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Chapter 4

सॉरी रीना मै तुम्हे इसके बारे में बताना ही भुल गई, इससे मिलो ये है मेरा कझिन आदित्य ये भी हमारे साथ घूमने आने वाला है, और आदित्य इससे मिलो ये है मेरी बेस्ट फ्रेंड रीना। 

ओ..अच्छा!! ये तो बहुत अच्छी बात है, लेकिन क्या है ना ये मेरी सीट है, तुम कहीं और जाके क्यु नही बैठते - रीना ने बड़े प्यार से आदित्य को कहा।  

सॉरी बट मुझे ये सीट बहुत अच्छी लगी, आप एक काम क्यो नही करते आप कोई और सीट पे जाके बैठ जाए - आदित्य की ये बात सुनकर रीना को गुस्सा आया। लेकिन उसने अपने गुस्से को काबू मै किया और कहाँ के मै पहले इस सीट पे बैठी थी। 

आदित्य ने रीना की टाँग खिचते कहा के, सॉरी लेकिन इस सीट पर तो मुझे आपका नाम नहीं दिख रहा है। और वैसे भी मुझे तो ये सीट बहुत अच्छी लगी, मै तो यहाँ से हिलने नहीं वाला हूँ। ये बात सुनकर रीना को और गुस्सा आया। 

देखो तुम ऐसा नहीं कर सकते, रीना ने गुस्से मे आदित्य से कहाँ। 

अरेरे.. तुम लोग झगड़ क्यों रहे हो श्रिया ने दोनो को दाट कर कहाँ।  देखो आदित्य तुम उसके सीट पर मत बैठो कही और जाके क्यों नहीं बैठते।

सॉरी श्रिया लेकिन मै तो यही बैठूंगा वैसे ये चाहे तो मेरे बाजू के सीट पर बैठ सकती हैं - उसने  रीना को चिड़ाते हुए कहाँ।  

श्रिया रीना को साइड पे लेके गई और धीरे से कहाँ के - प्लीज़ रीना बैठ जाओ वो पागल नहीं उठने वाला, वो बहुत जिद्दी है। और सब सीट फुल हो गए है।