जियान ने जैसे ही सोवी के हाथ को पकड़ कर मंत्र पढ़ना शुरू किया तो सोवी की तुरंत आंख खुल गई।
सोवी ने कहा ये क्या कर रहे हो?
जियान हकबका कर बोला तुम सोते नही हो क्या?
सोवी ने जवाब दिया_मेरी नींद ज्यादा पक्की नही होती।
जियान चिढ़ के बोला "हा हा ठीक है मै तो बस तुम्हे धागा बांध रहा था ताकि तुम सफर में अकेले न चले जाओ।
सोवी तो _बस उसे ध्यान से सुने जा रहा था। उसकी नजरे जियान से हट ही नही रही थी, एक पल के लिए वो शून्य मे जा चुका था!
जियान फिर बोला अब घूर क्यो रहे हो?
सोवी ने "उसके सर पर हाथ रखते हुए कहा' मै हमेशा से तुम्हारे साथ हूं जियान! मैं कभी तुम्हे नही छोड़ सकता हूं!
जियान ने खुद से बुदबुदाते हुए कहा" इसका क्या मतलब होता है? और
इसके बाद जियान वापस आकर बैठ गया और सोवी भी वही सो गया सुबह सोवी की आंख खुली तो जियान वहा नही था, उसने बाहर आकर उसी औरत से पूछा लेकिन उन्हे कुछ पता नहीं था सोवी भागते भागते बाहर गया, जियान वहा भी नही था वो बहुत परेशान हो गया था उसे डर था इस अनजान जगह जियान को कोई खतरा न हो।
तभी पीछे से जियान की तेज आवाज आई "सोवी मै यहां हूं !सोवी ने मुड़ कर देखा तो जियान उसके सामने था सोवी गुस्से में कुछ बोला नहीं बस उसे घूर रहा था।
जियान ने कहा_अरे अब क्या हमेशा घूरते ही रहोगे?मुझे तो बस गांव के बाहर वाले कमल के बाग में घूमना था ।
सोवी कुछ नही बोला वापस सराय में आ गया कमरे में जाकर ध्यान मुद्रा में बैठ गया! जियान भी उसके पीछे पीछे आ गया उसने जोर से कहा जल्दी करो हमे निकलना भी है।
थोड़ी देर बाद जियान और सोवी आगे के सफर को चल दिए, चुकी लावोमेन कबीला सात मायावी पहाड़ियों के उस पार था तो सफर अभी लंबा होने वाला था।
जियान ने कहा तुम बोल क्यों नहीं रहे हो?
सोवी ने कहा तुम्हे बता कर कही जाना चाहिए था। इस तरह से बिना बताये जाना, मेरे लिए डराने जैसा होता है!
जियान ने कहा मै तुमसे डरता नहीं हूं, जो हर बात बता कर जाऊ ,मुझे नही लगता है कि मुझे हर बात तुमसे बोलनी चाहिए और तुम मुझ पर ऐसे हुक्म क्यों चलाते हो? जैसे कि मै तुम्हारा विधार्थी हु लेकिन मै तुमको अपना गुरु नही मानता,फिर जियान हंस दिया।
वो खुद ही खुद बोले जा रहा था उसने सोवी से कहा तुम मेरी बात सुन भी रहे हो?
सोवी _अभी भी चुप था लेकिन वो जियान के हर बात को बहुत ध्यान से सुनता था और जियान की हर हरकत पर नजर रखता था।
आधा दिन चलते के बाद जियान बोला तुम थोड़ी देर रुक सकते हो क्या?
सोवी ने पूछा क्या हुआ?
जियान _मुंह बनाते हुए बोला कुछ नहीं मै थक गया हु।
सोवी ने कहा थोड़ी दूर पर हमे एक बाग मिलेगा हम वहा बैठ कर आराम कर सकते है।
जियान ने कहा ठीक है।
सोवी ने फिर पूछा "तुम ज्यादा थक गए हो?
जियान हसंते हुए कहता है "क्यो तुम मुझे अपनी पीठ पर उठाने वाले हो क्या? और फिर वह शैतानी हसीं हंसा ।
सोवी फिर चुप रहा !थोडी देर के बाद वो बाग आ गया जियान बस वही बैठ गया।
सोवी भी थोडी दूर जाकर उसके सामने बैठ गया।
जियान तभी सोवी को परेशान करने के लिए बोला तुम अगर हमेशा ऐसे ही शांत रहोगे तो कोई लड़की तुमसे शादी भी नही करेगी, इतना शांत कैसे रह लेते हो,फिर वह जोर से हंसा।
सोवी उसकी बात सुन कर स्तब्ध था वो सोच रहा था मैं कैसी कश्मकश में हू मै तो जियान से अभी कुछ बता भी नही सकता हूं की मुझे किसी और से शादी नही करनी है ।
जियान_फिर बोला अरे तुम तो सोच में पड़ गए? मैने तो बस मजाक किया था ,हा तुम शांत हो, लेकिन दिखने में उतने भी बुरे नहीं हो। सोवी बस चुप था । जियान के पास तभी एक खुबसूरत सा जंगली खरगोश आ गया जियान उसको पकड़ कर बच्चो की तरह खेलने लगा ।
सोवी_उसे देख कर सोच रहा था " आह ये वही है जिसका इंतजार मैने बचपन से किया था ,तब इंतजार था की मेरा सोलमेट मुझे कब मिलेगा? अब जब वो मेरे सामने है तो मै उससे बता भी नही सकता हूं, बताऊं भी तो क्या ?कोई लड़की होती तो शायद समझाना आसान था लेकिन मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मेरा सोलमेट एक लड़का है मुझे यकीन मै जियान को पाकर रहूगा । वो ये सब सोचे जा रहा था तभी जियान ने कहा देखो सोवी ये कितना खुबसूरत है। सोवी ने जियान के चेहरे को देखते हुए कहा हां सच में बहुत ख़ूबसूरत है ! हालाकि सोवी ने जियान को खूबसूरत बोला था!
