ड एक अलमारी में रखा हुआ था, वह नादान लड़की उस बोर्ड पर जमीं धूल को अपने हाथ से साफ़ करती है... धूल साफ़ होते ही अचानक एक ठंडी हवा का झोंका उस लड़की से टकराता है, उसे ऐसा लगता है कि कोई उसे छू कर गुज़रा, वह कोई और नहीं बल्कि ख़ुद मिस्टर वुड की आत्मा थी, जिसने उस लड़की के शरीर को छोड़कर उस लड़की के सामने प्रकट होने के लिए ऐसा किया था, मिस्टर वुड की आत्मा उस लड़की को कुर्सी पर बैठने के लिए कहती है, लड़की यह दृश्य देखकर काफ़ी सहम गई थी इसलिए उसने वही करना बेहतर समझा जो उससे मिस्टर वुड की आत्मा ने कहा...फिर मिस्टर वुड की आत्मा उस बोर्ड की तरफ़ इशारा करती है, वह लड़की उस ओइजा बोर्ड को ध्यान से देखती है, उस बोर्ड के बाएँ हिस्से पर खून की कुछ बूंदे लगीं थीं, जो लगभग सूखने के बाद काले रंग की पड़ गई थीं लेकिन फिर भी कोई भी उसे देखते ही कह देता कि वह इंसानी खून की बूँदे हैं जिन्हें साफ़ किया गया था पर फ़िर कत्ल अपना निशान छोड़ ही देता और ऐसा ही कुछ उस ओइजा बोर्ड पर लगे खून के धब्बे बयां कर रहे थे, उस लड़की को मिस्टर वुड की आत्मा ने बताया कि बोर्ड पर लगे खून के धब्बे किसी और के नहीं बल्कि ख़ुद मिस्टर वुड के हैं... उनकी मृत्यु सिर पर चोट लगने की वजह से हुई थी, किसी को कत्ल का सुराग़ न मिले इसलिए क़त्ल बहुत सोच समझ कर किया गया था और सिर पर चोट पीछे से दी गई थी, जिस समय उन्हें मारा गया वह उसी ओइजा बोर्ड को ध्यान से देख रहे थे या फिर ये कह लें उस रहस्यमयी ओइजा बोर्ड को समझने की कोशिश कर रहे थे ", मार्गरेट ने हॉवर्ड को आगे की कहानी सुनाते हुए कहा और फिर से थोड़ी देर के लिए मौन हो गई।

" कुछ अपने प्रकाशित होने वाले नॉवेल के बारे में बताइए मैडम, कुछ जानकारी मिले तो लिखने में मैं भी आपकी सहायता कर सकता हूँ, यकीन मानिए मुझे भी लिखने का बेहद शौक है ", चार्ल्स ने मिसेस वुड का मूड अच्छा करने के लिए बात को पलटते हुए कहा।

" ओ... चार्ल्स तुम कितने सभ्य हो, रहमदिल होने के साथ ही तुम्हें महिलाओं को इज़्ज़त देना अच्छे से आता है, मुझे बड़ी खुशी होगी अगर तुम नॉवल लिखने में मेरी मदद करते हो... मेरी कहानी को समझने से पहले तुम मुझे एक बात बताओ, क्या तुम आत्माओं पर विश्वास करते हो", मिसेस वुड ने चार्ल्स की तारीफ करते हुए उससे आत्माओं की दुनिया में विश्वास करने या न करने का सवाल भी पूछ लिया।

" हाँ... मैडम बिल्कुल विश्वास करता हूँ, अगर आप परमात्मा में विश्वास करती हैं तो आत्मा में भी विश्वास होना ही चाहिए क्यूँकि अच्छाई और बुराई से भरे हुए इंसान के अंदर कई राज़ ऐसे छुपे होते हैं जिसके बारे में कोई भी नहीं जानता है", चार्ल्स ने मिसेस वुड के सवाल का जवाब देते हुए कहा।

" ये तो बहुत ही अच्छी बात है कि तुम आत्माओं पर विश्वास करते हो, मैं तुम्हें अपने नॉवल की कहानी के स्रोत को दिखाना चाहती हूँ, अगर तुम्हें कोई ऐतराज़ न हो तो... उस स्रोत से ही हर बार मुझे एक नई कहानी की प्रेरणा मिलती है, मैं उसे लेकर आती हूँ, तब तक तुम एक एक पेग और बना दो, प्लीज ", मिसेस वुड ने चार्ल्स से शराब का एक एक पेग और बनाने को कहा और हॉल से उठकर एक कमरे की तरफ चली गईं। चार्ल्स एक और पेग बनाने के लिए हॉल में स्थित बार की तरफ़ बढ़ा, वह अपने मन में यह सोच ही रहा था कि ऐसा कौन सा स्रोत है जिसे मिसेस वुड अपनी कहानी के लिए इस्तेमाल करती हैं। चार्ल्स के मन में इस राज़ के बारे में जानने की तीव्र इच्छा ने जन्म ले लिया था और वह पेग बनाकर मिसेस वुड के लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहा था।

To be continued...

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