क्या इंसान भी अच्छे होते है पता नही इसको देख के तो यही लग रहा है की यह सच में मासूम है ।
सिया , लीना से कह के अपने घर के लिए निकल गई
घर में पैर रखते ही राम्या जी आंधी की तरह सिया के पास जाके बोली ।
आखिर तुम्हे वहा जाने की क्या जरूरत है जहा पर तुम अपना कंट्रोल ही खो दो ऐसे भी क्या है इंसानी जस्बात जो इतने सालो के बाद भी तुम अभी भी उसी जगह पर बार बार जाती हो
सिया ने आज भी वही जबाब दिया मां मुझे वहा
पर मेरी भूख मिटाने का सबसे आसान तरीका है जहा मुझे बिना किसी मेहनत के वो सब मिलता है जो मैं चाहती हूं।
पर सिया।।। राम्या इतना कह हो पाती है की शेखर
पीछे से आके कहते है राम्या शायद सिया ठीक ही कह रही है इंसानों के वो जितना करीब रहेगी उतना ही उसके लिया भी अच्छा है ना।।।।