तभी बंजारो की पुरी टोली वहा से गुजर रही थी उन्होने वही रुक कर आराम करना चाहा । वो लोग भी अपना डेरा वही डाल चुके थे।
उसमे से एक आदमी ने आकर जियान से कहा तुम लोग कहा जा रहे हो ?
जियान ने कहा हम दोनो को सात पहाड़ियों के उस पार जाना है सोवी चुपचाप बैठा था तभी उन बंजारो में से एक लडक़ी ने जियान से कहा पानी पियोगे ।
जियान बोला, नही आपका शुक्रिया ।
लड़की सोवी की और इशारा करते हुए आपके सामने जो बैठा है उसे पानी चाहिए । जियान ने ध्यान से देखा उस लड़की की नजर वास्तव में सोवी के ऊपर टिकी हुई थीं सोवी तो सर नीचे किए चुपचाप बैठा था मानो उसे किसी से कुछ मतलब ही न हो।
जियान बोला नही वो पहले ही पानी पी चुका है ।
लड़की ने कहा_आप दोनो किसी कबीले के राजकुमार लगते है और वो कितना देखने में सुंदर है ।
जियान को बहुत ज्यादा गुस्सा आया वो चिल्ला कर बोला दूर रहो उससे। तभी सोवी ने जियान को देखा उसे क्या पता था कि जियान गुस्सा क्यों हुआ।
जियान ने सोवी से कहा चलो यहां से ।
सोवी ने कहा_क्या हुआ है।
जियान_ बिना बोले चल दिया सोवी भी उसके साथ साथ चल दिया ।
सोवी_ ने कहा क्या हुआ उन लोगों ने कुछ कहा क्या?
जियान ने कहा "नही कुछ नहीं ,जियान को खुद नहीं समझ आ रहा था कि उसे इतना बुरा क्यों लगा? वो क्या महसूस कर रहा था वो बिलकुल भी उसके समझ से परे !था उसे बस लगा उस लड़की ने सोवी के बारे में ऐसा बोल कर उस पर कोड़े चला दिए हो जियान गुस्सैल स्वाभाव को था ही ।
सोवी ने कहा_जियान मेरी बात ध्यान से सुनो हम सात पहाड़ियों के बहुत पास है उन पहाड़ियों को पार करते हुए हमे बहुत सारी चुनौती का सामना करना होगा हमारे पास समय बहुत कम है तुम सतर्क रहना।
जियान चिढ़ कर बोला,बस भी करो मै एक योद्धा हूं मुझे सब पता है।
सोवी ने कहा, अपना हाथ आगे करो ।
जियान बोलता है क्यो __अ आ नही करूंगा उसे चिढ़ाते हुए बोला।
सोवी _फिर चुप हो गया
जियान फिर कहता,हा ठीक है ठीक उसने हाथ आगे कर दिया।
सोवी _ने कुछ मंत्र पढ़ कर सोवी के हाथ पर लिख दिया l
सात पहाड़ियों के सीमा के अंदर जाते ही वहा का वातावरण बदल गया अजीब सी आवाजें जंगल को और डरावना बना रही थोड़ा सा अधेरा हर तरफ़ डर का माहौल बना हुआ था ।
सोवी_जियान से बोला तुम बस मेरे साथ रहना ।
जियान जोर से बोला क्यों तुमसे डरता हूं क्या जो तुम्हारी बात मानू।
सोवी ने जियान का हाथ पकड़ते हुए उसके मुंह पर हाथ रख कर बोला, तुम्हे इतनी जल्दी क्यों होती है मुझसे बहस करने के लिए?,धीरे धीरे बोलो ,और फिर वो जियान के सर पर हाथ रखते हुए कहता है "जो मै बोलूगा तुम्हे वही करना होगा ।
जियान उसे देखें जा रहा था। वो पल जियान को अच्छा महसूस करा रहा था । सोवी ने उसका हाथ पकड़ कर कहा चलो अब .सोवी जियान का हाथ एक पल के लिए भी नही छोड़ रहा था और जियान ये सब देख कर हैरान था की उसकी कोई इतनी परवाह करता है।